जो नया साधक है वो साधना शुरुवात कैसे करेगा ?
मैंने एक वीडियो बनाया था, बिना गुरु के साधना कैसे करे आप उसको देख सकते हैं | उसको देख कर आप बहुत कुछ समझ जायेंगे, हां अगर आप वो नहीं कर सकते है आपके लिए वो बडी बात हो रही है की बहुत अधिक मंत्र जाप करना पड़ेगा तो आपको सहज रूप में किसी को भी आप मन में गुरु मानकर, फिर आप सबसे पहले भगवन शंकर से प्राथना करे तंत्र मार्ग में आने के लिए और उनके मंत्र का १ लाख बार संकल्प लेकर यह करे l संकल्प की अवधि २१ दिन ४१ दिन या ५१ दिन ९० दिन ले सकते है और रात्रि के ९ बजे बाद से रुद्राक्ष की माला से जाप करना है |
साधना काल में घरवाले और मै
अच्छा होगा की आप घरवालों को बता कर साधना करे की मै पूजा करने जा रहा हूँ लेकिन ये मत बातयेगा कौन सी पूजा या साधना कर रहे है और आप उनसे आज्ञा लेकर के शुरू करे और जितनी देर साधना करे अपना कक्ष बंद कर ले ,साधारण पूजन तो सामने कर सकते है लेकिन तांत्रिक साधनाए सब के सामने नहीं किया जाता है बिलकुल एकांत में ही करना चाहिए |
साधना काल में आने वाले सपनो का रहस्य?
जैसे ही साधना में प्रवेश करते है स्वप्न में भूत प्रेत इत्यादि आना शुरू हो जाते है ऐसा क्यों होता है इसका कारण ये है जब हमारी सारी इन्द्रियां बंद हो जाती है उसी समय हमारा आत्म तत्त्व जागृत होता है इसीलिए सबसे सरल माध्यम निद्रा होता है जब व्यक्ति निद्रा में होता है तो उसके मन को छोड़ करके सारी इन्द्रिय बंद हो जाती है उस समय आप एक साधक समान होते हैं और आपने दिन में बहुत से कार्य किये है पूजा पाठ किया है तो निश्चित ही स्वप्न तो आना ही है|
अगर उस समय मन पर भी नियंत्रण कर ले आप किसी तरह से तो निश्चित रूप से समाधी की अवस्था को प्राप्त कर लेंगे | स्वप्न में एक समय ऐसा वातावरण है जब की गई पूजा का असर मन में भी रहता है यानि उस समय आप पारलौकिक लोको में भी प्रवेश कर सकते है | आप जब निद्रा में होते है तो आपकी आत्मा कही भी विचरण कर सकती है, इसके बारे में कभी बाद में बताऊंगा इसको योग निद्रा भी कहते है और इसके सबसे बड़े देवता भगवान विष्णु जी है वो योग निद्रा ही लेते है | अगर रात्रि के समय गलत स्वप्न आते है तो आपको रात्रि सूक्त का पाठ करना चाहिए जो दुर्गा सप्तशती में मिल जाता है
तंत्र में प्रवेश करने का सुरक्षा मंत्र कौन सा है ?
एक सुरक्षा मंत्र तो बहुत सारे होते है अपनी शक्ति बढ़ने के लिए , भयंकर शक्तियों से सामना करने के लिए अलग अलग मंत्र है लेकिन जो मूल मंत्र है जिसके वजह से कोई शक्ति अचानक से आप पर हमला नहीं कर पायेगी वो रुकी रहेगी, आपका कुछ नहीं कर पायेगी, उसको सुरक्षा मंत्र कहा जाता है
ॐ पर-ब्रम्ह परमात्मने मम शरीरे पाछे पाछे कुरु कुरु स्वाहा |
कोई भी शुभ समय में या किसी शुभ दिन से इसकी शुरुवात करे और ११००० मंत्र जाप पूरा कर लीजिये, संकल्प के आधार पे ११ दिनों में कर लेंगे तो सबसे अच्छा होगा | रक्षा के लिए इस मंत्र को १०८ बार पढ़ कर अपने शरीर पर फुंक लेंगे तो निश्चित ही आपकी रक्षा हो जाएगी |