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त्रिविक्रम पिशाच साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। साधना में भूत प्रेत और पिशाच की साधनाएं बहुत ही ज्यादा खतरनाक मानी जाती हैं। लेकिन सबसे बड़ी विशेषता इनकी यह होती है कि इनकी सिद्धि अगर व्यक्ति करता है तो हो जाती हैं। यानी कि ऐसी साधना है जिसमें अनुभव निश्चित रूप से होते हैं कोई भी भूत हो प्रेत हो पिशाच हो उनमें भी पिशाचों को काफी ज्यादा गंदा और बुरा माना जाता है। बहुत ही भयंकर तामसिक साधनाएं होने के कारण इनकी सिद्धि होती है साथ ही इनके अनुभव भी होते हैं तो अगर कोई व्यक्ति यह सोचता है कि अगर वह साधना करने जा रहा है और साधना पिशाच की है या भूत की है तो उसको अनुभव अवश्य ही होंगे साथ ही साथ उससे उसका सामना भी जरूर होता है। आज एक साधक हैं। उन्होंने पत्र भेजा है साधना का जो नाम है वह है त्रिविक्रम पिशाच साधना- साधना के विषय में ही आज जानकारी प्राप्त करेंगे। यह पूरी तरह से एक तामसिक साधना है और जो भी व्यक्ति जब कोई तांत्रिक साधना करना चाहता है या कोई तामसिक साधना कर रहा हो तो उसको हर प्रकार से अपनी रक्षा सुरक्षा अवश्य ही कर लेनी चाहिए। ताकि उसको कोई समस्या उसके भविष्य में सामने ना आए तो चले सबसे पहले पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं कि यह त्रिविक्रम पिशाच साधना किस प्रकार से की जाती है?

जय मां शमशान काली। जय महाकाली। जय श्री गुरु गणेश नमस्कार गुरु जी और धर्म रहस्य देखने वाले सभी दर्शकों को मेरा सादर प्रणाम। आज मैं यहां मेरे गुरु द्वारा प्रदत्त एक बहुत ही खतरनाक और ताकतवर साधना को पेश कर रहा हूं l त्रिविक्रम साधना के बारे में बता रहा हूं यह साधना आप तभी करें जब एक शक्तिशाली तांत्रिक गुरु आपके साथ हो। और आपने गुरु मंत्र को अच्छे से सिद्ध किया हो निर्देशों ने यहां पर दे दिया है। कोई भी साधना जब करें तो उसके लिए गुरु मंत्र को अच्छी प्रकार से सिद्धि किया गया हो। क्योंकि बिना गुरु मंत्र की साधना के आपके अंदर ऊर्जा नहीं बन पाती है जिसकी वजह से आपको सिद्धि नहीं प्राप्त होती है। साधना को आप ऐसे दिन को शुरू करेंगे कि इसके ठीक 11 दिन यानी कि जिस दिन से आप शुरू करेंगे साधना उस दिन से ठीक 11 दिन बाद दिवाली होनी चाहिए। यानी दीपावली का दिन पड़ना चाहिए क्योंकि इस साधना को इस तरह से कंप्लीट किया जाता है। यह साधना आपको एक पुराने श्मशान में करनी होगी जहां अब लाशे नहीं जलाई जाती हों। कोई ऐसा स्थान आपको ढूंढना है जहां कभी किसी जमाने में श्मशान रहा हो लेकिन उसी स्थान पर लाशों को जलाने का इस वक्त कार्य ना किया जाता हो। यह साधना आप कोई पुरानी श्मशान में करनी है और साधना आपको पूरी तरह से नग्न होकर के एकांत स्थान पर बैठकर। किसी कब्र के ऊपर बैठकर के करनी पड़ेगी यानी कि आप इसको कब्रिस्तान में भी कर सकते हैं और श्मशान में भी कर सकते हैं दोनों ही स्थान ऐसे हैं जहां पर आपकी यह साधना की जा सकती है l साधना में भोग में आपको मांस मदिरा ही भोग में देनी है और आप भी खुद एक टाइम ही दिन में भोजन करेंगे और भोजन भी तामसिक ही होना चाहिए पहले तो आपको तीन आदमी के मुंड चाहिए होते हैं इसके लिए तीन आदमियों के मुंडों की व्यवस्था करनी होगी जो जहर पीकर और फांसी लगाकर या फिर आग लगाकर उन्होंने सुसाइड किया हो, यानी कि उन्होंने स्वयं आत्महत्या कर ली हो l तो ऐसे 3 लोगों की इसमें मुंड चाहिए l अब आप इन तीनों मुंडों को लेकर श्मशान में जाके साधना शुरू कर सकते हैं। तो इसकी विधि इस प्रकार से है इसके लिए आपको जो साधना करनी है इसके लिए दिशा जो आप चुनेगे वह होगी दक्षिण दिशा, उसी की ओर आपको मुंह करके इस साधना को करना होता है। मुंडों को आपके आगे आप रखेंगे और पहले उनको शराब से धोया जाएगा अच्छी तरह से। और फिर मंत्र जाप करेंगे अस्थि माला से मतलब हड्डियों की बनी हुई माला जो मनुष्य की हड्डियों से निर्मित की गई हो उससे जो माला बनाई जाती है वह है अस्थिमाला कहलाती है। तो मंत्र इस प्रकार से होगा इसका जो मंत्र है वह यह है।

जहर फांसी आग लगाकर मरने वाला सुन अब मेरा बुलावा, जल्दी से मेरे सामने आ, ना आए तो भैरव की जटा चीर की आन, मंत्र सांचा पिंड काचा फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा।

तो यह मंत्र है इसका इस मंत्र को आप को पढ़ना होता है और इसमें कहा जाता है यह शाबर मंत्र है और प्रचंड और तीव्र है आपको हर रोज यही मंत्र 11 माला आपको जपनी है। जप के खत्म होने के बाद तीनों मुंडो को आप को भोग देना है भोजन सामने रखना है और फिर मुंडो को वहां ही छोड़ आइए उसी जगह l आपको पीछे मुड़ कर के नहीं देखना है। ध्यान रखें कहीं वह मुंड कोई जानवर नहीं ले जा पाए, इसका आपको ध्यान रखना होगा। क्योंकि आपको सिद्धि उन तीन मुंडों पर ही मिलती है। साधना में भयानक अनुभव होते हैं। अनुभवों को गुप्त ही रखना चाहिए। आखिरी दिन तीनों मुंड बोलने लगेंगे और साधक को 3 वचन मांगने होंगे उनसे बोल कर के। तब साधक बोले कि आप सदा मेरे पास रहकर मेरे काम करें और मेरी इजाजत के बिना कुछ भी नहीं करेंगे और कभी मेरा नुकसान नहीं करेंगे। यह सिद्धि के बाद साधक बहुत बड़ा तांत्रिक बन जाता है। इंद्रजाल और खतरनाक मायाजाल रख सकता है मारण वशीकरण आदि के लिए। और किसी भी विधि को करने की जरूरत नहीं होती है। बस उन तीन मुंडों को सदा आपके पास रखना होता है। यह साधना सिर्फ जानकारी के लिए है। अगर कोई करना चाहता है तो सोच समझ कर ही करें साधना से अगर किसी का बुरा हो तो इसका जिम्मेदार वह खुद होगा l गुरु जी हम श्मशान में रहने वाले और सड़क के किनारे खेल दिखाने वाले हैं हमारे पास ज्यादा पढ़ाई नहीं है। तो लिखने में अगर कोई गलती हो गई हो तो माफ करें। जय मां श्मशान काली। जय महाकाल। जय गुरु गणेश।

यहां पर देखें उन्होंने इस साधना के विषय में बताया है। लेकिन इसके साथ ही मैं आपको और भी कुछ बातें बताना चाहूंगा पहली बात इन साधनाओं को करने के लिए आपका जिगर पक्का होना चाहिए। यानी कि आपके हृदय में पूरी तरह से मजबूती होनी चाहिए। आप पूरी तरह से इस बात के लिए अपने आपको तैयार कर लें। तभी पिशाच साधना को करे l दूसरी बात आप अपना शरीर रक्षा और अपना सुरक्षा घेरा बनाना भी मत भूलिए क्योंकि ऐसी साधनों में शक्तियां आपके आसपास इस तरह से आती हैं कि आपको बहुत ही ज्यादा भयभीत कर देती हैं। ऐसी अवस्था में उठ कर भाग जाने वाला व्यक्ति पागल हो सकता है या फिर उसके हृदय गति रुकने से मृत्यु भी हो सकती है तो कोई भी अगर तामसिक साधना इस तरीके से करे तो रक्षा और अपने चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाना आवश्यक होता है और उसकी बहुत सारी विधियां हैं। आप कोई सी भी मां काली की भगवान भैरव की या फिर किसी भी शक्तिशाली देवता का अपना सुरक्षा कवच पहले से बना कर रख सकते हैं और कोई भी साधना करने जाते हैं तो उन चीजों की आवश्यकता पड़ती ही पड़ती है। अगली बात यह है कि गुरु मंत्र को अच्छी प्रकार से आपने साधना पहले कर लिया हो। जैसे कि मैंने बताया कि आपका 900000 मंत्र जाप कंप्लीट होना चाहिए। दशांश हवन के साथ में इसी प्रकार जो भी आपके गुरु हैं या जिस परंपरा के आपने सिद्धि हासिल करने के लिए उनके पास दीक्षा ली है उनके गुरु मंत्र जो भी हो अगर वह पंचदेव में नहीं है आप पंच देवों का कोई मंत्र हो पूरी तरह से सिद्ध कर लें। तभी साधना में उतरे क्योंकि यह तामसिक साधना है किसी प्रकार से आपको छोड़ती नहीं है पिशाच ऐसे नहीं कि आपके ऊपर नम्रता दिखाएंगे, किसी भी प्रकार से और इस तरह की साधना से बचने के लिए आप में इतनी ऊर्जा अवश्य होनी चाहिए कि अगर कोई ऐसी शक्तियां आपके पीछे पड़ जाए या आपकी स्थिति को खराब करने की कोशिश करें तो आप उसे पूरी तरह से अपना बचाव कर सकें तभी इस तरह की तामसिक साधना को करें l तांत्रिक साधना को कर लेने वाला निश्चित रूप से भयंकर शक्तिशाली हो जाता है और उसके पास प्रत्यक्ष सिद्धियां होती हैं। यानी कि वह प्रत्यक्ष रूप से कुछ भी करने में समर्थ हो जाता है। अगर आपको आज का टॉपिक पसंद आया है तो शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद।

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