नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक ऐसा अनुभव लेंगे। जिस अनुभव में भगवान श्रीकृष्ण की साधना और उनके चमत्कारिक मोर पंख के वीडियो को दर्शाया गया है।
उन्होंने जिन्होंने यह साधना की। उनके ही बच्चे ने इस वीडियो को रिकॉर्ड करके हम लोगों को भेजा है। आप लोग बताएं कि यह एक सच्चा चमत्कार है अथवा नहीं है।
पत्र- नमस्कार गुरु जी, सबसे पहले मैं आपको धन्यवाद कहना चाहूंगा कि आपने मेरी इस कहानी पर वीडियो बनाया है और मेरी इस वीडियो क्लिप को भी शामिल किया है।उसके लिए धन्यवाद क्योंकि अगर यह वीडियो बन रहा है तो अवश्य ही आपने मेरी इन बातों को स्वीकार किया होगा। गुरुजी चाहे तो इस वीडियो को ना भी दिखाइए अथवा दिखा दीजिए जैसा आपको अच्छा लगे। मैं आपसे गुरु दीक्षा भी लेना चाहता हूं क्योंकि माता की शरण में जाने से उत्तम कार्य किसी के जीवन में और कोई नहीं हो सकता है।
ऐसा ही सोचता हूं और मेरा पूरा परिवार भी आपसे दीक्षित होना चाहता है सबसे पहले मैं यह कि मैं बचपन से ही भगवान के मंत्र का जाप करता चला रहा हूं। भगवान श्रीकृष्ण से मेरा अद्भुत लगाव पहले से ही रहा है इसलिए बिना कोई गुरु किए। मैंने उनकी 21 दिनों की साधना का व्रत लिया था। इस साधना में उनके ओम क्लीम कृष्णाय नमः मंत्र का उच्चारण लगातार में करता रहा। और इस दौरान मुझे अद्भुत अनुभव हुए, वही मैं आज आपको बता रहा हूं गुरु जी! जब मैंने यह मंत्र जपने की सोची तो मेरे मन में यह विचार था कि भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना है और उनके चमत्कार देखने हैं।
भगवान वासुदेव श्री कृष्ण सबकी सुनते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के सखा है। इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं उनकी साधना करते चमत्कार अवश्य ही देखने को मिलेंगे। मैंने साधना सिर्फ उनका चमत्कार देखने के लिए की थी। और आखिरकार वह घटना भी घट गई जब मेरे ही छोटे से बच्चे ने इस वीडियो क्लिप को रिकॉर्ड किया। मैं भगवान श्री कृष्ण की मंत्रों के जाप के बाद! कमंडल में बचे हुए जल को इसी पेड़ पर डाला करता था और आप बाकी बातें तो जानते ही हैं। वह बातें मैं बता नहीं सकता हूं जो आपसे ही जुड़ी हैं तो गुरु जी मैंने आपसे यह बात इसलिए बताई है ताकि लोगों को कुछ चमत्कारों पर विश्वास हो। वैसे यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे चमत्कार मानते हैं।
यह कोई साधारण घटना नही है गुरु जी मैंने पहले दिन जब भगवान श्री कृष्ण का मंत्र जाप किया तो स्वप्न में मुझे बड़े-बड़े सुंदर और दिखने में बहुत ही अच्छे मोर पंख दिखाई पड़ रहे थे। वन मोर पंख! अद्भुत सुंदरता किए हुए थे। उनके चारों ओर।
ऐसा लगता था जैसे सुगंधित हवा बह रही हो। वह मोर पंख उड़ते हुए से मुझे दिखाई देते थे। यह सपने मुझे लगातार 7 दिनों तक आते रहे। इसके बाद एक रात अचानक से मुझे ऐसा नजर आया कि कोई आया है जिसने मेरा गला दबा दिया है। मैं बहुत ज्यादा डर गया। रात को लगभग 1-2 बजे के बीच में मेरी नींद खुली थी। उस दौरान मैंने देखा कि लगता है चारों तरफ सन्नाटा सा फैला हुआ है और कोई भयानक आत्मा मुझे को डराने की कोशिश कर रही थी।
मेरे लिए यह अद्भुत अनुभव था। क्योंकि लोग कहते हैं कि सात्विक साधनाओं में भयानक अनुभव नहीं होते हैं पर ऐसा यहां पर नहीं हो रहा था। गुरु जी यहां पर तो सच में एक आत्मा ने मुझे डराने की कोशिश की थी। मैं किसी तरह सो गया और मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करने लगा कि प्रभु मेरी रक्षा कीजिए। यह कौन सी बुरी आत्मा है जो आ गई है जिसने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया है। भगवान श्रीकृष्ण तक शायद मेरी बात पहुंच गई होगी। इसलिए अगली तीन चार रातों तक कुछ भी नहीं हुआ। साधना का 19 वा दिन बहुत ही अजीब सा था। मुझे साधनों के दौरान ऐसा लगा जैसे कि कोई शक्तिशाली काले रंग की आत्मा चारों तरफ घूम रही है। मैं साधना करते हुए डर रहा था। मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना कर रहा था कि हे प्रभु, यह आपकी जो भी चमत्कारिक माया है, इसे हटा दीजिए। मुझे बहुत डर लग रहा है।
इस प्रकार! 20 वा दिन बीत गया और आखिरी 21 दिन भी साधना के बाद समाप्त हो गया। पर जैसे कि कहते हैं ना कौतूहल वश मेरे मन में यह विचार आया कि डर तो मन का एक प्रभाव होता है और इसी कारण से शायद मुझे ऐसा डर लगा होगा कि मेरी चारों तरफ कोई आत्मा घूम रही है। मुझे साधना करते 21 दिन हो चुके थे। प्रभु के दर्शन नहीं हुए ना ही कोई विचित्र सिद्धि की प्राप्ति हुई थी। इसी कारण से उस दिन साधना काल के अंतिम समय में मैंने मन ही मन जोर से प्रभु से प्रार्थना की हे। प्रभु अगर आप सच में हैं तो कल मुझे ऐसा चमत्कार दिखाइए जो मैं पूरी दुनिया को दिखा सकूं।
मेरे लिए यह बात आसान थी कहना लेकिन, ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता है। अगले दिन मैं सोकर उठा और मुझे अपनी बात पर थोड़ा पछतावा हुआ। मैंने सोचा प्रभु को मैंने चैलेंज कर दिया और प्रभु ने कोई चमत्कार नहीं दिखाया। शायद देवी देवता अपनी शक्तियों को सीमित रखते हैं और इस दुनिया में कोई चमत्कार नहीं दिखाते। 21 दिन ऐसे ही नष्ट हो गए हैं। यही विचार मेरे मन में लगातार चलते चले आ रहे थे। मैंने सुबह उठकर साधारण भगवान श्री कृष्ण के मंत्र द्वारा पूजा की और अमरूद के पेड़ की जड़ पर पानी डाल दिया।(आपसे संबन्धित) उसके बाद मैं अपने कमरे में जाकर यही सब विचार कर रहा था कि प्रभु कोई चमत्कार तो दिखाया नहीं और 21 दिन की पूजा भी समाप्त हो गई। क्योंकि? कामकाजी व्यक्ति हूं तो दुबारा ऐसा मौका नहीं मिलेगा कि मैं पूरे 21 दिन या इससे अधिक अवधि तक कोई साधना कर सकूं।
यह एक मौका था जो प्रभु आपने मुझे दिया था लेकिन आपने कोई चमत्कार तो दिखाया ही नहीं। बस ऐसे ही सोचते- सोचते मैं बैठा ही था कि अचानक से मेरा लड़का मेरे सामने आया। उसकी उम्र केवल 9 साल है। उसने कहा पापा देखिए यह मोरपंखी ऊपर पेड़ पर, अपने आप कैसे चल रही है। मैंने उससे पूछा, क्या कह रहा है तू तो उसने मेरा मोबाइल मुझे ही सौंपते हुए कहा, यह देखो! मैंने देखा तो सचमुच में यह वीडियो मेरे लड़के ने बनाया था। मैंने उससे पूछा तूने कोई शरारत तो नहीं की है। उसने कहा नहीं पापा पर देखो तो यह मोरपंखी अपने आप इस पेड़ पर कैसे चल रही है?
मेरे लिए यह आश्चर्यजनक घटना थी। पर कहते हैं ऐसी चीजों को छुपाना चाहिए। गुरु जी मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप इस वीडियो को लोगों को जरूर दिखाइए, लेकिन मेरा नाम पता और ईमेल आईडी किसी को ना बताएं क्योंकि अगर किसी ने मेरी बदनामी की तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। मैं सिर्फ इसलिए वीडियो भेज रहा हूं ताकि लोग इस पर अपनी राय रख सके और बता सके कि यह एक सचमुच का चमत्कार है अथवा नहीं।
गुरु जी यही एक छोटा सा अनुभव मुझे प्राप्त हुआ है। आप इसका वीडियो सबको दिखा दीजिए और मेरे इस। कथानक पर।
वीडियो अवश्य बनाएगा। ताकि मैं इसे यूट्यूब पर देख कर अपने आप को। भाग्यशाली समझ सकू।
नमस्कार गुरुजी ।
संदेश – यह देखिए इस प्रकार से इन्होंने यहां पर यह वीडियो भेजा है जिसको आप लोग देख पा रहे हैं। लगातार में इसे चला रहा हूं ताकि आप लोग इसे देखें। यहां पर एक मोर पंख है जो जमीन में पड़ा हुआ है और यह धीरे-धीरे उड़ता हुआ इस पेड़ पर चढ़ रहा है। आप लोग के विचार में यह क्या है और क्या यह एक चमत्कार है। आप इसके बारे में क्या सोचते हैं। यह मुझे अवश्य बताइए,
लेकिन जहां तक बात रही भगवान श्रीकृष्ण की साधना की भगवान श्री कृष्ण की साधना बहुत ही उत्तम और एक प्रबल प्रारब्ध बनाने वाली साधना कही जाती है। भगवान श्री कृष्ण की कृपा जिस पर हो जाए तो वह दुर्लभ से दुर्लभ। संकट से भी तर जाता है। इसका उदाहरण आपको स्वतः ही महाभारत में देखने को मिलता है। भगवान श्री कृष्ण के बहुत बड़े बड़े भक्त हुए जैसे सूरदास मीराबाई।
और जिन्होंने भी इनकी भक्ति की उन्होंने न सिर्फ इस जीवन में प्रसिद्धि प्राप्त की और मृत्यु के बाद मोक्ष को भी प्राप्त किया है इसलिए इस संदर्भ में किसी के कुछ टिप्पणी करने की सामर्थ्य नहीं हो सकती है। यहां पर जो यह वीडियो दिखाया गया है, इस वीडियो के माध्यम से आप समझ ही सकते हैं तो यह था आज का इनका अनुभव और यह छोटी सी विडियो क्लिप अगर यह आपको पसंद आयी है तो लाइक करें। शेयर करें ज्यादा से ज्यादा और चैनल को अभी तक आपने अगर सब्सक्राइब नहीं किया है तो सब्सक्राइब कर ले ।
आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद!