गुरूजी के चरणों में सादर नमस्कार।
आपके इस शिस्य ने आपको नवरात्री पर्व के उपलक्ष में आपको गुरुदक्षिणा (Rs.2100.00) भेट की है आपके bank account में, कृपया इसे स्वीकार करे।
गुरूजी इस email के द्वारा में आपको मेरे साथ हुवे कुछ अनुभवों को बताना चाहता हु, जो मुझे आपके बताये हुवे माता के आठ अक्षर के मंत्र ” ॐ ह्रींग दुम दुर्गायै नमः ” की साधना में और इस नवरात्री में किये गए दुर्गा सप्तशती के पाठ से मुझे अनुभव हुवे है।
कृपया करके मेरा नाम गुप्त रखे।
गुरूजी में आपका शिस्य जीतेन्दर कुमार शर्मा आपको नवरात्री में मुझे हुवे साधना और दुर्गा सप्तशति के पाठ का अनुभव भेज रहा हु। और मेरा ये अनुभव सिर्फ और सिर्फ आपको भेजा जा रहा है और आप चाहे तो मेरे इस अनुभव को आपके youtube चैनल “धरम रहस्य” पर प्रकाशित भी कर सकते है। मेरा ये अनुभव और किसी भी youtube चैनल पर प्रकाशित नहीं हुवा है। मै इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेता हू ।
गुरूजी आपकी और माता रानी की कृपा से मुझे नवरात्री के पहले दिन से ही अनुभव होने शुरू हो गए। पहले नवरात्री के दिन, जब पूजा कर रहा था और मंत्र जाप करने लगा तो मुझे चन्दन की खुसबू महसूस हुई, जो मुझे पहले नहीं हुई थी। मुझे लगा की धूप की खुसबू होगी, क्योकि मैंने चन्दन की खुसबू की धूप लगायी थी। लेकिन धूप पहले ही समाप्त हो चुकी थी और मेरे मंत्र जाप चालू ही थे। और चन्दन की जो खुसबू मुझे महसूस हुई वो तब हुई जब में आखरी माला जाप कर रहा था। एक और बात है गुरूजी, जब में जाप करता था तो कभी कभी रोने जैसा मन हो जाता था।
मैंने माता को प्रणाम किया और मुझे लगा की माता का आगमन हुवा है, इसीलिए मुझे चन्दन की खुसबू महसूस हुई।
गुरूजी फिर उसके बाद नवमी तक मुझे कोई खुसबू महसूस नहीं हुई, पर मुझे अलग अलग चित्र दीखाई देने लगे मंत्र जाप के समय। जैसे की कोई काली परछाई, कभी एक सुन्दर सी छोटी सी बालिका जो पुरे श्रृंगार करे बिलकुल माता जैसी, कभी चार हाथ वाली नीली आभा, कभी सफ़ेद। और साथ में मेरी पत्नी को सपने आते जो इस प्रकार है। और नवमी के दिन मंत्र जाप करते समय मुझे एक अजीब सी खुसबू आयी जो मुझे समाज नहीं आयी की कौनसी है और साथ में हवन करते समय जो हवन सामग्री की खुसबू आती है वो आयी थी।
सबसे पहले मेरी पत्नी को सपने में शेर दिखाई दिया जो हमारे घर के main door पर खड़ा है और कोई उसे भागने की कोशिश कर रहा है पर मेरी पत्नी उसे कहती है की क्यों भगा रही हो इसे, ये शांत ही तो है कुछ कर नहीं रहा रहने दो इसे यही पर।
फिर दूसरी बार सपने में वो सब्जी लेने market गयी हुई है जहा उसे पूरी हरी सब्जिया दिखाई देती है और उसे हमारे पुराने घर के पड़ोस में जो रहती थी वो मिलती है और उसके साथ उसकी बेटी और एक और एक कन्या होती है जिसके बाल बहोत लम्बे होते है। वो उन सबको घर पर आने को कहती है और सब घर आ जाते है।
फिर तीसरी बार मेरी पत्नी को सपना आया की वो एक building पर गयी है ऊपर की और जहा वो मुझे और अपने भाई को देखती है और हमें कहती है की चलो नीचे चलते है। पर मई और मेरी पत्नी का भाई मन कर देते है और कहते है की सीढ़ी छोटी है नहीं जा सकते अगर तुम्हे जाना हो तो तुम जाओ पर हम नहीं जाने वाले। इसपर वो भी वही सो जाती है क्यूकी रात का वक़्त था और नीचे नहीं आती।
गुरूजी मैंने इस नवरात्री में दुर्गा सप्तशति का पाठ किया और पाठ करने की विधि मुझे हमारे गांव के पंडितजी ने बताई थी जो की इस प्रकार है।
पहले नवरात्री के दिन “पहला और आखरी अध्याय”, फिर दूसरे नवरात्री के दिन “दूसरा और 12th अध्याय” और ऐसे ही हर दिन करना है जिससे सप्तमी के दिन सातवा अध्याय पूर्ण होगा और सप्तमी के दिन माता ज्वाला की आरती करनी होती है और अष्टमी और नवमी के दिन माता की महिमा का पाठ करना होता है।
इसी प्रकार से मैंने भी पाठ किया (दुर्गा सप्तशती) और उसका प्रभाव मुझे महसूस भी हुवा है। एक अलग सी आस्था अलग सा संतोष मन में है और जब में पाठ करता था तो माता की कृपा से एक ही बैठक में पूर्ण कर लेता था। वर्ना मेरे दोनों पाव सुन हो जाते थे जब थोड़ी देर सुख आसान में बैठथा था तो। पर सप्तशती के पाठ के समय ऐसा कुछ महसूस नहीं हुवा।
गुरूजी मेरे कुछ प्रश् है, कृपया करके उनका समाधान करे।
1. मुझे जो चन्दन की खुशबू आयी थी नवरात्री के पहले दिन क्या वो माता के आशीर्वाद था या माता के आगमन का संकेत है। 2. जाप करते समय रोने जैसा होने का क्या मतलब है |3. नवमी के दिन जो खुशबू महसूस हुई थी वो क्या संकेत देती है। 4. मेरी पत्नी को आये हुवे सपनो का क्या मतलब होता है।
आपका जीतेन्दर कुमार शर्मा बैंगलोर से
जय माता रानी
ऊपर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर जानने के लिए नीचे का विडियो अवश्य देखे –