नमस्कार गुरु जी मैंने आपको तीसरे भाग में बताया कि मैं इस मायाजाल को समझ नहीं पा रहा था कि आखिर कोई चीज सत्य में घटित हो रही है अथवा यह एक भ्रम है। लेकिन मेरी साधना करने के पीछे का उद्देश्य और धन की प्राप्ति था
अब मुझे! शारीरिक! सुख तो रोजाना मिल रहा था, लेकिन मुझे धन की प्राप्ति करनी थी। इसलिए आज मैंने निर्णय ले लिया। चाहे यह सत्य में घटित हो रहा हो या फिर मेरे खुद के मन के विचार पर मैं अपने हृदय की बात इस पिशाचिनी को अवश्य ही बताऊंगा। इसीलिए उस रात जब वह आई तब मैं अपने होश में नहीं था। फिर भी एक बात अच्छी तरह मुझे याद थी कि मुझे आज उससे क्या कहना है? वह मेरे साथ भोग क्रिया में जैसे ही तल्लीन होने लगी। मैंने उससे कहा, यह तो हम रोज करते हैं किंतु मनुष्य जीवन में धन की प्राप्ति बहुत बड़ा प्रश्न है और मैं चाहता हूं कि तुम मुझे धन की प्राप्ति करवाओ। चाहे धन कहां से कैसे और किस तरह मिले इस से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मुझे धन चाहिए ताकि जीवन की सारी सुख सुविधाएं मैं हासिल कर पाऊं। गुरुजी तब उसने मुस्कुराते हुए कहा देखो, मैं तो यह नहीं कर सकती, लेकिन मैं एक सखी तुम्हें भेट कर सकती हूं, जिसकी साधना करके तुम्हारे धन संबंधी विभिन्न प्रकार की परेशानियां खुद ब खुद ही नष्ट हो जाएंगी। तब मैंने उससे पूछा। आप मुझे क्या करने के लिए कह रही हैं तब उसने कहा, अब मेरी बात ध्यान से सुनो!
मेरे तुम्हारे शरीर से आनंद प्राप्त करने के कुछ देर बाद ही तुम अब उठना और यहां के पास में जिस जगह एक श्मशान स्थित है वहां पर जाना और वहां पर रात्रि के समय जो भी तुम्हें दिखाई दे उसकी पूजा करना। और उसके आगे अंडा और शराब रखकर। वहां अगरबत्ती जलाकर मैं तुम्हें जो गोपनीय मंत्र बता रही हूं, उसका रात भर जाप करना। इससे वह शक्ति सिद्ध हो जाएगी और तुम्हें विभिन्न प्रकार के फायदे करवा देगी। क्योंकि यह धन से संबंधित शक्ति है। इसलिए तुम्हें धन अवश्य ही प्राप्त होगा। तब मैंने उससे पूछा कि क्या आप स्वयं धन देने में सक्षम नहीं है तब उसने कहा शक्ति जिस रूप में कार्य करना एक बार शुरु कर देती है। उसकी क्षमता उसी कार्य में अधिक रहती है। मेरी क्षमता तुम्हें शारीरिक सुख देने में ही पूरी तरह है और मैं एक पिशाचीनी हूं। मैं कोई देवी नहीं हूं जो सारी शक्तियां और हर प्रकार की मनोकामना तुम्हारी पूरी कर सकूं लेकिन क्योंकि तुम मेरे प्रियतम हो, इसलिए मैं तुम्हारी इस मनोकामना को पूरा करने का मार्ग बता रही हूं।
सोने के लिए चला गया जब मैं सोकर उठा तभी मैंने देखा मेरे सामने एक भयानक स्वरूप वाली जिसके मुंह में मांस और खून लगा था जो नीचे टपक रहा था। इतने भयानक रूप में एक चुड़ैल सी औरत खड़ी थी। और वह कहने लगी। मुझे मेरा वह भोग आज नहीं देगा क्या? मैं उसे देखकर डर गया तभी वह जोर से कूदी और मेरे हाथों को दबा दिया। मैं बिस्तर से हिल भी नहीं पा रहा था। मेरे चेहरे पर अपना चेहरा सटाकर वह ऐसे ऊपर आ गई थी कि मैं हिल भी नहीं सकता था। इसके बाद आगे क्या हुआ गुरुजी अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा? मैंने अपने इस अनुभव को कुछ भी नहीं छुपाया है और एक-एक घटना को वास्तविकता के साथ बताया है। गुरु जी अपना आशीर्वाद बनाए रखें धन्यवाद!
संदेश-तो देखिए यहां पर इनके साथ इस साधना के दौरान उन्होंने दूसरी साधना भी सिद्ध करने की कोशिश की है। अगले भाग में जानेंगे आगे क्या घटित हुआ था तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।