नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज का यह अनुभव हमको भेजने वाले सदस्य का कहना है के कभी भी? कौतूहल में कोई गलती नहीं करनी चाहिए।
तो चलिए जानते हैं और पढ़ते हैं पत्र को और कैसा यह अनुभव है, इसको समझने की कोशिश करते हैं।
पत्र- नमस्कार गुरु जी और धर्म रहस्य चैनल को देखने वाले सभी दर्शकों को मेरा नमस्कार। साथ ही साथ यह कहना चाहूंगा कि यह अनुभव कहीं भी प्रकाशित नहीं हुआ है और उसकी समस्त जिम्मेदारी मैं लेता हूं।
गुरुजी! यह अनुभव हमारे गांव में प्रसिद्ध है इसलिए मैं इसे भेज रहा हूं। आप चाहे तो उस पर वीडियो बना सकते हैं?
मैं बस यही कहना चाहूंगा कि यह जो कहानी हमारे यहां प्रचलित है, इसी को आपके चैनल के माध्यम से मैं पूरी दुनिया को बताना चाहता हूं। इसीलिए यह अनुभव मैं आपको भेज रहा हूं।
यह अनुभव दिवाली की रात का है। ऐसी रात जो वर्ष में एक बार आती है और इस दिन विभिन्न प्रकार के तांत्रिक लोग अपनी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए नए-नए प्रयोग किया करते हैं।
यह चार दोस्तों की कहानी है। जो हमारे ही गांव के थे। आज से लगभग 20 वर्ष पहले की बात है। जब चारों दोस्त दिवाली की रात।
अपने-अपने घरों से मौज मस्ती करते हुए। गांव के एक गरीब के श्मशान में शराब पी रहे थे।
शराब पीने के कारण सभी पर मस्ती चढ़ी हुई थी। सभी बहुत खुश थे क्योंकि दिवाली की रात में दोस्तों के साथ बैठकर। शराब पीने का अलग ही मजा होता है। तभी चारों दोस्तों में से एक की नजर पास से ही गुनगुनाते हुए कुछ शब्दों पर पड़ी। उसने! एक तरफ! टकटकी लगाकर देखा तो पता चला कि झुरमुट के दूसरी तरफ जहां से श्मशान शुरू होता है। वहां पर कोई कुछ कह रहा है। उसने सोचा जरूर यहां पर कुछ हो रहा है। और वहां अपने दोस्तों को छोड़कर यह देखने के लिए उस ओर लपका कि वहां पर क्या हो रहा है?
थोड़ी ही दूर पर एक सफेद कपड़े पहने हुए इंसान आकाश की ओर हाथ उठाए हुए कुछ बुदबुदा रहा था। उसकी बुदबुदाहट अजीब तरह की थी।
अलग तरह की कोई मंत्रों का वह जाप कर रहा था।
उसे देख कर! इस व्यक्ति को बड़ी हंसी आई? क्योंकि वह यह देख रहा था कि दिवाली की रात यह आकाश की ओर देखकर क्या चिल्ला रहा है? इतने दूर से ही उसे कहा की? सफेद कपड़े पहन कर हमको डरता क्यों है, क्या चिल्ला रहा है?
उसकी बात को उस सफेद कपड़े पहने व्यक्ति ने अनसुना कर दिया। इस बात से इसे बड़ा गुस्सा आया। इसने अपनी बोतल फेंक कर उसकी ओर गुस्से से एक आग्रह किया कि वह इसकी और ध्यान दें। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
उस व्यक्ति ने जरा सा भी ध्यान इस व्यक्ति की ओर नहीं दिया और वह सफेद कपड़े पहने हुए व्यक्ति। अपने कुछ शब्दों को बोलता रहा। सोचने वाली बात यह थी कि आखिर वह कह क्या रहा था? क्योंकि शराब के नशे में इस व्यक्ति को कुछ भी समझ में नहीं आया तो गुस्से से यह वापस अपने दोस्तों के पास जा पहुंचा।
अपने दोस्तों को कहने लगा। वहां पर एक आदमी खड़ा हो कर के मेरी बेइज्जती कर रहा है। चलो उसको सबक सिखाया जाए।
तीनों दोस्त उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे और पूछने लगे। क्या हुआ और तू उधर की तरफ क्यों गया था? उस व्यक्ति ने कहा, वहां पर एक आदमी सफेद कपड़े पहने अजीब सी हरकतें कर रहा है। मैंने उससे कहा कि तू क्या कर रहा है मुझे बता, वह कोई जवाब ही नहीं दे रहा। बहुत अकड़ू इंसान लगता है।
मैं इसे सबक सिखाना चाहता हूं। तुम लोग मेरा साथ दो और इस प्रकार जब उसने कहा तो तीनों दोस्तों ने कहा, ठीक है ऐसा कौन है हमारे गांव में जो हम चारों से टक्कर ले सके? और दोस्त चल दिए उस ओर जहां पहले वह व्यक्ति गया था।
सभी चलते हुए उस व्यक्ति के पास पहुंचे और उसे देख कर हंसने लगे। वह कहने लगे कि तू आकाश की और क्या देख कर क्या कह रहा है? आज आकाश में कुछ भी नहीं दिखने वाला जो कुछ नीचे है वही देख! यहां देख सब तरफ दिवाली है, दिवाली ।
उस व्यक्ति ने अभी भी इन लोगों की किसी भी हरकत की तरफ ध्यान नहीं दिया। अब चारों के चारों उसे भला बुरा कहने लगे और उसका मजाक उड़ाने लगे। लेकिन फिर भी वह व्यक्ति अपने कार्यों से टस से मस तक नहीं हुआ। इस बात से चारों बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गए। और उन्होंने! अपनी बोतले उस पर फेंकी।
जैसे ही उसकी बोतलें यानी चारों बोतले उस व्यक्ति को लगी। उस व्यक्ति को बहुत जोर से गुस्सा आया। उसने आकाश की ओर देखकर कहा। इन्होंने मेरी साधना को भंग कर दिया है।
इसलिए मैं तुझे आदेश देता हूं इन सब की मौत को तू बुला। ऐसा कहकर उसने आकाश की ओर। बड़ी ही एकटक निगाहों से देखा।
यह देखकर चारों और जोर जोर से हंसने लगे। उन्होंने कहा। क्या भूत प्रेतों से हमारी मौत मांग रहा है? हम तो भूत प्रेतों को भी शराब पिला दे। और तू हमें भूतों से डर आ रहा है। चारों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा था। चारों दोस्त! अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे। वह व्यक्ति। एक बार फिर से कहता है। मैंने अभी तक तो सिर्फ तुम्हें डराया ही है। अगर तुम नहीं माने तो सच में तुम चारों की मौत की जिम्मेदार तुम लोग खुद होगे और कैसे कह कर वह व्यक्ति बहुत ही गुस्से में कांपने लगा?
उसे देख कर चारों दोस्त एक बार फिर से हंसने लगे कहने लगे। देखते हैं तुझ में कितना दम है? तभी एक ने जाकर उसे तमाचा मार दिया। दूसरे ने उसे लात मारी। इसी तरह चारों दोस्त उसे पीटने लगे।
और इस प्रकार पीटकर हंसते हुए वहां से चले गए।
यह घटना कितनी खतरनाक होने वाली थी। इन चारों को इसका कोई अनुमान तक नहीं था।
चारों गांव में वापस आ गए और अपने अपने घरों की ओर जाने लगे। उनमें से जिस व्यक्ति ने सबसे पहले। उस सफेद कपड़े पहने व्यक्ति को।
धमकी दी थी।
वह व्यक्ति। एक जंगली जानवर को अपने पास आता हुआ देखता है। जिसे देखकर वह डर के मारे अपने घर में घुस जाता है।
और? अपने दरवाजे को बंद करके काफी जोर से डरने लगता है। घर के बाकी सदस्यों को वह कहता है, कुछ भी हो जाए दरवाजा मत खोलना।
तभी कुछ देर बाद घर के बाकी सदस्य। जोर जोर से चिल्लाने की आवाज सुना।
सुनते हैं और देखते हैं जाकर के कि आखिर वह व्यक्ति क्यों चिल्ला रहा है?
वह उस व्यक्ति के पास जाते हैं और पूछते हैं जब से तुम आए हो, बहुत ही ज्यादा डरे हुए हो। आखिर क्या बात है? क्यों तुम इतना ज्यादा डर गए हो?
वह कहता है मुझे एक जंगली सियार पीछा करता हुआ दिखता है। वह घर में भी घुस आया है। अभी कुछ देर पहले वह मेरे बिस्तर के नीचे था। मुझे उससे बहुत डर लग रहा है।
पता नहीं इतना अधिक डर मुझे उससे क्यों लग रहा है?
तो बाकी घर वाले उसे समझाते हुए कहते हैं कि तूने ज्यादा शराब पी ली है। इसीलिए अब ड्रामे मत कर चुपचाप सो जा।
बाकी घर वाले सोने के लिए चले जाते हैं। लेकिन स्थिति सामान्य नहीं होती। थोड़ी देर बाद वह व्यक्ति फिर से चिल्लाता है। और कहता है मुझे बचा लो, यह सियार मुझे मार डालेगा।
बाकी लोग फिर से उठकर आते हैं और चारों तरफ देखते हैं। कहीं कोई सियार तो नहीं है? पर वहां कोई भी सियार नहीं था।
चारों तरफ देखने के बाद सभी उसे फिर से।
डांटने डपटने लगते हैं।
और उसे समझाते हैं कि तूने ज्यादा शराब पी ली है इसीलिए तुझे यह सब चीजें दिखाई दे रही है।
फिल्म वास्तव में लोग अपने अपने बिस्तर पर जाकर आराम करने लगते हैं। और सोचते हैं कि अगर इसने फिर से कोई हरकत की तो अब कोई भी उठकर नहीं जाएगा।
कुछ ही समय बीता है। वह व्यक्ति एक बार फिर से चिल्लाता है।
घरवाले अबकी बार नहीं उठते हैं। उस वक्त की चिल्लाहट और तेज होती जाती है।
और फिर एकदम से सब सामान्य हो जाता है।
घर वाले भी सोचते हैं कि लगता है वह सो गया। और किसी ने भी इस बात की और अब ध्यान नहीं दिया कि क्या घटित हुआ है? सुबह के समय सब लोग जब उठते हैं तो। जो नजारा वह देखते हैं। पूरे गांव में हड़कंप मच जाता है।
वह व्यक्ति।
मरा हुआ पाया जाता है। और उसका शरीर ऐसा लगता है जैसे किसी जानवर ने खा लिया है।
अब परिवार वाले अपना सिर पकड़ लेते हैं। उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी थी। उन्होंने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। यह तो स्पष्ट संकेत है कि इसे किसी जानवर ने खा लिया है। तभी इसके शरीर का ऐसा हाल हुआ है। आखिर क्या हुआ था यह मैं आपको दूसरे भाग में बताऊंगा गुरुजी! नमस्कार!
अगले भाग में हम लोग जानेंगे कि इस घटना में आगे क्या घटित हुआ था?
आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद!