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गुरु मंत्र द्वारा एक्सीडेंट में रक्षा

गुरु मंत्र द्वारा एक्सीडेंट में रक्षा

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, यह एक प्रकार के एक्सीडेंट से संबंधित है जिसमें गुरु मंत्र के द्वारा रक्षा होती है और एक विचित्र प्रकार का अनुभव एक साधक को होता है। चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं। इस अनुभव के विषय में

गुरु जी प्रणाम चरण स्पर्श गुरु जी मैंने कुछ दिन पूर्व गुरु मंत्र अनुभव देखा, सोचा एक अनुभव जो कि मेरा गुरु मंत्र से संबंधित है। उसे भेजूं गुरु जी प्रणाम गुरु जी मैं अपना नाम गुप्त रखना चाहता हूं। गुरु जी मैं पूर्व में भी अनुभव आपको भेज चुका हूं। गुरुजी पिछले वर्ष की बात है। सर्दियों के समय की प्रभात में 5:00 बजे अपने काम पर जाता था। गुरुजी जब मैं प्रभात में अपने काम पर जाता था तब मुझे सुबह 3:00 या 3:30 बजे जगना पड़ता था और दैनिक कार्य करने के पश्चात अपनी पूजा-पाठ और अपने गुरु मंत्र का जाप करता था। गुरुजी में प्रत्येक शनिवार एक छोटा सा हवन अपने गुरु मंत्र से और उनकी जाप करता हूं जो कि निरंतर जारी है। एक दिन मैं अपने गुरु मंत्र का जाप कर रहा था। तब मुझे एक जगह दिखाई दी जो कि मेरी दैनिक रास्ते पर है। मैंने इग्नोर किया फिर दूसरे दिन उसी स्थान पर मुझे अजीब सा लगा और फिर तीसरे दिन वही स्थान गुरु मंत्र जाप करते दिखा इस बात से मुझे कुछ शंका सी हुई थी। गुरुजी पता नहीं क्यों मुझे एक डर सा बैठ गया था और यह मेरे साथ मेरे जीवन में पहली बार था। 1 दिन तो बहुत अजीब लगा। कुछ दूर चला और बाइक का टायर पंचर हो गया और मैं अपने कार्यस्थल तक नहीं जा पाया। उस दिन घर में ही रहा था और इस बात को फिर मैं भूल भी गया गुरुजी। फिर जब मैं सुबह निकलता तो मन में डर बैठा रहता था और मैं पूरे रास्ते गुरु मंत्र का जाप करते हुए जाता था क्योंकि मैंने आप ही के चैनल पर सुगंधा वाले अनुभव में सुना था, जिसमें वह लड़की बताती है कि जब अनहोनी का डर या कुछ हो तो यात्रा में गुरु मंत्र का जाप मन ही मन कर सकते हैं।

बस मैंने वही किया रोज, 4 या 5 दिन ही गुजरे होंगे। कि मैं उसी स्थान पर पहुंचने से पूर्व मन में एक बार फिर से डर आ गया और मैं मन ही मन गुरु मंत्र का जाप कर रहा था। सुबह तक लगभग 5:00 का समय था। रोड सुनसान थी और क्योंकि यह पूस का महीना था, इसलिए कोहरा भी अधिक था। मेरी बाइक की स्पीड 50 से ऊपर थी क्योंकि खाली रोड पर यह साधारण सी बात है। गुरु जी जैसे ही मैं उस स्थान पर पहुंचा। अचानक एक व्यक्ति मेरे सामने आ गया और मेरी बाइक उससे टकरा गई। मैंने खुद देखा कुछ सेकंड हिस्सा और फिर वह व्यक्ति वहां पर उपस्थित नहीं था। यानी वह उस जगह से गायब हो गया। अब जो कुछ हुआ वह मेरे लिए विश्वमय से भरा हुआ था। मेरी बाइक बहुत कुछ टूट चुकी थी। आगे का सब कुछ टूट गया। बाइक का हैंडल मुड़ गया था। पर मुझे ज्यादा कुछ भी नहीं लगा। मैं सुरक्षित था। कुछ जगह से कपड़े फट चुके थे और हल्की चोट थी। मुझे यह भी नहीं पता कि मैं कितनी देर रोड पर था। गिरने के बाद जब मैं रोड पर उठा तो मुझे लगा ही नहीं कि।

डामर की रोड पर गिरा हुआ हूं। अपने आप को संभालते हुए मैं जब वहां से निकला तब बाइक भी चालू हो गई, पर वह बहुत आवाज कर रही थी और चलने में दिक्कत दे रही थी जो कि स्वाभाविक भी था। एक पंप से मैंने छोटा सा प्राथमिक उपचार लिया और एक बंधु को बुलाया। यह सब किसी को नहीं बताया। बस इतना बताया कि कुत्ते से बाइक टकरा गई थी। एक विश्वमय और इंतजार कर रहा था। घर जाने से पहले मैंने बाइक ठीक करवा ली कि कहीं घर पर पता ना चल जाए। जब घर शाम पहुंचा तो 5:00 बजे थे। तब घर के सामने कुछ कुत्ते बैठे हुए थे, जिनको रोज में खाना खिलाता था, किंतु आज उनका व्यवहार उचित नहीं था जो मेरे रोज पैर पकड़ते थे। आज सब के सब मेरे ऊपर चढ़ने लगे और मैंने जहां-जहां कुछ चोटे थी, वह जगह वह सूंघने लगे। मेरे लिए यह भी अजीब था। घर पर भी पता चल गया क्योंकि जिस बंधु को बुलाया उसी ने बता दिया था। रात को मम्मी मेरे पास आई और बोली बेटा जो हुआ सच बता दिया करो क्योंकि तुम झूठ तो बोलते नहीं और ना ही बोल सकते हो हमसे हमें शक है वह सच है या झूठ तो मैंने उन्हें फिर सारी बात बता दी और कहा, आप इसका जिक्र किसी से नहीं करेंगे। फिर उन्होंने हामी भर दी क्योंकि लोग विश्वास नहीं करते हैं। माताजी बोली बेटा आपके साथ क्या-क्या घटित हुआ गुरुजी मेरी माता जी मेरा इन सब मामलों में बहुत साथ देती हैं। पूजा, पाठ इत्यादि में भी, मां बोली, आप नहीं जानते। उसी स्थान पर कई लोगों की दुर्घटना हो चुकी है। कोई मृत्यु भी हुई हो। क्योंकि पास ही में एक पोस्टमार्टम हाउस भी बना हुआ है जहां पर मृतक शरीरों की जांच की जाती है।

फिर वह बोली अब तू अपनी नौकरी छोड़ दे या फिर समय का परिवर्तन करा ले और फिर मैंने ऐसा ही किया था। गुरुजी लिखने में गलती हुई हो तो क्षमा प्रार्थी हूं। गुरु जी मन में कई प्रश्न रहते हैं। गुरु जी जो लोग पूजा पाठ मंत्र जाप करते हैं, उन्हीं के साथ में भूत प्रेत की घटनाएं घटती है। जो कुछ नहीं करते। उनके साथ कुछ नहीं होता तो आराम से कहीं भी जा रहे हो। कुछ सुनने में उनके साथ नहीं आता। ऐसा क्यों गुरुजी? जब हम इस तरह की बातें उनके साथ साझा करते हैं तो फिर मजाक का पात्र भी बन जाते हैं। गुरु जी क्या वास्तव में किसी शक्ति ने मेरी रक्षा की थी। अगर की थी तो मैं कैसे उनका शुक्रिया अदा करूं?

सन्देश- देखें आपके अनुभव से स्पष्ट है कि वह स्थान शापित है और उसी स्थान पर गड़बड़ होने की संभावना पहले से ही बन रही थी। इसीलिए आपको पहले से ही उसी स्थान से डर आपके ध्यान और मंत्र जाप के समय आपको लगने लगा था। जब भी आप वहां से गुजरते थे तो उन शक्तियों के कारण आपको आभास होता था कि यह बुरा स्थान है और यहां पर कुछ ना कुछ गलत हो सकता है और इसीलिए मन में डर अपने आप आ जाता था। जहां भी साधक के मन में अपने आप डर आए। इसका मतलब उस स्थान पर निश्चित रूप से किसी बुरी शक्ति का वास है। यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए लागू होता है और जो भी गुरु मंत्र का जाप करते हैं अथवा किसी भी मंत्र का जाप करते हैं उन्हें ऐसे संकेत अवश्य ही आते हैं। किसी स्थान पर अगर आपका मन अपने आप खुश हो तो वहां पवित्र शक्ति का वास होता है और इसी प्रकार अगर किसी स्थान पर आपके मन में शंका और अलग तरह की भावनाएं आये तो वहां पर बुरी शक्ति का वास होता है। उसी स्थान पर निश्चित रूप से जो भी आत्माएं भटक रही है, वह अपनी श्रेणी में शामिल करने के लिए वही क्रिया करके अपने साथ उन्हें जोड़ना चाहते हैं। जैसे एक्सीडेंट वाली जगह पर अधिकतर आत्माएं चाहती हैं कि दूसरे व्यक्ति का भी एक्सीडेंट हो ताकि।

हमारे साथ ही शामिल हो जाए। इसीलिए ऐसा हुआ जहां तक रही आपके प्रश्न की बात जो लोग पूजा पाठ करते हैं, उनके साथ भूत प्रेतों की घटनाएं घटती हैं। लेकिन दूसरों के साथ नहीं होता। यह एक भ्रम वाली बात है। असल में जो लोग भी पूजा, पाठ और मंत्र जाप करते हैं, उन्हें अनुभव होता है और वह स्पष्ट रूप से जान पाते हैं कि यह घटना जो उनके साथ हुई वह पूरी तरह से अभौतिक थी। यानी इस दुनिया की नहीं थी, लेकिन जब किसी साधारण के साथ ऐसा घटित होता है तो उसे केवल साधारण एक्सीडेंट के रूप में ले लेते हैं क्योंकि उनके जीवन में ऐसी चीजों की कोई वैल्यू ही नहीं है। ना ही ऐसी चीजों को मानते हैं जैसे किसी व्यक्ति का कहीं पर एक्सीडेंट हो जाए। वह भूत प्रेत देवी, देवता इत्यादि को नहीं मानता है तो उसके लिए तो सिर्फ एक्सीडेंट है। उसका भूत प्रेत से कोई संबंध नहीं है उसके लिए चाहे उसकी मृत्यु भी हो जाए तब भी . तो यह जो बात है, वह समझने की है कि जो लोग मानते हैं, वह समझते भी हैं और जो मानते ही नहीं उनके लिए एक साधारण सी घटना होती है।

क्या जो पूजा पाठ करते हैं, उनके ही एक्सीडेंट होते हैं, नहीं, हर व्यक्ति का एक्सीडेंट होता है। और एक्सीडेंट होने के पीछे कई तरह के कारण होते हैं लेकिन जो मानता है उसी को ही यह चीजें समझ में आती हैं। क्या किसी ऐसे व्यक्ति को आपने सुना है जो पूजा-पाठ ना करता हो, मंत्र जाप ना करता हो और उसे पहले से अनुभव हो जाए कि मुझे इस जगह पर खतरा हो सकता है और उसके साथ बाद में वही घटित हो ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वह इन चीजों को मानता ही नहीं है और न ही उसको शक्तियां पहले से संकेत देती है। रही बात गुरु मंत्र ने ही , आपकी रक्षा की और कोई भी देवी शक्ति आकर के रक्षा करके चली जाती है और निश्चित रूप से भैरव से संबंधित कोई शक्ति क्योंकि माता के सेवक हैं, इसलिए उस स्थान पर आप की रक्षा के लिए वह उपस्थित हो गए थे और उन्होंने ही आपकी रक्षा की है क्योंकि माता की सेवा में हनुमान जी और भैरव जी दोनों चलते हैं। इसलिए अधिकतर रक्षा के समय चाहे वह हनुमान जी हो या उनका कोई भैरव जी हो या उनका कोई अंश अवश्य ही रक्षा के लिए उपस्थित हो जाता है इसके अलावा योगिनी शक्तियां और विभिन्न प्रकार की इसी लेवल की बहुत सारी शक्तियां होती हैं जो साधक की रक्षा करते हैं। जो भी गुरु मंत्र का जाप करता है तो यह था इनका अनुभव अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। करें, सब्सक्राइब करें, आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद।

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