साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 169
प्रश्न १ :- गुरु जी मैंने सुना है की मंत्र जाप से शक्ति का शरीर निर्मित होता है तो गुरु जी अगर मंत्र जाप से शक्ति का शरीर निर्मित होता है तो फिर कोई कैसे कह सकता है की उस शक्ति को ब्रह्मा जी ने बनाया है जब की उसे तो साधक ने ही बनाया है ?
उत्तर:- जो भी ऊर्जा इस संसार में है उन सब की उत्पत्ति ईश्वर द्वारा ही संभव है | जब कोई शक्ति किसी आवरण में आ जाती है तो वो एक नई योनि स्वरुप होती है, योनि से तात्पर्य है की विशेष तरह के स्वरुप में जन्म लेना | इस संसार में बहुत से गोपनीय योनि और शरीर है, अप्सरा, यक्षिणी, भैरवी आदि आदि ये सब योनि है और इन योनि को जो ऊर्जा धारण करती है वह पहले से ही ब्रह्माण्ड में विचरण कर रही है |
जब कोई साधक किसी शक्ति को बुलाता है तब वह शक्ति उसके सामने तो आ जाती है लेकिन उसे दिखाई नहीं पढ़ती, वह उसे सुन नहीं पाता, उसे स्पर्श नहीं कर पाता है लेकिन जो मंत्र होता है उस मंत्र की ऊर्जा से उस शक्ति का शरीर निर्माण होता है और जब यह संपन्न हो जाता है तब जा कर साधक उस शक्ति से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ पाता है |
प्रश्न २:- क्या मनुष्य की कल्पना शक्ति और मानसिक शक्ति या इंसानों के मंत्र जाप के कारण स्वर्ग लोक का निर्माण हुआ है ?
उत्तर:- जब व्यक्ति के बहुत सारे कामनाए हो और पूरा न हो पाया हो, लेकिन उसने अपने जीवन में बहुत ही अधिक तपस्या की हुई हो, जीवन में अच्छे कर्म किये हुए हो तो आपकी जो ऊर्जा है जिसको शुक्ष्म शरीर कहते है वह स्वर्ग आदि लोक में विचरण करती है| विभिन्न विभिन्न लोकों में सभी शक्तियों के अलग अलग आवरण है अलग अलग अलग स्वरूप है|
प्रश्न ३:- ब्रह्मचर्य का पालन लम्बे समय तक कैसे करे?
उत्तर:- जब आप अपने आप को मानसिक रूप से मजबूत करेंगे, किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहेंगे और एक नियम पूर्वक अपना जीवन व्यतीत करेंगे तो आप ब्रह्मचर्य का सही रूप से पालन कर पाएँगे | ब्रह्मचर्य पालन के लिए अगर आप विशेष तरह के प्राणायाम का अभ्यास करते है तो आपको ब्रह्मचर्य में सहायता मिल सकती है लेकिन इसके लिए भी जरुरी है की आप अपने मन में नकारात्मक विचारों को न आने दे |