नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक साधक महोदय के जीवन में एक समस्या और प्रश्न को उन्होंने ईमेल पत्र के माध्यम से भेजा है और वह चाहते हैं कि उनकी इस समस्या का हल हो यह अनुभव वह भेज रहे हैं तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं कि यह समस्या आखिर क्या है? प्रणाम गुरुदेव जी, मैं आपके धर्म रहस्य चैनल से सभी कुछ दिन पहले जुड़ा हूं और मैं आपकी सारी वीडियो निरंतर देखता रहता हूं। गुरु जी मेरी भी एक विचित्र समस्या है। मेरा नाम.. है और मैं चाहता हूं। गुरु जी कि आप मेरा नाम ईमेल जो है, इस कहानी में ना बताएं। साथ ही अगर इसे पब्लिश करें तो charmed food evil के नाम से इसे पब्लिश करना। मैंने 2010 से लेकर 2014 तक जो है, देहरादून में बीटेक किया है, यह बात उन दिनों की है जब मैं बी टेक के सेकंड ईयर में था। मैंने एक साधारण से घर में किराए पर कमरा ले रखा था और मेरा! बगल में कोई मजदूर था। उसका कमरा था जिसमें वह अपनी बीवी और एक लड़की के साथ जो उसकी बच्ची थी, उसके साथ रहा करता था। मैं कॉलेज से आकर अक्सर अपने कमरे में बैठ जाता था और कुछ पढ़ाई लिखाई करता था। मेरा दरवाजा हमेशा खुला रहता था। उसकी लड़की शायद कभी-कभी मुझे देखा करती थी। फिर मैंने ध्यान ही नहीं दिया और मुझे इन चीजों से मतलब नहीं था। एक बार की बात है। मैं छत पर घूम रहा था तो उसकी लड़की बाहर निकली और वह मुझसे कुछ बात करना चाहती थी तो मैंने जुंझुलाकर उसे डांट दिया। फिर कुछ बुरी बात भी कह दी थी कि आप अपनी सीमा में रहो या फिर आप अपनी हद में रहो। इसी तरह का मैंने कुछ कहा था। लेकिन इस तरह की बात से शायद वह आहत हो गई थी। उस मकान में जहां मैं रहता था, वहां मुझे पानी लेने के लिए मैं मकान मालकिन से पानी लिया करता था। लेकिन एक दिन क्या हुआ कि मकान मालकिन से पानी नहीं ले पाया तो मैं बगल के कमरे से ही उनसे पानी मंगाया तो वही लड़की निकली जो उस कमरे में थी और उसने मुझे एक बोतल पानी दिया था तो मैं कमरे में आया और वह पानी पी लिया। कुछ दिनों बाद मकान मालिक ने मुझे एक और जगह है। कमरा बोला, कि उधर के कमरे में चले जाओ और वहां अच्छी व्यवस्था है। फिर मैं दूसरे कमरे पर चला गया। यह गुरु जी एक बात और बताना चाहूंगा कि मैं कमरे के भीतर शाम में कभी-कभी दीया जलाकर त्राटक किया करता था क्योंकि मेरे को ध्यान करने की बड़ी ही भीतर से उत्सुकता रहती थी। मैं अक्सर सेट किया करता था और हनुमान चालीसा कान में लगा लिया करता था। हेडफोन! के माध्यम से, उस कमरे में जब मैं त्राटक करने के लिए बैठता था तो? सवेरे दिन के 2:00 से 3:00 बजे सवेरे में उठ जाता था। तब मैं महसूस करता था कि त्राटक करने के बाद जब मैं लेटा था तो कोई चीज मेरे हाथ पर चढ़ती रहती थी और मेरा हाथ भारी हो जाता था। हनुमान जी की पूजा किया करता था तो मुझे यह गलत आभास हुआ कि मुझे लगा कि हनुमानजी ही मेरे ऊपर विद्यमान हो रहे हैं। तो मै इस बात को पॉजिटिव में लेने लगा। हालांकि वह शक्ति मुझे फिर दिन-रात। मुझ में कामुकता और घटिया अश्लील तरह के विचार डालने लगी। फिर मेरी बीटेक की पढ़ाई पूरी हो गई तो मैं फिर से एक बैक मेरा जो 2015 तक था, मैं वही रहा और उसके बाद जो है, मैं घर पर वापस आ गया। घर पर वापस आने पर भी मुझे लगता था कि मेरे शरीर पर कोई चीज है जो ऊपर नीचे चढ़ती रहती है। मुझे बार-बार लगता था कि यह हनुमान जी की माया है या उन्हीं का कोई दूत है या फिर वह स्वयं है तो फिर मैं उसे पॉजिटिवली लेने लगा। अलग ही मुझे वहां कामुक विचार आते ही रहते थे और रुकते ही नहीं थे। एक चीज और इसके साथ हो रही थी। गुरुजी कि मुझे कभी-कभी। अंत में स्वप्नदोष को जाया करता था लेकिन मेरा शरीर ना वह वासना भरा रहता था और और ना ही कुछ करता था। लेकिन मुझे वह स्वप्नदोष हो ही जाता था। कभी-कभी ऐसा लगता था कि किसी शक्ति ने किया है। वह जब मैं उठता था तभी तो मुझे ऐसा आभास होता था। यह घटना चलती रही, लेकिन 2017 से मुझे काफी नेगेटिविटी ही परेशान करने लगी। मतलब मुझे फिर समझ में आने लगा कि यह शक्ति जो है, कोई नकारात्मक ऊर्जा है और यह मेरे शरीर के साथ खेलती है और यह शक्ति एक्चुअली मेरे शरीर को खोखला कर रही थी और मुझे इसका आभास काफी बाद में हुआ। 2017 में फिर मैं इधर उधर तांत्रिकों के चक्कर काटने लगा यह पता लगाने कि कौन है जो मुझे ठीक कर देगा फिर मैं एक पंजाब के तांत्रिक के पास गया। उनसे एक मंत्र लिया जो मंत्र जीरे पर चलाना था और फिर मैं हवन करता था तो। उससे इस तरीके से मुझे थोड़ा आराम मिला था और यह चीज मैं रोज ही मुझे करना पड़ता था। यह 1 ताकि मुझे इस चीज से छुटकारा मुझे मिल जाए। रात में हमेशा यह चीज डिस्टर्ब करती थी, लेकिन उनका मंत्र चला चला कर मैं थक गया था। फिर लॉक डाउन का समय आ गया तो मैंने सोचा कि यह चीज से निजात पानी है तो एक मम्मी के जानकार हैं। वह मुझे एक पीर साहब के पास लेकर गए। वहां उन्होंने मुझे पानी दिया। 40 दिन पानी पीने के लिए उन्होंने कहा कि यह खिलाये और पिलाये की समस्या है। मुझे देहरादून में ही किसी ने कुछ खिला पिला दिया और इस वजह से मैं पीड़ित हो गया हूं, लेकिन 40 दिन के बाद भी गुरुजी। वह समस्या मेरी टली नहीं और मैं आज भी परेशान रहता हूं। कृपया मुझे मार्गदर्शन दीजिए कि मुझे इस घटिया चीज से किस प्रकार से मैं मुक्त हो पाऊंगा। यह खिलाई पिलाई चीज से जो शायद उसके 10 साल हो गए हैं। मेरी शरीर में और मैं कैसे छुटकारा पा सकता हूं। आप के उपाय के लिए मैं सदैव आपका कृतज्ञ रहूंगा गुरुदेव । संदेश-तो देखिए सबसे पहले तो आपने जो 2 गलतियां की हैं, उसका ही सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है और वह गलतियां हैं। बिना गुरु के त्राटक करना और हनुमान जी की साधना करना या उसे सुनना असल में जब यूं ही साधना या त्राटक वगैरह शुरू कर देते हैं और यह नहीं सोचते हैं कि इससे हमारी कुंडली ऊर्जा जागृत होती है और बिना गुरु के यह शक्तियां अनियंत्रित हो जाती है। तब कोई भी बाहरी शक्ति आकर आपके शरीर में वास कर सकती है और फिर आपके लिए वह हमेशा परेशानी बनी रहेगी। यही आपके साथ हुआ है रही बात लड़की की तो अगर उसने तंत्र प्रयोग हो किया होता तो आप सदैव उसी के प्रति आकर्षित रहते उससे मिलने जाते और बार-बार उसी का ख्याल आपके मन में आता। और उसी के प्रति कामुकता ज्यादातर जागती किसी और के प्रति नहीं। यहां पर स्पष्ट रूप से सारी गलती दिया जलाकर किए गए त्राटक के कारण हुई हैं और इससे कभी भी छुटकारा आपको नहीं मिलेगा जब तक आप गुरु मंत्र लेकर लगातार उसका जाप नहीं करेंगे और जॉप करने के बाद भी आपको जीवन में संयमित तरीके से ही साधना करनी होगी। रही बात शरीर पर चलने की तो कुंडली ऊर्जा से विभिन्न प्रकार की नाड़ीयां जागृत होती है तो एक प्रकार से शरीर पर चलने और किसी के छूने का एहसास होता रहता है जैसे कि जैसे चीटीया दौड़ रही हो। और यह चीटियां असल में ऊर्जा है जो शरीर में चारों तरफ दौड़ती है। फिर यह उर्जा शरीर से बाहर निकलने की कोशिश करती है और उसे एक ही माध्यम मिलता है और वह होता है। पुरुष या स्त्री का यौन क्षेत्र इसीलिए! अधिकतर लोगों को स्वप्नदोष हो जाता है क्योंकि वह ऊर्जा को संभाल नहीं सकते। इसीलिए गुरु मंत्र बहुत अनिवार्य वस्तु है। गुरु मंत्र लीजिए, उसका मंत्र जाप कीजिए ताकि आप इस शक्ति को नियंत्रण में ले सकें और कोई बाहरी नकारात्मक शक्ति आकर उसका फायदा ना उठाएं क्योंकि हर ऊर्जावान पुरुष की ऊर्जा को चुराने का सबसे सरल उपाय कामुकता ही होती है और इसके माध्यम से वीर्य की ऊर्जा शक्तियां ग्रहण कर लेती हैं। जैसे कि आप मेरे सभी वीडियोस के माध्यम से जानते ही होंगे तो इसका एक ही हल है और हनुमान जी की साधना और यह दोनों एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं। हनुमान जी की साधना में पूर्ण ब्रह्मचर्य रखना पड़ता है और त्राटक में जब तक कुंडलिनी ऊर्जा को नियंत्रित नहीं किया जाता है, उसका प्रभाव अच्छे के जगह बुरा होने लगता है। यही कारण है कि गुरु की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी चीजों में हाथ डालने से पहले। समझ से ज्यादा बड़ी नहीं है लेकिन आपने इसे मानसिक रूप से ज्यादा बड़ा बना लिया है। आप इससे आराम से बाहर निकल जाएंगे। यह शक्ति आपका बिगाड़ नहीं पाएगी। तो यह था। इनका अनुभव और प्रश्न अगर आपको आज का वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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साधक की तांत्रिक समस्या
Dharam Rahasya
धर्म रहस्य -छुपे रहस्यों को उजागर करता है लेकिन इन्हें विज्ञान की कसौटी पर कसना भी जरूरी है हमारा देश विविध धर्मो की जन्म और कर्म स्थली है वैबसाइट का प्रयास होगा रहस्यों का उद्घाटन करना और उसमे सत्य के अंश को प्रगट करना l इसमें हम तंत्र ,विज्ञान, खोजें,मानव की क्षमता,गोपनीय शक्तियों इत्यादि का पता लगायेंगे l मै स्वयं भी प्राचीन इतिहास विषय में PH.D (J.R.F रिसर्च स्कॉलर) हूँ इसलिए प्राचीन रहस्यों का उद्घाटन करना मेरी हॉबी भी है l आप लोग भी अपने अनुभव जो दूसरी दुनिया से सम्बन्ध दिखाते हो भेजें और यहाँ पर साझा करें अपने अनुभवों को प्रकाशित करवाने के लिए धर्म रहस्य को संबोधित और कहीं भी अन्य इसे प्रकाशित नही करवाया गया है date के साथ अवश्य लिखकर ईमेल - [email protected] पर भेजे आशा है ये पोस्ट आपको पसंद आयेंगे l पसंद आने पर ,शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें l धन्यवाद