यती भैरव रहस्य कथा और साधना भाग 1
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज कुछ नया रहस्य जानेंगे और समझेंगे। किस प्रकार से कुछ अत्यंत ही गोपनीय साधना रहस्य जीवन में आज भी छिपे हुए मौजूद है? और एक बार फिर से हम उन साधक महोदय के विचार जानेंगे जिन्होंने श्रीराम तारण योगिनी साधना भेजी थी। चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं। आज यह क्या नया ज्ञान हम लोगों को प्रदान करेंगे? ईमेल पत्र -नमस्कार मित्र मेरे पिछले पत्र को आपने ईमेल के माध्यम से सभी लोगों के लिए उपलब्ध करवाया। और? उसे सभी दर्शकों ने काफी अधिक पसंद किया है। ऐसी ही एक प्रसिद्ध घटना जो मेरे जीवन में घटित हुई और किस प्रकार वह साधना की जा सकती है। इस महान रहस्य से आज मैं आपको अवगत कराऊंगा। किंतु मैं क्योंकि साधनाओं के क्षेत्र में लगातार प्रयासरत हूं। इसलिए जानता हूं कि आप आने वाले कुछ दिनों में बिजी रहने वाले हैं। आपकी व्यस्तता बढ़ेगी। क्योंकि आप जिस असंभव कार्य को संभव करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, मेरी शक्तियों ने इसके बारे में जानकारी दे दी है। आप इस माह की 19 तारीख? 27-28 तारीख। और? अगले माह की 18 तारीख के बाद। यह बात सत्य है। आप के विषय में बहुत कुछ मुझे पता चल जाता है। इसीलिए आप पर विश्वास करते हुए एक और महान रहस्य से आज मैं पर्दा उठाऊंगा। जिन भी साधक सदस्यों को मेरे द्वारा साधना प्राप्त करने की इच्छा है उन्हें मैं बता दूं कि मैं किसी का गुरु नहीं बनना चाहता। इसलिए जो लोग मेरे द्वारा मंत्र सुनना चाहते हैं, मैं उनकी कोई सहायता नहीं करूंगा। यह बात में पहले ही स्पष्ट रूप से आपको बता चुका हूं। इसलिए वे सभी साधक! केवल ज्ञान प्राप्त करें और किसी योग्य गुरु के निर्देशन में ही साधनाएं करें। साधना क्षेत्र बहुत अधिक विशाल है। यहां पर आपको संयम रखना पड़ता है। जल्दबाजी में कोई साधना सिद्धि प्राप्त नहीं होती। इसलिए संयम रखते हुए लगातार कई वर्षों के प्रयास के बाद ही आपको सिद्धि मिलती है। क्योंकि यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है। अगर आप में संयम नहीं है तो फिर आप से कोई भी साधना सिद्ध नहीं होने वाली। इसके अलावा पूर्ण ब्रह्मचर्य रखते हुए अपने मन का शुद्धिकरण सबसे अधिक अनिवार्य है क्योंकि आपका शरीर आपके मन को दूषित कर देता है और मन भी शरीर को दूषित करके आप की साधनाएं भंग करवा देता है। इसलिए इन बातों से सावधान रहें। अब मैं मूल विषय पर आता हूं। आप लोगों ने यति के विषय में अवश्य ही। जानकारी प्राप्त की होगी इसे हिम मानव! गुप्त मानव। और अन्य विभिन्न प्रकार के नामों से जाना जाता है। कोई इसे हिमालय में रहने वाला विचित्र साधु। कोई जंगली मानव? हिममानव, आदमखोर, वनमानुष, कंचनजुंगा दानव। हिममानव इत्यादि बहुत सारे नामों से इसे जाना जाता है? पूरे संसार में इसके रहस्य का पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं, किंतु इससे न सिर्फ सामना किया गया बल्कि। इसके रहस्यों पर से भी पर्दा मैं आज आपके सामने उठा कर रहूंगा। यह घटना आज से 10 वर्ष पुरानी है। जब मैं साधना के क्षेत्र में और अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए हिमालय में विशेष स्थानों पर घूम रहा था। और मैं धीरे-धीरे नेपाल के नजदीक पहुंच गया। हिमालय और नेपाल का संबंध प्राचीन काल से ही रहा है। मेरा उद्देश्य था गुप्त साधनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त करना। क्योंकि सन्यास तो मैंने बहुत पहले ही ले लिया था। जब जीवन में कोई है ही नहीं और वास्तविक रहस्य मृत्यु ही है। इसी प्रेरणा से मैंने बहुत पहले ही सन्यास धारण कर लिया था। अब मेरा लक्ष्य था। उस दैवीय शक्ति के विभिन्न रूप और स्वरूपों को जानना। इसी प्रकार में एक बार। जम्मू ग्लेशियर के नजदीक एक स्थान पर। गया हुआ था। और? इस प्रकार मैं वहां से लौट कर जब वापस उत्तरी नेपाल के स्थानों में पहुंचा तब वहां एक व्यक्ति मेरे पास शाम को मिलने के लिए आया। उसका नाम नोरबू था। वह व्यक्ति बहुत ही अच्छा! ऊपर चढ़ने वाला व्यक्ति था यानी जो लोग हिमालय में चढ़ने का कार्य करते हैं। उन्हीं में से वह कोई व्यक्ति था। वह मेरे पास आकर बैठ गया और कहने लगा। इस एकल स्थान में बैठकर आप कोई पूजा या पाठ कर रहे हैं। तब मैंने उसे कहा, मेरा उद्देश्य गुप्त ज्ञान को प्राप्त करना है। इसीलिए मैं इस स्थान पर बैठकर। तांत्रिक साधनाएं करने की कोशिश करता हूं। जो कि मेरे गुरुदेव ने मुझे प्रदान की हुई है। और मैं गोपनीय रहस्य का पता लगाने की भी कोशिश कर रहा हूं। तब उसने कहा। आप जिस स्थान पर बैठे हैं यह स्थान विशेष रूप से एक शक्तिशाली जीव के लिए जाना जाता है। यहां पर उसके देखे जाने की बहुत सारी घटनाएं घटित हुई है और एक घटना में तो बहुत ही बुरी स्थिति हो गई थी। मैंने उससे पूछा। तुम किस विषय में बात कर रहे हो तब उसने कहा, यह स्थान येती का है और वह एक खतरनाक जीव होता है। जो मनुष्य की आंखें निकाल कर और उनकी जीभ। बाहर निकाल कर उन्हें मार डालता है। मैंने! जब उससे कहा, ऐसा तो कोई विवरण मुझे अभी तक नहीं मिला है तब उसने अपने साथ घटित हुई। घटना के विषय में बताया कि एक बार वह और उसकी बहन! दूर अपने मवेशियों को चराने के लिए निकल गए थे। तभी पीछे से अजीब तरह की एक गंध उन्हें महसूस हुई। उन्हें लगा कोई उनके पीछे है। तभी जब मैंने पीछे पलट के देखा तो एक विशालकाय भालू के शरीर जैसा लेकिन मानव के! चेहरे जैसा एक इंसान जिसकी लंबाई 8 फीट के करीब होगी। पास ही खड़ा दोनों को घूर रहा था। वह तेजी से हमारी ओर लपका। उसने एक पंजा मुझे और एक मेरी बहन को मारा हम दोनों दूर नीचे गिरते चले गए। क्योंकि बर्फ के कारण हमें चोट नहीं लगी, लेकिन काफी नीचे गिरने के बाद हम लोग बेहोश हो गए। लगभग 3- 4 घंटे बाद हम दोनों को होश आया। तब हमने ऊपर जाकर जो देखा, वह बहुत ही अधिक खतरनाक था। हमारे सारे मवेशी मारे गए थे। उनका शरीर फाड़ कर जैसे किसी ने उन्हें चीर दिया हो। यह बहुत ही अधिक खतरनाक बात थी। मैं किसी प्रकार से वहां से अपनी बहन को लेकर वापस आ गया। और देखा तो जहां पर हमारा घर था उसी के आसपास! मैंने बड़े-बड़े पैरों के निशान देखे। तो क्या वह मेरे घर के नजदीक भी आया था? उसके पैरों के निशान बहुत ही बड़े थे। तब मैंने उसकी यह बात सुनकर उससे कहा। इसका रहस्य क्या है? तो वह कहने लगा कि यहां रहने वाली वह कोई आत्मा है। जो किसी किसी को दिखती है। और वह इतनी शक्तिशाली है कि आज तक उसे कोई मार नहीं पाया। मेरा इस विषय में ध्यान अब केंद्रित हो गया था। इसलिए अब मुझे इस रहस्य को जानने की बड़ी ही तीव्र इच्छा हुई। इसके विषय में मैंने पहले पढ़ा था तो? अमेरिका और उन देशों में इसे बिगफूट! के नाम से जाना जाता था। यानी बड़े पैर वाला? लेकिन अभी तक किसी ने इसके विषय में कोई रहस्य नहीं पता कर पाया था। क्योंकि? कई लोग बड़े भालू जो कि सफेद रंग के होते हैं। उन्हें येती मानव समझ लिए होंगे। लेकिन कहानी इससे कहीं आगे थी। अब मेरा उद्देश्य था इस रहस्यमई आत्मा के विषय में ज्ञान प्राप्त करना। क्योंकि? उस नोरबू के कहे अनुसार! यह कोई जानवर नहीं था क्योंकि जानवर को भूख लगती है, प्यास लगती है। पर यह तो केवल अपने क्षेत्रों की रक्षा करते हैं। आखिर हिमालय की उन कंदराओ में उन रहस्यमय स्थान में जहां भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसा कोई जीव जिंदा कैसे रह सकता है? यानी क्या सच में यह कोई आत्मा थी? जिसे आज तक कोई जान नहीं पाया। लेकिन अगर वह आत्मा थी तो उसके पैरों के निशान इतने बड़े कैसे हैं? और वह आठ 9 फुट की ऊंचाई वाला जीव आखिर है क्या? इसलिए मैंने अब सोचा कि इसके लिए मुझे कोई साधना करनी होगी और उस साधना से इसके विषय में ज्ञान प्राप्त करना होगा। मैंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। क्योंकि हिमालय में। किसी भी जगह आप एक अच्छी गुफा पा सकते हैं और चारों तरफ बर्फ से ढकी हुई जगह जहां पर साधना करने का एक असीम आनंद प्राप्त होता है। मैंने वहां साधना शुरू कर दी। इसके बाद क्या हुआ, मैं आपको अपने अगले पत्र में बताऊंगा? मित्र इस रहस्य का पर्दा मैंने साधना के रूप में अवश्य ही अनुभव किया है और वह साधना मैं आपको अपने पत्र में भी भेजूंगा। इसे आप सर्वजन के लिए सुलभ करवा दीजिएगा। नमस्कार मित्र! संदेश-तो देखिए यहां पर इन्होंने।उस! रहस्यमई जीव यति के विषय में बताया है।आखिर उसका क्या रहस्य है जानेंगे इनके अगले पत्र के माध्यम से तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। यती भैरव रहस्य कथा और साधना भाग 2
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