नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए एक बार फिर से लेकर आया हूं यक्षिणी साधना । चलिए जानते हैं कि इस की विधि किस प्रकार से हैं और आपको इसमें क्या-क्या करना होता है । जैसा कि यक्षिणी साधना में होता है कि सबसे पहले आपको एक महीने तक भगवान शिव और भगवान कुबेर की आपको साधना उपासना करनी होगी । इस यक्षिणी की सहायता से आपको जमीन में गड़ा हुआ खजाना और जमीन में छुपा हुआ धन दिखाई देगा । इन की कृपा से आप को भूमिगत धन की प्राप्ति होती है और आपके काम बनने लगते हैं तो चलिए जान लेते हैं कि इनका मंत्र किस प्रकार से है –
मँत्रः ॐ ह्री क्लां चित्रणी भुमि दव्य दर्शय दर्शय स्वाहा।।
आम के पेड़ के नीचे बैठ कर आप को 3000 बार रोज लगातार इसका जाप करना होगा ।आपको यह बात ध्यान रखने होगी अनिवार्य रूप से की इससे पहले आप एक महीने तक भगवान शिव भगवान कुबेर की एक महीने तक पूजा उपासना कर ले तभी आपकी सफलता की संभावना बढ़ेगी ।
मँत्रः ” ॐ यक्षराज नमस्तुभ्यं शंकर प्रिय बांधव । एकामि वशगां नित्यं यक्षिणी कुरुते नमः
शिव मंत्र- ॐ नमः शिवायः सर्व यक्षणी वशयं कुरु कुरु स्वाहा।
इन दोनों मंत्रों का आप रोज एक हजार बार एक महीने तक लगातार जाप करें और भगवान शिव और कुबेर को प्रसन्न करें और दशांश हवन करके किसी भी यक्षिणी की साधना उपासना आप शुरू कर सकते हैं । यह सभी प्रकार की यक्षिणी साधना में लागू होता है यह नियम और तीन महीने बाद आप आम के फल से ही इसका दशांश हवन करेंगे । चित्रणी यक्षिणी आपसे प्रसन्न होकर आपको एक दिव्य अंजन प्रदान करेगी और उसके बाद आप स्वयं अंजन बनाकर यक्षिणी मंत्र से अभीमंत्रीत्र करके सिद्ध कर सकते हैं ।
जहां पर भी आपको जिस देश, स्थान पर, जिस भी क्षेत्र में शंका हो वहां पर आप अपनी आंखों में अंजन लगाकर घूमे आपको सब कुछ बता चल जाएगा कि कहां पर धन गड़ा हुआ है ।यह प्रयोग आपको पूर्णिमा के दिन करना है इससे आपको छुपे हुए खजाने का पता चल जाएगा । अगर कहीं पर प्राचीन खजाना छुपा है तो आप उसे प्राप्त कर सकते हैं इस साधना के माध्यम से । अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो धन्यवाद।।