कामपिशाच साधना रहस्य
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य मेंबर्स वीडियो में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज का जो हमारा विषय है, यह काम पिशाच साधना से संबंधित है और इसके लिए विशेष रूप से एक धर्म रहस्य मेंबर्स। सदस्य ने इसके लिए आग्रह किया था कि आप अवश्य ही इस शनिवारकाम पिशाच की साधना को लेकर के आइए तो सबसे पहले हम लोग काम पिशाच के संबंध में जानते हैं कि आखिर यह होता कौन है और यह बनता कैसे हैं तो जैसे कि हम लोग जानते हैं कि पिशाच जितने भी होते हैं यह रक्त पिपासु। स्त्री विशेष रूप से उनके प्रति आकर्षित होने वाले और जिसके साथ में जो भावना सबसे ज्यादा विद्यमान होती है उसको उसी श्रेणी का हम लोग मानते हैं। जैसे अगर रक्त पिशाच आते हैं तो उसे खून पीना बहुत ज्यादा पसंद होता है और अगर कोई पिशाच जिसे हम काम पिशाच कह तो उसे शारीरिक सुख या संभोग करना बहुत ज्यादा पसंद होता है। यही उसका मूल और मेन उद्देश्य भी होता है तो इस तरीके। कैसे होती है और बनती कैसे हैं? जो भी व्यक्ति अपने जीवन काल में काम सुख के लिए किसी भी हद तक जा करके उसने अपनी काम इच्छा की पूर्ति की होती है तो ज्यादातर ऐसे ही व्यक्ति मरने के बाद काम पिशाच बनते हैं। अगर सहज रूप में देखा जाए तो जो पुरुष किसी भी कुंवारी कन्या बालक बालिका बहुत छोटी बच्चियों किसी स्त्री जो कि सुहागन हो इत्यादि के साथ बलात्कार किया हो और लगातार ऐसे कार्य वह हमेशा करता रहा हो।
ऐसा व्यक्ति हमेशा काम पिशाच बन सकता है क्योंकि इसके प्रबल संभावनाएं हैं। इसके अलावा कोई व्यक्ति अगर। संभोग करते हुए भी मृत्यु को प्राप्त हो उसके भी काम पिशाच बनने की संभावना होती है। लेकिन अंतर क्या है जिसकी काम की पूर्ति नहीं हो पाई और जिससे और ज्यादा इस सुख को प्राप्त करने की इच्छा उसके। अंदर सभी विद्यमान रहती है, वही इस श्रेणी का बनता है। इसके जो स्वभाव होता है, यह किसी भी स्त्री या कर्मियों को केवल उसी नजरिए से देखता है। इसके अलावा वह कभी भी किसी भी स्त्री को इज्जत की दृष्टि से नहीं देखता है। उसके शारीरिक!
अंदरूनी अंगों को बहुत ज्यादा महत्व देता है और उसकी नजर उन्हीं चीजों पर सबसे पहले जाती है। इसलिए इसके जैसे गुण वाला व्यक्ति अगर इनकी साधना करता है तो बहुत जल्दी उसे सिद्धि प्राप्त होती है। लेकिन मैं स्पष्ट रूप से यह बात बता देना चाहता हूं कि इस तरह की साधना का जो उद्देश्य होता है वह केवल और केवल आपको काम इच्छा की पूर्ति ही होता है। इसीलिए इससे व्यक्ति निश्चित रूप से नीचे गिरता है क्योंकि काम इच्छा एक ऐसी चीज है जो कभी भी तृप्त नहीं होती है और नए-नए उद्देश्य ढूंढती रहती है। एक स्त्री से दूसरी स्त्री दूसरी स्त्री से दूसरी स्त्री और कुंवारी कन्याएं और यहां तक कि यह इतना ज्यादा गंदा होता है कि आपकी मस्तिष्क में छोटी बच्चियों से भी ऐसा करने के लिए आपको प्रेरित कर देगा। चाहे वह उम्र में पांच 6 वर्ष की ही क्यों ना हो?
ऐसी शक्तियों को सिद्ध करने के पीछे नहीं जाना चाहिए। केवल कुछ अवस्थाओं में जैसे कि अगर आपको।
कोई आपके जीवन साथी है। वह किसी भी प्रकार से आपके अनुकूल नहीं हो पा रहा है। तब इसकी शक्ति का कुछ समय के लिए प्रयोग करके वशीकरण किया जा सकता है। लेकिन यह भी ज्यादा समय तक नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इसकी सिद्धि को। प्राप्त करने की कुछ समय बाद 100% विसर्जित अवश्य कर देना चाहिए। अन्यथा यह आपको अपने जैसा बना देगा क्योंकि जैसा कि मैंने बताया काम ही पूर्ति संसार में कभी नहीं हो सकती और यह नए नए विकल्प ढूंढता रहता है और जो भी इसे साध लेगा वह उसके जैसा ही लग जाता है। फिर उसे किसी भी कीमत पर नई स्त्री कन्या की प्राप्ति करनी ही करनी है या उसके मन में होता ही होता है। यहां तक कि वह भूत प्रेत पिशाच उनसे भी शारीरिक संबंध बनाने में पीछे नहीं हटता। और यहां तक भी देखने में आया है जिन्होंने पूर्ण सिद्धि इसकी की है वह। कब्रों से भी स्त्री के अंगो को निकालकर भी उनके साथ शारीरिक संबंध बनाते देखे गए हैं इसलिए! यह बात बिल्कुल आपके! ध्यान में होनी चाहिए कि यह किस प्रकृति की शक्ति है और इसका उपयोग कैसे करना है। यह को अच्छी प्रकार जानना चाहिए। अन्यथा यह आपको अपने जैसा बना कर खुद आपको पिशाच बना देगा और मृत्यु के बाद फिर आपको पिशाच योनि में जाना पड़ेगा तो? इसलिए मन में बहुत सारी चीजें हैं जो कि आप जान सकते हैं और इसकी शक्ति बहुत ज्यादा नशीली होती है। आंखों के अंदर का जिसके अंदर काम की इच्छाएं ना हो, वह ऐसा भर देगा जैसे कि इसके अलावा संसार में कोई और सुख है ही नहीं। इतना ज्यादा आनंद आता है कि व्यक्ति संसार के हर सुख को छोड़कर इस चीज के पीछे भागने लगता है। आनंद का स्तर कई गुना बढ़ा देता है और रतिक्रिया में अभूतपूर्व आनंद की प्राप्ति होती है जो भी इसकी सिद्धि कर लेगा है। तू अगर शक्ति को आप सिद्ध करना चाहते हैं तो सावधान होकर इसके नियंत्रण में आए बिना। आप इसे अपने पूरे नियंत्रण में रखें और यह तभी संभव है जब साधक देवी या भगवान शिव का उपासक होगा अन्यथा। ज्यादा समय तक इसका साथ आपको इसके जैसा ही बना देता है।
इसके अलावा इसकी मांगे भी बहुत बड़ी बड़ी हो जाती हैं या आपको धन? इसके अलावा शारीरिक सुख तो उसका मूल कार्य है जी! आपको? विभिन्न प्रकार की शक्तियां प्रदान करता रहेगा। इसकी वशीकरण में व्यक्ति इसलिए भी बहुत ज्यादा आ जाता है क्योंकि यह नित्य निरंतर आपसे सामर्थ्य प्राप्त करते हुए बहुत शक्तिशाली होता चला जाएगा और आपको भी बहुत सारी सिद्धियां दिल बात आ जाएगा। एक पिशाच धीरे-धीरे महाकाम पिशाच में बदल जाता है और फिर बहुत शक्तिशाली होकर इसके अधीन एक पूरी सेना तैयार हो जाती है। इसलिए कभी भी बलि देने का कार्य इसे ना कीजिए क्योंकि यह बलि के रूप में कुंवारी कन्याओं को मांग सकता है जो कि मरने के बाद इसी की सेना में शामिल हो जाती हैं और वह आपकी सेविका शक्तियों के रूप में विद्यमान हो जाती हैं। लेकिन इससे जो पाप आपको चढ़ता है, वह बहुत गहरा होता है। इसीलिए इन सब बातों का ख्याल रखते हुए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए ही केवल इसकी साधना के विषय में आपको तैयार रहना चाहिए। यह साधना खतरनाक भी है और बहुत ज्यादा व्यक्ति को भ्रमित करने वाली है। यानी कि व्यक्ति साधना के बाद इसके गुणों को अगर धारण कर लेता है तो फिर वह समाज के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
तो आईये जानते हैं इसकी साधना विषय के बारे में कैसे करेंगे और क्या इसका विधान है? आप किसी भी कृष्ण पक्ष क्योंकि 2 पक्ष होते हैं। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से तो कृष्ण पक्ष के शुक्रवार को। साधक दक्षिण दिशा की ओर मुख करके गुरु से आज्ञा लेकर पूर्णता नग्न अवस्था में साधना में बैठे। जिनके गुरु नहीं है, वह भगवान शिव को गुरु बना सकते हैं। लेकिन मेरे हिसाब से गुरु होना बहुत आवश्यक है अन्यथा इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। आपका जो आसन है वह काले रंग का हो साथी अगर काली भेड़ की खाल का आसन है तो बहुत उत्तम माना जाता है। आप अपने सामने स्टील तांबे की प्लेट में सिंदूर से चमेली का तेल मिलाकर के 1 पुरुष की आकृति उसमें बनाइए। पुरुष की आकृति का जो बीच का हिस्सा है जहां पर हृदय होता है वहां पर आप। एक सुपारी रख दीजिए और। उसे स्थापित करके आप साधना में रुद्राक्ष की माला से और अगर आपको रुद्राक्ष नहीं मिलता है तो आप काले हकीक की माला से भी मंत्र जाप कर। सबसे पहले आप भगवान शिव और गुरु मंत्र इत्यादि का जाप अवश्य करें। फिर पिशाच मंत्र कि आप 51 माला रोजाना जाप करें। रात्रि के समय यह आपको। रात्रि में लगभग 11:00 बजे के बाद ही शुरू करना है। आप लगातार यह साधना करते रहे अधिकतम 41 दिनों में इसकी सिद्धि हो जाती है। सिद्धि पहले भी हो सकती है। यह 11 दिनों में 21 दिनों में भी सिद्ध हो जाता है। साधक के ध्यान पर। जब साधक के सामने काम पिशाच प्रत्यक्ष प्रकट हो तो आप इससे वचन अवश्य मांग लीजिए कि आप? से जब मैं संपर्क करूंगा तब आपको आना होगा। आप मेरी इच्छा के विरुद्ध कोई कार्य नहीं करेंगे और जो भी कार्य में आपको सौपुंगा आप उसे तुरंत करेंगे और मुझे कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
इसके बाद! पिशाच! को उसका भोग दे दीजिए भोग के रूप में अगर आप मुर्गा या शराब उसे देना चाहे दे सकते हैं। और साथ ही उसके अलावा अगर किसी।
कन्या की अंदरूनी शरीर का वस्त्र जैसे कि नीचे का वस्त्र है उसे भी उसके सामने रख सकते हैं और यह कहे कि हमें तुम्हें मेरा कार्य तुम कर दोगे तो उसे अंदरूनी वस्त्र को प्राप्त करने की इच्छा है कि बहुत तीव्र होती है। फिर आप इसे जो भी कार्य सौंपेंगे, उसे तुरंत कर देता है। उसके बाद उसका भोग चाहे वह मुर्गी हो, अंडा हो या शराब हो या फिर किसी कन्या का अंदरूनी वस्त्र हो दे सकते हैं। यह एक उग्र साधना है और इसमें साधक को बहुत हानि भी हो सकती है। अगर वह उसकी ऊर्जा को ना संभाल पाए तो तो जो लोग डरते हैं उनको यह साधना नहीं करनी चाहिए जो अपने डर को जीत सकते हैं। वहीं केवल यह साधना करें।
आप इसमें रक्षा मंत्र में कोई भी मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। वह बड़े देवता का ना हो। बस आप इसमें हनुमान जी भैरव जी माता काली मंत्र का देह रक्षा मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि एक देह रक्षा मंत्र मैं आपको बता रहा हूं। lओम नम: वज्र का कोठा, जिसमें पिंड हमारा बैठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्मा का ताला, मेरे आठों धाम का यती हनुमन्त रखवाला ll
देह रक्षा मंत्र को पढ़कर अपने शरीर पर फूके।
इस मंत्र को आप पहले सिद्ध करने के लिए किसी भी शुभ काल में जैसे कि अगर आप इसे ग्रहण में करते हैं तो बहुत अच्छा है। एक घंटा तक लगातार जाप करके इसे सिद्ध कर लेना चाहिए। किसी भी दृष्टि से आपको किसी प्रकार का अहित या डर हो तो 11 बार इसी मंत्र को पढ़कर शरीर के ऊपर फूंक मार दें। आपका शरीर हर प्रकार से सुरक्षित रहता है। अब मैं बात करता हूं यहां पर। पूर्ण कामपिशाचसिद्धि के मंत्र की तो मंत्र इस प्रकार से है।
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