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भूतिया हवेली का जिन्न भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज का एक अनुभव भेजने वाली नीति रॉय हैं जो गोवा के पाली गांव से हैं जानते हैं इनके इस तरह के अनुभव को। जो इनके जीवन में घटित हुआ है।

पत्र – प्रणाम गुरुजी मेरा नाम नीति रॉय है। मैं गोवा के पाली नामक गांव में रहती हूं। मैं आपके चैनल से लगभग 2 साल से जुड़ी हुई हूं। आपकी हर वीडियो को सुना है। आपकी वीडियो देखकर मैं सिर्फ़ अपना मनोरंजन करती हूं। वैसे मैं बहुत बहादुर हूं। मुझे नहीं पता था कि जिंदगी में इतना बड़ा कुछ होगा। वैसे बचपन से मेरा भूत प्रेत जिन और इन साधनाओ में रुचि है। मुझे नहीं पता था कि किसी दिन मेरी सच में किसी जिन से मुलाकात होगी। गुरुजी बचपन से ही मुझे भूत प्रेत दिखाई देते हैं। उनके साथ कहने को मेरे बहुत सारे अनुभव हैं। बस जिन की थोड़ी सी जानकारी थी।

आज तक कीसी जिन से नहीं मिली थी। लेकिन आगे गुरु जी मैं थोड़ी क्यूरियस हूं। कुछ नया पता चलने पर उस चीज की डिटेल जानकारी निकालती रहती हूं। कुछ दोस्तों के साथ में श्मशान और क्रिस्चियन कब्रिस्तान में जा चुकी हूं। हम बस मजा लेते हैं और कुछ नहीं। हमारे गांव में एक कहानी बहुत प्रचलित है कि 100 साल पहले बहुत अमीर एक जमीदार रहता था। उसे एक बेटी थी जिसका नाम राधिका था। वह अपने पिता की बहुत लाडली थी। राधिका बहुत खूबसूरत थी उसकी मां बचपन मे चल बसी थी और यानी की मृत्यु को प्राप्त हो गई थी। जमीदार के पास बहुत बड़ी दो मंजिला हवेली थी। मैं आपको हवेली की फोटो भी भेज सकती हूं। वह हवेली बिल्कुल राजा महाराजाओं की तरह दिखती है। वह बिल्कुल भूतिया सी है। हवेली के पास रात में क्या दिन में भी लोग जाने से डरते हैं? उस जमीदार को साधनाओं का बड़ा शौक था। एक दिन उसने जिन की साधना की । लोगों का मानना था कि वह जिन्न बहुत ताकतवर था और उसका नाम रेहान था।

उस जमींदार ने रेहान को एक दिन अपनी हवेली पर बुलाया क्यों की बात कुछ ऐसी थी?

वह हमेशा उसे घर के बाहर ही बुलाता था। जब वह जा रहा था तब उसने राधिका को देखा और उसे उससे प्यार हुआ ऐसा लोग कहते हैं। फिर उसी रात को राधिका के पास आया और उससे दोस्ती कर ली। वह डरी नहीं, क्योंकि उसे पता था कि वह जिन है जो उसके पिता की मदद करता है, उससे दोस्ती कर वह बहुत खुश रहने लगी क्योंकि उसकी मां नहीं थी तो वह उदास रहती थी। पिता ने पूछा, लेकिन उससे कुछ भी नहीं बताया। गुरु जी ऐसा करते हुए लगभग 5 महीने हो गए। इनकी दोस्ती प्यार में कब बदल गई? फिर एक दिन राधिका की तबीयत खराब हो गई तो उसके पिता ने वेद को बुलाया। गुरुजी क्योंकि उस जमाने में डॉक्टर नहीं होते थे। वेद ने जांच की और बताया राधिका मां बनने वाली है। यह सुनकर सब हैरान हो गए।

वह कैसे मां बन सकती है फिर उस दिन उसके पिता ने उससे पूछा, यह सब कैसे हुआ तो उसने अपने और रेहान के प्यार के बारे में सब कुछ बता दिया। गुरुजी फिर उन्होंने सोचा कि अब इस मामले से बाहर निकलने के लिए उच्च तांत्रिक क्या अघोरी बाबा से मिलना पड़ेगा तभी रेहान उसके पास आया और उन सबके सामने गिड़गिड़ाने लगा कि उन दोनों को अलग ना किया जाए। उन्होंने उसे बहुत समझाया कि जिन और इंसान का कोई मेल नहीं है और तुम उसे छोड़ दो।

वह लड़की तुम्हारे लिए नहीं बनी है। तब गुरुजी वह बोला कि अब वह उसकी पत्नी है और उसके बच्चे की मां बनने वाली है। अगर आप ने हम दोनों को अलग करना चाहा तो मै राधिका को हमेशा हमेशा के लिए अपने साथ ले जाऊंगा। यह सुनकर जमीदार डर गया कि अब क्या किया जाए? अगले दिन उसका दोस्त आया और उसको सब बात बताई गुरुजी। फिर उसने सब सुन कर कहा कि तुम चिंता मत करो। तुम्हारी बेटी मेरी बेटी जैसी है। मैं एक अघोरी को जानता हूं। आज शाम हम उन्हें मिलते हैं। अब वही राधिका को बचा सकते हैं। तो उन्होंने कहा ठीक है जैसा तुम कहो यह सब सुनकर रेहान ने राधिका को बताया कि वह दोनों हमें अलग करना चाहते हैं।

यह सब जान करके वह बहुत नाराज हो गई। उसे रेहान चाहिए था। उसने उनसे बात की उन पर गुस्सा किया, लेकिन फिर भी वह नहीं माने उसे समझाया, लेकिन वह कहां समझने वाली थी?

फिर शाम हो गई। उसे उस अघोरी के पास ले जाया गया। फिर उसे अघोरी ने उसे अपने सामने बिठाया और अपना कुछ तंत्र मंत्र रेहान को पढ़ कर उसे बुला लिया और उससे पूछा राधिका को छोड़ने के लिए। लेकिन वह नहीं माना गुरुजी। उसने उस अघोरी से कहा कि वह राधिका की मुक्ति के बीच नहीं आएगा पर उसके बिना नहीं रह सकता है और कई जन्मों से उसके साथ है। कृपया हमें दोनो को अलग न करें। इस जन्म में जिन और इंसान तो क्या हुआ हमारा प्यार तो सच्चा है। मैं एक नेक और पाक जिन्न हूं। यह लड़की मेरे जन्मों-जन्मों का पुराना प्यार मुझे लगती है मेरा तो यहहै कि मैं कुछ कर लूंगा।

मैं अल्लाह की इबादत करता हूं।

लेकिन यह लड़की तुम्हें नहीं मिल सकती। यह इंसान है और तुम जिन इसे भूल जाओ अपनी दुनिया में लौट जाओ। गुरुजी उन अघोरी ने उसे बहुत समझाया लेकिन वो राधिका और उसके बच्चे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। फिर उस अघोरी को मजबूर होकर रेहान को दूर करना पड़ा। रेहान को दर्द होते देख राधिका से सहा नहीं गया और उसने अपने कपड़ों में छिपा चाकू निकालकर उन सब को धमकी दी। गुरुजी वह कहती कि रेहान को छोड़ो वरना वह अपनी जान दे देगी, लेकिन वह अघोरी अपना तंत्र मंत्र करता रहा वह रेहान के प्यार में। सच में पागल थी। उसने फिर से प्रयास किया, लेकिन वह अघोरी अपने मंत्र पढ़ता जा रहा था ।

यह देख उसे। बहुत जोर का गुस्सा आया और सच में चाकू अपने पेट में मारा। यह देख अघोरी रुक गया। रेहान उसके पास आया। उसका सिर अपनी गोद में लेकर बोला कि राधिका तू मुझे छोड़कर नहीं जा सकती। तुम्हारे बिना मैं नहीं रह सकता, लेकिन वह मर जाती है यह देख रेहान गुस्से में बेकाबू हो जाता है और वहां की सारी चीजें तोड़ने फ़ोड़ने लगता है। आखिर में अघोरी उसे उसी हवेली में बंद कर देता है वह कसम लेता है कि?

जिस जिस की वजह से उसका प्यार उसका बच्चा उससे दूर हो गया, वह किसी को भी नहीं छोड़ेगा। इस प्रकार!वह उस दिन बहुत ही गुस्से में था। फिर वह जमीदार भी दूसरे गांव चला गया और कभी वह या उसका रिश्तेदार उस जगह वापस नहीं आया।

यह मैं कहानी बचपन से सुनती आई हूं। लोगों का कहना है कि कभी-कभी उस हवेली में बहुत दूर तक किसी के चिल्लाने और रोने की आवाजें आती हैं। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि अंदर से किसी के पुकारने की आवाज आती है जैसे कि राधिका का नाम लेना।गुरु जी ऐसा लोग कहते है।

मैं बचपन से दिल्ली में अपने मामा के यहां रही हूं और वहीं मेरी पढ़ाई भी पूरी हुई, बहुत सालों बाद अपने गांव वापस आई थी। बचपन से यह स्टोरी सुन रही थी तो मैंने तय किया कि आखिर यह कहानी सच है या झूठ मैंने अपनी बड़ी बहन से पूछा। इस कहानी की सच्चाई क्या है, लेकिन वह हवेली के बारे में बात ही नहीं करना चाहती थी। इतना अधिक डर था उस हवेली का। फिर 1 दिन किसी ने बताया। तो मैं कुछ हवेली के लिए निकल ली फिर? उस हवेली के पास पहुंच कर अच्छे से मैंने जायजा लिया। करीब आधा घंटा वहां रूखी वहां ऐसी कोई बात नहीं हुई जिससे यकीन हो की है।

कहानी सच्ची है गुरु जी लेकिन पता नहीं उस हवेली के मुख्य दरवाजे पर बहुत सारे मंत्र और ताबीज बंधे थे। यह थोड़ा अजीब था। मेरे साथ मेरे मामा की लड़की आई थी। उसने बताया कि मैं उस हवेली के पास जा रही हूं तो उसने मुझे बहुत सुना दिया, लेकिन मैं कहां रुकने वाली थी। दूसरे दिन दोबारा गई दरवाजे के पास ,लेकिन कुछ नहीं हुआ। ना ही कोई आवाज आई ना ही कोई भूतिया चीज हुई। गुरु जी मैंने मन में सोचा की है कहानी गांव वालों के मनोरंजन के लिए बनाई गई है। मैं वही खड़े-खड़े जोर से चिल्लाई.. रेहान तुम! गलत हो?

इतना कहने के चिल्लाने लगी। गुरु जी आप मानोगे ही नहीं ऐसा लगा जैसे कि किसी ने राधिका कहा। उसी वक्त वहां जोर-जोर से हवाएं चलने लगी और यह माहौल थोड़ा अजीब लगा, गुरुजी इससे यह बात मै घर आई और रात को दीदी ने पूछा, उस हवेली के बारे में तो उन्होंने बताया कि वह हवेली मनहूस है। इसलिए लोग गलती से भी उस हवेली के पास से नहीं गुजरते हैं। मैंने उन बहुत सारे ताबीज और यंत्र के बारे में पूछा तो पता चला कि वह यंत्र और जो भी कुछ है वह सब रेहान को रोकने के लिए है और रेहान अभी भी वहां पर ही है।

उन्होंने पूछा यंत्र ताबीज के बारे में तुम्हें कैसे पता चला। मैंने मुंह बनाते हुए कहा कि बस लोगों से सुना है। गुरु जी दादी को भी नहीं पता चला लेकिन मामा जी की लड़की को पता नहीं। कैसे पता चल गया कि मैं वहां गई थी। मुझे उसने धमकी दी कि फिर गई तो पापा से शिकायत करूंगी। मैंने कहा ठीक है नहीं जाऊंगी। फिर क्या उसके जाने का इंतजार करना था। कुछ दिन बाद वह चली गई तब तक जिन के बारे में काफी कुछ पता कर चुकी थी।

गुरुजी मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है। उसका नाम राम है। वह दिल्ली में ही रहता है। यहां उसकी बुआ है तो उनके वहां वह आया था। उसके साथ में यह सब कुछ बातचीत की और तय किया कि वह दरवाजा हम लोग खोल देंगे।

आगे क्या हुआ गुरुजी मैं आपको अगले भाग में बताती हूं।

नमस्कार गुरु जी!

संदेश-आगे का भाग भेजेंगे और उसको मैं आप लोगों को सुना दूंगा आगे क्या घटित हुआ था इसके साथ ही वह फोटो भी अवश्य ही भेजें जिससे उस जगह के बारे में सबको पता चल सके ।

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भूतिया हवेली का जिन्न 2 अंतिम भाग

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