नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। हम लोग बात कर रहे हैं। कालीमठ मंदिर की दो गुप्त योगियों के विषय में पिछले भाग में हम लोगों ने जाना कि कैसे 2 योगिनी या ऋषि सुंदर के स्वभाव से क्रुद्ध हो जाती हैं। आगे क्या हुआ आगे की कथा में हम लोग आज जानते हैं।तो जब? दोनों योगनिया और उनका शेर क्रोध में भर गया तो ऋषि घबराते हुए बोले देवी मुझसे क्या अपराध हो गया है। आप लोग मुझे बताइए आखिर समस्या क्या है। मैंने तो सिर्फ आपकी सुंदरता की तारीफ की है। आप जैसी सुंदरता इस पृथ्वी पर मुझे देखने को नहीं मिलती। आपका दोनों का सौन्दर्य कामदेव की पत्नी को भी मात कर देने वाला है। आप अत्यधिक सुंदर हैं। इसीलिए मैंने ऐसा कहा।मेरा तो सच में हृदय साफ है। किंतु अपने हृदय की बात भी मैं आप लोगों को अवश्य ही बताना चाहता हूं।इस पर दोनों योगनियों ने कहा, यह बात अच्छी नहीं है। क्योंकि हम विशेष तरह की शक्तियों से संपन्न स्त्रियां हैं। हम कोई साधारण स्त्रियां नहीं है। हमारा उद्देश्य विवाह कर प्रेम संबंध बनाना बिल्कुल नहीं है। हमारा अपना अलग ही लोक हैं। इसीलिए हम लोग! इस पृथ्वी पर कम ही आते हैं क्योंकि यहां के मनुष्य हमारे विषय में ना तो जान सकते हैं और ना ही हमारी ऊर्जा को सहन कर सकते हैं। आपकी इस बात के आधार पर ही मैं आपको स्पष्ट संकेत देना चाहती हूं कि हम दोनों के विषय में जो भी आपके हृदय में ऐसी भावना आ रही हैं, उन्हें तुरंत रोक ले।
ऋषि सुंदर उन दोनों की बात से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, मेरा नाम मेरे माता पिता ने सुंदर इसलिए रखा था क्योंकि मेरे जैसा सुंदर पुरुष आसपास कहीं भी नहीं है। मैंने अपने योग्य विवाह के लिए कई कन्याओं की तलाश की, लेकिन मुझे कोई भी स्त्री सुंदर प्रतीत नहीं हुई। एकमात्र आप लोगों को देखकर मेरे मन में विवाह करने की तीव्र इच्छा जाग गई है। देवी कोई तो मार्ग बताएं जिससे मैं आप में से किसी एक से विवाह कर सकूं। भले ही मेरे हृदय में यह भावना आई है लेकिन इस भावना को समझते हुए आप मुझे क्षमा करें और मेरे प्रेम को स्वीकार करें। इस प्रकार जब ऋषि ने उन सबके सामने अपना समर्पण व्यक्त किया तो प्रेम में पिघलते हुए दोनों योगनिया कहने लगी। हमें प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं है। आपको हमारी ऊर्जा के समकक्ष होना पड़ेगा और यह कार्य केवल तपस्या के द्वारा ही संभव है। हम! योगनिया इसीलिए कहलाती हैं क्योंकि हमने कई 100 वर्ष योग साधना की है। पृथ्वी पर एक उम्र तय होती है। इसीलिए अधिक समय तक तपस्या या साधना मनुष्य नहीं कर पाता है, लेकिन अजर और अमर शक्तियां कई 100 वर्षों तक तपस्या कर सकती हैं। हमारे बराबर ऊर्जा प्राप्त करने में तुम्हें काफी समय लग सकता है। इसलिए मैं तुम्हारे हृदय की भावना को समझते हुए चौसठ योगिनी साधना के विषय में तुम्हें बताना चाहती हूं। अगर आप चौसठ योगिनी साधना सच्ची प्रकार से।
संपन्न कर लेते हैं तो फिर आप निश्चित रूप से हमारे योग्य हो सकते हैं।