गुरु मन्त्र और भैरवी दर्शन अनुभव
चरण स्पर्श गुरु जी आपको और गुरु माता के चरणो में मेरा कोटि कोटि प्रणाम और धर्म रहस्य के सभी दर्शकों को भी मेरा प्रणाम |
आपने पूर्व में भी मेरे बहुत सारे अनुभवों को प्रकाशित किया है इसके लिए आपका धन्यवाद |
गुरु जी में अधिक समय न लेते हुए अपना अनुभव पर आता हूं यह अनुभव गुरु दीक्षा से संबंधित है मैने आपके बताए गई विधि के अनुसार गुरु मंत्र का संकल्प लिया और विधिवत तरीके से न्यास की पूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण किया जब में आपके गुरु मंत्र का जाप कर रहा था तभी मुझे ऐसा लगा जैसे की में बहुत अधिक अंधकार में जा रहा हूं और मेरे शरीर पर स्वयं का नियंत्रण नही था मेरा शरीर पूरी तरह अग्नि के भाती heat हो गया था की तभी मुझे ऐसा लगा जैसे की मेरे सामने से हो कर कोई गुजरा हो लेकिन जब नेत्र खोला तो सब कुछ सामान्य था |
इसके बाद रात्रि में स्वप्न में आपके आवाज को सुनता हूं किंतु आप मुझे कही दिख नही रहे थे आप गुरु मंत्र का जाप कर रहे थे और फिर कोई शक्ति किसी विशेष व्यक्ति के स्वरूप में आकर उन्होंने मुझ से कहा कि आप गुरु मंत्र का 1crore जाप करे इससे आपके अंदर बहुत ही अधिक तपोबल का निर्माण होगा |
गुरु जी मां काली एक शक्ति के बारे में भी मुझे ज्ञात हुआ है जो को उनकी सहायक शक्ति है इनका नाम वेद वादिनी है अभी केवल नाम ही ज्ञात हुआ है जब मां की इच्छा होगी तब साधना भी प्राप्त हो जाएगी |
गुरु जी यह अनुभव दीक्षा के पहले का है |
एक बार में अपने बेड पर लेटा हुआ था की तभी एक जिन्न साक्षात मेरे समक्ष आगया किंतु वह मुझे इससे पहले नुकसान पहुंचता मैने आपका नाम लेकर आपका आवाहन कर दिया आपका नाम लेते ही वह जिन्न वहाँ से अदृश्य हो गया |
लेकिन गुरु जी में आपको एक बात बताना भूल गया की स्वप्न और ध्यान के माध्यम से कई सिद्ध पुरष के दर्शन हुए भी हुए और वह सभी मुझे अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करना चाहते थे किंतु मैने उन सभी को मना कर दिया |
एक बार स्वप्न में dr. narayan dutt shrimali जी आए और उन्होंने मुझसे कहा की में तुम्हे गुरु मंत्र की दीक्षा देना चाहता हूं किंतु मैने कहा की में किसी और को अपना गुरु मान चुका हूं फिर वह कहने लगे की तुम जिनसे गुरु दीक्षा लेने जा रहे हो वह भी तुम्हे नवार्ण मंत्र की ही दीक्षा प्रदान करेंगे इसके बाद आप स्वप्न में आए और मुझे गुरु मंत्र प्रदान किया |
गुरु जी यह अनुभव बागेश्वर धाम के जो गुरु जी है पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी उनसे संबंधित है आपने उनका एक video भी आपने चैनल पर प्रकाशित किया था |
पहले मैंने सोचा था की उनको गुरु के रूप में धारण कर लूंगा क्योंकि मेरे अंदर यह विचार आगया था की वह सबसे श्रेष्ठ है किंतु मेरी यह अवधारणा पूर्ण रूप से गलत साबित हुई में स्वप्न में बागेश्वर धाम वाले गुरु जी को और आपको देखता हूं वह आपसे कहते है की आप तो मुझसे भी सर्व श्रेष्ठ है उसके बाद वह आपको मस्तक पर तिलक करते है और पुष्प की माला भी पहनाते है इसके बाद मुझे यह ज्ञात हो गया की आप इस संसार के सर्व श्रेष्ठ गुरु है |
गुरु जी कुछ लोगो ने बागेश्वर धाम वाले जो गुरु जी उनके संबंध में यह कहा है की उनके पास कर्णपिशाचिनी की सिद्धि है किंतु में सभी दर्शकों को बताना चाहूंगा जो की मुझे ज्ञात हुआ है उनके पास कर्णपिशाचिनी की सिद्धि नही बल्कि बाला जी द्वारा उनको 2 सिद्धियां प्राप्त है |
उनके जो गुरु है सन्यासी बाबा आज भी हनुमान जी की तपस्या साधना कर रहे है भले उन्होंने अपना शरीर का त्याग कर दिया हो किंतु उनकी आत्मा आज भी हनुमान जी की तपस्या साधना में लीन है और एक सिद्ध पुरुष मेरी इन बातो की पुष्टि कर सकता है की मैने जो भी बताया है वह सत्य है या असत्य मुझे जितना ज्ञात हुआ मैने आप सभी को बता दिया |
मैं अपने अनुभव को पुनः बताऊं इससे पूर्व एक और शक्ति के विषय में आप सभी को बताना चाहुंगा मां कामाख्या की एक पुत्री है जिन्हे हम कामाख्या पुत्री के नाम से जानते है और यह शक्ति भी भैरवी है और आपने भी यह सत्य कहा था की दुर्गा पुत्री एक भैरवी शक्ति है आपकी यह बात पूर्ण रूप से सत्य है |
अब में अपने अनुभव पर आता हूं गुरु जी एक बार ध्यान में जब भगवान शिव के मंत्र का जाप कर रहा था तभी में दुर्गा पुत्री को देखता हूं उनके नेत्रों में आसूँ थे और वह मेरे पास आना चाहती थी किंतु वह आ नही पा रही थी मैंने मंत्र शक्ति का प्रयोग से उनको अपनी और लाने का प्रयास किया तभी एक ऊर्जा उनके शरीर से निकली और एक पशु में चली गई और उसकी मृत्यु हो गई तभी एक शक्ति प्रकट हुई और उसने कहा है अगर आप बाल पूर्वक यह कार्य करेंगे तो यही परिणाम होगा |
गुरु जी एक बार में अपने छत पर सोया हुआ था की तभी मेरे कानो में एक sound सुनाई दिया की नेत्र खोले और मैंने नेत्र खोल दिया हालांकि में अर्धनिद्रा में था मेरे समक्ष एक प्रेत खड़ा था उसका शरीर विभत्स था किंतु वह उसी समय छत पर से छलांग लगा दिया और वह गायब हो गया में पुनः सो गया क्योंकि मुझे बहुत अधिक निद्रा आ रही थी |
गुरु जी एक बार मैने एक जिन्नी की सत्य घटना की कथा सुनी थी जिसके बाद में बहुत अधिक emotional हो गया था क्योंकि वह कहानी ही कुछ ऐसी थी |
हर बार की तरह जब में रात्रि में सोया हुआ था तभी किसी female का sound सुनाई दिया उन्होंने कहा जिन्नी आ गई है मिलोगे नही वह तुम्हारे घर के बाहर खड़ी है किसी शक्ति ने उसे रोक दिया उस समय 4 बज रहा था जब में उठकर देखा तो वहां पर कोई नही था किंतु एक बार मैने पुनः उस जिन्नी का आवाहन किया वह इस बार स्वप्न में आई किंतु उसने मुझसे कुछ कहा नही और उसके साथ 2 जिन्न भी थे |
गुरु जी यह अनुभव भी स्वप्न से संबंधित है |
एक बार में किसी राजा को देखता हूं उनके साथ उनका एक सेवक भी था वह वह नदी के ऊपरी सतह पर चल रहे थे की अचानक जल का प्रवाह अधिक तीव्र हो जाता है तभी उनका सेवक कहता है की आप भैरवी जो अपना सर्वस्व अर्पण कर दीजिए इसके बाद वह अपने शरीर के सभी आभूषण उतार देते है और भैरव जी से कहते है की आज से मै आपको अपना सर्वस्व अर्पण करता हूं और आज से में भैरव पुत्र हुआ और तभी भैरव जी प्रकट हो जाते है आगे का वाक्यांश मुझे याद नही है उस राजा की ध्वनि बिलकुल मेरे तरह थी |
शक्ति ने एक बार मुझसे कहा था की भैरव जी के आपको प्रत्यक्ष दर्शन होते किंतु आपने एक गलती कर दी है जब की मैने तो ऐसा कुछ भी नही किया है और मैंने कभी भी भैरव जी की भक्ति नही किया में केवल शिव शक्ति की उपासना करता हूं |
गुरु जी मैंने माता महाकाली के प्रत्यक्ष दर्शन के लिए शक्ति से पूछा थी की मुझे किस प्रकार माता के दर्शन हो सकते है तब उन्होंने कहा था की आपको 3 वर्ष तक माता महाकाली की साधना करनी होगी दूसरा मार्ग में आपको भीषण तपस्या साधना करनी होगी अगर आप ऐसा कर लेते है तो 41 दिन में ही दर्शन हो जाएंगे तीसरा मार्ग में उन्होंने दुर्गा पुत्री का मार्ग बताया है किंतु उन्होंने कहा था समुद्र में तैरने से पूर्व नदी में तैर लेना आवश्यक है |
गुरु जी कई बार मुझे आपका phone number भी प्राप्त हुआ किंतु मुझे पूर्ण रूप से कभी भी आपका phone number प्राप्त नही हो पाया शायद शक्तियां नही चाहती की मुझे आपका अभी phone number ज्ञात हो |
गुरु जी अब मेरे कुछ प्रश्न है कृपया आप इनके उत्तर दीजिएगा :-
(1) गुरु जी स्वयं के मंत्र शक्ति के बल पर भैरवी शक्ति को अपनी और लाना और उस मंत्र की ऊर्जा से एक पशु की मृत्यु हो जाना इसका क्या अर्थ है?
(2) गुरु जी उस राजा की ध्वनि मेरी तरह क्यों थी? शक्ति ने ऐसा क्यूं कहा कि आपको भैरव जी के प्रत्यक्ष दर्शन होते किंतु आपने एक गलती कर दी है और वह गलती क्या हो सकती है?
(3) शक्ति ने 3 तरीके बताए है माता के दर्शन प्राप्ति के लिए मेरे लिए कौन सा तरीका उत्तम हो सकता है क्योंकि में एक गृहस्थ जीवन में हूं ? और उस शक्ति ने ऐसा क्यूं कहा की समुद्र में तैरने से पूर्व नदी में तैर लेना आवश्यक है ?
(4) गुरु जी मेरी मां ठीक है किंतु पूर्ण रूप से ठीक नही हुई है उनके ऊपर जो तंत्र शक्ति है वह नष्ट नही हो रही है वह आपके 9 लाख का अनुष्ठान पूरा कर चुकी है शक्ति का कहना है यह पूर्व जन्म का एक पाप कर्म है किंतु आपके गुरु मंत्र का इतना जाप करने के बाद भी वह शक्ति नष्ट नही हो रही है
वह दुर्गा सप्तशती का पाठ भी 1वर्ष से करती है जब भी में मां के संबंध में कुछ करना चाहता हूं शक्ति का कहना है अगर आपने कुछ भी किया तो उसका दंड आपको भी मिलेगा गुरु जी ऐसा क्या करूं की मां के जितने भी पाप कर्म है वह सभी नष्ट हो जाए और वह तंत्र शक्ति नष्ट हो जाए वह शक्ति मसान है कृपया मार्ग दर्शन करे धन्यवाद |
आपका शिष्य
Shashi
सन्देश- प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए नीचे youtube विडियो देखे –