साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 70
१. माता वैष्णो और माता दुर्गा में क्या अंतर है ?
उत्तर :- माता के कई प्रकार के रूप बताए गए है | एक ही माँ अदि शक्ति है, जो ऊर्जा के रूप में प्रत्येक प्राणी के अंदर विद्यमान है| प्रकृति स्वरुपा उन्हें माना जाता है, परमात्मा की शक्ति मानी जाती है | अगर आपको इस विषय में अधिक गहराई से जानना हो तो आप मेरी दुर्गा सप्तशती की पुस्तक का अध्ययन कर सकते है | परम पुरुष के रूप में तीन स्वरूप माने जाते है | शिव रूप में भी है वो, नारायण रूप में भी मौजूद है और ब्रम्हा के रूप में भी मौजूद है | ब्रम्हा के रूप में सृष्टिकर्ता है, विष्णु के रूप में पालन कर्ता है और शिव के रूप में विध्वंस कर्ता है | तो इनके साथ में अदि शक्ति और परम परमात्मा जो है दोनों एक ही है और उनकी शक्तिया उनके साथ में ही रहती है इसलिए शक्ति का स्वरुप माँ दुर्गा मानी जाती है | माँ दुर्गा सभी शक्तियों की सम्मलित स्वरुप मानी जाती है | जब ये शक्ति भगवन विष्णु के साथ प्रकट होती है तब ये माता वैष्णो का रूप धारण करती है | जो पुरुष शक्ति के साथ में जो स्त्री शक्ति प्रकट हुई है वो माता वैष्णो है और यही शक्ति माता दुर्गा भी है |
२. लोग बोलते है की मां वैष्णो के नौ रूप है पर नव दुर्गा रूप तो माँ पार्वती से संबंधित है, ऐसा क्यों है ?
उत्तर:- जब आदि शक्ति , वैष्णो शक्ति के रूप में ९ दुर्गा रूप को प्रकट करती है तो ऊपर जैसे बताया ही है की माता दुर्गा और वैष्णो शक्ति तो एक ही है कोई अंतर नहीं है | भगवान विष्णु जो स्वयं चक्रधारी है लेकिन उन्हें वो चक्र कौन देता है ? भगवन शंकर देते है | इसी प्रकार पालन करने का कार्य भगवान विष्णु का है मारण का कार्य उनका नहीं है | लेकिन भगवान विष्णु जिस सुदर्शन चक्र से दैत्यों का संघार कर रहे है वो चक्र भगवान शिव के द्वारा दिया है और मारण का कार्य उस चक्र के माध्यम से कौन कर रहा है वो कार्य भगवान शिव स्वयं ही कर रहे है और वो सुदर्शन चक्र के माध्यम से कर रहे है | इसी तरह चाहे माता वैष्णो के रूप से ९ दुर्गा प्रकट हो या माता दुर्गा के रूप से प्रकट हो वो एक ही चीज़ है, दोनों एक ही है, एक ही ऊर्जा है |