दिव्य नागकन्या साधना सत्य अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसी साधना के विषय में अनुभव प्राप्त करेंगे जिसे नाग पंचमी और नवरात्रि के शुभ अवसरों पर करके सिद्धि प्राप्ति की जा सकती है। तो चलिए आइए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं। इस अनुभव के विषय में
गुरु जी को मेरा प्रणाम गुरुजी। सबसे पहले तो मैं आपसे इस बात के लिए क्षमा चाहता हूं कि मैंने आपसे गुरु दीक्षा नहीं ली है। उसके बावजूद यह देखने के लिए की तांत्रिक साधना में कुछ अनुभव होता है या नहीं। मैंने यह साधना आपके इंस्टामोजो स्टोर से खरीद ली थी तो गुरु जी इस साधना को जब मैंने किया और उस साधना के दौरान मुझे जो कुछ भी अनुभव हुआ है वही मैं आपको इस ईमेल पत्र के माध्यम से। लिख करके भेज रहा हूं। गुरु जी कृपया मुझे भी छुपा कर ही रखें क्योंकि कहते हैं, अनुभव को गुरु को बताया जा सकता है। लेकिन अपनी साधना का ज्ञान किसी को ना दें अन्यथा आप की सिद्धि नष्ट हो सकती है। इसीलिए जानकारी को छुपाने का आग्रह कर रहा हूं। गुरु जी श्रावण के महीने के शुक्ल पक्ष का पांचवा दिन जिसे नाग पंचमी के रूप में हमारे यहां भी बहुत ही। विशेष तरीके से मनाया जाता है और नाग देवता की मंदिर में जाकर सभी लोग अच्छी प्रकार से साधना करते हैं। आपने अपने उस पीडीएफ की माध्यम से बताया था कि नागलोक की बहुत सारी कुंवारी नागकन्याए उस दिन धरती पर आती है। पर अगर कोई साधक पर यह मोहित हो जाए तो उसे वरण कर लेती हैं। उसके साथ विवाह करती हैं। उसे धन संपदा सुख सभी शक्तियां और सिद्धियां प्रदान करती हैं। एक रात्रि में ऐसा संभव हो सकता है।
इसीलिए यह साधना करने का मन मेरे मन में आ गया क्योंकि ज्यादातर कम दिनों की साधना के लिए सभी लोग लालायित रहते हैं तो मैंने भी सोचा कि जरूर इस साधना को करके देखते हैं। क्या पता इस साधना के माध्यम से मुझे भी कोई नागिन प्रेमिका मिल जाए क्योंकि इंसानी प्रेमिका तो नागिन से वैसे भी कम नहीं होती है तो गुरु जी उस दिन मैंने सोचा और फिर इसका पूरा विधान प्राप्त किया। इसके अलावा कुछ लोग जिनको मैंने अपनी जन्मपत्री दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि आपके जीवन में सर्व बाधा दोष है, इसलिए भी इस साधना को करना आवश्यक है। इसीलिए मैंने इन सब बातों को सोच कर यह साधना करने की विषय में सोचा तो मैं सबसे पहले सुनार की दुकान पर चला गया और फिर वहां आपने जो जो बातें बताई हैं, उन सब को मैंने इकट्ठा कर लिया। इसके बाद फिर मैं तैयारी में जुट गया। इस साधना को करने के लिए और जल्दी ही यह दिन आ रहा था। इसलिए मुझे सब कुछ बिल्कुल। तैयार रखना था। सभी प्रकार की नागबली पूजन विधान जैसा आपने अपने साधना विधान में बताया है। बिल्कुल वैसे ही मैंने करना शुरू कर दिया।
आपने संकल्प लेने को कहा, मैंने उसी तरह! बिल्कुल संकल्प लिया। नागकन्या का चित्र मिलना मुश्किल था। इसलिए जैसा आपने पीडीएफ में बना रखा है वैसी ही एक सुंदर। सजी-धजी, मुकुट पहने और आभूषण। अपने शरीर में धारण किए हुए कन्या का एक फोटो बनवा कर मैंने साधना के लिए रख लिया था। सब कुछ करने के बाद हां इतना अवश्य कहूंगा कि इसमें गुरु पूजन करना होता है तो मुझे भगवान शिव ही याद आए और मैंने भगवान शिव को गुरु मानकर यहां पर साधना की थी। एक बार मैंने यह भी कहा कि मेरे इन गुरुजी जिनके माध्यम से मुझे साधना की प्राप्ति हुई है, इन्हें भी गुरु मानकर मैं यह साधना कर रहा हूं।
इस प्रकार से यह शक्ति की साधना। मैंने करना शुरू कर दिया। और जैसा कि आपने इन सब चीजों में बताया था कि कैसे हमको दूध का इस्तेमाल करना है। किस प्रकार ब्रह्मचर्य पालन साधना से पिछले 7 दिन से लेकर अगले 7 दिनों तक करना आवश्यक है। यह सारी चीजें करके मैंने यह साधना उस समय की लेकिन ज्यादा कुछ नहीं हुआ और इस प्रकार मेरी यह साधना में मुझे कुछ ज्यादा अनुभव प्राप्त नहीं हुआ तो मुझे लगा कि कहीं यह साधना में कोई कमी तो नहीं रह गई है। तो जैसा कि फिर आपने कहा ही है कि इस साधना को इसके बाद नवरात्रि में भी किया जा सकता है तो फिर मैंने इस साधना के लिए नवरात्रि का दिन चयन कर लिया और नवरात्रि में इस प्रकार मैं प्रतिदिन करता चला गया। गुरुजी वह नवरात्रि की सप्तमी तिथि थी। जिस दिन मुझे भयंकर अनुभव हुआ। मैं जहां पर साधना कर रहा था, उसी जगह पर सोना होता है और जब मैं सो गया अचानक से मुझे किसी के। फुसफुस आहट की आवाज में नींद मैं होते हुए भी लगता था जैसे कि मैं उठ नहीं सकता हूं। यह अनुभव सुनने में विचित्र लगेगा। लेकिन सच में मैं शपथ के साथ कहता हूं। यह सब कुछ उस दिन हुआ था। मैं एक तरफ तो सो रहा था लेकिन दूसरी तरफ मेरा शरीर जागा हुआ था। यानी मैं उठ तो नहीं सकता था लेकिन सब कुछ अनुभव कर सकता था। मैंने! उस अवस्था में देखा कि एक सर्प जो कि काफी विशालकाय है, मेरी ओर भागता हुआ आ रहा है। और वह गुस्से से मेरी तरफ दौड़ कर आ रहा था। मैंने अपने हाथ पैर पूरी तरह हिलाने की कोशिश की, लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर पाया। मैंने लगातार प्रयास जारी रखा लेकिन मैं तो हिल भी नहीं सकता था। उस अर्ध निद्रा की अवस्था में कुछ भी करना संभव ही नहीं था। पर वह धीरे-धीरे बिल्कुल मेरे पास आ गया और वह साफ मेरे कान में फुसफुसाने लगा। पहले तो उसके पुकारने से भयंकर मुझे डर लग रहा था। लेकिन फिर ऐसा लगा जैसे कि वह अपनी जीभ से मेरी कानों को चाट रहा है। यह अनुभव बड़ा ही विचित्र था। डर का जो स्तर हो सकता है अधिकतम बिल्कुल वही मैं महसूस कर रहा था। फिर उसने अपनी जीभ से मेरे होठों पर भी।
चाटना शुरू कर दिया। इधर मुझे ऐसा लगता था कि कब यह मुझे काट लेगा और मैं तुरंत ही मर जाऊंगा। फिर वह मेरी शरीर के अंदर कपड़ों में प्रवेश कर गया मुझे उसके शरीर से। एक ऐसी खुशबू आनी शुरू हुई जिसमें मैं मदहोश हो रहा था। शरीर में अचानक से तीव्र कामेच्छा जागृत हो गई थी। मेरे अंदर बेचैनी बढ़ने लगी और वह धीरे से मेरी शरीर के निचले भाग में पैंट के अंदर से होते हुए अंदर नेकर तक पहुंच गई। वहां पर भी उसी प्रकार अपने जीभ से हल्का-हल्का स्पर्श देने लगी। शरीर अत्यधिक उत्तेजित हो गया और यहीं पर मुझसे बड़ी गलती हो गई। उसकी इस हरकत की वजह से मेरा वीर्य शरीर से बाहर निकल गया और तभी अचानक से मेरी और तन्द्रा की अवस्था पूरी तरह टूट गई, तब जो मैंने देखा। और यह केवल कुछ क्षण के लिए ही हुआ था।
मैं इतना कह सकता हूं कि यह केवल 10 सेकंड के लिए मुझे स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। वह सर्प मेरी नेकर से निकलकर बहुत तेजी से आगे की ओर भागा। मैं तुरंत उठ गया। और बैठ कर इधर-उधर देखने लगा। कि तभी सामने मुझे एक काले रंग का सांप बहुत तेजी से मेरे घर के दरवाजे की ओर भागता हुआ नजर आया। यह देख कर मैं दोबारा से बहुत ज्यादा डर गया, पर मैंने सामने देखा। जब वह दरवाजे पर पहुंच गया। तो वह एकदम से स्त्री का रूप ले लिया। एक अति खूबसूरत स्त्री जो की दूधिया रंग की नजर आ रही थी। उसके शरीर पर एक भी वस्त्र नहीं था लेकिन सारे शरीर पर सांप ही सांप उसके शरीर के।
गुप्त अंगो को ढक रहे थे। ऐसा देखने में बड़ा ही विचित्र लगता है कि आपके शरीर पर एक भी वस्त्र ना हो लेकिन सांप आपके यौन अंग और स्तनों को ढक रहे हो। यह सब देख कर मैं तो अजीब महसूस कर रहा था। फिर वह रुक कर एक बार पलटी उसका चेहरा एकदम गोल छोटा आंखें बड़ी। बड़ी नाक पतली नाक में नथनी पहने हुए होठ एकदम गुलाबी। शरीर पर बाल बड़े बड़े और उसकी कमर से नीचे तक थे। उसकी सुंदरता और उसके शरीर का इस प्रकार दिखाई पड़ना मेरे लिए। शरीर को उत्तेजित करने वाला नजर आ रहा था। उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट थी। और बस उसने सिर्फ इतना कहा।
यह तूने क्या किया सब खो दिया।
यह कहते हैं वह सामने की दीवार में ऐसे प्रवेश कर गई जैसे कि।
वहां पर कोई दरवाजा हो लेकिन?
एक फिट लगभग चौड़ी उस दीवार से।
इंसान तो क्या कोई लेजर भी बाहर नहीं निकल सकता है?
लेकिन खुद यह सब मैंने खुली आंखों से उस 10 सेकंड के अनुभव में देखा। इससे मुझे यह तो पूर्ण विश्वास हो गया कि यह शक्तियां अवश्य ही होती हैं। वह अवश्य ही कोई नागकन्या थी। उसने! मेरी शरीर के साथ इस तरह छेड़खानी की जिसकी वजह से मैंने अपना ब्रह्मचर्य खो दिया। और शायद यही कारण बना जो उसने मुझे ऐसा कहा और इसके बाद वह फिर चली गई। अगले दिन मैंने फिर से साधना करने की कोशिश की लेकिन कोई अनुभव अब नवरात्रि में आगे के दिनों में मुझे नहीं हुआ। इससे मुझे स्पष्ट रूप से यह तो पता चल चुका था कि यह नाग कन्या साधना मैंने खुद ही नष्ट कर दी। उसने मेरी परीक्षा ली जिसमें मैं असफल हो गया। गुरु जी, अगर शायद मैंने गुरु मंत्र दीक्षा ले रखी होती और आपके सारी वीडियोस पर ध्यान देता तो शायद मैं अपनी रक्षा कर सकता था पर मैं ऐसा नहीं कर पाया। लेकिन यह घटना जो हुई है यह 100% बिल्कुल सच्ची है।
मैंने इस साधना अनुभव के माध्यम से शक्तियों के रहस्यों को भी जाना कि वास्तव में ऐसी शक्तियां मौजूद होती हैं। हां, जितने दिन की साधना लिखी हो उससे अधिक समय लग सकता है।
लेकिन आपको लगातार उस साधना पर टिके रहना चाहिए। गुरु जी आपसे मैं जल्दी ही गुरु दीक्षा ग्रहण करूंगा। आप मेरा कल्याण करेंगे ना?
बस इसी के साथ मैं अपने इस ईमेल पत्र को विराम देता हूं। आप की जय जय कार! जय माता!
सन्देश- तो देखिए यहां पर इन्होंने नागकन्या के प्रत्यक्ष सिद्धि के इस अनुभव को दिखाया है। और निश्चित रूप से वह नागकन्या ही थी जो सिद्धि देने और इनसे रतिक्रिया करने के लिए उस दिन आई थी अगर यह रति क्रिया करने के बावजूद!
अपना वीर्य रक्षा कर पाते तो निश्चित रूप से उसकी पूर्ण सिद्धि इन्हें मिल जाती पर यह ऐसा नहीं कर पाए। साधनों में हमेशा ब्रम्हचर्य सबसे बड़ी शक्ति होती है जिसको हमें हर हालत में उसकी रक्षा करनी चाहिए। यह था। इनका अनुभव और अगर यह साधना कोई खरीदना चाहता है तो नीचे मैंने इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिंक भी दे रखा है। वहां से नागकन्या साधना क्लिक करके खरीद सकते हैं और चाहे तो इसे विशेष अवसर पर कर भी सकते हैं। जैसे कि नवरात्रि गुप्त नवरात्रि या फिर सबसे मूल नाग पंचमी पर। अगर आज का यह वीडियो और अनुभव आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।