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गुरु मंत्र दीक्षा लेने के बाद अनुभव भाग 1

गुरु मंत्र दीक्षा लेने के बाद अनुभव भाग 1

गुरुजी के चरणो में कोटि कोटि वंदन(गुरु जी यह सभी अनुभव मेरे भाई के हैं)
गुरु जी अगर आप मेरे अनुभव पर वीडियो बनाते हो तो कृपया मेरा नाम और पता मत बताइएगा.  गुरुजी मेरा नाम आकाश थोरात है और मैं पुणे से हूं. मैंने आपसे २६/१२/२०२२ को गुरु दीक्षा ली है. गुरु दीक्षा से पहले मैंने महामृत्युंजय मंत्र का 500000 बार ज जीप पूरा किया है. महामृत्युंजय का जाप करने से पहले मेरा बहुत बार एक्सीडेंट हुआ था, जब से मैंने जाप चालू किया तब से मेरा एक्सीडेंट होने से बहुत बार बचा हूं. अब बात करता हूं गुरु दीक्षा के बाद होने वाले अनुभव की, गुरु दीक्षा के बाद मैंने माता का मंत्र जाप शुरू किया और 15 20 दिन बाद अनुभव होना चालू हुआ, मंत्र जाप करने के बाद शरीर में अद्भुत ऊर्जा महसूस होती थी. बाहर जाने से और भीड़ में जाने से उदास जैसा लगता था. 26 दिन बाद मैं घर में पलंग पर आंखें बंद करके लेटा था, उस वक्त मुझे एक स्त्री दिखने लगी, उसके माथे पर बड़ा सा लाल टीका लगा था मोरपंख कलर जैसी साड़ी पहनी थी, हाथ में कंगन और बालों में गजरा पहना था और मेरे पास आकर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे हमारे घर के आंगन में आटे की चक्की का छोटा सा कमरा है जो बहुत दिन से बंद है उस कमरे के अंदर ले जाने लगी तब मैंने उसका हाथ जोड़कर मैं घर में बाहर आया और बहुत घबराया वह मुझे उसी चक्की के रूम में बुला रही थी. गुरु जी मैं इतना घबरा गया था कि डर के मारे मुझे दस्त लग गए थे और मैंने घरवालों को बताया कि उस रूम में कोई दुष्ट शक्ति है वहां कोई भी मत जाना, मुझे हर वक्त डर लग रहा था. अगर मुझे बाथरूम में भी जाना पड़ा तो किसी एक व्यक्ति को साथ लेकर जाता था, दो-तीन दिन बाद में शिव जी के मंदिर में जा कर रहा था तब वह स्त्री वहां आकर मुझसे बात करने लगी, उसने मुझसे कहा आप कहा भी जाओ मैं आपके साथ रहूंगी.
इसके बारे में मेरी बहन ने आपको ईमेल भी किया था गुरुजी. फिर मैंने जिस दोस्त ने मुझे गुरु दीक्षा लेने के लिए कहा था उसे पूछा . उसने कहा घबराने की जरूरत नहीं है और अपने गुरु जी को इसके बारे में मिल करके बता दो. 2 दिन बाद आपका रिप्लाई आया और आपने कहा और कोई घबराने की जरूरत नहीं है कोई यक्षिणी शक्ति होगी उस पर ध्यान मत दो वह स्वयं ही सिद्ध हो जाएगी. फिर मैं बिना घबराए जाप करने लगा और वह शक्ति कभी भी आती थी और मैं उसे धीरे-धीरे बात करने लगा. मैंने उससे कहा आप मुझसे क्या चाहती है तो वह कुछ भी नहीं बोली सिर्फ हंसती रहती थी गुरुजी. कुछ दिन बीत जाने के बाद वह मुझसे कहने लगी कि मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं और तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं. मैं सदैव तुम्हारे साथ रहूंगी और तुम्हारी रक्षा करती रहूंगी . मेरा और तुम्हारा बहुत पुराना नाता है. गुरुजी पहले तो उस शक्ति ने मुझसे कहा था कि वह एक यक्षिणी है लेकिन कुछ दिन बाद वह कहने लगी कि मैं ना तो यक्षिणी हूं और ना ही कोई अप्सरा मैं मेघराज की बेटी हूं और तुम बहुत समय पूर्व मेरे पति थे और एक युद्ध में तुम्हारे हाथों बहुत से सैनिक मारे गए थे और उस समय मैं पेट से थी उसी समय तुम्हारी और मेरी मृत्यु हो गई थी इसीलिए मेरी यह इच्छा अपूर्ण रह गई.
गुरुजी मैं जब भी मंत्र जाप करता हूं तब ध्यान में जाता हूं और मेरे मन में कोई सवाल हो तो उसका जवाब मिल जाता है किसी भी व्यक्ति की कोई भी समस्या हो या तांत्रिक बाधा हो तो उसका तोड़ और तंत्र क्रिया मुझे बताते हैं लेकिन मुझे यह आज तक नहीं पता चला की कौन मुझे यह सब बताते हैं कुछ कुछ तंत्र क्रिया कारगर साबित होती है और कुछ कारगर नहीं साबित होती है. मैंने कुछ तंत्र क्रियाएं अपने घर की सुरक्षा के लिए किए थे और अपने घर के सदस्यों के सुरक्षा के लिए किए थे कुछ सफल हुए कुछ विफल हो गए . कोई व्यक्ति अगर अपनी समस्या लेकर मुझे कहता है तो मैं उसका कार्य करता हूं और कम से कम 70 80 परसेंट वह कार्य पूर्ण होता है और उसका प्रभाव भी रहता है लेकिन मैं हमेशा यही सोचता रहता हूं की लोगों के बारे में कारगर बहुत होता है मेरे खुद के बारे में ज्यादा कारगर क्यों नहीं रहता मेरी मुसीबतें कुछ कम ही नहीं हो रही एक जाती है तो दूसरी तुरंत आती है और घर में समस्या और झगड़े रहते हैं. मेरे पास जो शक्ति है उसने अपना नाम कुसुमाग्रज बताया था गुरुजी इस नाम को कृपया सार्वजनिक ना करें यह आपसे विनती है. 1 दिन की बात है मैं रात को सो रहा था तो कुसुमाग्रज आई और उसने मुझसे कहा कि मैं आपको हमारे लोक में घुमा कर लाती हूं और हम दोनों निकल पड़े
कुछ देर होने के बाद मुझे आकाश में बहुत बड़ा नगर दिखा नगर के प्रवेश द्वार पर शिव जी की और विष्णु जी की बहुत बड़ी प्रतिमा लगी हुई थी फिर उसने मुझे पानी के झरने में स्नान करने को कहा स्नान करके मैं बाहर आया और उसने कहा कुछ देर मुझसे बात मत करना हम नगर में प्रवेश करेंगे और मैं गायब करने वाली हूं आपको आप किसी को दिखाई नहीं देंगे आप मेरे पीछे चलेगा मैं उनके पीछे चलने लगा कुछ देर बाद हम बहुत बड़े महल में प्रवेश कर गए महल बहुत बड़ा और विशाल था उसकी दीवार पर बहुत सारी सुंदर आकृतियां और मूर्तियां बनाई गई थी और छत के बीच में एक बड़ी जगह ऐसी थी कि वह कुछ नहीं था वहां से नीला आकाश साफ दिख रहा था मैंने पूछा यहां यह जगह खाली क्यों छोड़ी है तो उसने बताया कि वहां से भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु के आने जाने का रास्ता ही वहां से वे सीधे दरबार में आते हैं बाद में उस देवी ने मुझे एक जगह ले गई वह बड़ा सा जंगल था एक झरना रहा था और एक बड़े पेड़ के नीचे हम बैठे थे गुरु जी वहां का वातावरण अद्भुत था जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं.
गुरु जी मैं रोज का 25 हजार मंत्र जाप करता था मुझे धीरे-धीरे भूत प्रेत आत्माएं उनके होने का एहसास होने लगा किसी ने हमारे घर के ऊपर कुछ तंत्र क्रियाएं किया था वह भी मुझे समझ में आने लगा मैं थोड़ा घबरा गया था जबकि यह भूत प्रेत और यह तंत्र बाद आई मुझे समझ में आने लगी मैं जब भी महादेव के मंदिर में और माता के मंदिर में जाप करने के लिए जाता हूं तो जाप करते करते मुझे घर की की हुई तंत्र बाधा पर तोड़ कैसे किया जाए यह सब दिखाता था.
गुरुजी एक दिन शिवरात्रि आई थी और उस समय आपने वीडियो के माध्यम से शिव जी का एक मंत्र दिया था मंत्र कुछ इस प्रकार था ओम नमो भगवते रुद्राय  जिस दिन शिवरात्रि थी उस दिन मैं मेरी दो बहने और एक दोस्त हम चार लोग एक पुराने शिव जी के मंदिर में पूरी रात जाप करने वाले थे . हम सब लोग उस रात जाप कर रहे थे जाप करते करते मुझे एक घना जंगल दिखाई देने लगा और उस जंगल में मैं जा रहा था एक बड़ा सा बरगद का पेड़ और उसके नीचे एक साधु सुखासन में बैठकर ध्यान में था मैं उसके पास गया और उसने अपनी आंखें खोली और मेरे को देख कर थोड़ा सा मुस्कुराया और कहा मुझे तुम्हें कुछ देना है और कुछ देर बाद वह गायब हो गया एक तरफ मेरा जब चल रहा था और दूसरी तरफ मुझे यह सब दिख रहा था. मुझे शिव जी का यह मंत्र बहुत अच्छा लगा जब भी मैं यह मंत्र का जाप करता हूं तब शरीर में अलग तरह की ऊर्जा का एहसास करता हूं मैं बड़े भक्ति भाव और प्रेम के साथ इस मंत्र का भी जाप गुरु मंत्र का जाप होने के बाद करने लगा .
गुरुजी 1 दिन सुबह मैं शिवजी के मंदिर से जाप करके घर पर आया घर पर आते ही मुझे कुछ अलग एहसास होने लगा मैं बहुत घबराया ऐसा लग रहा था कि कोई मेरे घर के सभी सदस्य और मुझ पर कुछ तंत्र क्रिया कर रहा है मुझे शरीर में कमजोरी महसूस होने लगी मैं तुरंत अपने घर में पूजा घर के सामने बैठ गया और आंख बंद करके देखने लगा कि यह सब क्या हो रहा है तो मुझे लगा कि कोई शाबरी मंत्र से मेरे घर पर क्रिया कर रहा है मैं बहुत घबराया और मैंने घर के सभी लोगों को एक साथ बैठ बैठा कर एक सुरक्षा घेरा बनाया और हम सभी उस गहरे में बैठकर 30 40 मिनट तक गुरु मंत्र का जाप कर रहे थे बाद में मुझे एहसास हुआ कि वह शक्ति चली गई है कुछ समय बाद मुझे अच्छा लगने लगा और मैं स्वस्थ हो गया उस दिन रात को मैं शिवजी के मंदिर में जाप करने गया गुरु मंत्र के बाद मैंने ओम नमो भगवते रुद्रय का जाप चालू किया और उस समय उस दिन जो काला जादू किया था उसकी रक्षा के लिए मैं भगवान से मन ही मन प्रार्थना करने लगा तो सिर्फ आवाज आ रही थी कि तुमने शिवरात्रि के दिन जिस मंदिर में जब किया था वह आकर शिवजी का अभिषेक करो तब मैं घर आकर घरवालों को यह बात बताई और दोपहर के समय अभिषेक की पूरी तैयारी की और शिवजी के उस पुराने मंदिर में चले गए गुरुजी यह जो मंदिर है ऐसा पुराने लोग कहते हैं की यह मंदिर पांडव कालीन है और बहुत ही पुराना है पांडवों ने एक ही रात में 12 मंदिर बनवाए थे उसमें से एक यह मंदिर था उस मंदिर में जाकर मैंने शिवलिंग का अभिषेक किया और उस मंदिर में ओम नमो भगवते रुद्राय का जाप करने लगा और मन में मेरी और मेरी परिवार के रक्षा के लिए शिवजी से प्रार्थना करने लगा मैं मन ही मन घबराकर रो-रो कर शिव जी से प्रार्थना कर रहा था
गुरुजी सच कह रहा हूं साक्षात शिवलिंग के बाजू में भोलेनाथ प्रकट हुए मैं जब छोड़कर वहां भागकर गया और जोर-जोर से रोने लगा मेरा रोना देखकर घर वाले भी रोने लगे मेरी आंखें बंद थी और शिव जी ने प्रकट होते ही मुझे कहा बोलो मेरे बच्चे क्या चाहिए और मैं रोते-रोते कहने लगा कि मैं इस मार्ग में हूं और मेरी और मेरे परिवार की और मेरे साथ जो दोस्त हैं उनकी भी इन सभी नकारात्मक शक्तियों से रक्षा हो और मुझे कुछ नहीं चाहिए और मेरे साथ आप हमेशा रहे और आपकी कृपा प्रदान करें तब भोलेनाथ ने कहा कि अभी से कोई भी भूत प्रेत आत्मा या पिशाच तुम्हें नहीं सताएगा उल्टा यह सब तुम्हारी रक्षा करेंगे तुम्हें अभी नहीं मालूम तुम कौन हो ऐसा कह कर वह निकल गए बाद में हमने वहां शिवजी की आरती की उसके बाद से अभी तक गुरु जी यह आत्मा है और भूत प्रेत मुझसे संपर्क करते हैं मुझे उनके होने का एहसास होता है जहां भी जाता हूं अगर वहां कोई नकारात्मक शक्ति होती हो तो मुझे बात करती है और हर बार मुझे खाना मांगते हैं लेकिन एक बात मुझे समझ में नहीं आई गुरुजी की शिव जी वहां प्रकट हुए तो सिर्फ मुझे ही दिखाई दे रहे थे मेरे परिवार और मेरा एक दोस्त किसी को भी शिवजी दिखाई नहीं दिए ऐसा कैसे हो सकता है गुरुजी कृपया इसका जवाब दें.
एक दिन मैं बहुत ही अस्वस्थ महसूस कर रहा था इन नकारात्मक शक्तिया भूत प्रेत यह बार-बार मुझसे संपर्क कर रहे थे और मेरा शरीर भी मेरे काबू में नहीं था तब मेरा वही दोस्त जो हर वक्त मेरे साथ रहकर मुझे मार्गदर्शन करता है उसने कहा तुम्हें ध्यान करने की जरूरत है तुम ध्यान करो तब एक दिन मैं मंदिर में ध्यान करने लगा शिवजी के मंदिर में मैं बैठा था और शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर ध्यान कर रहा था मेरे दोस्त ने कहा था कि शरीर के सातवें केंद्र पर ध्यान मत करना बाकी सभी जगह ध्यान कर सकते हो तो मेरा ध्यान सातवें केंद्र पर चला गया तो मैं देख रहा था की शिवजी उस केंद्र को अपने पैरों के अंगूठे से टच करके रुका रहे थे उसके बाद में महादेव एक योगी को लेकर आए और बोलने लगे कि आज से यह योगी तुमको सब सिखा देंगे जो यह बोलेंगे तुम सीख लेना मैंने ठीक है यह कहा बाद में आठ 10 दिन उन योगी ने मुझे कुंडलिनी शक्ति शरीर में कहां स्थित रहती है उसके बारे में जानकारी दें शरीर के सात चक्र उसके बारे में जानकारी दें और इसके दौरान मुझे कुछ अलग अनुभव भी हुए और पंचमहाभूत इनके बारे में भी बताया वह योगी जी बहुत ही अद्भुत ज्ञान मुझे दे रहे थे मेरे लिए सब नया था वह योगी जिस विषय के बारे में पूछो उसके बारे में शुरुआत से अंत तक सब बताते थे लेकिन जब तक मैं उनके सामने हूं मेरे ख्याल में रहता था और कुछ देर बाद मैं उसमें से कुछ कुछ भूल जाता था इसलिए मैंने कुछ बातें रिकॉर्ड करके रखी है अगर आपकी परमिशन हो तो वह कुछ बातें जो बेसिक है आपको शेयर कर देता हूं 8 दिन के बाद वह योगी जी ने मुझे एक जंगल में ले गए और उस जंगल में एक तेजस्वी तपस्वी बैठे थे
मैंने उनसे कहा मुझे यहां क्यों लाया गया है तब योगी जी ने कहा आज से तुम्हारी आगे की शिक्षा यह तपस्वी करेंगे और वह योगी जी मेरा हाथ छोड़कर जाने लगे मैं रोने लगा और उनके पीछे दौड़ने लगा और उनको कहने लगा कि आज से मैं आपकी हर बात मानूंगा कृपया करके मुझे छोड़कर मत जाइए लेकिन वह निकल गए बाद में मैं उन तपस्वी जीके सामने आकर बैठ गया उन्होंने जब आंखें खोली तब उन्होंने कहा कि आज से तुम्हें अनुशासन क्या है यह पता चलेगा मैं थोड़ा घबरा गया और उनको नमस्कार करके उनसे ज्ञान अर्जित करने लगा उन्होंने भी आठ 10 दिन मुझे ज्ञान दिया लेकिन मेरी कुछ भौतिक समस्याएं हर रोज बढ़ती जा रही थी पैसे की समस्या और घर की समस्या उनका निवारण कैसे करें मुझे समझ में नहीं आ रहा था इसके चलते मैंने उन तपस्वी को कुछ दिन रुकने के लिए कहा.
कुछ दिन बाद मेरा गुरु मंत्र का 900000 जा पूरा हुआ और हमें होम करना था जैसा आपने कहा इसका दशांश हवन करना बहुत जरूरी है जिस दिन हमें दशांश हवन करना था ठीक उसके पहले दिन हमारे घर में बहुत झगड़े शुरू हो गए ऐसा लग रहा था कि कोई है जो हमारा हवन पूरा होने नहीं दे रहा था कैसे कैसे वह रात कट गई दूसरे दिन जब सुबह हुई तो मेरे उसी दोस्त ने जगा कर हवन की तैयारी करने में मदद करने लगा और उसने कहा ऐसा कुछ करने में ऐसी ही बाधाएं होती ही रहती है उसने हवन के शुरुआत से हवन पूरा होने तक पूरा साथ दिया हवन शुरू होते ही मुझे बहुत सारी अनुभूतियां होने लगी   (गुरुजी समय के कारण इसके आगे के अनुभव में आपको तीन-चार दिन में भेजूंगा दशांश हवन के बहुत सारे अनुभव और बहुत सारे देवी देवता उस समय मेरे घर पर  आए थे) गुरुजी के चरणो में कोटि कोटि वंदन..

गुरु मंत्र दीक्षा लेने के बाद अनुभव भाग 2

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