नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं एक अत्यंत ही शक्तिशाली वीर साधना । यह एक शक्तिशाली वीर की साधना हैं इनका मुकाबला कोई भी नहीं कर सकता । वैसे तो कोई भी शक्ति जिसके हम साधना करते हैं वह शक्तिशाली होती ही है जितने भी वीर है उन सबकी अलग-अलग शक्तियां हैं । नवरात्रि में इनकी साधना विशेष फलदाई होती है वीरों की संख्या 52 बताई गई है। जो पृथ्वीराज रासो के रचनाकार चंद्रवरदायी थे उन्होंने अपनी रचना में बताया है कि वीरों की संख्या 52 होती है।
वीरो को भैरवी का अनुयाई या फिर भैरव जी कहा जाता है । यह देव और धर्म की रक्षा करने वाले होते हैं यह सब माता कालिका के दूत है । उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान आदि प्रदेशों में इनके मंदिर भी स्थापित हैं । राजस्थान में जाहरवीर तेजा वीर की अलग ढंग से बातें बताई जाती है ।कहते हैं वीर साधना एक बंद कमरे में या श्मशान में या फिर ऐसे उजाड़ स्थान में करनी चाहिए जहां को आता-जाता ना हो । साधना के समय एक ऐसा समय आता है जब काली के दूत सामने आकर डराने की कोशिश करते हैं पर डरना नहीं चाहिए । इस साधना को निर्विघ्नं होकर करना चाहिए मैं आपको एक की विधि बता रहा हूं –
सबसे पहले आपको एक ऐसे मंदिर या फिर किसी ऐसी जगह का चुनाव करना होगा जहां पर वर्षों से कोई भी मनुष्य आता या जाता ना हो, एक ऐसा देव मंदिर जहां कई सालों से पूजा ना करी गई हो या फिर कोई ऐसा पहाड़ ऐसा कोई जंगल, ऐसी कोई गुफा वो जहां कोई सालों से आता जाता ना हो साधना से 1 दिन पहले ही आप वहां जाकर धूप दीप नैवैद से उनकी पूजा करें और उनसे प्रार्थना करें कि मैं 41 दिन तक आपकी कृपा प्राप्त के लिए आज से पूजा और साधना करूंगा, इसके लिए मुझे अनुमति प्रदान करें ।
अगले दिन रात को 12:00 बजे जाकर देवता का उत्तम चीजों से पूजन करें और उनके मूल मंत्र से उनकी पूजा करें और अंत में कवच का पाठ करें और अपने घर को आ जाएं नित्य अपनी सुरक्षा के लिए अपने कुलदेवी देवता, गणेश भगवान और गुरु कवच का पाठ करें । यह आपको 41 दिन तक करना है मध्यकालीन रात्रि इसके लिए उपयुक्त मानी गई है । इस 41 दिन की साधना को बहुत कठिन माना जाता है । इस साधना के बीच ने आपके सामने अनेकों विघ्न उत्पन्न होंगे जैसे कि आप देवता के पास पहुंच ना सके मार्ग में ही आपको खतरनाक सांप परेशान करेगा, कभी आपको भयानक पक्षी रोकेगा या फिर आपके पीछे कोई चुडैल पड जाएगी। इन समस्त परीक्षाओं को पार करने के बाद ही आपको सफलता की प्राप्ति होती है ।
इस साधना में साधक कों क्या मिलेगा यह देवता का निर्भर करता है । इस साधना में आपको अलौकिक दिव्य अनुभूतियां होती है इस साधना को योग्य साधक को ही करना चाहिए । इसके लिए आपके पास एक उचित मार्ग दर्शक गुरु होना भी अनिवार्य है । जो नाहर सिंह वीर हैं वह भूत प्रेत आदि समस्त बाधाओं का निवारण करने में उपयुक्त माने जाते हैं इनके लिए यह चुटकीयो का खेल है। सिद्ध होने के बाद वीर साक्षात प्रकट होकर आपकी आज्ञा का पालन करेगा । यह साधना हिमांचल और हिमाचल प्रदेश से सटे हुए पंजाब में प्रचलित है । यही सिद्ध वीर बाबा बालक नाथ के दरवाजे पर पहरा भी देते हैं । नाहर सिंह वीर के साधना के बाद मनुष्य बड़े से बड़े समस्याओं या कार्यों का समाधान निकालने में सक्षम हो जाता है इस साधना के लिए आपको मध्यकालीन रात्रि में जाना है । आप 11 बजे रात्री का समय मान सकते हैं और तीन -चार बजे तक आप साधना को संपन्न कर सकते हैं इनकी साधना का मंत्र इस प्रकार से है ।
मँत्रः वीर दा वीर बाबा बड़भाग सिंह दा वजीर हाजिर हो मेरे नाहर सिंह वीर।।
तो यह मंत्र है आपको इसी का जाप करना है । आपको इसी मंत्र का 41 दिन तक 41 माला जाप करना है। आखरी दिन यह आपके सामने प्रकट हो जाएगा । हां इसमें यह जरूर ध्यान रखना है कि आपकी साधना को रोकने की यह पूरी कोशिश करेगा आपको इसमें डरना नहीं है और इस साधना को छोड़ना नहीं है । आप इसके लिए योग्य गुरु का मार्गदर्शन ले सकते हैं तो इस प्रकार आपकी साधना सफल हो जाएगी । इसको करके आप अपना भला और साथ ही साथ जनकल्याण की भावना से लोगों का भला करें । अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो धन्यवाद।।।