साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 78
१. गुरुजी, एक सिद्ध पुरुष के ऊपर क्या-क्या बंधन होते हैं? जिनको तोड़ने पर सिद्धि आंशिक या पूर्ण रूप से नष्ट हो सकती है, अगर सिद्धि अप्सरा, यक्षिणी, योगिनी या भैरवी आदि की हो।
उत्तर :- सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण होता है की आप किसी को ये नहीं बता सकते है की आपने अमुक साधना सिद्ध की है, अगर कोई साधक बताता है तो साधना वही पे समाप्त हो जाती है |
अगर आप बेवजह सिद्धियों का प्रदर्शन करते है तो भी आपकी साधना नष्ट हो जाएगी|
आपने जिस मंत्र से वो साधना सिद्ध की है उस मंत्र का उच्चारण सबके सामने नहीं करना चाहिए , मंत्र को भी गोपनीय रखना चाहिए |
२. गुरुजी, जैसे कि भैरवी साधना में पुरुष स्वयं भैरव बनता है और अपनी पत्नी को भैरवी बनाता है, तो अगर किसी साधक ने किसी भूतनी, अप्सरा, यक्षिणी आदि को पत्नी के रूप में सिद्ध किया है तो क्या साधक उस भूतनी, अप्सरा, यक्षिणी आदि को भैरवी बना सकता है?
उत्तर :- जो भैरवी सिद्धि होती है या जिस स्त्री को आप भैरवी बना लेते है अगर वो सिद्ध साधिका बन गई है तो उसके शरीर के ऊपर ही आप अप्सरा को यक्षिणी को अन्य प्रकार शक्तियों को प्रकट कर सकते है और उसके माध्यम से कार्य सम्पन करवा सकते है| कुछ समय के लिए उन्हें भैरवी बनाया जाता है और वो भैरवी शक्ति के रूप में होती है उस वक्त और उस समय आप अपनी साधना सम्पन कर सकते है | लेकिन आप जिस भी स्त्री को भैरवी बना रहे है वो बहुत बढ़ी साधिका होनी चाहिए और स्वयं आप भी उच्च कोटि के साधक होने चाहिए तभी इस प्रकार के साधना में प्रवृत हो सकते है |
३. तंत्र साधना में बलि के रूप में नींबू की बलि का कितना महत्व है? अगर महत्व है तो कितनी संख्या में नींबू की बलि देना उचित है?
उत्तर :- यह बहुत छोटे छोटे प्रयोग होते है जिसमे निम्बू की बलि दी जाती है ये आपके प्रयोग पर निर्भर करता है की आपको कितनी निम्बू की बलि देनी पढ़ सकती है | किसी चीज़ को काटने के लिए निम्बू प्रयोग किया जाता है काटने से तात्पर्य है किसी चीज़ को निष्फल कर देना |
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