मनुष्य की यही वास्तविकता होती है की संभोग के दौरान उसे कुछ भी नजर नहीं आता है यह बात डायन जानती थी इसलिए काम की इतनी तीव्र अवस्था के दौरान ही अपने शिकार का वध करती थी ताकि उसके मन में यह
भावना ना आए कि मैं अपनी इच्छा से शरीर नहीं त्याग रहा हूं और उसके जाल में फंस जाए इस प्रकार पहले पुरुष की बली होने की वजह से उसके पास वशीकरण की बहुत ही तीव्र शक्तिशाली पिशाचनी प्रकट हुई, उसने उस डायन से कहा अब से मैं आपकी गुलाम हूं जो भी आज्ञा हो मुझे दीजिएगा, पहले पुरुष के रूप में आपने मुझे सिद्ध किया है जल्दी ही 9 पुरुषों को सिद्ध करके आप इस क्षेत्र की रानी बन जाइए और अपनी सेवा का अवसर प्रदान कीजिए ऐसा सुनने पर बहुत ही खुश होकर डायन ने कहां आज से तू मेरी सेना की सेनापति होगी l
मैं जिस पर मैं नजर डालूंगी उसे तू वशीभूत कर लेना और संभोग के दौरान ऐसी सुख अवस्था उसके मन में पैदा करना की वह जरा भी ना नहीं कर पाए और मैं उसकी गर्दन उड़ा सकू, इस प्रकार से अगले दिन सुबह जब उस व्यक्ति की मौत की खबर लोगों को आई तो लोग भौचक्के रहे गए वह सोचने लगे की आखिर इस व्यक्ति की मौत क्यों हो गई है, बहुत ही ज्यादा सब लोग इस बारे में विचार करने लगे, लेकिन क्योंकि कई लोग वचन दे चुके थे और उसने भी बताया की कल खाई में मेरा पति गिर गया था और पता नहीं कैसे वह खाई की तरफ चला गया था रात्रि के वक्त तो लोगों ने सोचा की जरूर कुछ ना कुछ इसके पीछे तंत्र-मंत्र का रहस्य है, लेकिन धन पैसा रूपया देखकर के लोगों के मन का लालच जाने को तैयार नहीं था अगले पुरुष ने अब उसको प्रस्ताव रखा की वह 2 दिन बाद उससे शादी करेगा और उसे कुछ नही होगा उसने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और अब इन दोनों की विवाह की तैयारी होने लगी।
अब वीरू अपने गांव जाने के लिए चलने वाला था, इससे पहले भी वहां उनके गांव में एक घटना घटित हुई की वहां पर एक डायन जो अद्भुत तंत्र की शक्तियों में पारंगत होती चली जा रही थी उसने मारण क्रियाओं द्वारा अद्भुत शक्तियां पैदा करने की चेष्टा की उसने सोचा की मैं ऐसी ऐसी अद्भुत शक्तियां
अपने अंदर पैदा कर लूं l उसके लिए उसने सबसे मैली विद्या का प्रयोग किया इस मैली विद्या में, यानी की किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए उसकी बलि देनी होती थी इससे बहुत ही ताकतवर शक्तियों की प्राप्ति डायन को होती थी उसने यही करने की सोची और वहां चली आई उसने पहले ही एक व्यक्ति को सबसे पहले अपने जाल में फंसा करके और गांव वालों की मर्जी के
आधार पर उसने विवाह किया और उसके बाद संभोग रत होते समय उसकी गर्दन को काट दिया और गांव वालों में प्रचार किया की मेरा पति जीवित नहीं रह पाता है मैं उसी को अपना पति बनाऊंगी जो मेरा पति जीवित रह जाएगा
और फिर मैं उसे सारा राज्य सौप दूंगी क्योंकि लालच बुरी बला होती है इस वजह से सभी गांव वाले इस बात के लिए तैयार हो गए थे । दूसरे व्यक्ति से जब उसने आंखों ही आंखों में बात की तो वो बहुत खुश हुआ उसने सोचा की अब मैं तो राजा जरूर बन जाऊंगा और भला ऐसी कौन सी ताकत है जो मुझे मार देगी तो उसने डायन से विवाह कर लिया विवाह की रात आने पर जैसे ही सुहागरात शुरू होने को हुई उसने एक विशेष तरह का नारियल पानी अभिमंत्रित कर पी लिया क्योंकि उसे मालूम था की अगर कोई तंत्र मंत्र की कोई चीज़ या वस्तु होगी तो मुझ पर असर नहीं कर पाएगी यह देखकर डायन घबरा गई, डायन ने सोचा की अब मैं इसे मार नहीं पाऊंगी क्योंकि जैसे ही मारने चलूंगी यह तुरंत ही पिये हुए पानी की वजह से मेरे राज़ को जान जाएगा इसलिए मुझे कुछ और ही करना होगा तभी उसने पहले आदमी को जिसको उसने मारा था वो प्रेत बन चुका था उसे बुलाया और उससे पूछा की बता मैं अब क्या करूं
तो प्रेत बोला इसने अभिमंत्रित जल पिया हुआ है इसलिए तुझे इसका वशीकरण करना होगा मेरे वध से जो पिशाचिनी तेरे पास प्रकट हो गई थी उसी
पिशाचिनी को अब तू अपने इस वशीकरण प्रयोग के लिए प्रयोग कर और जिससे यह तेरे वशीभूत हो जाएगा और संभोग के दौरान केवल शारीरिक सुख के अलावा और कुछ भी नहीं सोच पाएगा और तब तू उसकी गर्दन काट देना खुश होकर डायन ने अपनी पिशाचिनी को अपने मंत्रों के द्वारा प्रकट किया और उससे पूछा पिशाचनी सामने प्रकट होकर बोली, मैं पहली बली से प्रकट हुई थी इसलिए बता क्या कार्य है मेरे लिए ? तो डायन ने कहा की आज जो मेरा पति बना है इसने अभिमंत्रित जल पिया हुआ है किसी भी तरह से ऐसा कर की ये मेरे वशीभूत हो जाए और मैं संभोग के दौरान इसका वध कर सकूं उसकी गर्दन काट कर के चढ़ा सकूं और अपनी शक्तियों को बढ़ा सकूं, फिर
पिशाचनी ने कहा ठीक है मैं तेरा कार्य कर दूंगी पिशाचिनी तुरंत ही उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाती है मस्तिष्क में एक भाव पैदा करती है उसे बहुत जोर जोर से पेशाब लगती है, वह बार बार पेशाब लगाने की कोशिश करती है इसकी वजह से पेशाब के द्वारा अभिमंत्रित जल का पानी पिया था वह सब पेशाब के द्वारा निकल गया, अब पिशाचनी उससे कहती है की मैंने तेरा कार्य कर दिया है उसका अभिमंत्रित किया हुआ जल उसके शरीर से बाहर निकल चुका है चाहो तो मैं उसके शरीर में जा सकती हूं और पूरी तरह से उसके शरीर को कामातुर कर सकती हूँ पिशाचनी की बात को सुनकर डायन
बहुत ही जोर मुस्कुराई और उसने कहा ठीक है जाओ तुरंत उसके शरीर में प्रवेश कर जाओ और उसके यौन अंग में अपनी शक्तियों को बढ़ा दो जैसे ही वो शक्ति उसके अंदर प्रवेश करी तो बहुत ही तीव्रता के साथ वह काम आतुर हो गया और इस बात को सोचने लगा की आज तो मेरी सुहागरात है मैं तुरंत ही अपनी पत्नी को प्राप्त करूंगा और वहां जाकर उसने तुरंत ही प्रणय निवेदन करना शुरू कर दिया डायन भी पहले से ही खुश थी डायन ने लाल वस्त्र धारण किए और बड़ी सुंदरी रूप में उसके सामने आ गई । संभोग के दौरान उसे कोई होश नहीं रहा वह आनंद में कुछ भी नही जान पा रहा था, उसी समय उसने अपने चाकू और लंबी सी तलवार निकाली और उसकी गर्दन को अलग कर दिया इस प्रकार दूसरा व्यक्ति भी मारा गया, शक ना हो इसलिए वह एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गई और गांव वाले वहां इकट्ठा होने लगे गांव वालों ने सोचा की ऐसा क्या हो गया है रात्रि में की सुंदर राजकुमारी पेड़ के नीचे बैठी हुई रो रही है, गांव वाले लोग उसके पास पहुंच गए और जाकर के पूछने लगे बताओ राजकुमारी जी आखिर रात को ऐसा क्या हो गया की आप रो रही हैं, आपने तो कल विवाह किया था, उसने कहा देखा मैंने कहा था ना मेरे भाग्य में पति का सुख नहीं है मैं बहुत ही ज्यादा परेशान हूं तो गांव वाले लोगो
ने पूछा की हमारा वह आदमी आखिर है कहां ? उसने कहा वह रात को ही चला गया और कहने लगा मैं साधु होने जा रहा हूं मुझे तुम्हारे रूप से कोई मतलब नहीं है और यह कहते हुए निकल गया पता नहीं मेरा कैसा दुर्भाग्य है की शादी होने के बाद में उसे सन्यास लेने की सूझी और यहाँ से चला गया उसने उसके पैरों के निशान दिखाते हुए कहा की देखिए वह पश्चिम दिशा की ओर चला गया है और कोई उसे ढूंढ कर लाए नहीं तो मेरी जिंदगी तो बर्बाद है लोग कहने लगे वास्तव में इसके साथ अजीब बात हो रही है की बार-बार यह
कोशिश करती है विवाह भी करती है लेकिन उसका पति या तो मर जाता है या इसको छोड़कर सन्यास ले लेता है यह सब क्या हो रहा है इसके पीछे क्या हो सकता है । लेकिन तब भी डाकिनी ने भूत प्रेत जो उसके वश में थे उनको जो साथी सहेलियों के रूप में बना रखा था उन सब के द्वारा गांव में चांदी बंटवा दी, चांदी के सिक्के काफी मात्रा में प्रत्येक गांव वाले को दिए गए इसलिए
क्योंकि रानी वहां रुकी हुई थी और वह अपनी प्रजा को सुख पूर्वक देखना चाहती थी, जनता फिर से प्रभावित हो गई और सोचने लगी की आखिर ऐसा कौन है जो इस से शादी करें तो वो राजा बनेगा बल्कि इतनी अच्छी पत्नी को
प्राप्त करेगा की जीवन उसका धन्य हो जाएगा जो ऐसे ही चांदी के सिक्के लोगों में लुटा रही है वह कितनी अच्छी रानी हो सकती है पर पता नहीं ऐसा उसके भाग्य के साथ क्यों है की इसका पति उसे छोड़ जाता है या मारा जाता है । एक बार फिर से लोगों के मन में भाव आया की किसी ना किसी व्यक्ति
को इसके लिए बुलाना तो पड़ेगा ही तभी गांव में एक गूंगा व्यक्ति रहता था उसको बुला लिया गया उससे कहा गया की जाओ और तुम रानी से विवाह करो जिसपर वो गूंगा व्यक्ति भी बड़ा खुश हो गया वैसे भी उससे कोई स्त्री शादी ही नहीं करती अब उसकी शादी राजकुमारी से होने जा रही थी वह भी बड़ा खुशी खुशी तैयार हो गया और गांव वालों को यह था की किसी तरह से रानी की कृपा हम पर बनी रहे और इस का विवाह संपन्न हो जाए साथ ही साथ हमको धन और इसी प्रकार की…..आगे की कथा भाग 3 मे