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गुरु मंत्र साधक और डेढ़ फुटिया आत्मा का हमला

गुरु मंत्र साधक और डेढ़ फुटिया आत्मा का हमला

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज जो हमें अनुभव प्राप्त हुआ है, यह अनुभव गुरु मंत्र साधना से संबंधित है।कैसे एक साधक जब गुरु मंत्र का जाप करता है तो उस दौरान अगर वह ध्यान लगाए। कुछ ऐसी शक्तियों जो कि उसके जीवन में आ जाए तो कैसे गुरु मंत्र रक्षा भी करता है। आज के इस अनुभव के माध्यम से हम लोग जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं और पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को और जानते हैं इस अनुभव के विषय में। प्रणाम गुरु जी, सबसे पहले मैं आपसे माफी मांगता हूं कि मैं आपको गुरु मंत्र अनुभव समय पर नहीं भेज सका। जो मैंने माघ नवरात्रि में गुरु दीक्षा के रूप में लिया था। वैसे मेरा नाम संदीप लेयांगी है। मैं झारखंड का रहने वाला हूं।

कृपया गुरुजी मेरा नाम लेयांगी बोलिएगा। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अपने पारिवारिक और निजी कारणों से मैं आपको पत्र नहीं भेज सका। अब मैं आपको मेरा अनुभव बताता हूं। जब मैं माघ नवरात्रि में गुरु मंत्र दीक्षा लेकर जाप कर रहा था। तब पूरे शरीर में आग की जैसे लपटें निकलती थी। और सर्दी में भी बहुत पसीना आता था। ऐसा मालूम प्रतीत होता था कि कभी-कभी तो हाथ जिससे मैं जॉप करता था, अग्नि के समान गर्म हो जाता था। जाप करना मुश्किल हो जाता था। कभी-कभी तो बदहवास और बेहोशी छाने लगती थी। तब मैं मां से कहता था कि मां मेरे अंदर उत्पन्न ऊर्जा को आप अपने में समाहित करो क्योंकि इतनी ऊर्जा संभालना मेरे लिए मुश्किल है। तब कुछ देर बाद सब नॉर्मल हो जाता था। आप का गुरु मंत्र बहुत ही ज्यादा पावरफुल है। इसका एहसास मुझे मालूम चल गया है। गुरु जी एक बार मैं सुबह 10:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक मां के पूजा रूम में पूजा करने के लिए गया था। तभी किसी ने मेरे पूजा रूम के दरवाजे को दरवाजा जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया था। जबकि मैं और कोई मुझे पूजा करते वक्त डिस्टर्ब ना करें। इसके लिए मैं हमेशा पूजा रूम का दरवाजा बंद रखता हूं। दरवाजे पर दस्तक के बाद मुझे लगा मेरे पापा शायद ऐसा कर रहे होंगे। इसलिए मुझे पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था। पर जब मैं पूजा करने के बाद बाहर निकला। तो पता चला कि वह सभी लोग तो बाहर गए हुए हैं काम करने के लिए। फिर मैंने बहन से सुना कि उन्हें भी जोर जोर से दरवाजे पीटने की आवाज आई थी। फिर मैं इस चीज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर उसी रात जब मैं सोया हुआ था। मुझे एक सपना आया। मैंने देखा एक डेढ़ फुटिया बच्चा भूत के रूप में जो मेरे घर के दरवाजे को पीट रहा है और अंदर आना चाह रहा है।

मैं उसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहा हूं, पर किसी तरह वह अंदर आ ही गया और फिर वह मुझे घसीटते हुए छत पर जा कर फेंक दिया। फिर मैं गिरते गिरते ही गुरु मंत्र का जाप करते हुए आपको यानी अपने गुरु जी को याद करते करते गिर रहा था। कि तभी मैं देखता हूं कि गुरु जी आपने इस डेढ़ फुटिया बच्चे भूत को मारते मारते उसे वहां से बाहर फेंक दिया और मेरी जान बचाई। यहां मैं एक बात बताना चाहता हूं कि गुरु जी मैं आपको ध्यान करता हूं क्योंकि आपके हृदय में तो मां बसती है और मेरे लिए गुरु और माता में कोई अंतर नहीं है। इसीलिए मैं आपको गुरुजी अधिक ध्यान करता हूं और प्रेम भी। वैसे मां का प्रेम मुझे मिले ना मिले पर अपने गुरु का प्रेम और आशीर्वाद जरूर प्राप्त करना चाहता हूं। प्रणाम गुरुजी जय गुरुदेव जय मां पराशक्ति।

सन्देश- देखिए यहां पर इन्होंने गुरु के रूप में मुझे प्राप्त करने के बाद सच्ची गुरु भक्ति पर विश्वास रखते हुए गुरु मंत्र का अनुष्ठान चालू रखा है। इसी दौरान इनको यह अनुभव हुआ जिसमें पहले अनुभव के रूप में उनके दरवाजे पर पीटने की आवाजें आई। निश्चित रूप से कहीं ना कहीं इनके मन में यह ख्याल होगा कि डेढ़ फुटिया कैसा होता है। क्या वह धन दे सकता है। इत्यादि के कई प्रश्न मन में चल रहे होंगे। इसी कारण की वजह से वह आत्मा उनसे आकर्षित हो गई। इस आकर्षण के कारण ही पहले वह आई और उसने दरवाजा पूरी तरह पीटने और ठोकने की कोशिश की ताकि साधक अपने गुरु मंत्र का जाप बंद कर दें क्योंकि वह अब इनकी ऊर्जा शक्ति प्राप्त करना चाहता है। लेकिन यह होना एक सच्चे साधक के लिए कभी भी जरूरी नहीं है कि वह अपनी मूल साधना को छोड़कर और ऐसी चीजों के पीछे ध्यान देने लगे। आजकल सभी साधक समझदार हैं और साधना के दौरान कभी भी किसी अन्य शक्ति के पीछे नहीं भागते हैं।

लेकिन एक आवश्यक बात यह है कि इस दौरान जब वह गुरु मंत्र का जाप कर रहा हो, किसी भी व्यक्ति के ध्यान को करने के कारण या उसके बारे में सोचने के वजह से या  कभी साधना के दौरान किसी व्यक्ति विशेष के बारे में ज्यादा ख्याल करने पर वह शक्ति आकर्षित होकर के उस साधक के पास आने की चेष्टा करती है। तब साधक को बहुत सावधान रहते हुए यह कोशिश करनी चाहिए कि अगर वह शक्ति आ भी गई है तो अपने गुरु मंत्र पर अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास करते हुए साधना को जारी रखें और इस प्रकार की शक्तियों से अपने आप को बचा कर रखें। इसके प्रलोभन से बचें। अगर यह शक्ति आपको डराती है या आपके मस्तिष्क से खेल कर आपको भ्रमित करने की कोशिश करती हैं। तो इसके लिए भी अपने आप को पूरी तरह तैयार रखें। याद रखिए सबसे मजबूत कड़ी विश्वास होती है। अगर आपको खुद पर विश्वास है।

गुरु पर विश्वास है अपनी माता पराशक्ति पर विश्वास है तो संसार की चाहे जितनी बड़ी भी बुरी से बुरी शक्ति हो, आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है। यह एक वास्तविक सत्य है।

इसीलिए साधकों के साथ अद्भुत अनुभव होते हैं और आप जैसे कि बता रहे हैं कि ध्यान भी आप मेरा ही कर रहे थे इसलिए। गुरु शक्ति के रूप में। वहां पर मेरा पदार्पण हुआ और उस शक्ति ने जाकर उस डेढ़ फुटिया की आत्मा को वहां से बाहर फेंक दिया।

आपके इस अनुभव के माध्यम से यह पता चलता है कि शरीर ही नहीं सदैव गुरु शक्ति ऊर्जा के रूप में साधक के आसपास विचरण करती रहती है। बस उसे ध्यान पूर्वक जगाने की आवश्यकता होती है। एक गुरु अपने हजारों से शिष्यों पर नजर अगर शरीर से रखेगा तो कभी नहीं रख सकता। लेकिन यह भगवान शिव का वरदान है। प्रत्येक गुरु को और गुरु शिष्य परंपरा को कि गुरु अपने करोड़ों से ऊपर गुरु शक्ति के माध्यम से पूरा का पूरा वर्चस्व और! पूरी उनकी मदद के लिए वहां तत्पर रहता है। एक साथ एक ही गुरु कई जगहों पर अपनी ऊर्जा के साथ मौजूद रहता है कारण! क्योंकि जो गुरु मंत्र जाप कर रहा है, वही शिष्य कर रहा है और सभी शिष्य भी वही कर रहे हैं। यानी सभी एक दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए गुरु पर पूर्ण समर्पण रखते हुए माता परा शक्ति की भक्ति करने वाला साधक इस लोक के साथ परलोक में भी पूर्ण सुखी हो जाता है और पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति करता है।

आज का इनका अनुभव अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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