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माता के संग चलने वाली अत्यन्त गुप्त योगनी साधना अनुभव

माता के संग चलने वाली अत्यन्त गुप्त योगनी साधना अनुभव

जय हो मेरी मैया जगदंबा की जय माता कि  कृपया मेरी ईमेल आईडी गुप्त रखें  प्रणाम आपको भी मेरे महागुरु जी को मैं पाकिस्तान का रहने वाला हूं मैं आपसे अपने जीवन के कुछ माता जगदंबा की अनुभव शेयर करना चाहता हूं मेरे गुरुदेव भी आपके शिष्य हैं इसलिए मैंने आपको महागुरु शब्द से संबोधित किया स्वप्न के माध्यम से मुझे आपकी भी दर्शन हुए हैं मेरा यह अनुभव भेजने का उद्देश्य केवल इतना सा है कि जो लोग दुनियादारी के चीजों में लोग और मोह में फंसकर माता से दूर हो जाते हैं

 और माता के नाम पर लोगों को ठगते हैं भटकते हैं दयामय करुणा में माता का छोटा सा एक अनुभव आपके साथ बताना चाहता हूं ताकि आपके धर्म रहस्य चैनल के सभी सदस्य जो भी जुड़े हुए हैं आपसे उन सभी का भी ज्ञान बढ़ सके यह बात आज से लगभग कुछ साल पहले की है जब मेरे गुरुदेव ने मुझे मोहिनी योगिनी माता के साधना करने के लिए कहा था मेरी आपसे विनती है कि आप मोहिनी योगिनी देवी का नाम यहां पर सार्वजनिक ना करें केवल योगिनी माता ही कहकर संबोधित करें क्योंकि मुझे इसकी आज्ञा नहीं है केवल आपको यह पता पड़े इसलिए आपको बस इनका नाम बताया है जब उन्होंने मुझे इनकी साधना करने के लिए बोला था मेरे गुरुदेव ने तब शुरुआती दिनों में मुझे ज्यादा कुछ अनुभव नहीं होते थे पर मेरे साथ रहने वाले लोगों को अवश्य ही इसके अत्यंत ही विचित्र और अद्भुत माता के अनुभव होते थे मैं जय माता इतनी दयालु है इतनी कृपालु है कि इनका वर्णन करते-करते हमारे शब्द खत्म हो जाएंगे मेरे बड़े बेटे को एक बार मैंने इन्हीं योगिनी माता के नाम से प्रार्थना करके कहा कि है मैया मेरे पुत्र को आप कुछ अनुभव करवाइए वह मेरे सामने ही बैठा हुआ था और अचानक से ऐसा लगा उसको की कोई बहुत बड़ी विशालकाय माता प्रकट हुई हैं जो अत्यंत ही प्रकाशमान है जिनका स्वरूप पृथ्वी से लेकर आकाश जितना ऊंचा है उन्होंने मेरे बड़े लड़के को अपने हाथों में उठाया और पूरे आकाश मंडल को दिखाया
और बहुत सारे अद्भुत दर्शन करवाए पर मेरा बेटा काफी छोटा था और वह यह सब चीज देखकर काफी ज्यादा डर गया फिर मुझे लगा की जो मेरा बेटा है जो ध्यान में चला गया है उसको अवश्य ही डर लग रहा है इसलिए मैंने माता के मंत्र से जल अभिमंत्रित करके अपने बड़े लड़के के ऊपर झिड़का और उसका ध्यान टूट गया और वह मुझे बड़े ही विचित्र रूप से देख रहा था कभी वह मुझे देखा कभी आसमान की तरफ देखा और बोला पापा यह छत तो अभी फट गई थी यहां पर माता प्रकट हुई थी उन्होंने मुझे बहुत सारे लोगों के दर्शन करवा बहुत सारी चीज दिखाई ऐसा लग रहा था कि मैं आकाश के ऊपर चला गया हूं परंतु कुछ समय के बाद मेरा बड़ा लड़का यह सारी चीज भूलता चला गया यह सब माता की ही लीला थी मैं माता जगदंबा को रोज अपने घर में एक रोटी माता के नाम से उनके पास रखता हूं मैया को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के लिए तो मुझे इन्हीं योगिनी मैया का संदेश आया मन मैं कि तुम माता के लिए रखते हो रोटी मेरे लिए भी एक रोटी मुझे दो उसके बाद फिर मैंने एक रोटी योगिनी माता के नाम से छत पर दे दी उसके बाद मुझे बहुत आनंद आया परंतु मैं माता से बोला कि मैया मेरी नजर नहीं है जो मैं आपको रोज यह भेट दे सकूं रोटी की इसलिए माता एक ही बार दे रहा हूं इसे आप स्वीकार करो माता योगिनी देवी के बहुत सारे चमत्कार हैं मेरे जीवन में एक बार मेरा बड़ा लड़का मेरे पूजा वाले रूम के तरफ बैठकर लैपटॉप में अपना काम कर रहा था अचानक उसे लगा कि कमरे में बहुत तेज प्रकाश हो गया है मैंने अपने पूजा वाले रूम में माता के बैठने के लिए एक आसन बिछा रखा है
इस आसन पर उसे साक्षात योगिनी माता अपनी पूर्ण प्रत्यक्ष रूप में अद्भुत स्वरूप में दर्शन दिए जिसको देखकर मेरा बड़ा लड़का पूरी तरह से बहुत ज्यादा डर गए क्योंकि वह बहुत छोटा था और वह कमरे से चीखे मारते हुए बाहर निकाला और मेरे पास आए कि पापा पापा मंदिर में देखो क्या हो गया यह क्या चीज है कौन है यह फिर जब मैं मंदिर की तरफ गया तो मुझे सिर्फ शरीर के माध्यम से अपने आभास हुआ कि यहां कोई प्रचंड शक्ति खड़ी हुई है बहुत ही अद्भुत है उनका स्वरूप फिर उसके बाद जब मैं इन योगिनी माता की साधना करता था तो मुझे बहुत ही विचित्र प्रकार की आवाज आती थी आसमान में ऐसा लगता था कि गेट जैसी कुछ चीज दिखाई देती हैं फिर एक बार में अपने छत पर था वहां पर मेरा छोटा और बड़ा बेटा दोनों वहां पर आए मैं अपने हाथ में एक जल का पत्र लिया हुआ था वह जल का पत्र मैं अपने बेटे को पकड़ा दिया और बोला कि इस जल में देखने की कोशिश करो मैया तुम्हें कुछ चमत्कार दिखाएंगे उसके बाद फिर मैं मंत्र पढ़कर उसे जल पर फूंक मारी और वह जल बहुत तेजी तेजी घूमने लगा उस बर्तन में और बहुत तेज वाइब्रेशन होने लगी मेरे आस-पास रखें जो फूल के पौधे थे उसमें कलियां लगी हुई थी जो कि दूसरे दिन खिलने वाली थी परंतु इतनी तीव्रता से वहां पर ऊर्जा उत्पन्न हुई कि ऐसा लग रहा था कि उस प्रचंड उड़ उर्जा उन फूल पौधों को सतमभित कर दिया होगा उसके बाद इस जल के पात्र में योगिनी माता मेरे बेटे को सूक्ष्म रूप से जल के भीतर ले गई वहां उसने बहुत ही विभिन्न प्रकार के जीव जंतु और जल के अद्भुत रहस्य को दिखाऐ फिर उसके कुछ समय के पश्चात वह अपनी चेतना में वापस आया फिर उसने मुझे सारी बातें बताएं
कि पापा ऐसा ऐसा चीज हुआ था मेरी बचपन से इच्छा थी कि मैं माता जगदंबा की एक प्रतिमा बनाऊ  मेरे घर से 40 किलोमीटर दूर भगवान शिव का एक मंदिर था जहां पर भगवान शिव की केवल एक प्रतिमा थी मुझे घर में बैठे हुए   मेरे मन में यह ध्वनि आई महादेव जी की तरफ से कि यहां पर मेरा अकेले का स्वरूप है यहां पर मेरे साथ माता का भी स्वरूप होना चाहिए फिर मैंने उस मन्दिर को खोजने कि कोशिश कि फिर लोगो से पुछा तो पता पड़ा यह मन्दिर उन लोगों के ही गांव में है
गुरूजी मेरी दृष्टि नहीं है मैं देख नहीं सकता इसलिए आर्थिक रूप से मेरी स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए मैं मूर्ति बनाने में मैया की सक्षम नहीं था इस कारण से मैं योगिनी माता से ही अपनी यह प्रार्थना की उसके बाद फिर कुछ दिनों बाद मैंने अपनी अलमारी में अपने पर्स को देखा जिसमें पैसे थे भी नहीं फिर जब मैं अपने पर्स को खोलकर देखा तो उसमे तीस हजार रुपया थे आप सभी लोग यकीन नहीं मानोगे कि मैं हर जगह सिर्फ गाड़ी से ही जाने लगा कहीं पैदल नहीं जाता था और जब उन पैसों को गीना तो वह 1 लाख जितने थे और मुझे लग रथा था कि ये तीस हजार रूपए है उसके बाद मैंने एक मूर्तिकार से माता की मूर्ति बनाने के लिए उसको पैसे दिए और बताया कि माता की मूर्ति बना और मैंने उसे पैसे को खर्च किया पर वह पैसे खर्च ही नहीं होते थे मैं खर्च करते जाता था पर उसमें से पैसे कम नहीं होते थे फिर उसके कुछ समय बाद मैंने उसे पर्स को वैसे ही अपने अलमारी में रख दिया तो मुझे मेरे मन में फिर से ध्वनि आयी माता की तरफ से ईस पैसे जो है तुम्हारे पास इनका खर्च कर दो  बाइक ले लो जो तुम्हारे बेटे की ख्वाहिश है मेरी तरफ से ले लो वर्ना ये पैसे गायब हो जाएगे  पर घर  वाली ने नहीं लेने दिया ऊसके बाद उसमें से बीस हज़ार रुपए गायब हो गये और बचे दस हजार रुपए से मैंने माता और अपने लिए कुछ चीजें ले लिया  ईसे भी माता का चमत्कार समझाऊंगा
फिर मेरे बहनोई मेरे घर मेरे बेटे के लिए बाईक घर पर ही देकर गये उसके बाद माता की प्रतिमा मैंने बनवाने के लिए मूर्तिकार को दी थी वैसे उसे मूर्तिकार से एक गलती हो गई उसने माता की एक आंख छोटी ऊपर की तरफ देखते हुए और एक नीचे की तरफ देखते हुए बना दी परंतु फिर भी इस मंदिर में महादेव जी के साथ उनकी स्थापना करवा दी मैंने कुछ दिनों के बाद मुझे यह आभास हुआ की माता क्रोधित है और उन्होंने मुझे आभास करवाया कि उनकी प्रतिमा का वहां पर अपमान किया जा रहा है और वह अत्यंत ही उग्र है उन्होंने कहा कि अगर यह लोग ऐसा करना बंद नहीं करते तो इससे अच्छा है कि भगवान शिव की प्रतिमा के पास गड्ढा खोदकर मेरी मूर्ति को उसे गड्ढे में स्थापित कर दिया जाए उसके बाद मैं सुबह-सुबह पंडित को फोन किया उस मंदिर के पर मैंने उससे पूछा वहां सब कुछ ठीक है उसने बोला हां सब कुछ ठीक है तब मुझे बहुत तेज गुस्सा आया और मैंने उसे डांटते हुए पूछा कि तुम्हारे मंदिर में माता का अपमान हो रहा है अगर यह लोग नहीं सुधरेंगे तो सब का सर्वनाश हो जाएगा अगर तुम इस मंदिर में माता के अपमान होने से नहीं रोक सकते तो इससे अच्छा तुम माता की प्रतिमा को भगवान शिव की प्रतिमा के नीचे गड्ढा खोदकर विसर्जित कर दो फिर उसे पंडित ने क्षमा मांगी और उसने वचन दिया कि आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा इस मंदिर में मैं स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं वह मंदिर भी बहुत चमत्कारी मंदिर है एक बार पूरे शहर की बिजली चली गई थी वहां पर शिव बाबा और माता के उसे मंदिर में बलफ जलता ही रहा सारे शहर के लोग इकट्ठा हो गए थे
देखने के लिए कि ऐसा कैसे हो सकता है इस साधना में बिना प्रत्यक्षीकरण के ही मुझे मैं जो भी चीज मुख से कह देता था वह सब चीज होने लगता था  कुछ दिनों बाद मेरे घर में एक विचित्र चिड़िया आने लगी और मैं सो रहा था वो मेरे सर के पास एक चाभी फेंककर उड़ने लगी वह हमेशा मेरे मन्दिर में घूसने कि कोशिश में लगी मैं पुजा का रुम बंद कर दिया कुछ दिनो तक यह चिड़िया आती रही फिर मेरे लड़के ने उसको किनारे करनें के लिए डंडा फेंका पर गलती से वह चिड़िया को लग गया फिर वह दोबारा नहीं आई  शिव बाबा की सेवा से मुझे यूक्रेन में जो लड़ाई हुईं वह पहले ही ज्ञान प्राप्त हो गया था अगर शिव बाबा और माता कि आज्ञा हुई तो मैं अपको शिव जी कि साधना के अनुभव भी भेजूंगा कुछ कारणो वजह से यह साधना मुझे रोकनी पड़ी मैं अभी कुछ समय पहले यह साधना फिर से शुरू की थी परंतु पितृपक्ष आरंभ होने की वजह से मुझे यह साधना अभी रोकना पड़ रही है मैं आपसे मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहता हूं कि अगर आपके पास इनका पूर्ण विधान हो तो मुझे बताने की कृपा करें मैं इनका पूर्ण प्रत्यक्षीकरण करना चाहता हूं कृपया मेरी सहायता करें जिससे कि मैं इनका पूर्ण प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त करके अपना जीवन सफल बना सकूं लिखने में अगर कहीं कोई भूल हो गई हो तो क्षमा कीजिए और मार्गदर्शन करें धन्यवाद आपका जय हो मेरी मैया
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