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चमत्कारिक शक्तियों की प्राप्ति और दयनीय स्थिति

आदरणीय श्री गुरुदेव जी के चरणों मे सेवक का सादर प्रणाम।
गुरु जी मेरे मन मे आपके लिए बहुत आदर सम्मान है। में खुद को ये सोच कर भाग्यशाली समझता हूं कि आपका ज्ञान और मार्गदर्शन समय समय पर यूट्यूब के माध्यम से प्राप्त होता है। मेरी कई शंका और सवालों के जबाब स्वतः ही मिल जाते हैं।
आपकी मधुर आवाज बुद्धि के साथ साथ कानो को भी अत्यंत सुख कि अनुभूति करवाती है। जिसका वर्णन शब्दों में कर पाना मेरे लिए सम्भव नही है।
गुरु देव मेरे जीवन का एक अनुभव है जिसे मै आपके सामने प्रस्तुत करना चाहता हूँ।

यह अनुभव 23 – 05 – 2020 को मेरे द्वारा धर्म रहस्य चेनल को भेजा गया है। यह मेरे स्वयम के जीवन पर आधारित सत्य अनुभव है। आजतक ये किसी के भी साथ साझा नही किया गया है। न ही भविष्य में किया जायेगा इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी है। आप उचित समझे तो वीडियो बनाइयेगा। मुझे कोई भी किसी भी प्रकार कि आपति नही है न ही भविष्य में कभी होगी इसका में वचन देता हूँ।

गुरुजी बात मेरे बचपन की है मै बचपन से ही सात्विक माहौल में रहा हूँ। मेरे माता पिता पूर्ण रूप से शुद्ध शाकाहारी हैं। घर मे भक्ति भाव का माहौल रहता है। जिस कारण मेरी भी रुचि रहि। में 5, 6 वर्ष की उम्र से ही भगवान शिव के पंचाक्षरी मन्त्र का जप किया करता था मुझे भगवान शिव के स्वप्न में दर्शन भी हुए थे मुझे आज भी याद है।


उस समय लगभग 11 – 12 वर्ष की आयु रही होगी मेरी मुझे ठीक से याद नही है उम्र के विषय में।मेरे नाना जी ने मझे भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण का ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र जपने को कहा। में कुछ नियम तरीके नही जानता था न ही किसी से पूछा बस जपना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद मुझे त्रिदेवो के स्वप्न दर्शन हुए और अकसर देवी देवताओं के स्वप्न दर्शन हो जाया करते थे।एक समय मेने महसूस किया कि अक्सर मेरे स्वप्न में मेरे साथ मेरा एक दोस्त होता था। वो हर स्वप्न में मेरे साथ अवश्य ही होता था। 


मै जो भी ख्वाहिश मन लाता वो बिना किसी से कहे पूरी हो जाती थी। जो भी सोचता वो सच हो जाता था। जो भी बात अकेले में बोल देता की यह हो जाये वही हो जाय करता था। कई बार तो ऐसी घटनाएं घटी जो उस समय असम्भव सी थीं। अल्लादीन के चिराग जैसा बस फर्क ये था कि कोई सामने नही आता था। कोई भी वस्तु डायरेक्ट हाजिर न हो कर कुछ देर या दिनों में किसी के माध्यम से प्राप्त होती थी। ऐसा महसूस होता था जैसे कोई हमेशा मेरे साथ रह कर मेरे कार्य सफल और आसन कर रहा हो।उस समय के इतने अनुभव हैं कि अगर लिखने लगूं तो पूरी किताब लिख जाए। 


परन्तु गुरु जी कुछ समय बाद यह शक्ति अचानक से ही महसूस होनी बंद सी हो गयी। पता नही क्यो ऐसा हुआ। अब बोलने या सोचने पर कुछ नही होता था धीरे धीरे वो मेरा दोस्त भी स्वप्न से गायब हो गया। में अपना मन्त्र अभी जप रहा था।में इन सब घटनाओ के विषय मे किसी से कुछ नही कहता था क्योंकि में मानता था कि कोई भी इस पर विश्वास नही करेगा। फिर में यह नहीं चाहता था की घर वालों को पता चले और वो मुझे अलग तरह की नजरों से देखें।


जब से मुझे यह मंत्र मिला तब से काफी वर्षो तक मुझे यह नहीं पता था कि यह किसका मंत्र है कौन इस मंत्र के भगवान हैं।
इसी बीच हमारे घर मे आर्थिक बदहाली ने दस्तक देनी शुरू कर दी थी मेरे पिता ने नोकरी छोड़ कर कर्ज पर पैसा ले कर अपना व्यापार शुरू किया पर उसमे बहुत घटा लगा। हमरे परिवार में मुख्यतः 3 लोग हैं में ओर माता- पिता पर उस समय पर लगभग 3,4 बर्षों से 8 से 10 लोग हमारे घर मे रहते थे जिनमें मेरे मामा , मौसी, नाना , नानी शामिल थे।
हम पर बहुत जलालत रही बहुत दुख सहे सब से कर्ज ले रखा था बहुत दयनीय स्थिति हो गयी थी। पर मै मंत्र शक्ति का प्रयोग नहीं कर पा रहा था। ऐसा लग रहा था सब प्रभाव हीन है।
लगभग 15 साल बहुत दुखी और दयनीय परिस्थिति में जीवन बीता। फिर एक पंडित जी  आने लगे थे घर पर उन्होंने मुझे कुछ वर्ष पहले माता महाकाली का मंत्र दिया उसे जब से जपना शुरू किया जीवन मे बदलाब आने लगे परिस्थितियां सामान्य होने लग गयीं।अब सब नॉर्मल है। न लखपति हैं न गरीबी में हैं। एक प्राइवेट जॉब करता हूँ। अब सब पहले से बेहतर है।मेरी उम्र अब लगभग 26 वर्ष है।

1) गुरु जी मे ये जानना चाहता हूं की वह कोनसी शक्ति थी….?

2) कैसे आगयी ओर फिर क्यों और कहां चली गयी….?

3) क्या में उसे दुबारा प्राप्त कर सकता हूँ….?

4) यदि दुबारा उस शक्ति को प्राप्त करना हो तो क्या करना होगा। 

जब मैने काली माता का मंत्र जपना शुरू किया था तभी प्रार्थना की थी कि हे मन्त्रदेवता में आजसे आपकी साधना काली माता के मंत्र से ही करूँगा। मेरा विश्वास है कि आप सभी एक ही हैं। 

और उसी दिन से वह मंत्र बहुत ही कम 2 से 5 बार ही जपा करता हूँ,  कहीं यह गलत तो नहीं….?

कहीं ये हस्तमैथुन की वजह से तो नही चली गयी गुरु जी उस समय मे कभी कभार हस्त मैथुन भी कर लिया करता था सिर्फ आनंद के लिए। मुझे हस्त मैथुन के विषय मे कुछ भी पता नही था। पर पता नही क्यो ये सब हो जाता था जिसके बाद मुझे आत्मग्लानि भी महसूस होती थी।
कृपया मार्गदर्शन करें।
गुरुदेव मेने आपके श्री चरणों मे अपने जीवन की वे सभी घटनाये रखी हैं जिन्हें आजतक मेने किसी के साथ साझा नही किया।
यदि आप वीडियो बनाये तो कृपया मेरी ईमेल आईडी छुपा दें
आप वीडियो भले ही बनाएं या नही वो आप पर है पर उस शक्ति के विषय मे पूछें गए प्रश्नों को अवश्य मुझे बताने की कृपा करें।

प्रार्थी अशोक कुमार नई दिल्ली 

दिये गए सुझावों के लिए नीचे का विडियो अवश्य देखे –

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