श्वेतार्क योगिनी सिद्धि
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसी गुप्त योगिनी की साधना लेकर उपस्थित हुए हैं, जिसको सावन के महीने से शुरू करना चाहिए। यह भगवान शिव की प्रिय योगिनी सेविका है और इसका जो नाम है वह एक पौधे की शक्ति के आधार पर विकसित हुआ था जिसे हम श्वेतार्क का पौधा कहते हैं। यह पौधा वैसे भी तांत्रिक सिद्धियों के लिए जाना जाता है। और इसकी शक्तियां भी बहुत अधिक होती हैं, लेकिन केवल तांत्रिक लोग ही इसके महत्व को जानते हैं। श्वेतार्क योगिनी को सिद्ध करने के लिए इसी पौधे की आवश्यकता पड़ती है और सावन के महीने से जब भगवान शिव की साधना शुरू की जाती है तब इसकी भी साधना शुरू की जा सकती है। यह विभिन्न प्रकार के फायदे देने में सक्षम है और इनकी सिद्धि होने पर व्यक्ति को अनेक प्रकार की मायावी शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं। देवी प्रत्यक्ष दर्शन देकर विभिन्न प्रकार की सिद्धियां भी प्रदान करती है। और इसके अलावा यह हर प्रकार से साधक के साथ प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहती है और उसकी इच्छा अनुसार कार्य करती है। इसे सिद्ध करने के लिए आप श्वेतार्क के पौधे के पास जाकर के इसकी साधना शुरू कर सकते हैं। इसकी साधना की शुरुआत कैसे की जाती है। सबसे पहले जब श्रावण मास शुरू होने वाला हो तो आप इसकी तैयारी कर ले सबसे पहले एक अच्छी खासी ऊंचाई का मजबूत श्वेतार्क का पौधा ढूंढ ले आप सबसे पहले भगवान शिव के मंदिर में जाइये और उन पर जल चढ़ाते हुए उनसे प्रार्थना कीजिए कि हे भगवान शिव मैं आपकी सेविका शक्ति! श्वेतार्क योगिनी साधना करने जा रहा हूं। इसलिए आप मुझे इस कार्य के लिए आज्ञा और आशीर्वाद प्रदान कीजिए। आप लोटे में जो जल है उसे पूरा नहीं चढ़ाएंगे कुछ जल! छोड़ देंगे। अब उस जल को लेकर उस वृक्ष के पास पहुंचेंगे। उस वृक्ष को प्रणाम करते हुए कहेंगे। श्वेतार्क में निवास करने वाली है श्वेतार्क की योगिनी। आपकी? सिद्धि के लिए मैं भगवान शिव के जल को आपको अर्पित करता हूं और सात चक्कर उस पौधे के लगाने के बाद आप अब उस पर वह जल चढ़ा दीजिए। इस प्रकार आपको लगातार 7 दिन तक करना है। अब आठवें दिन से आपको इस साधना की शुरुआत करनी है। उसके आगे एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। श्वेत वस्त्र पहनकर श्वेत रंग के ऊनी कंबल पर बैठकर आपको अब साधना शुरू करनी है। यह रात्रि कालीन साधना होगी और इस साधना में विभिन्न प्रकार के दृश्य और मायावी शक्तियां आपको दिखाई देने लगती है। इस शक्ति की उत्पत्ति कथा के विषय में जानते हैं। भगवान शिव एक बार माता पार्वती के साथ वायु विहार कर रहे थे। और वह धरती को ऊपर से उड़ते हुए देख रहे थे। तब अचानक से माता के हाथ में। एक छोटी सी चीज आ गई। और वह चीज! अदृश्य अवस्था में उपस्थित थी। तब माता ने पूछा, यह क्या है? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा की प्रिय सुनो चंद्रमा के प्रकाश से तुम्हारे हाथ में यह एक मनका उत्पन्न हो गया है। यह मोती सूर्य और चंद्रमा की सम्मिलित शक्ति का प्रतीक है और चंद्र देव ने आपकी प्रसन्नता के लिये आपके हाथ में इसे उत्पन्न किया है? तब अचानक से माता ने। एक नगर को देखा और उसकी तरफ उंगली की। तभी वह मनका धरती पर नीचे एक सुनसान जगह पर गिर गया और फिर उससे एक पौधा श्वेतार्क के रूप में उत्पन्न होता है। कई वर्षों बाद जब उस स्थान से एक बार फिर माता पार्वती और भगवान शिव गुजर रहे थे तभी वहां से ओम नमः शिवाय का शब्द माता को सुनाई दिया। माता ने कहा कि यह आपके मंत्र का जाप कौन कर रहा है? भगवान शिव उसी स्थान पर रुक गए। और उन्होंने कहा, चलो देखते हैं इस प्रकार माता पार्वती और भगवान शिव उस स्थान पर नीचे उतर कर आ गए। सामने श्वेतार्क के पौधे से। ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण हो रहा था। तब माता पार्वती ने उस पौधे को हाथ से छुआ तभी उसके अंदर से एक दिव्य शक्ति उत्पन्न हो गई। कन्या बाहर आकर बोली। माता आपकी कृपा से मेरा जन्म हुआ है। मैं इस श्वेतार्क के पौधे के अंदर! पता नहीं कितने युगों से? आपका इंतजार कर रही थी। मेरे पिता भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन के लिए मैं पंचाक्षरी मंत्र का तब से लगातार जाप कर रही थी। माता मुझे अपनी सेवा में लीजिए। तब माता ने कहा, तुम कौन हो तब माता पार्वती के साथ घटित घटना? और उस मनके वाली बात को उसी योगिनी ने माता पार्वती को बताया तब माता पार्वती ने उसे आशीर्वाद दिया और कहा तुम सदैव इस श्वेतार्क पौधे में निवास करोगी। तुम्हारी सिद्धि प्राप्त कर कोई भी दुर्लभ कार्यों को कर सकेगा और तुम्हें मायावी शक्तियों, तंत्र विद्या और विभिन्न प्रकार की शक्तियों को प्राप्त करने की विधि मालूम रहेगी। इसीलिए तुम्हारी उपासना कर तुम्हें सिद्ध करने वाला विभिन्न प्रकार की गोपनीय शक्तियों का स्वामी बन जाएगा। आज से मैं तुम्हें अपनी सेविका के रूप में स्वीकार करती हूँ इस प्रकार माता पार्वती ने उस श्वेतार्क योगिनी को स्त्री स्वरूप प्रदान कर श्वेतार्क के पौधे में सदैव के लिए स्थान दिया। इसी की साधना कर प्रत्येक साधक विभिन्न प्रकार की गोपनीय सिद्धियां प्राप्त कर सकता है। इस साधना को किस प्रकार से करना है इसका पूरा विवरण मैंने अपनी इंस्टामोजो अकाउंट में डाल दिया है आप? यूट्यूब के इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक के माध्यम से क्लिक करके वहां तक पहुंच सकते हैं और इस साधना को खरीद सकते हैं जिसका उपयोग आप सावन मास में शुरू कर सकते हैं। इसकी साधना बहुत ही तीव्र है और यह योगिनी समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने वाली मानी जाती है तो यह थी श्वेतार्क योगिनी की साधना। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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