केतकी अप्सरा साधना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक दुर्लभ अप्सरा की साधना लेकर आए हैं यह अप्सरा का विवरण बहुत ही कम प्राप्त होता है। इसे हम केतकी अप्सरा के नाम से जानते हैं। आपने एक पौधे का नाम सुना होगा जो? सफेद और पीले रंग का होता है। सफेद रंग की जो केतकी होती है उसे केवड़ा के नाम से जाना जाता है लेकिन जो पीले रंग की केतकी होती है, उसे केतकी कहा जाता है। बरसात में फूल खिलते हैं और लंबे और सफेद होते हैं। इनसे तीव्र सुगंध आती है। इसका फूल बालों की तरह होता है और ऊपर से लंबी पत्तियों से ढका रहता है। इसके फूलों से इत्र भी बनाया जाता है। असल में इस पुष्प के अंदर निवास करने वाली देवलोक की एक अप्सरा है जिसके माध्यम से हम इस शक्ति को सिद्ध करते हैं और इसका नाम है केतकी अप्सरा। केतकी अपनी सुगंध और अपने बालों के स्पर्श से साधक को रोमांचित कर देती है। इसकी शक्ति से व्यक्ति आकर्षण शक्ति अपने अंदर ला सकता है और देवलोक तक की स्त्रियों को वश में करने की क्षमता उसके अंदर पैदा होने लगती है। केतकी। अप्सरा की साधना किस प्रकार की जाए इसके विषय में? यह बताया गया है कि जब भी केतकी के पुष्प उगने लगे उस वक्त केतकी के पेड़ के पास बैठकर वहां पर एक तिल के तेल का दीपक जलाएं। और उसके आगे ही साधक पीले वस्त्र पहन कर। पीले रंग का ऊनी आसन प्रयोग करें। और ध्यान लगाकर उस पेड़ की परिक्रमा करें। उसके बाद उससे कहें कि मैं आपके अंदर विराजित स्वर्ग लोक की अप्सरा केतकी को अपनी संगिनी बनाना चाहता हूं और इसके बाद उस पेड़ में सफेद और हल्दी मिश्रित एक धागा बांधे और 7 चक्कर लगाकर उस धागे को उस पेड़ से बांध दें। अब वहां पर किसी कन्या का फोटो या किसी अप्सरा का चित्र! उसी पेड़ पर चिपका दें। उसी के सामने तिल के तेल का दीपक जलाकर रोजाना मंत्रों का जाप करें। यह साधना कुल 31 दिन तक चलती है। आपको इसमें? पीले रंग की माला का इस्तेमाल करना है। चाहे तो आप हल्दी में डुबोकर भी अपने लिए माला बना सकते हैं। इस साधना से पहले रोजाना नहा धोकर रात्रि के 9:00 बजे से साधना पर बैठे और? अपने ऊपर इत्र छिड़कने। इसके बाद सबसे पहले गणेश जी के मंत्र का जाप करें। उसके बाद भगवान विष्णु! और माता लक्ष्मी का मंत्र जाप करें। और उसके बाद देवराज इंद्र का मंत्र जाप करें। याद रखें। भगवान शिव के मंत्र जाप नहीं करने हैं । ना भगवान शिव से संबंधित कोई भी क्रियाकलाप आपको करना है। इस प्रकार आप मंत्र जाप शुरू कर सकते हैं। सबसे पहले गुरु के द्वारा दिए गए गुरु मंत्र का जाप करें और उसके बाद। आसन पर बैठकर। पूर्व दिशा की ओर मुंह कर कर। इस साधना को शुरू करें। अब रोजाना 51 माला मंत्र जाप करते रहें। इस प्रकार कुछ ही दिनों में आप देखते हैं कि देवी आप के आस पास आने लगती है। आपकी ब्रम्हचर्य को नष्ट करने का प्रयास स्वर्ग की अप्सराओ द्वारा किया जाता है। इसके अलावा साधक के आसपास पैरों की झंकार। और? किसी स्त्री के बाल उसके शरीर को छूते हुए गुजरना। इत्यादि के अनुभव होते हैं कभी कभी चेहरे पर भी किसी स्त्री के बाल आते हुए महसूस होते हैं। इस प्रकार व साधना भंग करने और नेत्र खोलने का प्रयास करवाती है। याद रखें आपको यह बिल्कुल भी नहीं करना है। और अपने पास आप? एक सुगंधित! केतकी के फूलों की बनी माला। रखकर ही साधना में बैठे। साधना के 20 दिन पूरे हो जाने के बाद अवश्य ही यह माला आपके पास होनी चाहिए ताकि यदि अप्सरा प्रकट हो तो उसे यह माला पहना दे। इसके बाद ही उससे वार्तालाप शुरू करें। उससे आजीवन प्रेयसी बनने का। वचन ले ले और जब भी जिस कार्य हेतु मैं आपको बुला लूंगा, आप अवश्य आएंगी। इस प्रकार वचन में बांधे। अप्सरा को आप प्रेमिका, पत्नी, बहन, माता इत्यादि संबोधित कर सकते हैं। लेकिन साधकों के लिए यही उत्तम है कि वह प्रेमिका या पत्नी रूप में इसे स्वीकार करें। क्योंकि यह सौंदर्य और प्रेम की देवी मानी जाती है। इसके बाद आप इनसे कोई गोपनीय? वस्तु अवश्य प्राप्त कर लें। ताकि जब भी उस वस्तु को रगड़ कर आप 7 बार इनके मंत्रों का जाप करेंगे तो यह प्रत्यक्ष से आपके सामने प्रकट हो जाएंगी। इनकी साधना करने वाले साधक! शिवलिंग पर इन से जुड़ी हुई कोई वस्तु ना चढ़ाएं अन्यथा भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं। कुछ बातें हमेशा ध्यान रखें, जहां पर साधना करें। वही पास फर्श पर चटाई बिछाकर सो सकते हैं। अगर खुला स्थान है। आप उस स्थान पर कुटी बनाकर भी यह साधना कर सकते हैं। उसके बाद आप किसी भी स्त्री के बालों से जुड़ी हुई कोई भी समस्या हो, उसको दूर करने की सिद्धि स्वता ही प्राप्त कर लेते हैं। किसी भी स्त्री को सुंदर बनाना उसे रूपवान स्वरूप प्रदान करना आपके अंदर स्वतः ही आ जाता है। इसके अलावा किसी को अगर कफ की समस्या रहती है तो उसे भी दूर करने की शक्ति यह अप्सरा आपको प्रदान करती है। साधना में केवल सुवर्ण केतकी की ही साधना की जाती है। सफेद केतकी साधना ना करें। इनके नजदीक आते ही आपको इनकी तीव्र सुगंध महसूस होने लगती है और इसी प्रकार यह अपना प्रभाव दिखलाती है। किसी भी प्रकार से अपना ब्रह्मचर्य साधना काल में नष्ट ना होने दें। स्त्रियां अगर इनकी साधना करना चाहती हैं तो मित्र रूप में कर सकती हैं। सहेली रूप में इनको अपने जीवन में ले सकती हैं। यह अप्सरा स्वर्ग लोक से उतरकर उस वृक्ष में समा जाती है और उसके बाद ही उसी वृक्ष से किसी दिन बाहर निकल कर आप को प्रत्यक्ष दर्शन देती है। इसका मंत्र! आप इस प्रकार से पढ़ेगे। ओम! कं केतकी आगच्छ आगच्छ स्वाहा। इस मंत्र के ही आपको जाप करना है जिससे यह देवी प्रसन्न होकर आपको सिद्ध हो जाए। इसके अलावा कुछ अन्य गोपनीय सिद्धिया भी अप्सरा आपको प्रदान करती है। इसका विवरण और वर्णन नहीं मिलता है। सिर्फ साधक और उसकी साध्य शक्ति के बीच का ही वार्तालाप इस प्रकार से होता है कि यह दुर्लभ सिद्धि या इस वृक्ष की शक्ति का किस प्रकार प्रयोग करना है? तो यह था आज एक अति गोपनीय केतकी अप्सरा साधना का वर्णन। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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