गुरु मंत्र के चमत्कार से यक्षिणी के कुप्रभाव से ठीक होना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक विशेष अनुभव लेने जा रहे हैं जो गुरु मंत्र से संबंधित है और इसके प्रभाव से एक यक्षिणी से कैसे एक साधक पूरी तरह मुक्त हुए। उन्होंने इस वीडियो के माध्यम से बताया है तो चलिए शुरू करते हैं। इनके पत्र को पढ़ना और जानते हैं। इस अनुभव के विषय में
चरण स्पर्श गुरु जी गुरु जी मैं आपका शिष्य हूं। कृपया मेरा नाम और पता ना बताएं। गुरु जी मैं आपका चैनल लगभग 4 वर्षों से देख रहा हूं। मैंने 9 महीने पहले आपसे गुरु दीक्षा ली थी अब मेरा! 900000 गुरु मंत्र का जाप भी पूरा हो चुका है। जब से मैंने आपसे गुरुमंत्र लिया है तो मेरा आध्यात्मिक जीवन ही बदल गया है। गुरु जी मैं अपने गुरु मंत्र के जाप के कुछ अनुभव बताना चाहता हूं, लेकिन इससे पहले मैं कुछ और बताना चाहता हूं जिससे कि शायद कुछ लोगों के कुछ समझ में आए। गुरु जी मैंने जब आपसे गुरु दीक्षा नहीं ली। सिर्फ आपका चैनल देखता था तो मैं यही सोचता था कि लोगों को ऐसे अनुभव कैसे होते हैं और कलयुग में गुरु मंत्र का ऐसा चमत्कार और अनुभव कैसे हो सकता है? कि किसी को गुरुजी स्वप्न में दिख रहे हैं। किसी को कहीं दिख रहे हैं तो गुरु जी मैं इन अनुभवों को झूठा मानता था। मुझे लगता था कि सब झूठी कहानी लिखते हैं। ऐसा कुछ नहीं होता। लेकिन गुरु जी मैंने आपके चैनल के कुछ अनुभव को सुनकर यक्षिणी साधना करने का फैसला किया। कुछ यक्षिणी का नाम मैं यहां पर नहीं लेना चाहता हूं। गुरु जी आपने कहा कि गुरु मंत्र का अनुष्ठान पूरा करने के बाद ही करो लेकिन मैंने पहले ही इसे चालू कर दिया था किताब से पढ़ कर लेकिन 19 दिन में मुझे स्वप्नदोष हो गया। जिस वजह से मेरी साधना खंडित हो गई और मैंने साधना छोड़ दी। इसके बाद मेरे साथ बहुत बुरा हुआ। वह यक्षिणी प्रतिदिन रात को आती और मेरे साथ अर्ध निद्रा में संबंध बनाती। मुझे लगता था कि मैं आधा जागा हुआ हूं, लेकिन कुछ नहीं कर पाता था। हाथ पैर तक नहीं चला पाता था। वह मेरे साथ लगभग सात-आठ दिनों तक लगातार संबंध बनाती नहीं। मेरा शरीर प्रतिदिन कमजोर होने लगा, लेकिन माता रानी की कृपा से मेरा दिमाग पता नहीं कहां से काम किया और मैंने आपसे गुरु दीक्षा ले ली, लेकिन गुरु जी मैंने जब दीक्षा लेने की सोच रहा था, उसी दिन से मेरे सपने में सांप आने लगे और मुझे काटने का प्रयास करते एक दिन तो मुझे कांटा लेकिन दूसरे दिन मैंने उसे मार दिया लेकिन जिस दिन मैंने आपसे गुरुमंत्र लिया गुरु जी आप साक्षात मेरे सपने में आए शायद मैं अर्धनिद्रा में था। गुरु जी मुझे ऐसा लगता था कि मैं आपको साक्षात देख रहा हूं। आप मेरे दरवाजे में अंदर आए और फिर मेरी नींद खुल गई। अब यक्षिणी पर आता हूं। बाद वह यक्षिणी रात्रि में आई जिस दिन मैंने गुरु मंत्र का जाप किया और वह मुस्कुरा कर फिर आकर चली गई। उस दिन मेरे साथ कुछ नहीं किया। ऐसे ही धीरे-धीरे जब गुरु मंत्र का जाप बढ़ता रहा तो बस सपने में आती रही और धीरे-धीरे उसका आना भी बंद हो गया। अब मैं ठीक हो गया हूं। गुरु जी मुझे सपने में कभी-कभी भगवान शिव जी के दर्शन किसी स्थिति में माता के दर्शन और गुरु जी कभी-कभी आप बस बैठे मिलते हैं। मेरे साथ और कुछ बताते रहते हैं। एक बार मुझे आप बता रहे थे कि ब्रह्मचर्य में रहकर गुरु मंत्र का अनुष्ठान पूरा करो। गुरु जी मुझे एक बहुत गंभीर बीमारी थी। किडनी की लगभग 5 वर्ष पुरानी लेकिन गुरु जी गुरु मंत्र के जाप की कृपा से वह ठीक हो गई। गुरु जी जब मैं सोने जाता तो मुझे बाथरूम बहुत आता था। लगभग सोने से पहले 10 से 15 बार बाथरूम जाता था। लेकिन अब मैं आपकी कृपा से और माता परा शक्ति मां दुर्गा की कृपा से बिल्कुल ठीक हूं। गुरु जी मेरे दादा जी के छोटे भाई की मृत्यु 2 वर्ष पहले हुई और मैं गुरु मंत्र जाप से पहले कभी-कभी उनको याद करता था कि मेरा संपर्क उनसे हो जाए। मुझे पता चला कि वह कहां है लेकिन गुरु जी एक रात वह मेरे सपने में आए सफेद कपड़ों में तो मैंने पूछा कि आप कहां हैं तो उन्होंने बताया। कि मैं पित्रलोक में हूं। फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उनसे पूछ लिया कि मेरे पर किस देवता की कृपा है तो उन्होंने मुझसे को देखते और देखते ही रह गए और बोले कि तुम पर तो मां दुर्गा की कृपा है और उन्होंने मेरे चरण छुए जिसके बाद गुरु जी मैंने आपको ईमेल किया था। ऐसा क्यों हुआ तो आपने बताया कि यह सब गुरु मंत्र की कृपा से हो रहा है और ऐसे ही एक रात को मेरे सपने में रावण आए। मैंने उनसे पूछा, आप कौन हैं तो उन्होंने बताया कि मैं रावण हूं। वह सिंहासन पर विराजमान थे तो मैंने उनसे बातें कर रहा था। मैंने उनसे पूछ लिया कि आप मेरे गुरु मंत्र के बारे में कुछ बताइए तो उन्होंने बताया कि इसका जितना भी जाप करो, जीवन में कम है। इसकी शक्ति का कोई अंत नहीं है। इसके बाद वह बोले कि मेरा वक्त हो रहा है फिर वह चले गए। गुरु जी ऐसे ही एक रात को मैंने खाना नहीं खाया था। यह बहुत कम खाया था तो मैंने माता से प्रार्थना की कि माता आज मैंने कुछ नहीं खाया। लेकिन गुरु जी रात को मैं सपने में देखता हूं कि एक ठेलेवाला मुझे पूरी और सब्जी खिला रहा है तो मैंने सोचा इसे पैसे कहां से दूंगा लेकिन गुरु जी मेरे पास पैसे कहां से आए पता नहीं। फिर जब मैं जेब से निकाल कर देखा तो उस सिक्के में माता दुर्गा जी की तस्वीर बनी हुई थी और फिर मेरी नींद खुल गई। गुरु जी मुझे ऐसा लग रहा था कि मैंने सच में कुछ खाया है। ऐसा मुझे लगभग हर सोमवार को लगता है। गुरु जी मुझे भगवान शिव के दर्शन होते रहे। लगभग एक रात मैंने सपने में देखा कि कुछ लोग मुझ पर जोर जोर से चिल्ला रहे हैं वहीं पास में जहां। अपने मंदिर में भगवान शिव जी की पूजा करता हूं। वही भगवान शिव जी का मंदिर है तभी वहां पास खड़ा। एक बैल या गाय क्या था, मुझे नहीं पता। वह उन लोगों को जो कि मुझसे लड़ रहे थे। उनको जोर से उनका पीछा कर उनको मार कर भगा देता है और मैं बच जाता हूं। गुरु जी ठंड में दोनों टाइम नहाकर गुरु मंत्र का जाप किया करता था क्योंकि यहां गांव है तो ठंड ज्यादा पड़ती है। इस वजह से एक रंग मुझे भयंकर ठंडी लग गई और मैं बुरी तरह से बीमार हो गया। गुरु जी मुझे लग रहा था कि मेरा आधा शरीर कट गया है। सर फट रहा था। मैंने किसी तरह से गुरु मंत्र का जाप पूरा किया और माता से प्रार्थना की माता मुझे ठीक कर दो। नहीं तो घरवाले मुझे गुरु मंत्र का जाप शाम को नहीं करने देंगे। क्योंकि गुरु जी मुझे गुरु मंत्र का अनुष्ठान। के बताए अनुसार! 1 वर्ष में ही पूरा करना था। गुरुजी रात्रि में ऐसा चमत्कार हुआ कि मैं सुबह सो कर उठा तो मेरी लगभग 70% बीमारी गायब हो चुकी थी। केवल थोड़ा सर में दर्द था जो कि दूसरे दिन पूरी तरह से ठीक हो गया, लेकिन मैंने घर में बात नहीं बताई। ना ही दवाई ली। ऐसे ही गुरु जी अभी लगभग 1 दिन पहले मुझे फिर से भयंकर बुखार हो गया था। लगभग 100 डिग्री से ऊपर लेकिन आंखे जल रही थी। बहुत बुरा हाल था। उस रात मैंने केवल एक माला की गुरु मंत्र का जाप किया और माता से प्रार्थना की मां मेरी रक्षा करो। गुरुजी मेरा बुखार पूरी तरह से सुबह उठते ही चला गया। केवल सर्दी है और भी बहुत सारे अनुभव है, लेकिन पत्र ज्यादा लंबा हो जाएगा। अगर मैंने गुरुजी आपसे दिखता ना लिया होता तो मेरा क्या होता? या तो मैं मानसिक विक्षिप्त हो गया होता या मर गया होता। एक शनि के कुप्रभाव से गुरु जी अगर आज मैं ठीक हूं तो गुरु मंत्र और आपकी कृपा माता परा शक्ति माता दुर्गा की कृपा से ही जीवित हूं। गुरु जी मैंने गुरु मंत्र का सात एक संकल्प लिया है। कोई गलती होने पर खंडित ना हो इसलिए मैं आपको ईमेल बहुत ज्यादा करता हूं। इस बात के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं। गुरु जी आपका जब-जब ईमेल आया है, गुरु जी बहुत सरल शब्दों में आपका ईमेल आता है। गुरु मिलना भाग्य होता है, लेकिन आप जैसा गुरु मिल जाना सौभाग्य होता है। भाग्यशाली हैं वह जिन्होंने आपसे गुरु दीक्षा ली है क्योंकि आपकी कृपा से मैं जिनका गुरु मंत्र चाहता था, वही मंत्र मुझे मिला। मेरे अनुभव भेजने का मतलब यह नहीं है कि मैं बहुत बड़ा साधक हूं। मुझे बहुत अनुभव हुए हैं। मैं तो आप सबको उन सब को जो इस तंत्र क्षेत्र को झूठा काल्पनिक मानते हैं, यह बताना चाहता हूं कि गुरु जी को झूठा मानते हैं। वह सब लोग भ्रम में जीवित हैं। मैं भी गुरु जी से गुरु दीक्षा लेने के पहले ऐसा ही सोचता था कि यह सब झूठी कहानी है। सच्चाई क्या है? गुरु दीक्षा लेने के बाद ही पता चला लेकिन आप जैसा गुरु मिल पाना आज के समय में बहुत मुश्किल है। मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे आप जैसे महान गुरु की प्राप्ति हुई, क्योंकि जितना आप अपने चैनल के माध्यम से ज्ञान देते हैं, उतना सटीक जवाब और ज्ञान कोई नहीं देता है। अगर कोई सिद्ध भी होगा तो भाई साहब अपना ज्ञान छुपाते हैं। कोई सिद्ध नहीं चाहता कि दुनिया में और कोई आगे बढ़े उसके जैसा बने लेकिन आपके पास जितना ज्ञान है वह। गुप्त ज्ञान आप लोगों को देते हैं। अगर कोई साधक आपके बताए गए मार्ग पर चले तो वह अपने जीवन में सब कुछ प्राप्त करके बहुत आगे जा सकता है। दुनिया की दुर्लभ से दुर्लभ वस्तु को प्राप्त कर सकता है और सारे दुर्लभ रहस्यों को जान सकता है क्योंकि आपने ऐसी साधना ही दी हैं जो सब कुछ देने में सक्षम है। आपने दुर्लभ हस्तियों को दुनिया के सामने रखा है। गुरु जी मेरा आपसे यह प्रश्न है कि गुरु जी मुझे भगवान शिव जी के सपने में दर्शन दिए। माता काली ने दर्शन दिए। लेकिन गुरु जी मैं माता के जिस रुप से सबसे ज्यादा प्रेम करता हूं। शेर की सवारी करने वाली मां जगदंबा दुर्गा से उन्होंने कृपा तो बहुत की लेकिन गुरु जी मुझे दर्शन नहीं दिए। सपने में भी दर्शन नहीं दिए। कृपया बताइए ऐसा क्यों पत्र ज्यादा लंबा हो गया हो तो क्षमा करिएगा गुरुजी धर्म रहस्य परिवार के सभी। भाइयों और बहनों माताओं को जय मां पराशक्ति गुरु जी और गुरु माता को चरण स्पर्श प्रणाम संदेश-तो देखिये यहां पर इन्होंने अपने अनुभव को बताया है और प्रशंसनीय है क्योंकि सिर्फ गुरु से गुरु मंत्र मिलना महत्वपूर्ण नहीं है। गुरु मंत्र और गुरु के कहे अनुसार साधना और जीवन जीना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। तभी एक गुरु का जो लक्ष्य है, वह शिष्य के माध्यम से प्राप्त करता है। मैं कभी यह नहीं चाहता कि कोई मुझसे कम विद्वान बने या मुझसे साधना में आगे ना निकले। मैं तो खुद यह चाहता हूं कि हर व्यक्ति जो भी गुरु मंत्र दीक्षा लेता है, मुझसे भी आगे और माता का महान भक्त बन सके इसलिए। ज्ञान को मै छिपाने पर विश्वास नहीं करता। सिर्फ तंत्र की कुछ बातें छुपाता हूं क्योंकि जिनका प्रयोग लोग गलत प्रयोग में कर सकते हैं, उसके अतिरिक्त कोई रहस्य में नहीं छुपाता। आपके प्रश्न की मां का जो दुर्गा स्वरूप है, उस स्वरूप के दर्शन नहीं हुए। अधिकतर हमें मूल स्वरूप के दर्शन सबसे बाद में होते हैं जीवन में क्योंकि जो मूल स्वरूप होते हैं। वही सबसे बड़ा रहस्य होते हैं और बाकी स्वरूप उनसे ही निकल कर आए हैं। इसीलिए बाकी स्वरूप तो देखते रहते हैं लेकिन मूल स्वरूप आपको सबसे बाद में दिखता है। ऐसा मैंने बहुत अनुभव में देखा है। कोई भगवान विष्णु की आराधना करता है तो उसे भगवान शिव और माता के कई स्वरूप दिख जाएंगे। लेकिन भगवान विष्णु नहीं दिखेंगे। ऐसा ही भगवान शिव की साधना करने वाले को शिव भगवान के मूल स्वरूप को छोड़कर बाकी स्वरूप दिखते रहेंगे। ऐसा ही माता के साथ भी है या नहीं, हमारे लिए जो मूल है उस मूल को सबसे बाद में ही दर्शन प्राप्त होते हैं क्योंकि वह मुक्ति की ओर लेकर जाता है। इसीलिए आपको अभी तक दर्शन नहीं हुए हैं। समय आने पर वह भी सब कुछ संभव होगा तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आपको आज का वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब! करें, आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद।
|
|