साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 160
प्रश्न १:- गुरु जी कृत्या कौन होती है? इनकी उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर:- कृत्या तांत्रिकों के द्वारा बनाई गई एक ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से किसी भी कार्य को बहुत जल्दी ही सिद्ध किया जा सके | कृत्या का मतलब होता है “कोई ऐसा कृत्य ऐसा कर्म जो तांत्रिक श्रेणी में आता हो और जो केवल तंत्र के माध्यम से ही संभव हो” और कृत्या की उत्पत्ति कैसे हुई यह एक अलग ही कहानी है इस पर फिर कभी और चर्चा करेंगे लेकिन यह तीन तत्वों से मिल कर बनी हुई होती है और किसी भी कार्य को तत्क्षण करने की सामर्थ रखती है | प्राचीन काल में कृत्या शक्ति का प्रयोग किसी का मारण करने के लिए प्रयोग किया जाता था |
प्रश्न २:- गुरु जी क्या साधना में सफलता के लिए अनुभव होना आवश्यक है ?
उत्तर:- साधनाओं में अनुभव होना अच्छी बात है लेकिन कुछ सात्विक साधनाओं में अगर अनुभव नहीं भी होता है तो कोई बात नहीं लेकिन तांत्रिक साधनाओं में अनुभव होना आवश्यक माना जाता है | अनुभव एक माध्यम होता है इस बात को ज्ञात करने का की साधना सही दिशा में चल रही है या नहीं | ऐसे भी अनुभव न होना भी एक प्रकार का अनुभव है उसके लिए जो अनुभव को बहुत महत्व देते है |
आप इस बात को पता नहीं कर सकते लेकिन जैसे ही एक निश्चित संख्या तक मंत्र जाप संपन्न हो जाता है तो एक बार में ही साधना सिद्ध हो जाती है | साधना सफल होने के १ min पहले भी यह अनुभव नहीं होता की साधना कहा तक पहुंची है, सिद्धि प्राप्त होगी भी यह नहीं| लेकिन जैसी ही एक निश्चित मंत्र जाप हो जाता है तो एक सिद्धि का विस्फोट होता है इसलिए साधना में अगर आप सही ढंग से कर रहे है तो फिर जरुरी नहीं की सिद्धि के लिए अनुभव हो ही, साधना में अनुभव हो ही |
प्रश्न ३:- गुरु जी अगर कोई साधक आपके गुरु मंत्र का “९ लाख” जाप पूर्ण कर लेता है तो क्या खिलाया पिलाया हुआ तंत्र या अन्य किसी भी प्रकार का तंत्र उस पर कार्य करेगा?
उत्तर:- इसके बारे में बहुत पहले से बताया जा चुका है की उस व्यक्ति पर कोई तंत्र प्रयोग कार्य नहीं करेगा | अगर उसके जीवन में कोई समस्या है तो उसका कोई कारण होगा, उसका ही कोई कर्म होगा जो उस समस्या के रूप में प्रत्यक्ष हुआ है लेकिन उस पर किसी प्रकार का तंत्र प्रयोग कार्य नहीं करेगा |