कामाख्या अप्सरा साधना अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम कामाख्या अप्सरा साधना के एक अनुभव के विषय में ज्ञान प्राप्त करेंगे कि किस प्रकार एक साधक अपने जीवन में इनकी साधना करके लाभान्वित हो चुका है। तो चलिए पढ़ते इनके पत्र को और जानते हैं इस अनुभव के विषय में। ईमेल पत्र-नमस्ते गुरु जी, कृपया, मेरा नाम, ईमेल आईडी इत्यादि गोपनीय रखे। मैं यह अनुभव केवल धर्म रहस्य चैनल को भेज रहा हूं और इसे कहीं और प्रकाशित नहीं किया जाएगा। गुरुजी आपके इंस्टामोजो अकाउंट से मैंने कामाख्या अप्सरा साधना करने की सोची थी और इसीलिए मैंने यह साधना शुरू की। हालांकि मेरा मूल उद्देश्य एक लड़की को प्राप्त करना था जो कि मेरी पसंद थी। मैं उससे विवाह करना चाहता था। लेकिन वह सिर्फ मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी। इसके अलावा कई सारे ऐसे तथ्य भी थे जिसकी वजह से मुझे नहीं लगता था कि कभी वह मुझे पसंद करेगी। लेकिन मेरे मन में उसके लिए सच्चा प्रेम था। किंतु वह ज्यादा सुंदर होने के कारण मुझे उससे बात करने में भी शर्म आती थी और उसके पीछे तो कई सारे लड़के पहले से ही पड़े हुए थे। अब ऐसे में मेरा स्थान। बिल्कुल भी सरल नहीं था कि उसके हृदय में बन पाए। हालांकि जब भी वह मेरे पास से गुजरती थी तो मुझे देख कर हल्का सा मुस्कुरा भर देती थी और इतना ही मेरे लिए काफी होता था। समय बीतता गया। मुझे उसे प्राप्त करने की इच्छा बहुत ज्यादा हो गई। जब मैंने इस बारे में कोशिश की तो कोई भी तंत्र साधना इसमें मुझे सफलता नहीं दिला पा रही थी।एक दो तांत्रिक को से भी मैं मिला लेकिन उन्होंने भी सिर्फ पैसे ही मेरे खा लिए और कुछ भी नहीं कर पाए। तब मैंने आपके इंस्टामोजो से इस साधना को खरीदा और करने की सोची इस प्रकार तकरीबन! मैंने इससे लगातार दो महीने तक किया। दूसरी बार जब मैं यह साधना कर रहा था तब अचानक से ही मुझे अदृश्य रूप में किसी के होने का आभास हुआ। और तब मैंने! उन देवी से कहा, अगर आम आसपास मौजूद है? तो कृपया मेरी मदद कीजिए। मैंने आपको सिद्धि प्राप्ति के लिए नहीं बुलाया। मेरा उद्देश्य! अपने प्रेम को प्राप्त करना है। मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं उसे सच्चे हृदय से पसंद करता हूं और मैं उससे शादी भी करना चाहता हूं, लेकिन वह अत्यधिक सुंदर है और मैं उसके सामने कुछ भी नहीं। वह मेरे प्रेम में कैसे पड़ेगी। आप इसमें मेरी मदद कीजिए और फिर मैंने मिठाई उनको भेंट की। हालांकि वह नजर नहीं आ रही थी लेकिन जैसा कि आपने साधना में बताया है। मैंने उसी तरह किया। थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो एक चमत्कार घटित हो गया था। उस मिठाई के डब्बे में से एक पीस मिठाई गायब थी। हो सकता है कोई चूहा उसे ले गया हो या स्वयं? अप्सरा देवी ने उसे ग्रहण कर लिया हो। लेकिन मेरे लिए वह बहुत ही अच्छी खबर थी। मैंने जो उन्हें भेंट किया था, उन्होंने शायद उसे स्वीकार कर लिया था। पता नहीं मेरे मन में स्पष्ट रूप से एक ख्याल आ रहा था। अगर! मेरी इस भेंट को देवी स्वीकार कर सकती हैं तो क्यों नहीं वह लड़की स्वीकार करेगी? और यह विश्वास आज मैं समझता हूं कि निश्चित रूप से कामाख्या अप्सरा जिन्हें मैंने अपनी बड़ी बहन मानकर साधना की थी। उनका ही था। फिर मेरे ही मन में अंतरात्मा ने यह कहा कि इसी मिठाई का एक टुकड़ा मुझे उसे खिलाना है। और उस दौरान देवी के सिद्ध किए हुए मंत्र को पढ़ना है। कम से कम मुझे 2 महीने से ज्यादा साधना करते हो चुका था। इसीलिए शायद मेरा मंत्र सिद्ध हो गया होगा, लेकिन इसका आभास मुझे नहीं था। मन में इस भावना के कारण। मैंने अब इसे करने के बारे में सोचा, लेकिन मैं जब उसके नजदीक पहुंचने ही वाला था, मेरा दिल जोर से घबराने लगा। मेरे हाथ पांव कांपने लगे। कि मैं उससे कैसे बात करूंगा और कैसे उसे यह मिठाई का टुकड़ा दूंगा? और मैं उसके सामने से निकल गया पर मेरी हिम्मत नहीं हो पाई कि मैं उससे कोई बात कर पावू और इस प्रकार मेरा वह दिन असफल ही हो गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैं वापस अपने घर जब आ गया। तो इसी परेशानी में रात भर सोचता रहा। कि मुझसे कुछ नहीं हो सकता है। मैं फिर? कामाख्या अप्सरा का मंत्र जाप करके सो गया। और फिर रात में मैंने एक स्पष्ट और बहुत ही सुंदर स्वप्न देखा। उस स्वप्न में एक बहुत ही सुंदर स्त्री मेरे सामने आई। उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा, चलो भैया मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं। वह मुझे एक सुंदर सी जगह पर ले गई जहां चारों तरफ फूल खिले हुए थे। वहीं पास में वही लड़की बैठी हुई थी जिससे मैं प्रेम करता हूं। उन्होंने कहा जाओ उसके पास और एक फूल उसे दे दो। मैंने कहा, मैं उसे फूल नहीं दे पाऊंगा। मुझे डर लगता है। तब उन्होंने कहा, चलो ना, मैं तुम्हारे साथ चलती हूं। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे लेकर उसी लड़की के पास पहुंच गई। तब उन्होंने उस लड़की से कहा, यह लो तुम्हारे लिए यह फूल लाया है। तब वह कहने लगी, यह कौन है? तो? उन अप्सरा देवी ने उससे कहा, यह तुम्हारा सच्चा प्रेमी है। लो यह तुम्हारे लिए मिठाई लेकर आया है। इसे खा लो और उन्होंने वही मिठाई जिसे मैं लेकर उस लड़की के पास जा रहा था। उस लड़की को खिला दी और वह लड़की तुरंत ही उठी और मुझे गले से लगा कर कहने लगी। मैं तो कब से तुमसे प्रेम करती हूं पर तुम हो कि कभी मुझसे बात ही नहीं करते। और उसने मेरे गाल को चूमा इसी के साथ मेरा वह स्वप्न समाप्त हो गया। अब अगले दिन मेरे अंदर एक आत्मविश्वास भर गया था। इस सपने को देखकर मैं यह समझ चुका था कि देवी का यही इशारा है। मुझे हिम्मत करके उस लड़की से बात कर कर उसे। एक गुलाब और मिठाई देनी चाहिए। मैंने बहुत हिम्मत की और देवी कामाख्या अप्सरा का मंत्र जाप करते हुए उस लड़की के पास पहुंचकर उसके आगे खड़ा हो गया। उसकी नजरें पहली बार नीचे हो गई। मैंने उसे गुलाब देते हुए कहा, आप बहुत सुंदर हैं। पता नहीं मुझमें इतनी हिम्मत उस दिन कैसे आ गई थी? उसने वह गुलाब तुरंत ले लिया। मैंने अपनी मिठाई निकाली और उससे कहा, हमारे घर में पूजा थी तो इस मिठाई को प्रसाद के रूप में ले लो और उसने तुरंत ही वह मिठाई ले ली और मेरे सामने ही खा ली। उसने मुझसे पूछा कि तुमने मुझे गुलाब क्यों दिया है? तब मैंने कांपते हुए घबराते हुए कहा, मैं तुम्हें पसंद करता हूं। वह कहने लगी, तुम्हें यकीन नहीं होगा। कल रात सपने में तुमने मुझे गुलाब दिया था और अपने प्यार का इजहार किया था और आज देखो बिल्कुल वही तुम कर रहे हो? कल तुमने सपने में कहा था कि मैं तुमसे सच्चा प्रेम करता हूं। और उस सपने में ही मैंने तुम्हारी सच्चाई जानकर तुम्हारी इस बात को कुबूल कर लिया था। इस प्रकार उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार किया। और उसके बाद हम दोनों की दोस्ती हो गई। अब! कुछ दिन पहले ही मेरी नौकरी लग गई है और मैंने अपने परिवार वालों को शादी के लिए बोल दिया है। उसके परिवार वाले भी मान गए हैं और यह सब कुछ कामाख्या अप्सरा देवी की कृपा से ही हुआ है। जिन्हे मैंने बड़ी बहन मानकर साधना की थी। उनकी कृपा से ही मेरी नौकरी और मेरा प्रेम मुझे प्राप्त हुआ है। मुझे इनकी साधना करते हुए। 7 महीने से ज्यादा हो चुका है। मैं कभी भी इनके मंत्र जाप को नहीं छोड़ता हूं और सदैव इन के मंत्रों का जाप रोजाना सिद्धि के बराबर ही करता हूं और मेरे जीवन में चमत्कार होते चले जा रहे हैं। इसीलिए मैंने यह अनुभव आपको बताया है किंतु। मेरा किसी भी प्रकार से प्रदर्शन ना हो और मैं अपनी बात भी आपको बता सकूं। इसीलिए मैंने यह अनुभव आपको भेजा था। गुरु जी आपको बारंबार नमस्कार! संदेश-तो देखे यहां पर इन्होंने इस सिद्धि को प्राप्त करके अपने जीवन में सच्चे प्रेम को प्राप्त किया और बहन के रूप में कामाख्या अप्सरा को सिद्धि भी किया तो अगर आज का इनका अनुभव आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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