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महा स्वर्ण भैरवी साधना से लाखों रुपयों का हुआ फायदा

महा स्वर्ण भैरवी साधना से लाखों रुपयों का हुआ फायदा

नमस्कार दोस्तों, धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जिंस साधना का ज्ञान प्राप्त करने जा रहे हैं। इसे अनुभव के रूप में एक साधक ने भेजा है और उनके जीवन में कैसे धन की समस्या दूर हो गई, उसको हम लोग इस अनुभव के माध्यम से ही जाएंगे। कैसे देवी? के इस। स्वर्ण आकर्षण हेवी स्वरूप ने उनकी जिंदगी में आर्थिक परेशानियों को दूर कर दिया। तो चलिए पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को और जानते हैं इनके इस अनुभव के विषय में।

प्रणाम गुरूजी। मै विवेक गुड़ग्राम से सबसे पहले मैं आपको धन्यवाद कहता हूँ कि आपने अपने इंस्टामोजो स्टोर में इस साधना को उपलब्ध करवाया था। साधनाओं के क्षेत्र में थोड़ा बहुत ज्ञान मुझे पहले से है। लेकिन साधना करने के लिए मैं यूं ही तैयार नहीं होता। लेकिन आप ऐसी गोपनीय शक्ति यों के विषय में। बताते रहते हैं जिनका विवरण शायद ही कोई दे पाए। इसलिए मैंने आपकी यह साधना आपके इंस्टा मोजर स्टोर से खरीद ली थी। तब मैंने यह सोचा नहीं था कि देवी की कृपा से मेरे जीवन में। परेशानियाँ? ओर घर जा ये सब कुछ समाप्त हो जाएगा। गुरूजी यह बात पिछली गुप्त नवरात्रि से कुछ दिन पहले की है। मुझ पर ₹20,00,000 का कर्ज था। और इस कर्ज को हटाना मेरे लिए बहुत आवश्यक हो रहा था। ऐसे में मुझे कोई मार्ग दिखाई नहीं दिया। सरकार से और ज्यादा कर्ज, लू और लोगों का चुकता करूँ। यह भी मेरे लिए बहुत कठिन था। इसीलिए कुछ समझ में नहीं आ रहा था। क्या करूँ आपके धर्म रहस्य चैनल को देखा? उसमें आपने देवी स्वर्ण आकर्षण है। भैरवी के विषय में बताया था जो कि महा स्वर्ण भैरवी नाम से जानी जाती है। और गुप्त नवरात्रि में इनकी साधना से मनोकामना सिद्धि हो सकती है।

इसी कारण मैंने इस। पीडीएफ़ को आपके इंस्टामोजो से खरीद कर डाउनलोड कर लिया मोबाइल में। और फिर मैंने इसकी तैयारी की। इन सारी चीजों की व्यवस्था जैसा कि आपने उसमें बताया है। तो फिर मैंने अच्छी प्रकार के सुंदर पीले वस्त्र पहन लिए और गुप्त नवरात्रि से इस साधना को शुरू कर दिया। गुरूजी, मेरा बीमा का काम था। और मैं इन सब चीजों। मैं ज्यादा जानकार भी नहीं हूँ। क्योंकि कोई और काम जीवन में नहीं कर पाया। कुछ लोगों के भीमा करवा पाता था। उसी से घर का खर्च चलता था। ज्यादा मजबूत स्थिति नहीं थी। लेकिन परिवार में खाने पीने की कमी कोई समस्या नहीं रही। क्योंकि हमारे पास अच्छी खासी जमीनें और शहर में दो मकान है। जिनका किराया भी आता है। लेकिन फिर भी। कर्ज बढ़ रहा था। तब मैंने इस साधना को गुप्त नवरात्रि से आपकी बताई गई विधि के अनुसार ही करना शुरू कर दिया। आपने बताया था की 100% आर्थिक लाभ होता ही है। इसलिए मैंने यह साधना? गोपनीय विधि से घर के ही एक कमरे में करने के बारे में सोचा। मैंने। अपने परिवार और पत्नी को स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि इस कमरे में कोई नहीं आएगा। और मैं जो भी पूजा पाठ करता हूँ। वहाँ की साफ सफाई। पर सब चीजें मैं करूँगा। तब। मेरी पत्नी और परिवार के लोग मान गए थे क्योंकि मैं जो भी निर्णय लेता हूँ।

परिवार का बड़ा होने के कारण सभी मेरी बात मानते है। तब मैंने जब साधना का तीसरा यह चौथा दिन था। रात्रि के समय। अपने आगे से एक सोने के कुत्ते को। मेरे सामने से निकलता हुआ देखा। यह एक पहला और स्पष्ट अनुभव था। जिसके बारे में मैं आपको बता रहा हूँ। मैंने बिल्कुल अच्छी प्रकार से अपनी आंखो से केवल तीन सेकंड के लिए। एक कुत्ते को जो कि पूरा सोने का बना हुआ था गुजरते हुए देखा। तब मुझे इस बात पर पूरा विश्वास आया। की मेरी साधना सही दिशा की ओर जा रही है। और। अगर देवी की कृपा हुई। तो अवश्य ही मुझे लाभ प्राप्त होगा। इस प्रकार लगभग। गुप्त नवरात्रि की। सप्तमी का दिन था। और उस दिन। जब मैं रात को पूजा करने के बाद सो गया, अचानक से ऐसा लगा कि कमरे में। तेजप्रकाश हो गया है। लाइट बहुत तेज थी इसलिए मेरी आंखें खुल गई। तब मैंने अपनी आंखें खोलकर देखा। तो कमरे में पूरा अंधेरा था। मैं इस बात के लिए अद्भुत रूप से आश्चर्यचकित था। की इतनी तेज लाइट कैसे चली? जबकि पूरे कमरे में अंधेरा है। इस प्रकार मेरा वह दिन भी बीत गया। लगभग। साधना के कई दिन बीत चूके थे। और एक रात मेरी। पूरी परीक्षा होनी थी। और यह परीक्षा कुछ इस प्रकार से घटित हुई। जो आज भी मुझे अच्छी तरह याद है। गुरूजी? मैं अपनी साधना को पूरा करने के बाद। उसी कमरे में सोता था। और कोई उस कमरे में नहीं आता था। मेरी पत्नी भी नहीं। ब्रह्मचार्य का मैंने पूरा अच्छी प्रकार से पालन किया था। मानसिक रूप से भी मैं ब्रह्मचर्य को पूरी तरह धारणा करता था। तब अचानक से। मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई। मैंने उठकर दरवाज़ा खोला मेरी पत्नी। एक दम सज धजकर कमरे के अंदर आ गई। मैंने उससे कहा, मैंने तुम्हें मना किया था।

कि जब तक मेरी साधना चल रही है। तब तक इस कमरे में नहीं आना है। तब वह कहने लगी। बहुत दिन हो चूके हैं। आप की कमी मुझे खलती है। अगर आप इसी प्रकार साधु का जीवन जीने लगेंगे तो मेरा क्या होगा? इसीलिए मैं आज पूरी तरह। सज धजकर आपके पास आई हूँ। और आज मैं आपके साथ ही रहूंगी। तब मैंने उसे समझाया कि यह करना बहुत गलत है। क्योंकि कहीं तुम्हारी वजह से मेरा ब्रह्मचर्य नष्ट हो गया। तो मेरा क्या होगा? मेरी तो साधना भंग हो जाएगी। तब वह कहने लगी इसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं है। आप क्या करते है क्या नहीं करते हैं। यह देखना आपका काम है। पर मैं। आप की शपथ लेकर कहती हूँ, सुबह तक मैं यहाँ से नहीं जाने वाली। उसकी जिद इतनी ज्यादा थी कि मैं करता भी क्या? तो मैंने कहा ठीक है। कमरे में मेरे साथ लेट जाओ। और सो जाओ। मैं नहीं चाहता था कि हमारी आपस में लड़ाई हो। और इस लड़ाई की वजह से साधना भंग हो जाए। क्योंकि। जिसप्रकार। काम परीक्षा होती है, उसी तरह क्रोध की भी परीक्षा अवश्य की जाती है। इसलिए मैं उसकी बात मान गया। हम दोनों। एक ही जमीन पर बिछाए गए बिस्तर पेट लेट गए। कुछ देर बाद वह मेरे नजदीक आ गई। और मुझे उत्तेजित करने की कोशिश करने लगी। मैंने स्पष्ट रूप से उसे कहा। यह मत करो। यह करना बहुत गलत है।

तब वह रोते हुए कहने लगी। आपको कितने दिन हो चूके हैं? आपकी मेरे प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है क्या? तब वह कहने लगी। इसीलिए मैं यहाँ आ गई हूँ। आज आपके। और आप की साधना के बीच में मैं हूँ। अब आप या तो मुझे चुनें या अपनी साधना को। तब मैंने। उसे गले लगा लिया और कहा की शांत हो जाओ, रो मत। अभी जिंदगी में सबसे बड़ी समस्या आर्थिक समस्या है। इस को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए। मैं चाह करके भी तुम्हारे नजदीक नहीं आ सकता हूँ। तब। वह कहने लगी। ठीक है, आपकी यह इच्छा पूर्ण हो जाएगी। ओर जैसे ही उसने यह कहा। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया था, लेकिन। वह बाहों से ऐसे गायब हो गई जैसे कि। कोई भूत हो। मैं हड़बड़ाकर उठ गया। तब मुझे लगा शायद मैं स्वप्न देख रहा था। लेकिन यह स्वप्न इतना स्पष्ट था। जैसे कि सचमुच में घटित हुआ हो। मुझे फिर पूरी रात नींद ही नहीं आई। बार बार मैं यही सोचता रहा की यह सब क्या था? सुबह मैं अपने दरवाजे से बाहर निकला। उसे बंद किया। और जाकर सबसे पहले। अपनी पत्नी के पास पहुंचा। जो कि अभी सो ही रही थी। मैंने उसे उठाया। और उससे कहा तुम मेरे कमरे में रात्रि के समय क्यों आयी थी? तब उसने कहा।

नहीं, मैं तो कल रात पूरी रात यही सोई थी। हाँ, इतना जरूर है कि कल रात मैं यह सोच रही थी कि कहीं आप साधु तो नहीं बन जाएंगे? फिर मेरा क्या होगा? लेकिन मैं आपके कमरे में नहीं आई। मैं कल रात रोई भी थीं। की कहीं आप मुझे छोड़ तो नहीं देंगे? आप की साधना और आपके बीच में। मैं। तो नहीं आ रही हूँ जिसकी वजह से। सारी गड़बड़ी हो जाए। यही सोचकर मैं कल सो गई थी। तब मैंने उसे सारी बात बताई। यानी की। जो कुछ उसने सोचा वहीं आकर किसी ने उसी के रूप में मुझसे कहा। उसके मन की सारी इचछा। मुझे कल रात पता चली। यह कोई परीक्षा ही थी। जिसमे शायद मैं सफल रहा। क्योंकि मैंने धीरे धीरे वह अनुष्ठान जब पूरा कर लिया। और दशांश हवन भी कर लिया। उसी। दिन। एक बीमा संचालन व्यक्ति मुझसे आकर मिले। उन्होंने कहा कि किसी वजह से वह विदेश जा रहे हैं।

और उनके पास लगभग उन्हीं की कॉलोनी के। 40-42 लोगों का बीमा होना है। इसलिए जाइए और आप यह काम कीजिए। मुझे विदेश से वापस लौटने में लगभग 1 साल लगेगा, वहाँ कुछ काम है। उनकी बात मानकर मैं जब। उस पूरी कॉलोनी में। लोगों से बात किया। तो वह लगभग सभी तैयार ही थे। और इसी कारण मैंने सोचा था कि 40-42 लोग। बीमा करवाएंगे लेकिन। लगभग 111 लोगों ने उस पूरी कॉलोनी में मुझसे बीमा 3 दिन के भीतर करवा लिया। उस वजह से मेरी स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। हमारी आर्थिक स्थिति पूरी तरह ठीक हो चुकी है। और अब मुझ पर कोई कर्जा भी नहीं है, वह भी सारा हट गया है क्योंकि हमारा जो पुरानी जमीन थी वो अभी बिक गई है। जो विवाद में चल रही थी। तब मुझे समझ में आया कि सिद्धि जैसा आप बताते हैं, दो तरीके से कार्य करती है। एक में वह साक्षात आपसे सिद्ध हो जाती है।

वहीं दूसरी ओर वह अप्रत्यक्ष रूप से आपकी मदद करती हैं। बस आपका विश्वास। ओर धैर्य लगातार उस साधना की ओर बने रहना चाहिए। और आप से। जो भी। परीक्षाएं। ली जा रही है उन सभी में आपको सफल भी रहना चाहिए। गुरु जी आपको प्रणाम। भविष्य में मैं आप से गुरुदीक्षा भी अवश्य ही दूंगा। जै माँ पराशक्ति। तो देखिए यहाँ पर इनके जीवन में। महा स्वर्ण भैरवी। साधना से किस प्रकार परिवर्तन आ गया? स्वर्णाकर्षण भैरव की शक्ति मानी जाने वाली यह देवी ने उनकी पत्नी के स्वरूप में आकर परीक्षा भी ली। और इनका। कल्याण भी किया क्योंकि वह इसमें सफल रहे। साधना? अगर कोई व्यक्ति से करना चाहता है तो वो जो स्टोर से या साधना खरीद सकता है जिसका लिन्क मैंने किसी वीडियो के नीचे। डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दे दिया है। आप सभी का दिन मंगलमय हो, जय माँ पराशक्ति।

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