नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 1
आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं यह एक चुड़ैल से संबंधित गांव का है। जहां पर चुड़ैलों का आज भी वास है एक सत्य अनुभव को एक साधक ने लिख करके भेजा है। ईमेल पत्र के माध्यम से मैं से एक स्त्री किसी के घर नवरात्रि में जा करके अपना प्रकोप दिखा सकती है। यानी कि वह एक चुड़ैल है तो तो चलिए जानते हैं इस घटना के विषय में और पढ़ते हैं इनकी पत्र को।
नमस्कार गुरु जी, मैं आपका चैनल 2017 से जब से आप ने बनाया था तब से लगातार देखते आ रहा हूं। आप धर्म के विषय में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। आप अपने चैनल पर विभिन्न प्रकार की साधनाएं और शक्तियों के अनुभव प्रकाशित करते रहते हैं। मेरा आपसे निवेदन है कृपया आप मेरे इस अनुभव को प्रकाशित करें। हालांकि यह अनुभव हमारे दादाजी के समय का है। लेकिन जो मैं विशेष बात बताने जा रहा हूं, यह सब के लिए आसान नहीं होगी समझना इसीलिए। मैं अपना नाम और पता आपको नहीं बता रहा लेकिन अपने गांव के विषय में जानकारी दे रहा हूं। अगर कोई व्यक्ति पता करना चाहे तो पता भी कर सकता है। गुरु जी मैं भारतवर्ष में गुजरात राज्य के सूरत जिले के मांडवी तालुका का रहने वाला हूं। हमारे गांव का नाम चुड़ैल है। आपको जानकर यह आश्चर्य होगा, लेकिन यह सच बात है। हमारे गांव का नाम ही चुड़ैल है और इसकी वजह से यहां लोग जल्दी शादी भी नहीं करते हैं। मेरी बहन की शादी करना भी बड़ा कठिन काम था क्योंकि चुड़ैल गांव की लड़की कोई लेना नहीं चाहता और चुड़ैल गांव को कोई लड़की जल्दी देना भी नहीं चाहता है। लेकिन गुरु जी यह तो कोशिश की जा रही है। यहां के द्वारा कि हम अपने गांव का नाम बदल सके, लेकिन सरकारी तंत्र में यह आसान नहीं है कि इसका नाम बदला जा सके। कोशिश की जा रही है कि चुड़ैल से इसका नाम चंदनपुर रख लिया जाए लिकिन इसमें काफी समय लग सकता है।
लोग यहाँ की स्त्रियों और लड़कियों पर हंसते हैं और चुड़ैल कहकर संबोधित करते हैं। गुरु जी यह पूरा इलाका किसी समय चुड़ैलों का यहां साम्राज्य हुआ करता था। पूरा गांव ही प्रेत बाधा वाला था। सो डेढ़ सौ साल पहले हमारे दादा के समय की घटना है। तब मैं आपको इसके विषय में बताता हूं। उस वक्त यहां पर सभी लोग कहते थे कि कोई भी व्यक्ति यहां रात के समय अकेला ना निकले और अगर कोई लड़की दिखती है तो अपनी आंखें नीचे करके बिना उसे देखें। अपने घर तक चला जाए। अन्यथा वह लड़की आपको अपने साथ ले जाकर अपनी कामवासना से संतुष्ट कर उसके बाद जान से मार देती थी। यह! यहां की प्रसिद्ध बात थी इसलिए ज्यादातर लोग! यहां बहुत ही डरते थे। यह अंग्रेजों के जमाने में भी बहुत ज्यादा खतरनाक इलाका माना जाता था । लेकिन जब कभी कोई घटना घटना होती है तो वह बहाना ढूंढ ही लेती है। हालांकि इस गांव का प्रत्येक व्यक्ति इन बातों के लिए सदैव सावधान रहता था, लेकिन अगर किसी से गलती होनी हो या उसके भाग्य में ही ऐसा लिखा हो तो भला उसके साथ ऐसा क्यों नहीं होगा पर ऐसा ही कुछ हमारे दादा के समय एक रिश्तेदार के साथ हो ही गया। असल में यह सुनने में आया कि हमारे गांव की एक खूबसूरत लड़की अपने परिवार के साथ जा रही थी कि अचानक से अंग्रेजों ने उसे देखा गांव की सुंदर लड़कियां अक्सर अंग्रेज उठाकर ले जाते थे और बलात्कार करके उन्हें छोड़ दिया जाता था।
उस समय अंग्रेजों ने उस काफिले पर हमला कर दिया और उस लड़की को पकड़ कर अपनी कोठी में ले गए 11 अंग्रेजों ने उसके साथ बलात्कार किया। लगातार होने वाले बलात्कार के कारण लड़की उसी दौरान मर गई और फिर अंग्रेजों ने अपने किसी काम का ना समझते हुए उसे गांव के ही रास्ते पर उठाकर फेंक दिया। इसके बाद जब अगले दिन गांव वाले वहां पर पहुंचे तो देखा कि वह तो मरी पड़ी है। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं, चोट और खरोच के निशान थे। इसकी वजह से सभी लोग और भी ज्यादा घबरा गए। लोग अपनी लड़कियों को बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन जब किसी के साथ बुरा होना हो तो वह तो हो ही जाता है ऐसा ही कुछ उस दिन हो गया था। अब सवाल यह था कि इस लाश का क्या किया जाए। गांव वालों ने कहा, क्योंकि यह वैसे भी प्रेत बाधित स्थान है। इसलिए जल्दी से जल्दी इस लड़की का अंतिम संस्कार कर देना चाहिए। अन्यथा यह गांव में अवश्य ही घूमती मिलेगी क्योंकि सभी यह बात जानते थे कि गांव में होने वाली मृत्यु ज्यादातर खासतौर से स्त्रियां चुड़ैल बन जाती हैं यहां पर तो इस लड़की के साथ बलात्कार किया गया था। इसलिए निश्चित है कि अब यह लड़की भी मर कर के भूत बन जाएगी। इसलिए जल्दी से जल्दी का अंतिम संस्कार कर दिया जाए ताकि इसे बचाया जा सके। कम से कम मरने के बाद तो इसकी रक्षा हो पाए लेकिन। उसकी ऊँगली में हीरे की अंगूठी थी शायद किसी अंग्रेज ने इसे प्रलोभन दिया होगा और इसे अंगूठी पहनाई होगी ताकि आसानी के साथ वह उसके साथ शारीरिक संबंध बना सके, लेकिन यह नहीं मानी होगी तब उन्होंने इसके साथ जबरदस्ती की होगी। लेकिन कोई कैसे उस अंगूठी को निकाले क्योंकि ऐसा करना खतरनाक हो सकता था किसी की हिम्मत नहीं हुई।
गांव के सरपंच और कई लोगों ने मिलकर उसे जाकर।
वहां के गांव के।
श्मशान भूमि में जलाना शुरु कर दिया। और इस प्रकार उस लड़की की लाश को पूरी तरह जला दिया गया शाम के समय।
वह हमारे दादा समान रिश्तेदार उस इलाके से गुजर रहे थे कि तभी उन्होंने एक व्यक्ति से सुना कि एक लड़की जलाई गई है जिसके हाथ में हीरे की अंगूठी थी। तब उन्होंने यह सोचा कि अगर उसकी अंगूठी नहीं निकाली गई है तो क्या पता जहां उसे जलाया गया उस राख में उसकी अंगूठी मिल जाएगी। वह तो बहुत ज्यादा पैसे की है इसलिए ऐसा करता हूं कि मैं रात्रि के समय उस जगह पर जाऊंगा जहां पर उस लड़की को जलाया गया है। ऐसा करने वाली वह अकेले नहीं थे। गांव के कई पुरुषों के मन में यह बात आ गई थी कि क्योंकि शरीर से अब अंगूठी का संबंध समाप्त हो चुका है। इसलिए अगर आप अंगूठी किसी प्रकार भी प्रकार प्राप्त जाए तो वह तो पूरी जिंदगी भर रूपए पैसे की कमी नहीं होने देगी। अंग्रेज लोग बड़े अय्याश थे और उनके हीरे की अंगूठी रहती थी। वह बहुत पैसे की होती थी। इसलिए रात्रि के समय उस क्षेत्र में कई सारे लोग गुपचुप तरीके से उस जगह के पास पहुंच गए और क्योंकि उस समय चलने के लिए मशाल का इस्तेमाल किया जाता था। इस वजह से जब वहां पर आदमी पहुंचे तो सभी ने एक दूसरे के चेहरे देखे मसालों में उन्होंने वहां पर नजर आ रहे थे और तब उन्होंने वहां पर जल्दी-जल्दी राख में ढूंढना शुरू कर दिया। सब ने कहा जिसको वह अंगूठी मिलेगी। वह उसी की हो जाएगी। दूसरा कोई उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। सब ने अपनी कोशिश करना शुरू कर दिया। कि तभी मेरे रिश्तेदार दादाजी उनके हाथ में वह अंगूठी आ गई और उन्होंने कहा, मुझे मिल गई है इसलिए यह अब मेरी है।
तुम सभी लोग अपने अपने घर जाओ। अंगूठी मेरी है … और सब ने अंगूठी छीनना शुरू कर दिया वहां पर। वह सभी एक अंगूठी के लिए वहां वहां पर मारामारी शुरू हो गई। कोई किसी को मारता और किसी से छीनता दूसरा उससे छीनता उसे सब मारते ऐसे ही चलता रहा कि तभी वह अंगूठी दूर छिटक कर पास के ही एक झाड़ी के अंदर गिर गई। सब ने उस ओर तेजी से दौड़ना शुरू कर दिया कि तभी वहां पर एक बहुत खूबसूरत लड़की ऊपर से नीचे तक सफेद कपड़ों में जो कि लगभग चमकती हुयी थी। बाहर निकली और कहने लगी। अंगूठी तो मुझे मिली है इस पर मेरा हक है। तुम? सभी जाओ, सभी जाओ, सभी ने उसे गौर से देखा रात की चांदनी में बहुत ज्यादा सुन्दर लग रही थी। कई पुरुषों के मन में कामवासना आ गई और उन्होंने उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़े वह झाड़ियों के अंदर दौड़ती चली गई। सारे पुरुष उसके पीछे भाग रहे थे, लेकिन केवल एक मात्र मेरे वह रिश्तेदार दादा जी वहां अंदर नहीं गए। उन्होंने वापस जाना ही ठीक समझा। तब उन्होंने उस राह में जाकर फिर से देखा और वहां पर चमत्कार हुआ।
उन्हें एक बार फिर से उस लड़की के जले हुए शरीर में एक अंगूठी दिखाई पड़ी। उन्होंने उसे देखा तो उनकी आंखें चमकने लगी। उन्होंने उस अंगूठी को उठा लिया। उसे पहन लिया और खुश होकर गांव की ओर जाने लगे। वह सोच रहे थे कि मूर्ख एक अंगूठी के लिए इतनी दूर तक चले गए हैं। पता नहीं उस लड़की के साथ क्या करेंगे और मैं वापस आ गया। शायद उस लड़की ने कई अंगूठियां पहनी होंगी। इसलिए यहां पर यह अंगूठी रह गई होगी जिस पर इन मूर्खों की नजर नहीं पड़ी। इसी कारण से अब मैं अपने पास रख लूंगा और इसे बेचूंगा तो बहुत पैसा मिलेगा वह चुपचाप घर पर वापस आ गए वह! जब वापस आ रहे थे तभी उन्हें कुछ आवाज सुनाई दी। वह आवाज अजीब सी थी समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसी आवाज है वह घर पहुंचे तो? पहले? बड़े भाई की पत्नी यानी उनकी भाभी जी ने कहा चप्पल बाहर उतार दो और पैर धुल लो। और सामने! जो दिया बाहर रखा है उसे उठाकर अंदर लेकर आओ उन्होंने वैसा ही किया। तब उन्होंने कहा, ऐसा आपने क्यों करवाया तो उन्होंने कहा कि नवरात्रि में माता जी की कृपा से कोई बुरी शक्ति हमारे घर नही आ पायेगी वैसे भी यह गांव तो चुड़ैलों का गांव बोला जाता है। इसलिए मैंने तुम्हें यह कार्य करने को कहा है। अब ऐसा करो कि दीपक को मंदिर में रख दो माता को प्रणाम करो और मैं तुम्हारे लिए खाना निकालती हूं। वह उनकी बात को समझ चुके थे। उन्होंने जाकर मंदिर में जो घर का होता है, माता को प्रणाम किया दीपक रखा और फिर। खाना परोसा ही जा रहा था था कि दरवाजे पर दस्तक हुई।
उन्होंने कहा कि रुकिए भाभी मैं दरवाजा खोलता हूं। उन्होंने दरवाजा खोला तो वही खूबसूरत सफेद रंग के वस्त्र पहने हुए लड़की सामने खड़ी थी जो इन्हें देख कर मुस्कुरा रही थी। इसके आगे की घटना में आपको अगले पत्र में लिखकर भेजूंगा। गुरु जी कृपया इसे अवश्य प्रकाशित कीजिएगा। यह सत्य घटना हमारे गांव की है और पूरी दुनिया तक मैं यह घटना को पहुंचाना चाहता हूं। आपका विशेष रूप से धन्यवाद। इन्होंने चुड़ैल गांव की एक सच्ची घटना के विषय में बताया है। आगे इनके पत्र को पढेगे और जानेंगे अगले भाग के बारे में तो अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें शेयर मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।