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चन्द्र कला अप्सरा साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से  स्वागत है आज बात करेगे अप्सरा साधना के बारे में ईसका विवरण बहुत ही कम मिलता है ।तो ये अप्सरा है चन्द्रकला, देवी चन्द्रकला साधना किस प्रकार से कि जाती हैं आज हम ये जानेगे तो सबसे पहले चन्द्रकला अप्सरा को जानने से पहले ये जानना जरुरी है कि ये किसकी शक्ति है, किस की सेविका है । ये जो सेविका शक्ति है वो चन्द्र देव कि शक्ति है । चन्द्र देव जो महर्षि अत्री और अनसूया के पुत्र थे ईनका रंग अतिश्वेत और चमकीला था । ईनके वस्त्र अश्व और श्वेत रगँ शँख के समान है आसन पर दस घौडे वाले उज्जवल रथ पर कमल के फुल पर बैठकर चलते हैं ईनके एक हाथ में गदा और दुसरा हाथ वर मुद्रा का होता है।

ये सौलह कलाओ से  युक्त होते हैं माना जाता है ईनको बीज और शती जल और बाह्रमणो के राजा के रुप मे नियुक्त किया था और उनका विवाह दक्ष की सताईस कन्याऔ से हुआ जो सताईस नक्षत्रो के रुप मे मानी जाती है ये तो है चन्द्रदेव का वर्णन । ईनकि जो शक्ति अप्सरा है जिसको बहुत कम लोग जानते हैं कि चन्द्र देव कि शक्ति अप्सरा कौन है जिसका प्रयोग जीव को सम्मोहन करने मे या उनको रोकने में या यूं कहिए कि लोगो को साधना मार्ग से हटाने के लिए चन्द्र देव अपनी इस शक्ति का प्रयोग करते थे जब कभी इन्द्र देव आदेश दे देते थे कि जिस का भी मन कमजोर है आप उसी पर अपनी अप्सरा का प्रयोग करे तो यह उनकी गोपनीय अप्सरा है उनका नाम चन्द्रकला अप्सरा है ।

 चन्द्रकला अप्सरा की साधना के बारे मे ही मै आज आपको बता रहा हूं कि दोनो का स्वभाव एक सा है यह चन्द्र देव कि शक्ति है और उनकी सेविका शक्ति है चन्द्रकला का मतलब चन्द्र देव कि सेविका शक्ति है, चन्द्र दैव की साधना का माध्यम है । चन्द्रकला अप्सरा की साधना जो भी कर लेता है उसकि मानसिक स्थिति कभी भी बिगडती नही है सदैव प्रसन्न रहता है । मन से हमेशा खुश रहता है हमेशा उसमे उत्साह भरा रहता है उसके जीवन में सदैव चमत्कारिक रुप से घटनाएं घटित होती है।  इनकी सिद्धि हो जाने पर चन्द्रकला अप्सरा आपकी सँगिनी के रुप मे आपके साथ रहती है आप चाहे तो उसे अपनी प्रेमिका के रूप में या मित्र के रूप के रुप मे  या पत्नी के रूप में प्राप्त कर सकते हैं । जिस तरह आप चाहे उसे रख सकते हैं इसमे कोई गडबड़ी नही है, ये बहुत शुभ साधना मानी जाती है इसमें कोई संघर्ष कोई समस्या नहीं होती हैं इसमे आपका कभी नुकसान नहीं होगा होगा लेकिन ईसमे एक बात है  की अगर आप शादी के बँधन मे बँध रहे है तो अप्सरा को केवल सहायिका के रूप में रखिए  बाकी उससे काम भावना न रखे ।

तब वह आपका हमेशा साथ देगी, यह अप्सरा बहुत शुभ ज्यादा अद्भुत और गोपनीय है जिसके बारे में बहुत कम वर्णन मिलता है इसके लिए आपको चन्द्रकला देवी को प्रसन्न करना है उसके लिए आपके मन में एक भाव होने चाहिए संकल्प होना चाहिए कि मै आपको प्रसन्न करना चाहता हूँ । मै आपको सिद्ध करना चाहता हूँ उसके लिए भय नही करना है इनकी साधना में भय का कोई स्थान नहीं है अगर आप भय करेगे तो ये देवी आपको छोड कर चली जाएगी ।इस बात को समझते हुए ही हमेशा साथ देती रहेगी यह देवी आपका तो यह अप्सरा बहुत ही शुभ है बहुत ही गोपनीय है इस बारे में आपको बहुत ही कम वर्णन देखने को मिलता है तो अगर आपको चंद्रकला देवी को प्रसन्न करना है इसके लिए सबसे पहले आपके मन में भाव होना चाहिए संकल्प होना  चाहिए भावना चाहिए कि मैं आपको प्रसन्ना करना चाहता हूं सिद्ध करना चाहता हूं क्योंकि यह प्रेम की देवी है इसलिए इनकी साधना में प्रसन्न  होकर करनी चाहिए मन में एक मुस्कान होनी चाहिए।

इनकी साधना में सदैव प्रसन्न रहना चाहिए मन में शुद्धता प्रसन्नता सदैव रखनी चाहिए क्योंकि यह देवी का भाव है इसी भाव से साधना करनी चाहिए इनकी साधना के लिए आपके मन में सदैव प्रेम भाव होना चाहिए । आप जिस दिन से भी साधना करेंगे साधना थोड़ी लंबी है यह सब कुछ देने वाली है सुख संपत्ति वैभव प्रदान करती अगर किसी का ग्रह नक्षत्र तारों में चंद्रमा कमजोर है तो उसके लिए यह वरदान स्वरूप होती है चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना जाता है इसलिए आपके मन से जुड़ी हुई परेशानियों का अंत करती है सदैव आपको प्रसन्न रखती है । आप इनकी साधना में ऐसे बैठिए जैसे हम प्रसन्नता प्राप्ति के लिए ही साधना कर रहे हैं मन में हमेशा खुशी रहनी चाहिए और कोई भाव नहीं होना चाहिए इनकी साधना में कोई भी कठिन से कठिन कार्य करने जा रहे हैं तो यह आपकी उसमें सहायता करती है ।

अब बात करते हैं कि इनकी साधना किस प्रकार से करनी चाहिए, आप गुरु से आज्ञा लेकर गुरु मंत्र का एक माला जाप करके पूर्णिमा की रात्रि से इनकी साधना शुरू कर सकते हैं ।पूर्णिमा जिस दिन हो उसी दिन से इनकी साधना शुरू  करनी चाहिए, जगह  बिल्कुल एकांत हो आसन और वस्त्र के बारे में बात करेंगे सबसे पहले आप बाजोट पर एक सफेद कपड़ा बिछा लीजीए उस सफेद कपड़े पर आप किसी भी मनमोहक नारी का चित्र रख लीजिए, कोई भी वह मनमोहक स्त्री हो, उसी के चित्र को स्थापित कर लीजिए या किसी तांबे के पट्टे पर उनका मंत्र लिख लीजिए और स्थापित कर दीजिए। वह भी यही कार्य करेगा उसके बाद घी का दीपक जलाइए और 21 माला रोज करेंगे जप लंबा है आपको 90 दिनों तक 21 माला रोज जाप करनी होगी ।

इसके बाद आपको पाँच हजार एक सौ मंत्रों का हवन करना होगा और आप 5100 मंत्र का हवन करेंगे वह सफेद फूलों से ही करना है ।आसन पर जब आप बैठेंगे तब भी आपको सफेद वस्त्र धारण करने होंगे ।सफेद धोती, सफेद कुर्ता, सफेद बनियान सब कुछ सफेद होना चाहिए और आसन भी सफेद होना चाहिए। इस प्रकार आप इनकी साधना करेंगे 90 दिन तक ।अब इसमें आपको ध्यान रखना है कि आपको किसी भी प्रकार से भयभीत नहीं होना है भय करना ही नहीं है। चाहे कोई भी शक्ति आपको भयभीत करे है क्योंकि यह कभी भी आपको भयभीत नहीं करेंगी यह शक्ति केवल आपके मन में वासना उत्पन्न कर सकती हैं ।आपको बस अपने ब्रहमचर्य  का पालन करना  होगा तभी आपको सिद्धि मिलेगी । इनकी साधना कभी विफल नहीं जाती आपको किसी भी रुप में सिद्धि प्राप्त होती ही है चाहे  वह आंशिक रूप में ही क्यों न हो । आपके कार्य बनेंगे आपके भाग्य में उन्नति अवश्य होगी यह तो निश्चित है ।

बाकी अगर आप इनकी पूर्ण सिद्धि कर लेते हैं तो आपको एक पत्नी प्रेमिका या एक अच्छा मित्र अवश्य प्राप्त होता है । यह रात्रि में आती है और आपको सारे सुख प्रदान करती हैं आपसे प्रेमालाप  करती है और आपको गोपनीय से गोपनीय बातें बताती है आपके जीवन को सुखी बनाने कार्य करती हैं इनकी साधना केवल लंबी है पर बहुत ही शुभ है बाकी कोई समस्या नहीं आती है मन में शुद्धता और पवित्रता होनी चाहिए और ब्रहमचर्य का पालन करें यह 90 दिन तक करना होगा ।इसके बाद आपको सफेद फूलों से दादाँश हवन भी करना होगा 5100मँत्रो से तो इस् प्रकार से आप इनकी साधना करेंगे तो चलिए इनके मंत्र के बारे में जान लेते  हैं तो मंत्र इस प्रकार है
मँत्रः क्लीं चंद्रकला क्लीं अप्सराएं सिद्धि हुँ फट स्वाहा
इसी मंत्र का आपको 90 दिनों तक 21  माला जाप करना है। आप हमेशा इस साधना को एकांत मे ही करेंगे और वही शयन करेंगे इसके बाद आपको 15 मिनट से आधे घंटे ध्यान करना होगा । ध्यान करना आवश्यक है, जब आपकी 21 माला पूरी हो जाए तब आप वही पर बैठकर शांत मन से आंखें बंद करके उसके सुंदर चित्र का ध्यान करते हुए आप यह साधना कर सकते हैं कोई भी सुंदर स्त्री का चित्र बनवा लीजिए या अगर आपको कोई पसंद हो तो उसी का ध्यान करिए अगर आपकी इच्छा होगी तो देवी आपको उसी रुप में दर्शन देगी । क्योंकि मन की इच्छाए पूरी करने में उन्हें बहुत आनंद आता है इसलिए वह आपको उसी रुप में दर्शन दे सकती हैं ।

प्रेमालाप  करती है और अगर आप सदैव उसकी साधना उपासना करते हैं तो वह आपकी पत्नी के रुप में प्राप्त हो जाएंगी और आपको शादी विवाह करने की भी आवश्यकता नहीं होगी जिंदगी में यह सब कुछ आपको प्रदान करेंगी पर आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आपको इनकी सिद्धि है यह बात किसी को नहीं  बतानी है। आपको यह सबसे छुपाना होगा तभी वह आपके साथ साक्षात रुप  में रह पाएंगी, नहीं तो जिस दिन भी आपके मुंह से यह बात निकल गई कि यह स्त्री नहीं अप्सरा है तो उसी दिन आपकी सिद्धि नष्ट हो जाएगी ।

इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आपको यह साधना करनी है। चंद्र देव की साधना उपासना इनकी साधना से खुद ही हो जाती है क्योंकि यह उनकी ही शक्ति है और आपका भाग्य भी चमकने लगता है और आपका मातृ पक्ष भी  मजबूत हो जाता है और साथी साथ गाड़ी घोड़ा जो भी संसाधन हैं वह सब कुछ आपको धीरे-धीरे प्राप्त होने लगते हैं  तो यह एक अद्भुत सौम्य साधना है इसको कोई भी कर सकता है। स्त्री पुरुष दोनों ही कर सकते हैं स्त्रियां इनको अपनी सखी सहेली के रूप में सिद्ध कर सकती हैं यह उसी रुप में आपको दर्शन देंगी तो इस प्रकार से आप इनकी साधना कर सकते हैं ।धन्यवाद।।

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