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दीपावली सिद्ध लक्ष्मी योगिनी साधना

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दीपावली सिद्ध लक्ष्मी योगिनी साधना

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी साधना: दीपावली की शुभ रात्रि में अपार लाभ और सिद्धियों की प्राप्ति

नमस्कार दोस्तों! धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज का यह ब्लॉग देवी की एक ऐसी शक्ति को समर्पित है जिसकी साधना दीपावली की रात्रि में करने से अनगिनत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यह साधना माता लक्ष्मी की एक अद्भुत सेविका, सिद्ध लक्ष्मी योगिनी की पूजा और सिद्धि से जुड़ी है। दीपावली की रात तंत्र साधना के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है और इस दिन सिद्ध लक्ष्मी योगिनी की साधना करने से माता लक्ष्मी की कृपा भी आप पर बनी रहती है।

कौन हैं सिद्ध लक्ष्मी योगिनी?

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी तंत्र साधना से जुड़ी एक दिव्य शक्ति हैं, जो माता लक्ष्मी का ही एक रूप मानी जाती हैं। यह देवी साधकों को धन, वैभव, और सिद्धियां प्रदान करती हैं। यह साधना किसी भी व्यक्ति को मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक लाभ देती है। योगिनियों की तांत्रिक परंपरा में इनका एक विशेष स्थान है, और गुप्त मंत्रों द्वारा साधक इनकी कृपा प्राप्त कर सकता है।

साधना के लिए आवश्यक सामग्री:

  1. शांतिपूर्ण और एकांत स्थान
  2. सिद्ध लक्ष्मी योगिनी का चित्र या मूर्ति
  3. पीले रंग के रेशमी वस्त्र
  4. कमलगट्टे या पीले हकीक की माला
  5. दीपक, धूप, और मिठाई

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी साधना विधि:

  1. पूजा स्थान की तैयारी: साधना के लिए एकांत और शांतिपूर्ण स्थान चुनें, जहां कोई आपको देखे या सुने नहीं। मां लक्ष्मी या सिद्ध लक्ष्मी योगिनी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  2. साधना समय: यह साधना रात्रि में शुरू करें और सूर्योदय के समय समाप्त करें। दीपावली की रात विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
  3. मंत्र जाप:
    • कमलगट्टे या पीले हकीक की माला से मंत्र का जाप करें।
  4. साधना का समापन: सुबह साधना के बाद दशांश हवन करें और साधना स्थल पर ही विश्राम करें।

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी की कथा:

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी की कथा हमें  धननायक की कहानी सुनाती है। धननायक एक पराक्रमी व्यक्ति था, परंतु उसकी आर्थिक स्थिति हमेशा डगमगाती रहती थी। एक योगी के मार्गदर्शन में उसने सिद्ध लक्ष्मी योगिनी की साधना की और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया। सिद्ध लक्ष्मी योगिनी ने उसकी परीक्षा ली, और उसे सोने की कभी न खत्म होने वाली पोटली दी। इस साधना के बाद धननायक को जीवन में अपार धन, समृद्धि, और शांति प्राप्त हुई।

साधना के लाभ:

  • धन और वैभव की प्राप्ति
  • व्यापार और नौकरी में सफलता
  • शत्रुओं का नाश
  • मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति
  • विशेष सिद्धियों की प्राप्ति

विशेष निर्देश:

  • इस साधना को करने से पहले लक्ष्मी कवच का पाठ अवश्य करें। लक्ष्मी कवच का पाठ करने से साधना में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  • लक्ष्मी कवच

    श्रीमधुसूदन उवाच:

    गृहाण कवचं शक्र सर्वदुःखविनाशनम्।
    परमैश्वर्यजनकं सर्वशत्रुविमर्दनम्॥
    ब्रह्मणे च पुरा दत्तं संसारे च जलप्लुते।
    यद् धृत्वा जगतां श्रेष्ठः सर्वैश्वर्ययुतो विधिः॥
    बभूवुर्मनवः सर्वे सर्वैश्वर्ययुतो यतः।
    सर्वैश्वर्यप्रदस्यास्य कवचस्य ऋषिर्विधि॥
    पङ्क्तिश्छन्दश्च सा देवी स्वयं पद्मालया सुर।
    सिद्धैश्वर्यजपेष्वेव विनियोगः प्रकीर्तित॥
    यद् धृत्वा कवचं लोकः सर्वत्र विजयी भवेत्॥

    मूल कवच पाठ:

    मस्तकं पातु मे पद्मा कण्ठं पातु हरिप्रिया।
    नासिकां पातु मे लक्ष्मीः कमला पातु लोचनम्॥
    केशान् केशवकान्ता च कपालं कमलालया।
    जगत्प्रसूर्गण्डयुग्मं स्कन्धं सम्पत्प्रदा सदा॥
    ॐ श्रीं कमलवासिन्यै स्वाहा पृष्ठं सदावतु।
    ॐ श्रीं पद्मालयायै स्वाहा वक्षः सदावतु॥
    पातु श्रीर्मम कंकालं बाहुयुग्मं च ते नमः॥
    ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः पादौ पातु मे संततं चिरम्।
    ॐ ह्रीं श्रीं नमः पद्मायै स्वाहा पातु नितम्बकम्॥
    ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै स्वाहा सर्वांगं पातु मे सदा।
    ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै स्वाहा मां पातु सर्वतः॥

    फलश्रुति:

    इति ते कथितं वत्स सर्वसम्पत्करं परम्। सर्वैश्वर्यप्रदं नाम कवचं परमाद्भुतम्॥
    गुरुमभ्यर्च्य विधिवत् कवचं शरयेत्तु यः। कण्ठे वा दक्षिणे बांहौ स सर्वविजयी भवेत्॥
    महालक्ष्मीर्गृहं तस्य न जहाति कदाचन। तस्य छायेव सततं सा च जन्मनि जन्मनि॥
    इदं कवचमज्ञात्वा भजेल्लक्ष्मीं सुमन्दधीः। शतलक्षप्रजप्तोऽपि न मन्त्रः सिद्धिदायकः॥

    ॥इति श्रीब्रह्मवैवर्ते इन्द्रं प्रति हरिणोपदिष्टं लक्ष्मीकवचं॥

आप इस साधना को दीपावली की रात्रि में अवश्य करें और अनगिनत लाभ प्राप्त करें। इस साधना का PDF डाउनलोड करने के लिए वीडियो के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

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