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पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 4

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 4

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग पोस्टमार्टम वाली खूबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना के चौथे भाग के विषय में जानकारी हासिल करेंगे। पढ़ते हैं इनके पत्र को गुरुजी जब अपने अधिकारी को इस प्रकार गायब हुआ देखा तो सारे लोग चिंतित होने लगे। इधर-उधर लगभग उनकी पूरी फौज को दौड़ाया गया। लेकिन कोई भी उन्हें ढूंढ नहीं पा रहा था। ऐसे में अब समस्या यह थी कि बिना बड़े अधिकारी के क्या किया जाए इधर कमांड को। यह संदेश भेज दिया गया कि सैनिकों की आवश्यकता है। कारण बड़ा अधिकारी दिखाई नहीं दे रहा है। उसके साथ एक सैनिक भी गायब है यह बात! वहां जब भेजी गई तो अंग्रेजों ने और भी अधिक पुलिस वालों को वहां बुला लिया ताकि पूरे जंगल में अच्छी प्रकार से खोजबीन की जा सके। यह कोई साधारण घटना बिल्कुल नहीं थी।

अभी तक किसी भी अंग्रेज को छूने की हिम्मत कोई भारतीय नहीं कर पाया था। लेकिन यहां पर तो अंग्रेजों के उस वक्त के सबसे बड़े अधिकारी को इस प्रकार गायब होते देख बड़ी हलचल मच गई थी। मेरे दादाजी ने अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी को कहा, अब मुझे लगता है कमांड आपको अपने हाथ में ले लेनी चाहिए क्योंकि अंग्रेज अधिकारी के बाद आप ही यहां पर सबसे ज्यादा सीनियर अधिकारी हैं। इसलिए आप ही अब आगे का मार्ग सबको दिखाइए। अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी भी चिंतित था। उसने सभी पुलिस वालों को एक साथ इकट्ठा होने के लिए कह दिया। और सभी उसके सामने थे तब उसने कहा, हमारे बड़े अधिकारी गायब हैं इसलिए अब सारी पावर मेरे ही हाथ में है। मैं अब जो कहूंगा आप सभी को मानना होगा इसलिए मैंने अपने असिस्टेंट से चर्चा की है। तो हम लोग? 4-4 के दल में अलग-अलग दिशाओं में ढूंढने के लिए निकलेंगे। ऐसा इसलिए ताकि! एक के साथ एक व्यक्ति जब रहेगा। तो कोई उसे नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। अगर एक एक आदमी अलग अलग ढूंढने लगा तो किसी के साथ भी कुछ भी बुरा हो सकता है। इन सब बातों को बताने का उद्देश्य यही था। की समझदारी से ही खोजबीन की जाय। दादाजी ने अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी को कहा। कि आप अपना रक्षा कवच? किसी भी हालत में टूटने मत दीजिएगा। मैं भी इस बात का ख्याल रखूंगा। यह क्षेत्र पूरी तरह आदिवासी लोगों से भरा हुआ है।

उस वक्त छत्तीसगढ़ के उस इलाके में।

जन सामान्य जल्दी नहीं जाता था क्योंकि एक तो जंगल ऊपर से इतने बड़े रास्तों की कमी घना जंगल जहां आप कभी भी भटक सकते हैं।

इसीलिए उन्होंने! अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी और दो अन्य सैनिकों के साथ पूर्व दिशा की ओर जाने का निर्णय लिया। कुछ दूर जाने के बाद अचानक से उन्हें एक चीज महसूस हुई। उन्होंने ध्यान दिया कि यहां के कुछ पेड़ बिल्कुल भी नहीं हिल रहे हैं उन्होंने!

अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी को बुलाया और कहा।

सर एक बात आप यहां गौर से देखिए। यहां पर जो भी पेड़ लगे हुए हैं, उन के पत्ते बिल्कुल भी नहीं हिल रहे हैं। सामान्य रूप से ऐसा नहीं होता है। क्योंकि जो भी पेड़ होगा उसके पत्तों में हवा लगने से वह जरूर हिलता है। यह बात अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी ने भी महसूस की और कहा, तुम्हारा कहना बिल्कुल सत्य है। तो क्या यह कोई? अद्भुत जगह है या फिर कुछ? विशेष तरह का तंत्र है। तब मेरे दादा ने कहा, निश्चित रूप से यह तंत्र ही है अन्यथा हमें जो दिखाई दे रहा है, वह वैसा नहीं हो सकता यह केवल दृष्टिभ्रम पैदा किया गया है।

यह क्षेत्र ही वह! उसी के चारों तरफ सैनिक दिलवा दीजिए और जिस भी पेड़। के पत्ते नहीं खेल रहे हैं। हम सारे सैनिक एक घेरा बनाकर उस स्थान को घेर लेते हैं ताकि हम अच्छी प्रकार से यहां खोजबीन कर पाए। मुझे लगता है। सारा राज यही मौजूद है और यह दृष्टिभ्रम केवल माया के कारण फैलाया गया है। निश्चित रूप से यह बात सुनने में अजीब लगती। लेकिन यह तो सच में घटित हो रहा था। इसलिए मेरे दादा जी के कहने पर अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी ने तुरंत ही सभी सैनिकों को वहां बुला लिया। इधर से एक कमांड और भी आ गई थी तो इस वक्त लगभग 100 से ज्यादा पुलिस वाले मौजूद थे। सब ने उस क्षेत्र को धीरे-धीरे चारों तरफ से घेर लिया। और जहां के पत्ते हिल रहे थे।

उनके आगे जो भी पेड़ मौजूद थे जिनके पत्ते नहीं हिल रहे थे एक गोल घेरे में ।

पुलिस वालों ने उसे घेर लिया था। अब सब ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया। और धीरे-धीरे बीच की जगह में अंदर प्रवेश करने लगे। और? तब पहली बार तंत्र की शक्ति का एक नजारा जो देखने में आया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। बीच में पड़ने वाले उन पेड़ों! जिनके पत्ते नहीं खेल रहे थे। पेड़ों के बीच से हम ऐसे निकल रहे थे जैसे कि वहां पेड़ थे ही नहीं। दादाजी ने अंग्रेज अधिकारी को कहा देखा आपने। मैंने आपको बताया था ना कि यह कोई साधारण बात बिल्कुल भी नहीं है। यह अद्भुत बात है। इसका रहस्य अद्भुत है। जल्दी ही हम उस जगह तक पहुंच जाएंगे और उस गोल घेरे मे अब वह जगह फंस कर आने वाली थी कि तभी वहां पर वही लड़की स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी। वह भी उसी प्रकार ध्यान की मुद्रा में जैसे बैठते हैं, वैसे ही बैठे हुए थी।

कुछ बुदबुदा रही थी। उसकी आवाज थोड़ी-थोड़ी आ रही थी। यह वही लड़की थी जिसका पोस्टमार्टम!

उस रात को किया गया था। अब हम लोग उस तक पहुंचने ही वाले थे।

तभी वह एकदम से खड़ी हो गई। जितने भी लोग वहां पर मौजूद थे, सारे के सारे बहुत ज्यादा घबरा गए क्योंकि ऐसा तो संभव ही नहीं था। यह देखने में अजीब था। बहुत बड़ी मुसीबत, क्योंकि अभी तक किसी ने भी मरी हुई लड़की को जिंदा होते नहीं देखा था पर यह तो यहां पर जिंदा थी। और? जो उसकी कमर का क्षेत्र था, वह पूरा नीला था। बाकी शरीर ऊपर और घुटनों से नीचे गोरे रंग का था। ऐसा क्या हुआ था?

अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी ने मेरे दादा जी से पूछा, यह सब क्या है तब दादाजी ने कहा, मुझे लगता है। इसके ऊपर जो तंत्र प्रयोग किया गया था, उसके बीज का असर हो रहा है। यह धीरे-धीरे पूरी तरह बदलने वाली है। इसके शरीर के बीच का भाग नीला पड़ चुका है और यह निश्चित रूप से कोई शक्तिशाली चुड़ैल में बदल रही है।

कि तभी उसने एक तरफ उंगली उठाकर इशारा किया। उसकी उंगली जिधर की तरफ उसने इशारा किया था। अद्भुत एक और दृश्य देखने को मिला। कुछ ही दूरी पर एक आदमी चुपचाप झाड़ी के पीछे बैठा हुआ। वहां से गुजरने वाली तीन चार लड़कियों का जैसे इंतजार कर रहा हो, उसके हाथ में चाकू था। हम सभी ने उस दृश्य को वहां पर देखा। वह जगह वहां से लगभग 6 किलोमीटर दूर होगी, लेकिन नजर ऐसे आ रही थी जैसे कि हमारी आंखों के सामने वह जगह हो शायद यह लड़की कोई इशारा कर रही थी। तब? हमने देखा उसने एक दम से। हमला किया। तीन लड़कियों को उसने भाग जाने दिया और एक लड़की को। बेहोश कर अपने कंधे पर उठाकर जंगल में जाने लगा और एक जगह! जहां पर घास के बीच में। बड़ी बड़ी झाड़ियां की उसके अंदर चला गया।

तब मेरे दादाजी ने कहा, यह लड़की इशारा कर रही है। यह कोई व्यक्ति है जो लड़कियों का अपहरण करके उनके साथ बलात्कार करता है और फिर उन्हें मार देता है।

इसके बाद का जो दूसरा दृश्य था वह तो और भी ज्यादा आश्चर्यचकित था लड़की ने। फिर से अपनी उंगली उठाई। और अबकी बार जो देखा वह तो और भी विचित्र था। एक काले कपड़े पहने हुए व्यक्ति। अपने आगे!

हवन की विधि संपन्न कर रहा है। वह लगातार! आहुतियां डालता जा रहा है।

के तभी उसकी हवन में वही आदमी और लड़की दिखाई पड़ती है।

जिसकी वजह से वह बड़ा ही खुश होकर ठहाका मार के हंसने लगता है। और कहता है मेरी। अगली बलि भी आ गई, वाह कमाल हो गया और यह कहते हुए वह जोर-जोर से हंसने लगता है।

वह अपना हवन बीच में छोड़कर वहां से चलने लगता है।

यह सारा दृश्य वह! मरी हुई लड़की हमें दिखा रही थी। जैसे कि सामने कोई टेलीविजन आज के दौर में चलता है वैसा ही उन्हें सब कुछ स्पष्ट रूप से नजर आ रहा था।

तब सभी ने देखा। की?

उस व्यक्ति ने कुछ कुव़ारी लड़की के साथ बलात्कार किया और उसके बाद! उसने उसकी सांसे रोक दी।

उसके नाक और मुंह पर हाथ रखकर थोड़ी देर में ही उसको जान से मार दिया। और अब वह वहां से निकल गया। इधर यह तांत्रिक!

उस स्थान पर पहुंचा जहां पर वह लड़की मरी हुई पड़ी थी। अब उसे देखकर वह जोर जोर से हंसने लगा। उस मरी हुई लड़की को उसने उठा लिया और अपने!

कंधे में डाल कर वापस! अपनी उसी जगह! आने लगा जिस जगह पर वह अभी तक कोई तांत्रिक साधना हवन के माध्यम से कर रहा था। उसने! उस लड़की की लाश को लाकर हवन के सामने रख दिया।

लड़की के कपड़े तो पहले से ही फटे हुए थे। उसने उसके सारे कपड़े उतार दिए। उसके बालों को पानी में डाल दिया एक बर्तन में।

बड़ी मात्रा में पानी था। उसने उसके बालों को पानी में डालकर अब उसकी नाभि पर एक मोमबत्ती जला दी। और? उस लड़की के चारों तरफ!

तेल के दीए जला लिए। उस मरी हुई लड़की जिसके साथ बलात्कार हुआ था उसके साथ अब वह एक अलग तरह की ही कोई तांत्रिक पूजा करने वाला था। यह बात बड़ी ही विचित्र थी लेकिन जब सारे दृश्य! सामने दिखाई पड़ रहे हो तो फिर उनसे हम कैसे मना कर सकते हैं?

यह लड़की जो कि मुस्लिम! व्यापारी की बेटी थी। सारे दृश्य एक टेलीविजन की तरह ही वहां पर। उन सारे पुलिस वालों के साथ में मेरे दादाजी और अंग्रेजी पोस्टमार्टम अधिकारी को दिखा रही थी।

यह सारी बातें। सच में बड़ी ही विचित्र थी। कोई सोच नहीं सकता कि ऐसा भी कुछ उन्हें देखने को मिल सकता है। अब!

उसने! उस! मरी हुई लड़की के।

पूरे शरीर को अच्छी प्रकार!

मलना से शुरू कर दिया। उसके पूरे शरीर को शुद्ध कर दिया और चारों तरफ अगरबत्ती, धूप, बत्ती इत्यादि जला दी। बस!

यही होने के तुरंत बाद अचानक से।

वह तांत्रिक एकदम से नीचे बैठकर चिल्लाने लगा। अरे मूर्ख तू क्या कर रही है आखिर उसने ऐसा क्यों कहा जानेंगे। हम लोग अगले भाग में तो अगर यह जानकारी और कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 5

 

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