रक्षा ताबीज तंत्र
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे और यह विषय है रक्षा ताबीज! असल में हम जब कोई विशेष साधना करना चाहते हैं या कहीं किसी वजह से भयभीत होते हैं, उस भय से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तब ताबीज और गंडो इत्यादि का सहारा व्यक्ति लेने लगता है। बुरी नजर से बचने के लिए भी हम रक्षा ताबीजो का निर्माण करवाते हैं और स्वयं को। अप्रत्यक्ष शक्तियों से बचाने के लिए भी इनका निर्माण किया जाता है। इसीलिए यह एक सरल और छोटा लेकिन मजबूत उपाय माना जाता है। हम किसी कार्य क्षेत्र में हैं जहां हम पर कोई व्यक्ति तांत्रिक प्रयोग या छोटा-मोटा तंत्र। इस्तेमाल करता है या फिर कोई व्यक्ति बुरी नजर लगाता है और इसकी वजह से हमारे कार्यों में बाधा उत्पन्न होने लगती है। तब स्वयं की रक्षा करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में रक्षा ताबीज एक महत्वपूर्ण कार्य करती है। रक्षा ताबीज अलग-अलग तरह की जो साधना है या किसी विशेष कार्य के लिए है या कोई विशेष समस्या से सामना करने के लिए है? सब का विधान और तरीका अलग अलग होता है, लेकिन हम जब तांत्रिक साधना करते हैं तब यह कुछ अलग स्थिति को प्राप्त करता है और हमारी रक्षा करने के लिए हम उस समय शक्तिशाली कवच के रूप में ताबीज का निर्माण करते हैं। तो मै यहां पर क्योंकि कोई साधना विशेष के बारे में नहीं बता रहा। एक साधारण विधि बता रहा हूं ताबीज बनाने की और अगर आप किसी विशेष साधना को करते हैं तो उसके लिए एक अलग ही ताबीज का निर्माण करना पड़ता है। तो मै सबसे पहले यहां पर आपको बताता हूं कि अगर आप साधारण एक रक्षा ताबीज बनाना चाहते हैं तो इसके लिए एक उदाहरण के लिए मैं एक छोटी सी विधि बता रहा हूं कि आक की जो जड़ होती है वह स्वयं की रक्षा के लिए लाभकारी मानी जाती है। रक्षा ताबीज बनाने के लिए आप सबसे पहले आमंत्रण देकर आक की जड़ को लेकर आ जाएं। फिर आप कहीं से भी तांबे या चांदी की ताबीज लेकर आ जाइए। ताबीज आपको किसी भी पूजा पाठ वाली दुकान पर या फिर चांदी वगैरह किसी ज्वेलरी की दुकान पर मिल जाएगी। अब दोनों वस्तुये लेने के बाद अपने घर में ही भगवान गणेश की स्थापित प्रतिमा के आगे जिसकी पूजा करते चले आ रहे हो। यह दोनों वस्तुएं रख दीजिए और थोड़ी देर बाद ॐ गं गणपतये नमः। इस मंत्र का जाप करते हुए ताबीज और आक की जड़ को अभिमंत्रित करना है। दोनों वस्तुएं अभिमंत्रित होने के बाद पवित्र हो जाती हैं। इसके पश्चात आक की जड़ को ताबीज के अंदर बंद करके हरे रंग का धागा बांधकर अपने गले में धारण कर लीजिए। आपका सिद्ध मंत्र होगा ॐ गं गणपतये नमः इस प्रकार यह आपका एक रक्षा ताबीज बहुत छोटा और सरल विधि का तैयार हो चुका है और इसका फायदा आपको देखने को मिलेगा। आपको यह नजर टोना, टोटका इत्यादि से बचा कर रखेगा। ताबीज में अलग-अलग तरह की वस्तुएं भरी जाती है। जिस प्रकार टोटकी की समस्या होती है, उससे जुड़ी हुई कुछ वस्तुएं ताबीज में भरी जाती है। कभी-कभी हम किसी का विनाश करने के लिए भी तांत्रिक तरीके से ऐसी ताबीजे बना देते हैं जो किसी दूसरे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हालांकि यह एक तामसिक और गलत कार्य है। इसमें व्यक्ति के पशु के नाखून, बाल, खून, वीर्य, रक्त इत्यादि चीजें मिलाकर एक ताबीज बनाकर अगर उसे ही पहना दिया जाता है तो यह उसके लिए बहुत विनाशकारी होता है तो पूरी जानकारी हो तभी ताबीज वगैरह पहने। और जिस पर विश्वास करते हो उससे ही लें। हनुमान जी का प्रयोग भी हम रक्षा के लिए करते हैं तो हनुमान जी की भी ताबीज बनाने की एक बहुत ही सरल विधि है। इसमें आपको सबसे पहले शनिवार या मंगलवार के दिन सतरंगी धागा लेना है? अब उस धागे के बीच में 21 गांठे लगा लेनी है। इसके पश्चात हनुमान जी को लगाया गया या फिर अर्पित किया हुआ सिंदूर आपको हनुमान जी की मंदिर से लेकर आना है जहां रोज हनुमान जी की पूजा आरती होती हो। अब इस धागे को सिंदूर से रंग कर चांदी के तांबे के ताबीज में भर लेना है। अब शाम के समय ताबीज को एक अच्छे वस्त्र पर स्थापित करके हनुमान जी के मंत्रों का जाप करते हुए दीपक और धूप, बत्ती आदि जलाएं। के बाद इस सारी प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद। हनुमान जी के मंत्र का जाप करें अथवा हनुमान चालीसा का 5 बार पाठ करें। अब हनुमान जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि आप अपना बल शक्ति और आशीर्वाद इस ताबीज के माध्यम से मुझे दीजिए मेरी रक्षा कीजिए। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद आप का ताबीज अब तैयार हो चुका है। अब आप इस ताबीज को अपने गले में पहन सकते हैं। यह ताबीज शक्तिशाली माना जाता है। इससे स्वयं की रक्षा भी होती है और तंत्र मंत्र टोने टोटके नजर से बचा जा सकता है। आप अगर तांत्रिक साधना कर रहे हैं और उसके लिए कोई रक्षा ताबीज बनाना चाहते हैं तो फिर आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि आप कौन सा साधना करने जा रहे हैं? देखें अगर आप भूत प्रेत पिशाच इत्यादि योनि की। साधना करने जा रहे हैं और उस को सिद्ध करना है। अपने शरीर की रक्षा भी करनी है। रक्षा घेरा इत्यादि आपने लगाया है लेकिन कभी-कभी क्या होता है कि भ्रम की वजह से व्यक्ति रक्षा घेरे से बाहर निकल कर भाग जाता है तब उसकी रक्षा कौन करेगा? उस वक्त भी ऐसे ही ताबीज आपकी पूरी रक्षा करते हैं क्योंकि आपने उन्हें गले में या फिर बांह पर पहन रखा है। तो क्या करेंगे क्या हनुमान जी का ताबीज उस वक्त पहना व्यक्ति? सुरक्षित है। जी हां, हनुमान जी की इस तरह की बनाई गई ताबीज से वह उसकी रक्षा होगी, लेकिन उसे सिद्धि भी प्राप्त नहीं होगी। इसीलिए कहता है कि हर कार्य के लिए गुरु की आवश्यकता पड़ती है। उससे पूछे बिना आप काम करेंगे तो आपका काम उल्टा हो सकता है। हनुमान जी भूत प्रेत निवारक है, इसलिए अगर आप भूत-प्रेतों पिशाचों को सिद्ध करने जा रहे हैं। ऐसे शक्तियों को सिद्ध करने के लिए आपके पास हनुमान जी नहीं होनी चाहिए बल्कि कोई और शक्ति आपका यहां पर काम करेगी। मैं यहां पर वर्णन नहीं करूंगा। इसी प्रकार आप अगर यक्ष यक्षिणी की साधना करने जा रहे हैं। उसे सिद्ध करना है उसके भय से बचना है। उस भय से या डर से। बचने के लिए आप कोशिश करने वाले हैं। तो उस वक्त आपके लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपके पास एक शक्तिशाली रक्षा ताबीज या कवच होना चाहिए। साधना के दौरान ही नहीं साधना के बाद भी आपके पास एक शक्तिशाली रक्षा कवच या ताबीज होना चाहिए। क्योंकि केवल साधना काल में ही नहीं बल्कि उसके बाद भी शक्तियां परीक्षा लेती रहती हैं। और उस चीज से बचने के लिए आपके पास ऐसी वस्तुएं और विभिन्न प्रकार की चीजें होना अनिवार्य है। लेकिन इसके लिए भी आपको अपने गुरु से पूछना पड़ेगा कि मैं इस साधना को करने जा रहा हूं। कृपया मेरे लिए कोई रक्षा ताबीज बना कर दें अथवा। आप मुझे इसका मार्ग बताएं? वैसे अधिकतर तो रक्षा का ताबीज पूरी तरह साधना से पहले बनाकर गुरु के माध्यम से उसे सिद्ध करवा कर ही पहनना चाहिए ताकि रक्षा होती रहे। बाकी मानसिक स्थितिया सबकी अलग-अलग होती हैं। कुछ थोड़े सी समस्या से भी बहुत भयभीत हो जाते हैं और कुछ अडिग खड़े रहते हैं। इसीलिए सिद्धि का स्तर और परीक्षाएं भी सबके ने अलग-अलग स्तर की होती है। लेकिन यहां पर मूल उद्देश्य यह बताना है कि रक्षा ताबीज हर व्यक्ति के लिए एक आवश्यकता है और अलग-अलग साधना अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग रक्षा ताबीजो का इस्तेमाल किया जा सकता है। और उसे सिद्ध करके भी रखना चाहिए। कुछ दिनों बाद रक्षा ताबीज का असर कम पड़ जाता है। इसकी वजह है आपके शरीर से निकलने वाला पसीना आपका अशुद्ध होना जो कि आप? रोज, शौचालय इत्यादि जाते हैं। हर वक्त आप उसे पहने रहते हैं। ये सारी कई बातें हैं जो इन सब चीजों में आवश्यक एक पहलू बनाती हैं।तो मै आज सिर्फ निष्कर्ष रूप से जानकारी देने के लिए ही की रक्षा ताबीज कैसे बना सकते हैं और सरल विधि क्या है। कहां पर हमें कौन से ताबीज की आवश्यकता पड़ेगी। यह सारी बातें महत्वपूर्ण होती है तो यह का आज का वीडियो अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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