भूतनी का जिंदा होना दूसरा अंतिम भाग
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। भूतनी का जिंदा होना यह दूसरा और अंतिम भाग है जो कि पत्र के माध्यम से प्राप्त हुआ है। तो आगे इस पत्र को पढ़ते हैं और जानते हैं कि इस भूतनी वाली कथा में उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ था? गुरु जी को सबसे पहले चरण स्पर्श मैं सभी दर्शकों को नमन करता हूं और अपना यह पत्र! लिखना शुरू करता हूं। गुरु जी आप जैसा कि मैंने बताया था कि उस व्यक्ति को उसके गुरु ने कहा कि किसी भी प्रकार से तुम्हें उसकी लाश प्राप्त करनी है, लेकिन उसकी कोशिशे पूरी नहीं हो पा रही थी। परिवार वालों को पता नहीं कहां से इस बात का शक हो गया था। इसलिए सभी ने उस लाश को उठाकर पास के ही श्मशान में ले जाकर जलाना उचित समझा। और उस स्त्री को क्योंकि वह एक सुहागन थी। सारे सज्जा और श्रृंगार के साथ में जलाने की तैयारी होने लगी। इसके बाद फिर उसे वहीं पर जला दिया गया। यह देखकर एक बार फिर से इस व्यक्ति का हृदय टूट गया। इसे अब कोई उम्मीद नहीं थी कि यह उसे वापस प्राप्त कर सकेगा। इसलिए अब वह दौड़ा-दौड़ा अपने गुरु के पास पहुंचा। उसने कहा गुरु जी आपने मुझे लाश चुराने के लिए कहा था। लेकिन मैं उस लाश को नहीं चुरा पाया। अब आप कोई दूसरा मार्ग बताइए क्योंकि अब तो शरीर भी नहीं रहा। तब गुरु ने कहा, ऐसा करो जाओ जैसे ही वहां से सारे लोग हट जाए तो उस चिता से कोई न कोई हड्डी निकाल कर ले आ जो पूरी तरह नहीं जली होगी। तेरा काम हो जाएगा। अब अपने गुरु से इस प्रकार वार्तालाप के बाद वह चल दिया। अब वहां से सभी लोग लगभग जा चुके थे। तब उसने उस चिता में जितनी भी राख और जली हुई चीजें मौजूद उन को हटाना शुरू कर दिया और फिर गुरु के बताए गए मंत्र को पढ़ते हुए उसमें से उसने उसकी एक हड्डी निकाल ली। और उस हड्डी को लेकर वह गुरु के पास आ गया। अब गुरु ने कहा, तूने एक बढ़िया काम किया है। अब ऐसा कर इसे नहला धुला कर साफ करके मेरे दिए हुए मंत्र विद्या का इस्तेमाल कर और फिर जलती हुई चिता पर जाकर रात्रि के समय तू इस साधना को कर। तब? गुरु की आज्ञा से उसने उस हड्डी को नहलाया धुलाया उसकी विधिवत पूजा की। उसके बाद गुरु ने एक अनुष्ठान बताया और वह मंत्रों का जाप किसी स्थान पर बैठकर करता रहा। हड्डी शायद उसके पास ही रहती थी तब इसी प्रकार कर लेने के बाद अब जब उसे पता चला कि शमशान में शाम के समय एक शव लाया गया है जो कि एक स्त्री का ही है, उसके पास जाकर वह किनारे खड़ा हो गया। रात्रि होने के कारण लोग वहां से जल्दी चले गए और फिर उसको पूरा मौका मिला। उस जलती हुई चिता पर मंत्र साधना करने का उस हड्डी की सहायता से गुरु द्वारा बताई गई विद्या के कारण उसके सामने एक विशेष अवसर था सिद्धि प्राप्त करने का और वह तैयार था। इस बात के लिए उसने अपने मंत्र पढ़ने शुरू किए। इसी प्रकार पूरी रात वह मंत्र जाप करता रहा और उस चिता पर कुछ मांस और शराब डालता रहा। सुबह के समय वह वहां पर लेटा हुआ पाया गया। तब उसके गुरु उसके पास आए। वहीं पर खड़े कुछ लोगों ने भी देखा तो तब वह अपने गुरु से चिल्लाकर बोल रहा था। मुझे वह वापस मिल गई है। मैंने उसके साथ कल पूरी रात बिताई। हमारी सुहागरात बहुत अच्छी हुई थी। आसपास खड़े लोगों ने यह बात सुनी और सारी बातें समझ गए। उसके गुरु ने कहा, तुझे उसकी सिद्धि प्राप्त हो चुकी है। इसलिए तू गांव से बाहर शमशान के पास कहीं अपनी कुटिया बना ले और वही बैठकर इस के मंत्रों का जाप किया कर तेरे साथ यह हमेशा रहेगी। उसके गुरु के माध्यम से लोगों को सारी बात पता चली क्योंकि उसके गुरु जो कि एक बंगाली तांत्रिक थे। उनको बहुत सारी बातें बता दिया करता था तो वह कहने लगा कि मेरे एक शिष्य ने अपनी प्रेमिका को भूतनी के रूप में प्राप्त कर लिया है। वह उसके साथ साक्षात रहती है। पूरी रात उसके साथ बिताती है। उसके लिए भोजन पानी सभी चीजों की व्यवस्था करती है। इसलिए उसे एक भूतनी की प्रत्यक्ष सिद्धि हो गई है। भूतनी जिंदा हो गई है। इस प्रकार वह भूतनी उसके साथ साक्षात रूप में रहने लग गए। लोगों को इस बात पर पूरा यकीन नहीं था। इसलिए एक बार एक व्यक्ति ने सोचा कि अगर इसके पास सिद्धि होगी तो अवश्य ही मेरी मदद कर सकता है तो एक व्यक्ति उससे मिलने के लिए उसकी कुटी पर गया। और तब जो देखने को मिला वह सच में एक अद्भुत चमत्कार था। गुरुजी वह व्यक्ति उस व्यक्ति के सामने जाकर बैठा और कहने लगा। गुरु जी मेरे परिवार में एक विवाद चल रहा है जिसमें कुछ पुराना सोना चांदी कहीं पर गड़ा हुआ है, लेकिन उसको प्राप्त करने के लिए सभी लोग प्रयास कर रहे हैं। तो आखिरकार बातचीत के बाद यह बंटवारा किया गया है कि अगर वस्तु किसी को मिलता है तो जिसको मिलेगा उसको तीन चौथाई भाग दिया जाएगा। बाकी लोगों को एक चौथाई भाग बांट दिया जाएगा। उसी सोना और चांदी को ढूंढना चाहता हूं क्योंकि वह हमारे ही परिवार के पूर्वज ने किसी गुप्त स्थान पर रख दिया था। तब यह व्यक्ति बोला, अच्छा तो तू इसलिए यहां पर आया है। चल ठीक है पहले अपनी भाभी के हाथ का बना कुछ खा ले और तब उसने अपने चूल्हे की तरफ इशारा करके कहा सुनो इसके लिए कुछ इसकी पसंद का दे दो और फिर उसके बाद जो हुआ उस व्यक्ति ने जो देखा उसने पूरे गांव में उसे बखान किया। क्योंकि उसकी मनपसंद भोजन के साथ और मिठाई से सजी हुई थाली अपने हाथ में लेते हुए उस व्यक्ति ने जब इस व्यक्ति को दिया तो वह सोचता रह गया कि गर्म खाना और मिठाई किस प्रकार से इसने हवा से पैदा कर दिया तब? इस व्यक्ति ने कहा, पहले अपनी भाभी को नमस्ते तो कर दो। उनका धन्यवाद तो कर दो पर उस व्यक्ति को तो वह स्त्री दिखाई ही नहीं दे रही थी। तब उसने हवा में ही चूल्हे की ओर हाथ जोड़कर कहा, भाभी जी आपने भोजन अच्छा बनाया है क्योंकि जैसा यह व्यक्ति कह रहा था। उसे वैसा ही करना था। तब इस व्यक्ति ने कहा, अच्छा आप अब इसे ही पूछ लो। अगर कहीं भोजन सामग्री प्राप्त करनी हो तो ऐसे प्राप्त कर ली जाती है। लेकिन सोना चांदी प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त किया जाए और यह कहकर वह हंसने लगा। इसने उस चूल्हे की ओर प्रणाम करते हुए कहा। भाभी मेरे घर में कहीं सोना चांदी छुपाया गया है। आप कृपया मेरी मदद कीजिए। मुझे बता दीजिए। वह कहां पर है? तब उस व्यक्ति ने एक चीज फिर से हवा में प्रकट की और कहा, तुम्हारी भाभी ने इस अंगूठी को पहनने के लिए कहा है। जाओ इसे पहनकर अपने घर में घूमो जहां पर भी यह अंगूठी चमकने लगेगी। ठीक उसी जगह पर तुम्हारा सोना गड़ा हुआ है। वह व्यक्ति घर आया और फिर उसने घर के सभी कोनों में घुमाया तभी एक दीवार पर वहां तेजी से अंगूठी चमकने लगी। दीवार को हल्का सा तोड़ा गया तो वहां पर पुराना सोना चांदी सब कुछ मिल गया। उसने यह बात पूरे गांव में फैला दी। और फिर इस व्यक्ति के पास बड़ी भीड़ जुटने लग गई। कुछ स्त्रियां अपना इलाज करवाने के लिए इसके पास आने लगी। लोगों का कहना है कि इसके कई स्त्रियों के साथ फिर गलत संबंध बन गए और इसी वजह से एक दिन यह अपनी कुटी में मरा हुआ पाया गया। इसके साथ क्या हुआ कोई नहीं जानता लेकिन इससे पहले की सारी घटनाएं लोगों ने खुद देखी थी। और सब जानते थे कि इसके पास कोई भूतनी है जो इसके सारे काम करती है। गुरु जी आप बताइए कि इस तरह की सिद्धि कैसे की जाती है? आपको प्रणाम और दर्शकों को शुभकामनाएं। संदेश-तो देखिए यहां पर उन्होंने जो भूतनी सिद्धि विधि बताई है। यह दुर्घटना में मरी हुई कोई नव विवाहित स्त्री को सिद्ध करने की विधि है जो भूतनी की रूप में सिद्ध की जाती है। लेकिन सार्वजनिक रूप से यहां पर मैं नहीं बता सकता। इसका पूरा एक विधान होता है और यह सब ऐसी शक्तियां हैं कि आप किसी दूसरी स्त्री से संबंध नहीं बना सकते हैं। अन्यथा वह किसी समय भी क्रोधित हो कर के आप का सर्वनाश कर सकती है जैसा कि उस व्यक्ति के साथ हुआ था। तो यह था आज का उनका अनुभव अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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