साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 31
प्रश्न १ :- माला टूटने का क्या अर्थ होता है ?
उत्तर:- अगर मंत्र जाप करते वक़्त माला टूट जाता है और अगर आप गुरु मंत्र का जाप कर रहे हो उससे तो कोई घबराने वाली बात नहीं है | लेकिन अगर कोई तांत्रिक साधना कर रहे हो और उस समय माला टूटता है तो निश्चित ही घबराने की बात है क्युकी उस साधना में आपका बहुत बुरा भी हो सकता है | लेकिन गुरु मंत्र के दौरान ऐसा हो जाता है तो इस स्थिति में गुरु से क्षमा मांग कर फिर उन दानो को गंगा जल में डाल कर या दूध में डुबो दीजिये उसके बाद एक नया धागा ले कर के उसको सिल कर के एक नई माला बना लीजिये |
२. क्या गुरु दीक्षा के बाद में ‘नॉन वेज’ खाया जा सकता है ?
उत्तर :- देखिये मै पूर्ण रूप से सात्विक साधना करता हूँ और देता भी हूँ | लेकिन जो मातृ शक्ति है इनके तीन रूप है महा लक्ष्मी, महा सरस्वती और महा काली तो इन तीनो स्वरूपों में साधना की जा सकती है | और ये दुर्गा सप्तशती में भी वर्णित है | प्राचीन काल में राजसिक साधनाओ में मांस की बलि बलि के रूप में दिया जाता था और भोजन के रूप में उसको खाया भी जाता था | तो आज भी वो चीज़ लागू है तो सबसे पहली चीज़ ये है की आपको निर्धारित करना है की आप सात्विक राजसिक या तामसिक साधना करेंगे और तीनो के फल भी अलग अलग होते है |
सात्विक साधनाओ से पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होती है | राजसी साधना में भौतिक संपन्नता मिलती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है | और तामसिक साधना में केवल इसी जीवन के लिए साधना कर रहे है तो तीनो ही तरीके से गुरु मंत्र काम करता है | बस आपको करना क्या है की संकल्प के दौरान आपको भी संकल्प लेना है की आप गुरु मंत्र का सात्विक साधना करेंगे या राजसी या तामसिक साधना करेंगे फिर जिस प्रकार आपने संकल्प लिया है उसी रूप में जीवन भर साधना करनी है |
३. शाबर मंत्र कब सिद्ध कर सकते है ?
उत्तर :- कोई भी शाबर मंत्र ज्यादातर एक साल के लिए ही सिद्ध होता है | इसलिए इनको सिद्ध करने के लिए आपको ग्रहण काल का चयन करना चाहिए क्युकी शाबर मंत्र की सिद्धि के लिए ग्रहण काल सबसे उत्तम माना जाता है | अगर ग्रहण काल नहीं मिल रहा हो तो अमावश्या के दिन भी आप साधना शुरू कर सकते है |
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