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अनुरागिनी यक्षिणी की प्रेम कहानी भाग 4

"रात का घना अंधकार था, और तांत्रिक अपने कुछ सहयोगियों के साथ जंगल में हवन कर रहा था। मंत्रों का गूंजता हुआ स्वर दूर-दूर तक सुनाई दे रहा था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह हवन किसके लिए हो रहा है। दूसरी ओर, राजकुमार अपनी प्रेमिका अनुरागिनी के लिए व्याकुल था, जिसे एक काले साये ने उठा लिया था। तांत्रिक ने रहस्य से परदा उठाया—अनुरागिनी कोई साधारण कन्या नहीं, बल्कि यक्षिणी थी, जो श्राप के कारण इस धरती पर विचरण कर रही थी। अब उसे पाने के लिए राजकुमार को उस बलशाली तांत्रिक से युद्ध करना होगा, जो अनुरागिनी की शक्तियों का उपयोग करने की योजना बना रहा था।"

अनुरागिनी यक्षिणी की प्रेम कहानी भाग 4

नमस्कार दोस्तों, धर्म रहस्य चैनल में आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम आपको एक अद्भुत और रहस्यमयी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो आपको हैरान कर देगी।


महल में फैली खबर

अनुरागिनी, जो अपनी अद्वितीय सुंदरता के लिए जानी जाती थी, अचानक एक काले साये द्वारा उठा ली गई। यह घटना पूरे महल में आग की तरह फैल गई और सभी लोग हैरान थे। किसी के लिए भी यह समझ पाना मुश्किल था कि कैसे कोई शक्ति उसे उठाकर ले जा सकती है।


राजकुमार की चिंता

जब यह बात राजकुमार तक पहुँची, तो वह अपने पिता राजा के पास पहुँचा और भावुक होकर बोला, “पिताश्री, मेरे साथ ऐसा क्यों होता है? जब भी मैं किसी से प्रेम करता हूँ, वह मुझसे दूर हो जाती है।” यह सुनकर राजा ने एक तांत्रिक को बुलाने का आदेश दिया।


तांत्रिक की सलाह

तांत्रिक ने सारी घटना सुनने के बाद कहा, “यह मामला उतना साधारण नहीं है जितना हम सोच रहे थे। यहाँ कोई बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। यह कन्या कोई साधारण मानव नहीं है, यह यक्षिणी है जो श्राप के कारण धरती पर भटक रही है।”


अनुरागिनी का अपहरण

तांत्रिक ने यह भी बताया कि एक अन्य शक्तिशाली तांत्रिक अनुरागिनी की शक्तियों को प्राप्त करने के लिए उसे उठा ले गया है। उसकी शक्तियाँ तभी जाग्रत होंगी जब उसका विवाह होगा, लेकिन तांत्रिक ने उसे विवाह करने से पहले ही अपहरण कर लिया।


राजकुमार की चुनौती

राजकुमार ने तांत्रिक से अनुरागिनी को वापस लाने का उपाय पूछा। तांत्रिक ने कहा, “तुम्हें उस शक्तिशाली तांत्रिक से युद्ध करना होगा, लेकिन तुम्हें माता त्रिपुर भैरवी की साधना करनी होगी। इससे तुम्हें शक्ति मिलेगी।”


कठिन तपस्या

राजकुमार ने माता त्रिपुर भैरवी की आराधना शुरू की। सातवें दिन, माता प्रकट हुईं और उन्होंने राजकुमार से कहा, “मुझे मानव देह चाहिए, अन्यथा मैं विध्वंस करूंगी।” राजकुमार ने खुद को समर्पित कर दिया और माता ने उसे खा लिया।


आगे क्या हुआ?

आगे क्या हुआ? क्या राजकुमार अनुरागिनी को वापस पा सका? क्या तांत्रिक की योजना सफल हुई? इसका उत्तर जानने के लिए अगले भाग में बने रहें।


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अनुरागिनी यक्षिणी की प्रेम कहानी भाग 5

 

 इस कहानी को विस्तार पूर्वक देखने के लिए  नीचे का यूट्यूब वीडियो अवश्य देखें-

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