नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसे अनुभव को लेने जा रहे हैं जो कि एक भूतिया पेड़ से संबंधित है। ऐसा क्या है इस भूतिया पेड़ में और क्या है। इसकी कहानी आज के इस अनुभव के माध्यम से हम लोग जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं और पढ़ते हैं इसी में पत्र को।
प्रणाम गुरुजी और धर्म रहस्य की सभी दर्शकों को भी मेरा नमस्कार गुरु जी मैं आपका चैनल! 2019 से देख रहा हूं। तब से लेकर अब तक आपने बहुत सारे अनुभव प्रकाशित किए हैं। इसलिए मेरा भी मन हुआ कि मैं अपने गांव की एक भूतिया पेड़ के विषय में आपको बताऊं। हालांकि हमारा गांव जाना कभी-कभी होता है, लेकिन उस पेड़ से जुड़ी हुई जो भयानक बातें हैं, वह मैं आपको अनुभव के माध्यम से बताना चाहता हूं। आप इसे वीडियो बनाकर प्रकाशित करें। मुझे अच्छा लगेगा। तो गुरुजी देर न करते हुए अब मैं इस अनुभव पर आता हूं। गुरुजी! आज से लगभग 200 साल पहले जब इस पेड़ को लगाया गया होगा।
तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह पेड़ कितना खौफनाक और भूतिया हो जाएगा। सबसे पहले इसकी जो कहानी हमें प्राप्त होती है। इस प्रकार से है कुछ तांत्रिक और कुछ यहां पर निवास करने वाले कापालिक लोगों ने यहां पर कोई तंत्र सिद्धि की थी और उस तंत्र सिद्धि में उन्होंने कई स्त्रियों की बलि यहां पर दी थी। वह रात को ऐसी भयानक साधना करते थे जिसके बारे में सोचना भी कठिन है लेकिन जो लोग ऐसी तांत्रिक और तामसिक साधना को समझते हैं, वह यह बात जान सकते हैं कि यहां पर आखिर क्या हुआ होगा? वह भयानक तांत्रिक लोग स्त्रियों को वशीकरण कर लेते थे और वही स्त्री रात के समय इनके पास आ जाती थी। क्योंकि यह सारे के सारे तामसिक थे और इनकी सोच भी शायद अच्छी नहीं थी, इसलिए वह पहले ही स्त्रियों का भोग करते थे। उनके शरीर का शोषण करते थे और लगभग सुबह के वक्त उनकी बलि किसी तामसिक देवी को दे दी जाती थी। आपको यकीन नहीं होगा जहां पर तकरीबन 11 औरतों की बलि दी गई थी। लेकिन एक दिन गांव के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को यहां रात के वक्त आते हुए देख लिया। तो वह उसके पीछे पीछे आने लगा। जब वह यहां पहुंचा तो देखा उसकी पत्नी ने अपने सारे वस्त्र उतार कर सामने जाकर ऐसे बैठ गई जैसे पूरी तरह वह निर्लज्ज हो और उन साधुओं के पास जाकर सभी के मस्तक पर टीका करने लगी। टीका करने के बाद फिर उनके पास बैठ गई। उन्होंने उसके ऊपर विशेष तरह का जल छिड़का जिससे वह अपने बालों को खोल दी और अपने बालों को लहराने लगी। फिर इधर-उधर घुमाने लगी। जैसा कि हम लोग देखते हैं। उसके बाद फिर साधु उसके साथ शारीरिक शोषण करने लगे, पर वह कुछ भी नहीं बोल रही थी। यह देखकर वह गांव वाला व्यक्ति तेजी से वापस गांव की ओर दौड़ गया और थोड़ी देर बाद लगभग पूरे गांव को वहां लेकर आया। उसी वक्त गांव वाले जब पहुंचने ही वाले थे तब सब ने देखा उन्होंने उसका गला काट कर उस तामसिक देवी को चढाया था।
और एक विचित्र बात यह भी थी जब दीवार बनाई जा रही थी तो एक बार शाम हो गई। तो मजदूर थोड़ा काम कर ही रहे थे कि उन्होंने थोड़ा रात में भी काम किया।
तब जो मजदूर देर में वापस घर गए, उन्होंने देखा कि पेड़ के ऊपर कई सारी चुड़ैल है, बैठी हुई उन्हें बुला रही है। पर वह नहीं गए, लेकिन उन्होंने अपनी आंखों से वह दीवार गिरते हुए देखा जो बनाई गई थी शाम के बाद यानी कि यह बात पूरी तरह प्रसिद्ध हो चुकी थी। कि यह पेड़ पूरी तरह शापित है। और इसके पास जो भी जाएगा वह मारा जाएगा। दीवार भी जो रात को थोड़ी बनी वह गिर गई लेकिन दिन में बनी हुई दीवारें पूरी तरह सुरक्षित थी।
बाद में यह जगह इतनी ज्यादा भयानक हो गई। किसके पास लगभग 100 मीटर से भी अगर कोई व्यक्ति? इस पेड़ को देख लेता था तो उसके बाद वह वहीं पर गिरकर बेहोश हो जाता था। तब सारे गांव वालों ने एक दुर्गा माता के भक्त तांत्रिक को बुलाया था तब उसने कहा कि मैं जो प्रक्रिया करवा लूंगा, वह करनी होगी तो हमेशा के लिए यहां से हर व्यक्ति को मुक्ति मिल जाएगी। तो गांव वालों ने उनकी बात मान ली। उन्होंने एक कन्या गांव की चुनी और उसे कहा गया कि यह पूरी तरह निर्वस्त्र अवस्था में हाथ में मशाल लेकर उस पेड़ तक। सुबह के समय जाए जब ब्रह्म मुहूर्त होता है तब उस पेड़ में आग लगा दे।
तो निश्चित रूप से हमेशा के लिए यहां से आत्माओं का वास समाप्त हो जाएगा। तो 1 गांव की लड़की चुनी गई और वह ब्रह्म मुहूर्त में हाथ में जलती हुई मशाल लेकर उस पर तक गई और उसने पेट्रोल छिड़ककर पूरे पेड़ में आग लगा दी। इसके बाद वह वस्त्र पहन कर वापस गांव में आ गई।
वह पेड़ पूरी तरह जल गया। केवल उस जगह राख बची और उस रात को भी तांत्रिक के कहने पर गंगा नदी में विसर्जित कर दिया गया और इस प्रकार इस पूरे गांव को जलते हुए भयानक पेड़ से मुक्ति मिली। असल में तांत्रिक यह बात जानता था। कोई भी इस पेड़ का कुछ बिगाड़ नहीं सकता। लेकिन जिस प्रकार वह तांत्रिक लोग कुंवारी और निर्वस्त्र कन्या को देख कर उसे अपने पास अवश्य आने देंगे। लेकिन जैसे ही सुबह का प्रकाश पेड़ के ऊपर पड़ेगा, उनकी शक्तियां क्षीण हो जाएंगी और तब अगर पेड़ में आग लगा दी जाए तो हमेशा के लिए इस पेड़ से मुक्ति मिल जाएगी। इस प्रकार 11 आत्माओं के साथ उस भयानक तिलिस्मी पेड़ को भी मुक्ति मिल गई। गुरु जी यह एक सत्य घटना है जो हमारे गांव में प्रचलित थी जिसका विवरण मैंने आज आपको भेजा है। गुरुजी अगर पसंद आए तो इस कथा को अवश्य ही प्रकाशित करें। आपका धन्यवाद!