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होली पर घटित सच्ची भूतिया घटना अनुभव

होली पर घटित सच्ची भूतिया घटना अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक साधक का अनुभव लेने जा रहे हैं जो कि होली के दौरान उनके साथ घटित हुई कुछ अप्रत्याशित घटनाओं के संबंध में है। चलिए पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को और जानते हैं। इस अनुभव के विषय में

गुरु जी के चरणो में शत-शत नमन गुरुजी मै। होली के दौरान बीते हुए अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण बातें आपसे कहना चाहता हूं। गुरु जी हमारे साथ एक अद्भुत घटना घटी है जो कि मैं आपको अपने अनुभव को बताना चाहूंगा। गुरुजी होली का दिन है। मैं कभी नहीं भूल सकता। गुरु जी इस साल की होली मेरे साथ जो घटित हुई है वह मैं अपने पूरे जीवन काल तक कभी नहीं भूल सकता। ऐसा हमारे साथ घट गया है। गुरुजी होली के दिन हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर। उस क्षेत्र में होली खेल रहे थे तो वह होली खेलते खेलते हमें काफी समय हो गया। कम से कम दोपहर के आसपास दो से तीन या चार तक बज गए होंगे तभी हम लोग सोचे कि चलो अब हम होली खेल चुके हैं और अब हमें स्नान कर लेना चाहिए और दोपहर हो ही चुकी है तो दोपहर के दिन घर पर पूरा करते हैं और हम लोग होली को बंद करके घर पर स्नान करने की बात के लिए हम आपस में विचार करते हैं और हम लोग कहते हैं कि सभी लोग अपने ग्रुप में चलते हैं हम अपने। अपने घर पर स्नान कर लेंगे तो हमारे एक फ्रेंड में से एक बंदा बोला कि हम स्नान करने के लिए घर क्यों जाएं तो हम लोग हंसने लगे कि हम स्नान करने के लिए अपने घर नहीं जाएंगे तो क्या तुम्हारे घर जाएंगे तो उसमें से एक बोला कि हम लोग चलते हैं, कहीं ऐसी जगह पर नहाते हैं जहां हम सब लोग एक ग्रुप के साथ में करेंगे तो अच्छा लगेगा। मस्ती करेंगे, होली भी है और होली के दिन का मजा भी अलग ही आता है। कहीं अच्छी जगह घूमना, फिरना और मस्ती करना तो हमने सोचा कि हां चलो हम चलते हैं। अगर कोई चीज हो तो गुरुजी वह हमारे गांव में से काफी जगह है जहां से लोग स्नान कर सकते हैं जैसे कि पोखर हो नदी हो। ऐसी काफी जगह है तो हम लोगों ने एक कड़ी में जाकर नहाने के लिए सोचा तो हम लोग अपने फ्रेंड और फिर सारे फ्रेंड मिलकर वहां जाने लगे। वहां पर नहाने के लिए थोड़ा जाने में समय लगता था। हम लोग खेतों से होते हुए बहुत मुश्किल से वहां पहुंचे थे किसी। और? वहां पर जाते समय देखे कि उस में काफी पहले ही कुछ लोग नहा कर बाहर निकल कर आ रहे हैं। घर वापस तो हम लोग आ गए थे। देखी कि यहां पर पहले से लोग नहा रहे हैं। अब नहा कर घर जा रहे हैं तो हम लोग पांच छह सात आठ नंबर तक के दोस्त हैं और वहां पर हम लोग जाते हुए देख कर सोचे कि यहां पर कोई नहीं है। चलो हम लोग हैं हम नहाए। अब इस बारे में हम भी अब नहा ही लेते हैं। थोड़ा नहाने के बाद हम लोग चलते हैं। अपने अपने घरों को तो हम लोग खुशी से अपने कपड़े। निकालते हैं और फिर हम उस जगह में नहाने लगते हैं। गुरु जी नहाते समय जो हमारे ग्रुप में से एक बंदा था। वह कहता है कि यहां पर चलते हैं। नहाने के लिए उसे जल्दी मौका नहीं मिलता है। कहीं आने-जाने घूमने की तो वजह से वह जल्दी से नदी में थोड़ा नहाने के लिए हम लोग चलते हैं।

तो तभी वह बोला कि हम चलते हैं इसमें नहाने के लिए और हम सब पहले ही अपने।

कालका नदी में वह पानी में कूद गया और जैसे कूदा तो एक आवाज आई। वह सब हम लोगों को बोला कि यहां एक आवाज आई थी जो कि उससे बोल रही है कि क्या हां हां आओ आओ हम लोग अकेले ही नहा रहे थे। हम तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। अब नहाने में हम लोगों को भी मजा आएगा। तुम्हारे साथ ऐसी इस तरह की आवाज आई गुरुजी तो उसने हम लोगों से कहा, क्या क्या तुमने भी कुछ आवाज सुनी है। यहां पर जो कुछ आवाज आई थी। जैसे की बोल रहा था कि हम अकेले नहा रहे हैं और तुम भी आ जाओ हमारे साथ। तो फिर थोड़ा मधु और मजाक से इस तरह की बातें कर रहा है तो हमने सोचा कि यह मजाक कर रहा है और हमने उसकी बात को टाल दिया। सोचे कि हम लोग जब नहाने आए हैं तो मस्ती मजाक करके डरा रहा है। हम सबको उसकी बात पर विश्वास नहीं था। कुछ देर बाद फिर हम लोग विश्वास कर लेते हैं तो ऐसा ना हो कि चलो हाय हो गई है। हमारे माइंड का कोई वहम होगा। इसलिए उसने कहा कि चलो तुम सब भी आ जाओ। मजा आ रहा है ना तो हम लोग भी पानी में उतारे और हम लोग लगभग आधे घंटा से 1 घंटे तक वहां पर काफी तादाद में नहाए और नहाते नहाते हमें भूख भी लगने लगी। थोड़ी धूप भी लग रही थी पर पानी थोड़ा था। अभी हम सोचे कि काफी समय हो गया है। चलो बाहर निकलते हैं और अपने अपने घरों में जाकर नहाते हैं तो हम लोग निकलते हैं बाहर और हमारे जहां। पर वह खड़ा था। उसकी बैक साइड में एक पीपल का पेड़ था। वहां पर एक मंदिर है। बजरंगबली का छोटा सा मंदिर वहां पर शनि देव की मूर्ति रखी हुई है। गुरुजी अच्छी खासी पूजा वहां पर लोग करने आते रहते हैं। पर हम लोगों को वहां कोई नजर तो नहीं आ रहा था। दूर दूर तक खुला हुआ माहौल था तो यहां पर हम लोग यहीं पर अपने कपड़े बदल लेते हैं। पीपल के वृक्ष के पीछे हमारे फ्रेंड मुझे बोले कि तुम यहां पर देखते रहो और हमें।

कोई देख ना पाए तभी हम पेड़ के पीछे कपड़े बदल सकते हैं। गुरुजी इतना समय हो गया था। हम बाहर आए और नहाने के बाद जल्दी से आते हैं।

फिर हम वहां पर निकलने का मन करता है और मेरा मन थोड़ा मचलने लगता है यार हम लोग अभी तो आए हैं। ज्यादा समय भी नहीं है हुआ है। नहाने में मजा भी उतरा नहीं आया। हम जाने लगे। घर को तो सब पीपल के पेड़ के नीचे फिर कपड़े बदल रहे थे। मैंने देख लिया काफी दूर से कोई देख रहा है तो आप सब लोग पेड़ के पीछे कपड़े बदल लो। तब तुम लोगों के बाद में कपड़े बदल लूंगा। मैं थोड़ा और नहा लूं। तब कपड़े बदल लो। कपड़े बदल रहे थे कि तभी सभी लोग नहा रहे थे। इसी में नहा रहे थे कि तभी कुछ ऐसा लगा जैसे कि मेरा किसी ने पैर पकड़ लिया। गुरु जी व फील हो रहा था। पूरा का पूरा एक हाथ उसका बड़ा। बड़ा नाखून भी था। मुझे इस बात की अच्छी तरह फीलिंग आ रही थी कि उसने मेरा पैर पकड़ रखा है। जैसे मैंने उसे पकड़ लिया। मुझे उसने भी पकड़ लिया।

गुरु जी मैं अपने दोस्तों को बताऊं पर मेरी फ्रेंड तक मेरी आवाज नहीं पहुंच रही थी। मैंने सोचा चलो बहुत परेशान हो गया तो फिर वह मुझे पानी के अंदर लेकर आया और मुझे दबाने की कोशिश करने लगा मेरी सांस। फूलने लगी। मुझे मेरे शरीर में दांतो के काटने के निशान से महसूस होने लगे। पानी के अंदर बालू थी और मेरे मुंह में पानी भर रहा था। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मुझे लग रहा था कि मेरा अंतिम दिन है। आज मैं मर जाऊंगा। मेरे फ्रेंड से मेरी आवाज नहीं सुन पा रहे। मेरे हृदय में ख्याल आ रहा था कि मैं माता किस शक्ति में हूं, प्रभु का ध्यान करता हूं और मैं मेरे जितने भी देवी देवता और शक्तियां थी उन सब का नाम जपने लगा। मन में जब मैं तारा बोलता हे भोलेनाथ हे बजरंगबली है। माता तो मुझे बचा लो। मेरी सहायता करो। मैं मर जाऊंगा। माता और प्रभु का ध्यान लगाता। फिर अचानक गुरुजी एक हाथ आया। मुझे पानी से पकड़कर मेरा हाथ उठा दिया और मैं बाहर निकल आया। मैंने गुरुजी देखा। वहां पर दो-तीन गाय भी चल रही थी। 1 फटे हुए थोड़े कपड़े पहने एक वृद्ध व्यक्ति था। वह मेरा हाथ पकड़ कर बाहर निकाला और मैंने कहा, आपका धन्यवाद। क्या आपने मेरी जान बचाई। गुरु जी मैंने उन्हें बताया कि पानी के अंदर न जाने कौन था जो मेरे पैर को खींच रहा था। मुझे दबाने की कोशिश कर रहा था। मुझे मारने के पीछे पड़ा था।
उन्होंने कहा, इसके अंदर कुछ बच्चों की मृत्यु हो गई थी जो कि यहां पर भूत बन गए हैं और लोगों को सताते हैं। कभी-कभी मारते हैं और यही। तुम्हें मारने की कोशिश कर रहे थे। आप फिकर मत करो। अब तुम अपने घर जा सकते हो। अब तुम्हें परेशान नहीं करेंगे क्योंकि अब मैं हूं ना तुम्हारे साथ देखो, तुम्हारे फ्रेंड थे। अब घर चले गए हैं तो मैंने उनसे पूछा कि आप मेरे को मेरे फ्रेंड कहां है। तुमने कहा, वह देखो, वह तो जा चुके हैं। शायद तुम ही रह गए हो। इसीलिए बुरी तरह फंस गए थे और मैंने तुम्हें इसीलिए बचाया है। तो मैंने कहा, मुझे मेरे घर छोड़ दीजिए। मैं घर चला जाऊं तो उन्होंने कहा, हां हां ठीक है। मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूं। चलो मेरे साथ मैं उनके साथ अपने दिल को डरते डरते सहमते हुए घर पहुंचा और घर जाते ही मैंने उनसे बोला, आप यहीं रुको मैं घर से जाकर मम्मी पापा को बुला लेता हूं। वह आपसे मिलेंगे तो उन्होंने कहा कि मैं अब नहीं रुक सकता और मैं 2 सेकंड में आता हूं तो मैंने घर में जाकर मम्मी पापा को बुलाने की कोशिश की। मुश्किल से कुछ सेकंड ही हुए होंगे। मम्मी पापा बाहर आए। मैंने अपनी आपबीती बताई थी। अपनी मम्मी पापा को तो बाहर आए तो बाहर तो कोई था ही नहीं, वह जाने कहां चला गया। यह सब कुछ बड़ा ही आश्चर्यजनक और अद्भुत घटित हुआ था और इतने कम समय में कोई कहां गायब हो सकता है। मैंने उसकी बात को ज्यादा इग्नोर नहीं किया। गुरुजी जब मैं सो रहा था। रात को तो रात को मुझे वही सपना है कि मैं वही! नदी में नहा रहा हूं।
नदी में नहाने के दौरान वही बच्चे फिर से मुझे पकड़कर पानी में डूबाने की कोशिश कर रहे हैं। फिर से उसी व्यक्ति का हाथ है। मुझे बाहर निकला गुरुजी, जब उसने मुझे बाहर निकाला तो गुरु जी मैंने देखा कि वह व्यक्ति जगह पूरी साक्षात महाशिव मतलब प्रभु महादेव मुझे बचाने के लिए आए थे और गुरुजी उनका पूरा का पूरा स्वरुप मेरी आंखों के सामने देखा और सपने में मैं उन्हें देख रहा था पूरे स्वरूप में आज तक कभी नहीं दी। गुरु जी मैं महादेव का दर्शन पाकर इतना धन्य हो गया। मैं एकदम से उनकी भक्ति में पूरी तरह डूब गया। आपको क्या बताऊं? मैं पूरे टाइम उस रूम में प्रभु का ध्यान करता रहता हूं। मेरे परिवार में मेरे स्वभाव को देखे बहुत चिंतित हैं। यहां इतनी भक्ति भाव कैसी हो गई है। मुझे पता नहीं था। मैंने अपना यह सपना किसी को नहीं बताया। सिर्फ आपको ही बता रहा हूं। गुरु जी मैं बीमार हूं। बीमार होने के बाद भी आपको अपना अनुभव भेज रहा हूं। गुरुजी में काफी समय से बीमार था। मैं थोड़ा स्वस्थ हो पा रहा हूं। फिर भी दिन में आपको अनुभव लिख कर भेज रहा हूं। यह कैसी दिव्य घटना है जिसको बताने के लिए में मचल रहा था। मैं बीमार हूं। फिर भी आपको अपना अनुभव भेज रहा हूं। गुरु जी को प्रणाम गुरु जी मेरे अनुभव को अपने धर्म रहस्य यूट्यूब चैनल पर अवश्य प्रकाशित कीजिए। प्रणाम गुरुजी
सन्देश- तो देखिए यहां पर इन्होंने इनके साथ इनके जीवन पर। होली के दौरान आए संकट को बताया है। अवश्य ही भगवान शिव की कृपा इनको प्राप्त हुई और इनकी प्राणों की रक्षा हुई क्योंकि! जब भी हम गुरु भगवान शिव के माता  जी को याद करते हैं। सच्चे हृदय से तो अवश्य ही हमें सहायता मिलती है। रही बात उस चीज के असर की इसी वजह से इनके शरीर पर बीमारी भी बनी हुई है तो इन्हें अवश्य ही गुरु मंत्र का जाप और हवन करना चाहिए ताकि निश्चित रूप से इस बुरी शक्तियों का जो असर था जिसकी वजह से प्राण पर संकट आया था और यह आत्मा अपने साथ उन्हें खींचने की कोशिश कर रही थी। उनका प्रभाव समाप्त हो जाए, तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आए तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
https://youtu.be/nLwuRJWxf8E
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