सावन में 16 सोमवार बहुत प्रसिद्ध हैं, अगर 16 सोमवार का व्रत किया जाए तो तो योग्य पति और पत्नी की प्राप्ति होती है । यह आज से नहीं सदियों से चली आ रही परंपरा हमारे देश की है भगवान शिव की बहुत ही अच्छी आराधना इसमें की जाती है और इसी में ही तांत्रिक प्रयोग किया जाता है ।इसमे माता पार्वती की पूजा की जाती है ।
अगर लगातार किया जाए इसी प्रक्रिया को अलग ढंग से तो एक तांत्रिक प्रयोग होता है जिसमें सुयोग्य पति की प्राप्ति होती है यह प्रयोग बहुत ही दुर्लभ है और इसका प्रयोग बहुत ही कम सुनने को मिलता है । इस मंत्र के जाप से कोई भी लड़की अपने मनोवांछित पति को प्राप्त कर सकती है। और जिस तरह से समस्याएं आ रही हैं कि अच्छे लड़के नहीं मिल पा रहे हैं तो इसके लिए माता गौरी की कृपा विशेष रुप से आवश्यक होती है ।
माता गौरी की कृपा से कोई भी लड़की या स्त्री अपने लिए सुयोग्य वर की प्राप्ति कर सकती है अच्छा पति उसे मिलेगा अगर उसके प्रारब्ध में कोई गलत कर्म नहीं है, अगर प्रारब्ध बहुत ज्यादा गलत नहीं है तो हमारे पास समस्या प्रारम्भ में ही आ जाती है लेकिन अगर कोई वस्तु हमारे प्रारब्ध मे ही नहीं है तो आप कुछ भी कर लीजिए वह आपको प्राप्त नही होती है । प्रारब्ध अपने कर्म से ही बनता है यानि कि आप अपने भविष्य का प्रारब्ध आज के कर्म से बना रहे हैं ।
इसी तरह अगर आपने अपने पूर्व जन्म में कोई गलत काम किया है तो उसी के वजह से आपका प्रारब्ध सही या गलत बनता है अगर कोई यह सोचे कि मैं इस जन्म में 10 बॉय फ्रेंड रखूंगी, लड़की यह सोचे और बाद में पति भी इस जन्म में आपको अच्छा मिल जाए पीछे जनम की वजह से, लेकिन अगर आप ऐसे कर्म अभी से कर रहे हो तो अगले जन्म में आपको अच्छे पति मिलने की कोई संभावना नहीं है ।
अगर आपने फिर से जन्म मिला तो आपको बिल्कुल भी अच्छा पति नहीं मिलेगा इसलिए आप अपने कर्मों को सुधारिये अपना प्रारब्ध इतना अच्छा बना कर जरूर चले कि आपकी जिंदगी में भविष्य में कोई गलत बात ना होने पाय कोई गलत चीज ना होने पाए । इसी वजह से और बात से कभी-कभी यह होता है कि इस जन्म में कोई पुरुष बनकर पैदा हुआ है यानि कोई जीवात्मा पुरुष बनकर पैदा हुई है और उसने कई स्त्रियों से संबंध बनाएं हैं ।
गलत तरीके से वह रहा है तो इसी वजह से उसको दंड स्वरूप अगला जन्म स्त्री का दे दिया गया और वह फिर जब भी विवाह करेगी चाहे वह अच्छी कर्मो वाली है इस जन्म में वह अच्छी स्वभाव भावना वाली है ध्यान पूजा भक्ति सब कुछ करती है लेकिन उसे अब फायदा नहीं होने वाला निश्चित रूप से से ऐसा पति उसे प्राप्त होगा जो उसे कभी भी खुश नहीं रखेगा और उसकी स्थिति बहुत ही स्थिति खराब होती जाएगी ।
कहने का मतलब है हम ही अपने भविष्य के निर्माता है चाहे आज नहीं तो कल और इसीलिए लोगों के साथ गलत होता रहता हैं और वो समझ नहीं पाते इस सत्य को कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ।क्योंकि वह पूजा पाठ भी करते हैं अच्छे कर्मो को करते हैं, इसके बावजूद भी उनके साथ गलत होता जा रहा है, इसलिए आप आज को अपने को सुधारते चलिए पिछला तो आप नहीं सुधार सकते हैं ।उसके लिए आपको बहुत ही ज्यादा तपस्या करना होगा तभी आपका पिछला सुधरेगा ।
जब आपके प्रारब्ध के कर्मों को भी काटने की छमता इस जन्म के कर्म में हो जाएगी तभी यह जीवन शुभ होगा । प्रारब्ध एक सच्चाई है इसी को जन्म लेना भी कहते हैं कोई अच्छे खानदान में जन्म लें लेता है, उसे अच्छे दोस्त मिलते हैं, अच्छा परिवार मिलता है, अच्छे सहयोगी हर प्रकार से उसे अच्छे लोग मिलते हैं तो इसलिए उसका भविष्य बहुत आराम से उत्तम बन जाता है ।
वही एक जो पहले ही गलत खानदान में जन्म लेते हैं और इसके बाद उसे गलत दोस्त, गलत दिशा दिखाने वाले लोग मिल जाते हैं और उसके साथ सब कुछ गलत होने लग जाता है । हर व्यक्ति उसका फायदा उठाता है, उसने भी ऐसा ही पिछले जन्म में सब के साथ किया होता है इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा है तो खैर मेरा यह टॉपिक नहीं है फिर भी बताना मेरा फर्ज है कि क्यों आप लोग फंसते हो क्यों आप लोगों को गलत संगत मिलती है । आप आज से अच्छे बनिये जितना आप खुद को चाहते हैं उतना ही आप दूसरों को चाहिए ।
यही दुनिया की वास्तविक सच्चाई है ईश्वर ने हमें ऐसे बनाया है कि हम एक दूसरे के लिए एक पेड़ की तरह हैं, जिसका फल स्वयं के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए है। अगर यही चीज सारी दुनिया जान जाए तो यह दुनिया स्वर्ग बन जाएगी लेकिन यही लोग नहीं समझते स्वयं के लिए जीते हैं दूसरे के लिए कोई जीना नहीं चाहता ।
यहां पर जो मैं आपके लिए साधना लेकर आया हूं वह सुयोग्य पति की प्राप्ति के लिए है इसके लिए आपको एक मंत्र है जो इस प्रकार से है।।
मँत्र: हे गौरि ! शंकरार्धांगि ! यथा त्वं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्। ।।।
इस मंत्र को आपको जपना है इस मंत्र की रोज आपको 11 मालाएं करनी है सोमवार को और यह 16 सोमवार की साधना है।।यानी कि यह आपको चार साल लगभग करना होगा चार-चार के हिसाब से क्योंकि यह सोमवार लगभग चार बार पढ़ता है । इसको आपको इस तरह से साधना करना है विधि इस प्रकार है सुबह उठकर के स्नान करके सुयोग्य पति की प्राप्ति के लिए जो भी कन्या हैं गौरा यानी माता पार्वती की मूर्ति पर लाल फूल को चढ़ाकर दीपक जलाएं और भावी पति की कामना को अपने मन में चित्र रुप में स्थापित कर के एक माला उसी समय जपे और उसके बाद घर आकर 11 माला जाप करें ।
यह आपको करना है मंदिर में जाकर आप माताजी के चित्र को अगर गौरी माता का मंदिर है जहां चित्र स्थापित हो तो बहुत अच्छी बात है, वहां पर कर सकते हैं और उसके बाद घर आकर माता पार्वती की फोटो स्थापित करनी है और यह हर सोमवार को करना है जिस समय आप करेंगी, एक ही समय करेंगी हमेशा । इसमे आपको तांत्रिक प्रयोग इस प्रकार से करना है कि लाल फूल, लाल चूड़ी, लाल परांदा, चूड़ा जो हो लाल होना चाहिए, मेहंदी श्रंगार का पूरा सामान लेकर सोमवार को माता जी को चढ़ाने के लिए लेकर जाएंगे और उन्हे अर्पित करेंगी ।इससे शीघ्र वर आपको प्राप्त होगा और जब शादी हो जाए तब भी शादी होने पर माता पार्वती को उपयोग के सामान के साथ लाल कपड़े का जोड़ा भी माता को श्रद्धा के साथ अर्पित करना चाहिए ।
इस् प्रकार से आपको करना है यह गुप्त प्रयोग । इन प्रयोगों लगातार करने वाली लड़की को निश्चित रूप से सुयोग्य पति की प्राप्ति होती है । मनवांछित फल प्राप्त होता है अच्छा पति उसको प्राप्त होता है निश्चित रूप से हर परिस्थिति में वह पति उसका साथ देता है ।याद रखे इतने दिनों में आपको अपने मानसिक वाचिक कायिक ब्रहमचर्य पालन करना होता है । इस विधि को सारी लड़कियां कर सकती हैं ।
याद रखें इतने दिनों में यदि घर मे आपने किसी को अपना प्रेमी बना रखा है तो इसके साथ भी ना घूमे ऐसा करने पर माता क्रोधित होती है, याद रखियेगा कि कोई भी हो उसका प्रेमी भी तो भी उससे उन दिनों में उससे दूरी बनाकर रखनी है तभी वह आपको पति के रूप में प्राप्त हो सकता है ।अगर आप उसको चाह रही हैं कि आपको वही पति के रूप में मिले । बाकी तो सब माता की माया है कि वो किसको आपके साथ का संगी बनाना चाहती है, उसी को आपका संगी बना देंगी । इस प्रयोग को जरुर करें इस प्रयोग से निश्चित रूप से बुरा पति मिलने की संभावना होंगी तो भी कट जाएगी और आपको एक अच्छा और सुयोग्य पति मिलता है । यह थी माता गौरी की सावन मे की जाने वाली सुयोग्य पति की साधना धन्यवाद ।