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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरुरी जानकारी 30
पितृ दोष क्या है ? और इसके उपाय
नवम में सूर्य और राहु की युती हो रही हो तो माना जाता की पितृ दोष बन रहा है | शास्त्र अनुसार सूर्य और राहु जिस भाव में बैठते है उस भाग के सभी फल नष्ट हो जाते है | कुंडली में ये एक ऐसा दोष होता है जो दुखो को देने में समर्थ होता है|ये दोष काफी दुःख देता है इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है|
कुंडली का जो नवा घर है जिसको धर्म का घर भी कहा जाता है अगर किसी प्रकार से नवा घर ख़राब ग्रहो से ग्रसित हो तो सूचित करता है की पूर्वजो की इच्छा अभी अधूरी रह गई है | जो प्राकृतिक रूप से ख़राब घर होते है जैसे सूर्य है मंगल है शनि है लग्नो में अपना काम करते है लेकिन राहू और केतु लग्नो में अपना दुष्प्रभाव देते ही देते है |
नवा भाव का मालिक ग्रह चंद्र राशि से और चंद्र राशि से नवा भाव का मालिक राहू और केतु से ग्रसित हो तो भी पितृ दोष कहा जाता है |
अब इसके उपाय के बारे में बात करते है
सोमवती अमावस्या को पास में जो भी पीपल का पेड़ हो उसके पास जाइये उस पीपल के पेड़ को एक जनेऊ दीजिये भगवन विष्णु के नाम का, फिर भगवन विष्णु और पीपल की पेड़ की प्रार्थना कीजिये| 108 परिक्रमा उस पीपल के पेड़ की करे हर परिक्रमा के बाद आप एक मिठाई जो भी आप आप ले गए हो उसको अर्पित कीजिये| फिर परिक्रमा करते समय इस मंत्र का ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करे |
फिर जब परिक्रमा पूर्ण हो जाए तब पुनः पीपल और भगवन विष्णु की प्रार्थना करे ‘जाने अनजाने में गलतिया हुई है उनके लिए क्षमा करे’ | सोमवती अमावस्या की पूजा बहुत ही उत्तम मानी जाती है पितृ दोष निवारण के लिए |
और दूसरा उपाय ये है की अगर आप कौओ और मछलियों को चावल और घी मिलाकर लड्डू देंगें शनिवार को तो इससे भी आप पितृ दोष से मुक्त हो जायेंगे |
कहते है अगर कोई माता काली के उपासक है तो किसी प्रकार का दोष उसके जीवन में व्याप्त नहीं होता | क्युकी माता काली और भैरव ऐसे देवता है जो हर चीज़ बदलने की क्षमता रखते है |
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