नमस्ते दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है।नये नये अनुभव हमें रोज प्राप्त होते रहते हैं उसके लिए आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद और इतनी ज्यादा अनुभव आने लगे हैं। कि मुझे सोचना पड़ता है। कि मैं कौन सा अनुभव प्रकाशित करु कि कौन सा नहीं करूं जिसमें कुछ विशेष नजर आता है। मै वह प्रकाशित कर रहा हूं। और आप लोग थोड़ा सा अनुभव को बड़ा करके भेजा करिए ताकि मुझे अनुभव सुनाने में आसानी हो सके ताकि थोड़ा सा लंबा अनुभव बन जाए आप लोगों की वजह से मुझे वीडियो बनाने में थोड़ी सी परेशानी हो जाती है।आप अनुभव लंबा भेजिए ताकि पांच 10 मिनट का हो जाए वीडियो तैयार हो सके उससे कम से कम 1 पेज का जरूर हो जाए आप लोग कोशिश कीजिए ताकि मुझे वीडियो बनाने में कोई समस्या ना होने। छोटे अनुभव होने की वजह से क्योंकि अगर बहुत ज्यादा छोटा अनुभव होगा तो मैं बोलूंगा क्या और लोगों को अच्छा नहीं लगेगा इतना छोटा अनुभव सुनने में तो आगे से आप लोग इस बात का विशेष ध्यान रखें ऐसे के सरस्वती जी जैसें अपने ऑडियो के माध्यम से भेजते हैं और बहुत ही छोटा सा होता है वह आडियो और वह काफी बड़ा बन जाता है क्योंकि उसमें काफी कम एमबी खर्च होती है छोटा होता है वीडियो दस या 13mb का हो जाता है। जो अपनी वॉइस भेज देते है अपनी आवाज के माध्यम से वह अपनी कहानी बताते हैं तो आप लोग भी ऐसे आडियो भेज सकते हैं। जिसमें आपकी आवाज हो। यह काफी प्रमाणित करता है। कि उस व्यक्ति ने भेजा है।
और जिन लोगों को अपना चेहरा नहीं दिखाना है वह ना दिखाएं लेकिन कम से कम एक विश्वास हो जाऐगा लोगो को और मुझे भी की जिससे लोगों को विश्वास है की कहानी भेजी गई है ।और क्योंकि यूट्यूब पर आजकल लोग बहुत ज्यादा गलत तरह की बातें कर देते हैं फर्जीवाड़े में बहुत सी बातें करते हैं। इसलिए विश्वास सबसे बड़ी चीज हैै। और आप और हम भी विश्वास की डोर से बंधे हुए जुड़े हुए हैंं। इसलिए यह अलौकिक अनुभव न सिर्फ परमात्मा के बनाए इस संसार के बारे में दर्शाते हैं। कि कुछ अलग है अजीब है दुनिया में वरना आज भौतिकता की दौड़ में संसार की दौड़ में हम लोग आज आध्यात्मिकता को भूल चुके हैं। देवी देवताओं पर बिल्कुल विश्वास नहीं कर रहे हैंं। अगली पीढ़ी तो बिलकुल छोड़ चुकी है इन बातों को आज की जिंदगी का सुकून है ।मिलना चाहिए आगे क्या होगा इससे उन्हें कोई मतलब नहीं हैै। इसीलिए वह गलत अच्छा कोई कुछ नहीं सोचते जो फायदेमंद चीज होती वह कर देते हैं।और बड़ी स्थिति उनकी खराब हो जाती है। मां बाप को बच्चों से प्यार नहीं मिल रहा बच्चों को मां-बाप का सहारा और संस्कार नहीं प्राप्त हो रहे हैं। यह सब चीजों को हटाने के लिए ही यह चैनल बनाने का मूल उद्देश्य ही था कि यहां पर अलौकिक अनुभव के माध्यम से लोगों को विश्वास दिलाया जाता है। जो आपके ऊपर मौजूद है आप कुछ गलत करेंगे तो वह दंड भी देती है और आपको अनुुभव कराती है। अगर आप कोशिश करेंगे तो जरूर जिंदगी में आपके साथ जरूआ कूछ जरूर हूवा होगा जिसकी वजह से आप भी सब चीज समझ पाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं आज का अनुभव यह अरुण कुमार जी ने हमें कैथल हरियाणा से भेजा है और उनकी ईमेल आईडी इस प्रकार से है जो आप देख लीजिएगा तो चलिए उनके शब्दों मेें सूनते है।
गुरु जी प्रणाम मैं अरुण कुमार कैथल हरियाणा से आपके साथ बहुत दिनों से जुड़ा हुआ धन्यवाद आपका जो आपने और आपने बहुत लोगों के अनुभव यूट्यूब पर प्रकाशित किए हैं मैंने भी सोचा कि मैं भी अपना एक छोटा सा अनुभव आपको भेेजू अगर आपको अच्छा लगे तो इस पर एक वीडियो जरूर बनाइए और यह बात जो मैं आपको बता रहा हूं। यह 14 फरवरी 2018 की है अभी बिल्कुल की 14 फरवरी दो हजार अट्ठारह में हमारे पड़ोस में एक शादी थी और मैं भी बरात में गया थाा। और हमारी गाड़ी थी वह बारात वहा से जल्दी आ गई थी। ऐसा होता है कि लोग जल्दी से जल्दी घर वापस आ जाते हैं।घर के अगले दिन के काम देखने होते हैं इस वजह से इनकी गाड़ी में जल्दी वापस आ गए जिसके घर में शादी थी। वह और उसके मेहमान घर के ज्यादातर जो मेहमान थे वह शादी में ही थे। कुछ समय ही वापस रह गया था बारात वापस आने में उन सब को याद आया की दुल्हन को जब गृह प्रवेश करवाते हैं। तो उस समय दुल्हन के सिर पर पानी का लोटा और लोटे में पीपल के टहनी को रखा जाता है यानी कि जब दुल्हन अपने नए घर में प्रवेश करती हैै। तो एक संस्कार है यह घर में प्रवेश करती है तो इस तरह से एक संस्कार अलग-अलग तरीके से संस्कार होते हैं वहां पर यह संस्कार है कि पीपल की टहनी को अपने सर के ऊपर जल के लोटे में रखते हैं। उसके बाद ही आगे बढ़ते हैं अब समस्या यह हो गई कि आसपास पीपल का पेड़ नहीं था इसलिए लोगों ने मुझे पीपल की टहनी लाने के लिए भेज दिया और कहा था कि जल्दी से तोड़ कर ले आना पर यह मान्यता है कि शाम होने के बाद कोई भी पत्ता नहीं तोड़ा जाता किसी भी पेड़ का और मुझे शाम हो गई थी और पीपल का पता तो बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए शाम होने के बाद मुझे नहीं पता चला सूर्यास्त हो चुका है।
और मैंने अंधेरे में टहनी तोड़ ली और रात को मुझे सपना आया कि मैं पता नहीं कौन सी जगह पहुंच गया हूंं। मुझे नहीं पता चला कि मैं कौन सी जगह आ गया हूं। और एक बहुत बड़ा काला कुत्ता मेरे सर की तरफ से मुझे खाने के लिए आ रहा था मेरे को दबा रहा था और वह मुझे खा भी नहीं पा रहा था पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन हो नहीं रहा था ।कि आप जैसे तैसे फिर सुबह हो गई और सुबह होते ही मेरे सर में बहुत तेज सर दर्द होने लगे वह सर दवा लेने से भी ठीक नहीं हुआ। मेरीआदत है कि मैं हर रोज मंदिर जाता हूं। और मेरे पास दो रक्षा मंत्र है जिनको मै सिद्ध भी कर चुका हूं। आजा मेरा सर दर्द ठीक नहीं हुआ तो मैंने मां काली की आरती की जैसा कि मैं रोज करता थाा। और माता के रक्षा मंत्र का जाप भी किया और माता से यह भी प्रार्थना की कि मुझसे जो गलती भूल में हो गई हैै। वह मुझे माफ कर दीजिए और मुझ पर जो नकारात्मक शक्तियों आ गई है उसे दूर करें और यह चमत्कार हो गया था कि अगली सुबह मेरे सर में कोई दर्द नहीं थाा। और मैं बिल्कुल ठीक हो गया थाा।
और मैंने अगले दिन मंदिर जाकर के मां जगदंबा माता काली को धन्यवाद कहा और यह मेरा छोटा सा अनुभव इस प्रकार से है। गुरु जी एक बार फिर से मेरा प्रणाम स्वीकार करें यह बहुत ही अच्छा अनुभव उन्होंने भेजा है। देखिए जो हमारे यहां पीपल का पेड़ होता है यह पेड़ बहुत ही शुभ माना जाता है। इस पर यक्ष यक्षिणी भूत प्रेत जिस पेड़ की पीपल की पूजा होती है। उस पेड़ पर भूत प्रेत से लेकर देवी देवता तक वास करते हैं। पेड़ की पूजा होने पर उनको भी वह फल मिल जाता है। पूजा का चाहे भूत प्रेत ही क्यों ना हो या कोई भी सकती हो उस पेड़ पर जो भी बैठता है ।उसको वह शक्तियां मिलती हैं इस वजह से इनको भी पूजा का फल प्राप्त होता है क्योंकि आपने वहां पर पूजा तो की नहीं बल्कि उल्टा रात में ही आपने उसका एक तना तोड़ लिया इससे अगर कोई भी बुरी शक्ति उस पेड़ पर बैठी होगी तो आपका बुरा कर सकती है ।और आपको परेशान भी कर सकती है। यह बहुत ही गलत होता है इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए रात को पीपल के पेड़ का कोई भी तना या फिर किसी भी पेड़ का पत्ता कुछ भी नहीं तोड़ना चाहिए। यहां पर इन्होंने बहुत ही अच्छा अनुभव भेजा है अगर आपको यह अनुभव पसंद आया हो तो लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद।।