श्री कमला देवी कथा रहस्य और साधना

"जानिए माता कमला की कथा, समुद्र मंथन से उनका प्राकट्य, तांत्रिक लक्ष्मी के रहस्य, साधना विधि, मंत्र और पूजन पद्धति। माता कमला की कृपा से आर्थिक तंगी दूर करें और समृद्धि प्राप्त करें।"

श्री कमला देवी: कथा, रहस्य और साधना का सारांश


1. माता कमला का परिचय:

  • माता कमला दस महाविद्याओं में अंतिम और अत्यंत महत्वपूर्ण स्वरूप हैं।
  • इन्हें तांत्रिक लक्ष्मी और कमलात्मिका के नाम से भी जाना जाता है।
  • ये भगवती लक्ष्मी का तांत्रिक स्वरूप मानी जाती हैं और अपनी करुणा, प्रेम, और दिव्य आभा से संसार को आशीर्वाद देती हैं।

2. समुद्र मंथन और माता कमला का प्राकट्य:

  • दुर्वासा ऋषि के श्राप से देवता श्रीहीन और शक्तिहीन हो गए।
  • भगवान विष्णु के निर्देश पर देवताओं और असुरों ने मिलकर क्षीर सागर का मंथन किया।
  • मंथन से माता लक्ष्मी (कमला) प्रकट हुईं।
  • वे कमल पुष्प पर विराजमान थीं, उनके हाथों में कमल के फूल थे, और उनका रूप तेजस्वी और मोहक था।

3. माता कमला का स्वरूप:

  • आसन: कमल के फूल पर विराजमान।
  • शरीर की कांति: स्वर्णिम, सूर्य के समान।
  • चार हाथ:
    • दो हाथों में कमल पुष्प
    • एक हाथ आशीर्वाद मुद्रा में।
    • एक हाथ वर मुद्रा में।
  • विशेषता: उनके चरणों से स्वर्ण मुद्राएँ और धान्य (अनाज) प्रवाहित होते हैं।

4. माता कमला का महत्व:

  • ये धन, समृद्धि, सौभाग्य और ऐश्वर्य की देवी हैं।
  • इनकी साधना से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
  • माता कमला का निवास सत्य, प्रेम, करुणा और स्वच्छता वाले स्थानों पर होता है।

5. साधना विधि:

  1. विशेष दिन: शुक्रवार, दीपावली, आश्विन पूर्णिमा।
  2. पूजन सामग्री:
    • कमल का फूल
    • लाल वस्त्र
    • चावल
    • स्वर्ण व चांदी
  3. आसन: उत्तर-पूर्व दिशा (इशान कोण) में बैठकर साधना करें।
  4. मंत्र जाप:
    • “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।”
  5. हवन: बिल्वपत्र और बिल्वफल से हवन करें।
  6. आरती और भजन: साधना के पश्चात माता की आरती और भजन अवश्य करें।

6. साधना का फल:

  1. आर्थिक तंगी से मुक्ति।
  2. भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति।
  3. जीवन में स्थिरता और संतोष।
  4. शुक्र ग्रह के दोषों का निवारण।

7. माता कमला का रहस्य:

  • ये केवल भौतिक समृद्धि की देवी नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और ज्ञान भी प्रदान करती हैं।
  • माता कमला का एक नाम त्रिपुरा है, क्योंकि वे ब्रह्मा, विष्णु और शिव द्वारा पूजित हैं।
  • उनका निवास चिंतामणि गृह में बताया गया है।

8. विशेष ध्यान मंत्र:

“सुवर्णवर्णां कमलासने स्थितां,
चतुर्भुजां कमलपत्राक्षीं, वराभयकराम्।
कमल-करसिक्त-स्वर्ण-राशिं,
ध्यान्ये लक्ष्मीं कमलालयां भजे।।”

अर्थ: मैं देवी लक्ष्मी का ध्यान करता हूं, जो स्वर्णिम आभा वाली, कमल के आसन पर विराजमान, चार भुजाओं वाली हैं।


9. तांत्रिक दृष्टिकोण से भैरव:

  • माता कमला के भैरव भगवान विष्णु हैं।
  • वे माता के रक्षक और साधना के संरक्षक हैं।

10. कथा का संदेश:

  • अहंकार का पतन: इंद्र के अहंकार ने उन्हें श्रीहीन कर दिया।
  • धैर्य और संधि: देवताओं और असुरों ने मिलकर मंथन किया।
  • सदुपयोग: माता कमला धन और ऐश्वर्य का सदुपयोग सिखाती हैं।

11. साधना से लाभ:

  1. आर्थिक समृद्धि।
  2. मानसिक शांति।
  3. परिवार में सुख और संतोष।
  4. भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति।

12. माता कमला का भजन:

“जय-जय कमला माता, जय-जय कमला माता,
तेरे चरणों में हर दुख है जाता।”


13. ई-पुस्तक (PDF) साधना गाइड:

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  • साधना गाइड में विस्तृत मंत्र, विधि, और हवन सामग्री का विवरण दिया गया है।

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14. निष्कर्ष:

माता कमला की साधना से न केवल भौतिक सुख-संपदा प्राप्त होती है, बल्कि साधक आध्यात्मिक उन्नति के पथ पर भी अग्रसर होता है।

“जय माता कमला! जय महालक्ष्मी!” 🌺✨