यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव भाग 5
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव यह भाग 5 है। अभी तक आपने जाना की यक्षिणी अपने पूर्व जन्म के पति को प्राप्त करने की चेष्टा करती है। अब आगे के अनुभव को जानते हैं। गुरु जी इसके बाद अब तांत्रिक तेजी से दौड़ते हुए। नवीन वधु के घर की ओर जाने लगा। यह बात देखकर यक्षिणी भी अब चिंतित हो गई थी क्योंकि वह यह बात जानती थी। अगर इस तांत्रिक ने कोई गलती की तो अब तक किया गया। उसका सारा प्रयास ही नष्ट हो जाएगा। आखिर वह इसके लिए क्या करें लेकिन उसने भी यह बात हृदय में धारण कर रखी थी कि जब तक तांत्रिक कुछ गड़बड़ नहीं करता वह उसे दंडित नहीं कर सकती है। आखिरकार चलते हुए वह तांत्रिक उस नवेली वधू के घर पहुंच गया। और वहां पहुंच कर उसने नवेली वधू की सास से बात करने के लिए उसे बुलाया। और कहा कि आपसे मै एक विशेष विषय पर वार्तालाप करना चाहता हूं। कृपया अकेले में आकर मुझसे बात करें। तब उस? सासू मां ने कहा, ठीक है आप? बाहर आए और आपके साथ में शांतिपूर्वक किसी भी विषय पर जो आप जानना चाहते हैं, बात करूंगी और इस प्रकार सासू मां और तांत्रिक एक खुली जगह पर पहुंच गए उस तांत्रिक से वार्तालाप करने के लिए, तांत्रिक ने कहा आप अपनी बहू को कहां से ब्याह कर लाए हैं? तब उन्होंने सारी घटना का विवरण सुना दिया तब तांत्रिक ने कहा, आपको क्या ऐसा लगता है कि जिस लड़की के लिए आप लोग शादी करने गए थे, यह वही लड़की है अथवा यह कोई दूसरी है। तो अब सासू मां ने कहा। हमें यह तो विश्वास नहीं है कि यह वही लड़की है किंतु इस बात का विश्वास अवश्य है कि यह उससे कहीं ज्यादा बेहतर है। मैं इतने दिन इसके साथ रही हूं। किसी भी काम में यह कोताही नहीं बरती है और कार्यो को तेजी से संपादित करती है। परिवार और अपने सभी सगे संबंधियों का विशेष प्रकार से ख्याल रखती है। किसी को कोई परेशानी नहीं होने देती है। इतना ही नहीं जैसे एक लड़की अपनी मां का ख्याल रखती है। यह भी बिल्कुल वैसे ही मेरा ख्याल रखती है। कहीं कोई कमी मुझे इसमें अभी तक नजर नहीं आई है और सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ मेरा ही गांव नहीं बल्कि आसपास के कई गांवों तक इतनी सुंदर बहू किसी की भी नहीं है। इसीलिए मैंने इस विषय में ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं समझी। तब तांत्रिक कहने लगा। यह सब तो ठीक है पर आपको कभी अपनी इस बहू पर शक तो नहीं हुआ? आखिर इसके पास ऐसा क्या है जो सारे लोग इसके वशीकरण में आ गए हैं? तब सासु मां ने कहा, आप क्या कहना चाहते हैं तांत्रिक महोदय क्या मैं अपनी बहू पर बेमतलब शक करूं? क्योंकि मुझे तो इसमें कोई कमी दिखाई नहीं देती है। आप कह रहे हैं कि मैं इस पर शक करूं लेकिन किस लिए और क्या शक करूं? तब तांत्रिक कहने लगा ठीक है। आपको मेरी बातों पर विश्वास नहीं होगा। इसलिए अब यह आवश्यक हो जाता है कि मैं आपको सत्य से साक्षात अवगत करवाऊ। क्योंकि बिना इसके आप मेरी किसी भी बात का विश्वास नहीं करेंगी। यह तो मुझे अच्छी तरह पता चल चुका है पर आपके साथ में तर्क वितर्क भी नहीं कर सकता। वरना मैं ही झूठा साबित होऊंगा। इसलिए मैं आपको देवी मां की सिंदूर को भेट करता हूं। यह सिंदूर जो की देवी मां की पूजा से लिया गया है उसको आपको भेंट कर आपसे एक कार्य करवाता हूं। आशा है कि आप इतना तो मुझ पर विश्वास रखती होंगी कि मैं आपका और इस गांव के किसी भी व्यक्ति का बुरा नहीं चाहता। तब सासु मा ने कहा, ठीक है आप जो और जैसा मुझे कहेंगे, मैं वैसा कर लूंगी। तो तांत्रिक ने सिंदूर देकर सासू मां को तैयार कर लिया और एक विधि बताई कि उन्हें क्या करना है? अब सासू मां उस तांत्रिक से मिलकर वापस अपने घर लौट गई तभी उन्हें अपनी बहू सामने खड़ी दिखाई पड़ी और वह! सासू मां के पैर छूकर कहने लगी। मुझे इस तांत्रिक पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। यह मुझे कैसी निगाहों से देखता है? अगर कभी इस परिवार का बुरा हुआ तो इसका कारण यही तांत्रिक होगा। तब सासु मां कहने लगी, कोई बात नहीं। तुम्हें इन सब में पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। जाओ और परिवार के लिए भोजन बनाओ। इस प्रकार! वह नवेली बहू! घर के सारे सदस्यों के लिए खाना बनाने के लिए चली गई। अब मौका था। सासु मां को जो वह कुछ करना चाहती थी जो भी तांत्रिक ने बताया था उसकी उन्होंने पूरी तैयारी कर ली थी। वह अपनी बहू के कमरे में चली गई और उन्होंने उस बिस्तर पर जहां उनकी बहू लेटती थी। चादर के नीचे सिंदूर को अच्छी तरह से बिछा दिया। और वापस आकर बहू से कहने लगी की बहू मैं तुमसे एक विशेष बात कहना चाहती हूं। तब बहू ने पूछा, सासू मां बताइए और आज्ञा कीजिए। तो वह कहने लगी। आज इस कमरे में कोई चादर नहीं बदली जाएगी। जो जैसी लगी है वैसे ही लगी रहे उसे कोई हटाए नहीं, क्योंकि मैं एक विशेष तरह की पूजा कर रही हूं। इस पूजा में घर में हर कमरे में लगी हुई चादर वैसे ही रहनी चाहिए जैसे कि वह पहली बार बिछाई गई हो। उसे बदलना नहीं है ना पलटना है और ना ही हटाना है। तब नवीन वधू ने कहा। कि क्या हमें उस पर लेटना भी नहीं है तो वह हंसकर कहने लगी नहीं? मैंने सिर्फ चादर हटाने के लिए मना किया है बाकी उस पर तू सोना जरूर है ताकि विधान अच्छी तरह पूरा किया जा सके। इस प्रकार अब सासू मां अपने प्रयोजन में सफल हो चुकी थी। उन्होंने अपनी बहू से उस दिन का जो भी कार्य करवाना था करने के बाद कहा, अब जाओ और कमरे में जाकर विश्राम करो। इस प्रकार! अब वह नवीन वधू अपने कमरे में चली गई और जाकर आराम करने लगी। यह वही बिस्तर था जहां पर वह तांत्रिक सिंदूर चादर के नीचे फैलाया गया था। इस प्रकार नवेली वधू सोती रही। सुबह के समय कमरे का दरवाजा। स्वयं सासू मां ने अपनी बहू का खोला था। क्योंकि वह यह बात जानती थी कि आज तांत्रिक महोदय के कहे अनुसार स्वयं जाकर देखना होगा। तब उन्होंने जो नजारा देखा उसे देखकर वह अंदर तक कांप गई। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। यह क्या उनके सामने दृश्य है? वह दरवाजा चुपचाप बंद कर फिर दौड़ती हुई अपने लड़के के पास पहुंची और उससे कहने लगी कि? तांत्रिक महोदय, सत्य कह रहे थे मेरे घर में कोई बुरी शक्ति आ चुकी है चलो! जल्दी से चल कर देखो, तुम्हारे कमरे में कौन है? यह सुनकर लड़का कहने लगा। कि आप यह क्या बात कह रहे हैं मेरे कमरे में क्या है वहां तो मेरी पत्नी सो रही हैं? और आज आप इतनी जल्दी क्यों उठ गई हैं, मुझे तो काम था इसलिए मैं जल्दी उठ गया था। लेकिन आप इतनी सुबह उठकर मेरे कमरे में क्यों चली गई और क्या मेरी पत्नी आप के इस व्यवहार से जान गई है? तब सासू मां ने कहा, तुम मेरी बात नहीं समझे। मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं। तुम्हारे कमरे में एक अद्भुत आश्चर्य घटित हो गया है। तब उस लड़के ने कहा ठीक है। ऐसी क्या बात है जो आप मुझे दिखाना चाहते हैं जरा मैं भी तो देखूं? और इस प्रकार सासू मां और उनका लड़का उस स्थान पर पहुंच गए जो कि वही कमरा था जिस कमरे में बहू रहा करती थी। इस प्रकार दरवाजा खोला गया और तब वहां पर लड़के ने देखा और कहने लगा। क्या हुआ मां यहां तो सब कुछ सामान्य है? तभी। नवीन वधू! उनके सामने आकर उनके पैर छू ली और कहने लगी। मां आज आप इतनी जल्दी कैसे उठ गई? अब यह बात सासु मां को भी समझ में नहीं आ रहा था वह दौड़ती हुई। उस तांत्रिक के पास पहुंची। अब उन्होंने उस तांत्रिक से क्या कहा जानेंगे? अगले भाग में अगर यह कहानी आपको अच्छी लग रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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