हम लोग जानते हैं कि जो गुर्दे की पथरी होती है। जिसको हम किडनी स्टोन के नाम से जानते हैं। एक प्रकार से नमक और मिनरल्स की बनी हुई फोर्स जमावट कहलाती है। यह इतनी बड़ी हो सकती है जैसे कि एक छोटा राई का दाना और एक बड़ी गेंद जो कि क्रिकेट में इस्तेमाल की जाती है। यह आपकी गुर्दे में रह सकती है और पेशाब का जो रास्ता होता है उससे बाहर निकल सकती है। यह अवरुद्ध भी उत्पन्न करती हैं। किडनी स्टोन की समस्या से चिकित्सकों का विशेष रूप से बहुत ज्यादा सामना होता रहता है। यह माना जाता है कि भारत में कुल आबादी के लगभग 12% मे मूत्र पथ की जो पथरी है उसमें समस्याएं आती हैं। इसमें 50% आबादी गुर्दे की समस्या लेकर जाती है। ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पर गुर्दे की पथरी की समस्या ना हो । यह कहा जाता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इसकी संभावना 3 गुना अधिक होती है। अभी जानते हैं कि पथरी कितने प्रकार की मानी गई है? ये चार प्रकार की कही जाती है इसमें कैल्शियम स्टोन। जिसके अंतर्गत कैलशियम ऑक्सलेट फास्फेट या मेलमेट से बने हो सकते हैं। जैसे आलू की चिप्स है। मूंगफली है चॉकलेट है पालक है चुकंदर में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है। जिससे कैल्शियम स्टॉल कभी-कभी बन जाता है। इसके अलावा यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone) स्टोन महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक होता है। इस प्रकार की पथरी अद्भुत बनती है जब मूत्र में एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है।यह किसी भी तरीके से बन सकती है। और इसमें यूरिन की मात्रा आहार मुद्रा जो है मूत्र है उसमें बढ़ाने की एक प्रकार से लक्षण होते हैं। एक पशु प्रोटीन के और मछली मांस वगैरह से भी बन सकती है। एक होती है स्ट्रूवाइट स्टोन (Struvite Stone) यह जो है गुर्दे के संक्रमण के लिए मौजूदा जिम्मेदार कारण होता है और यह बड़े हो जाते हैं काफी बड़े और महिलाओं में भी पाए जाते हैं। इसी तरह सिस्टीन स्टोन (Cystine Stone) हो जाता है। यह अनुवांशिक विकार के रूप में माना जाता है। और इसका जो रिसाव है किडनी में मूत्र से होता है।
अब लक्षण क्या-क्या है जिससे आपको पता लगे कि हां आपको किडनी की समस्या हो गई है या किडनी स्टोन की समस्या है? आपको अपने पेशाब की जो रास्ता है उसमें अलग-अलग लक्षण आते हैं। पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। दर्द अक्सर अचानक ही शुरू होता है और फिर समय के अनुसार तीव्र भी होता जाता है।लगातार दर्द होना दर्द के कुछ मिनट के बाद गायब हो जाना और फिर किसी भी समय वापस आ जाता है। दर्द मे उसमें उतार-चढ़ाव भी होता है, ज्यादा दर्द। जो गुर्दे की पथरी का दर्द होता है वह लगभग सुबह-सुबह ज्यादा होता है। क्योंकि आमतौर पर रात में या सुबह कम पेशाब लोग करते हैं और सुबह पेशाब की जो रास्ता होती है वहां वह जगह संकुचित हो जाती है। इसके अलावा जो सामान्य लक्षण हैं उनके बारे में बात करते हैं। आपकी पेशाब करते समय आपको दर्द होता है। आपके पेशाब की लाइन में यानी कि जहां से मूत्र आता है वहां खून होता है। खून आने की समस्या, मूत्र में धुंधलापन हो जाता है। पेशाब से आपको असामान्य गंध सी महसूस होती है। ज्यादा से ज्यादा पेशाब आने की समस्या होती है। बार-बार इच्छा होती कि मेरे को पेशाब लगी हुई है। लेकिन एक बार में थोड़ा सा ही मूत्र आता है।इसके अलावा बहुत सारे से लक्षण हैं जो इसके साथ में जुड़े होते हैं जिनसे मतली या उल्टी का होना। आपके शरीर को ठंड लगने जैसी समस्या होना। आपको बुखार हो जाना। इतना अधिक दर्द होना कि आप आराम से बैठ ना पाए ,खड़े हो ना पाए और ना ही लेट पाए। मूत्र में रक्त का आना पेशाब करते समय आपको कठिनाई हो जाना।
ज्वर या बुखार की उत्पत्ति भाग 1
इसके कारण क्या क्या है? कारणों की बात की जाए तो सबसे पहले अनुवांशिक कारण भी होता है। कहते हैं जिनको पहले से हो उनको बाद में उनके पुत्र और की आगे की परंपरा में यह हो सकता है। स्थान की वजह से भी आपको पथरी हो सकती है। आयुर्वेद में वर्णन है जहां पर काफी लोगों को पथरी है तो वहां पर आपको भी हो सकती है। क्योंकि वहां का जो एटमॉस्फेयर एक जैसा ही होता है। इसके अलावा तीसरा बड़ा कारण है। वह है आहार जो सबसे ज्यादा इन चीजों के लिए जिम्मेदार है । हमारा जो भोजन है आजकल, इसमें पशु प्रोटीन और नमक की उच्च मात्रा होती है तो किडनी स्टोन बन सकता है। इसके अलावा पानी की कम मात्रा लेना शरीर में। जो अन्य पदार्थ हैं वह आपके पेशाब में या उसके रास्ते पर किडनी बनाने की अधिक जोखिम भरा बना सकते हैं। दवाएं, इसका बहुत बड़ा कारण होती है। ज्यादा कैल्शियम वाले एंटासिड लेने वाले लोगों के मूत्र में कैल्शियम का स्तर ज्यादा हो जाता है जिससे भी पथरी बन जाती है विटामिन ए, विटामिन डी से भी कैल्शियम शरीर में बढ़ जाता है। इससे भी कभी-कभी आपके किडनी बन जाती है। इसके अलावा कुछ पहले की बीमारियां होती हैं। जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis), रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस (renal tubular acidosis) और इंफ्लेमेट्री बाउल रोग (inflammatory bowel disease)। जिसकी वजह से ऐसा होता है।
अब जोखिम क्या-क्या है? इसमें यह जान लेते हैं कहते हैं 30 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों को गुर्दे की पथरी होने की संभावना बहुत ही ज्यादा होती है। जिन भी महिलाओं का एस्ट्रोजन स्तर यानी कि जिन महिलाओं के अंडे से निकले हुए हैं उन्हें भी गुर्दे की पथरी होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। अगर आपके परिवार में किसी को गुर्दे की पथरी है तो आपको भी पथरी होने की संभावना बहुत ज्यादा है। इसके अलावा निर्जलीकरण – ज्यादातर लोग कम पानी पीते हैं। उनके शरीर में भी इसकी संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। पानी अत्यधिक मात्रा में पीना चाहिए। मोटापा इसकी विशेष समस्या है शरीर जब मोटा हो जाता है, इसकी वजह से भी। जो रास्ते हैं वह फैलते हैं यह सिकुड़ जाते हैं उन जगहों मे वहां पर किडनी ठहर सकती है। उच्च प्रोटीन नमक ग्लूकोस वाले आहार है उनके सेवन से बचना चाहिए। हाइपर थायराइड अगर है आपको तो फिर आपके रक्त प्रवाह में पैरा थायराइड हार्मोन का ज्यादा हो जाना इस चीज को बनाता है इसकी वजह से आपका स्टोन बन जाता है। गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी में भी कारण उत्पन्न हो सकता है जिसकी वजह से यह चीज बन सकती है। कैल्शियम के अवशोषण को बनाने वाले इन्फ्लेमेट्री बाउल रोग होते हैं वह भी आपको इस चीज में बाधा देते हैं, कई तरह की एक दबाएं होती हैं, जो दौरे के दौरान, जैसे दौरा पड़ता है दौरों को रोकने वाली दवाएं। और कैल्शियम आधारित जो भी एंटासिड होते हैं वह भी आपके शरीर के अंदर इसको बनाने में समस्या पैदा कर सकते हैं l कई लोगों जो कि रोज दूध पीते हैं उनको भी यह समस्या हो सकती है। तो इसके आगे के बारे में हम लोग अगले भाग में जानेंगे किस प्रकार से हम किडनी स्टोन से अपने शरीर का बचाव कर सकते हैं? साधारण प्राकृतिक विधि के द्वारा और साथ ही साथ डॉक्टर्स के हेल्प के माध्यम से।