नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक ऐसे अनुभव को जिसके माध्यम से हम को यह पता चलता है कि जितनी भी तामसिक साधना होती हैं। खासतौर से चुड़ैलों की। उसमें कितना अधिक जोखिम है तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं, कैसा है यह अनुभव!
पत्र -नमस्कार गुरु जी, कृपया मेरा नाम और पता किसी के साथ शेयर ना करें। मैं यह जो अनुभव भेज रहा हूं, यह अनुभव मेरा नहीं है। गांव के एक व्यक्ति का है। जिसके साथ बहुत गलत हो गया था। अब मैं उस घटना के विषय में आपको बताता हूं।
उस व्यक्ति ने एक चुड़ैल की सिद्धि करने की कोशिश की और उस साधना की वजह से उसके जीवन में। इतना बुरा हुआ? कि आप सोच भी नहीं सकते हैं? गुरुजी उसने कहीं से चुड़ैल सिद्धि की विधि प्राप्त कर ली थी। और यह न सोचते हुए इस साधना को करने से उसके साथ क्या घटित हो सकता है उसने यह साधना की।
अमावस की रात को उसने यह साधना की थी। यह सारी बातें। हमारे गांव का प्रत्येक व्यक्ति जानता है।
लेकिन इन बातों को सभी लोगों ने छुपा दिया था। मैं आपको? इस संबंध में कोई जानकारी ना देते हुए सिर्फ उस घटना के ही विषय में बता रहा हूं। गुरुजी उस व्यक्ति का मैं यहां पर नाम नहीं बता सकता। लेकिन आप समझ ही सकते हैं कि इस अनुभव को भेजने का मूल उद्देश्य लोगों को सावधान करना है।
हुआ यूं गुरुजी कि उसे किसी प्रकार से इसकी विधि पता चल गई थी। कामरूप कामाख्या के कई तांत्रिक विधि अपनाते हैं। इस विधि में। व्यक्ति को नाइ से।
बाल खरीदने पड़ते हैं। बालों को अमावस की रात को। जलाया जाता है चुड़ैल के मंत्रों को जपते हुए। इस दौरान! एकांत और अगर शमशान यह कब्रिस्तान है तो यह सिद्धि आसानी से मिल जाती है। उस व्यक्ति ने भी यही कार्य किया था। गुरुजी आगे क्या घटित हुआ मैं बताता हूं। वह व्यक्ति जब इस साधना के विषय में जानकारी प्राप्त कर लिया तो उसने मुझे और कई और लोगों को इसके विषय में बताया। किंतु चुड़ैल साधना करने के लिए कोई तैयार नहीं था। वह सब को यह कहते हुए डांटने लगा कि तुम सब में इतना डर है तो जिंदगी में कुछ भी नहीं कर पाओगे।
और उसने वह कार्य करने की ठान ली। हम सभी लोगों को यह बात पता थी कि वह आने वाली अमावस को साधना करने के लिए। गांव। से बाहर श्मशान में जाने वाला है। वहाँ एक पेड़ लगा हुआ था। और उस पेड़ के नजदीक ही एक मैदान में उसने वह साधना करने की सोची थी।
साधना की विधि के अनुसार उसे रात को 11:00 बजे ही गांव से निकल जाना था। और उस स्थान तक पहुंचना था जहां पर उसे अकेले में यह साधना संपन्न करनी थी। इसके लिए मानव खोपड़ी की आवश्यकता होती है। उसने मानव खोपड़ी कहीं से प्राप्त कर ली थी। और उस खोपड़ी में छेद करके उसके अंदर कपूर जलाकर यह साधना शुरू की। मंत्रों का जाप करते करते। जब एक बार मंत्र पूरा हो जाता तो नाई से प्राप्त किए गए बाल को वह उस खोपड़ी के ऊपर रखकर जला देता। इस प्रकार से मंत्रों का लगभग! 21 माला उसे उच्चारण करना था। वह लगातार जाप करता रहा और 21 माला जाप करके अचानक से ही जैसे वह अपनी साधना को पूर्ण कर चुका था। तभी सामने चुड़ैल आ गई। और उसने कहा। अब मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी। और? मेरी शर्त यह है जो भी तुम्हें छू लेगा। मैं? उसके साथ जो करना चाहूंगी।
वह करने के लिए तुम मुझे कभी नहीं रोकोगे? इस प्रकार से। उसने चुड़ैल की बात मान ली। अब चुड़ैल उसके साथ ही रहा करती थी। हम लोगों ने उससे कहा, चलो आज हम लोग गांव के बाहर क्रिकेट खेलते हैं। और वह क्रिकेट खेलने लगा।
गुरु जी आपको यकीन नहीं होगा। उसने जब बल्ला घुमाया तो गेंद गांव के बाहर चली गई।
उसकी ताकत देखकर हम सब हैरान थे। हम सब ने हंसते हुए पूछा, कल तुम चुड़ैल? की साधना करने के लिए। गांव से बाहर श्मशान में गए थे ना? कहीं वही तो सिद्ध नहीं हो गई। और हम सब हंसने लगे। उसने गंभीर भाव से मुस्कुराया। तभी एक लड़के ने।
उसे कहा। अरे भाई तू तो इतनी बड़ी? शॉट मार रहा है चल मुझे। अपना बल्ला दे और अगर तेरे पास चुड़ैल है तो वह भी मुझे दे दे। रात को मेरे बिस्तर पर भेज देना। यह कहते हुए वह हंसने लगा।
तभी। हमारे दोस्त के चेहरे के भाव अजीब से हो गए। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह बिना बोले कुछ कहना चाहता था । हम लोग खेल खत्म करके। अपने अपने घर लौट गए। वह लड़का जिसने यह बात कही थी। उसके साथ रात में क्या हुआ पता नहीं? पर सुबह उसकी लाश उसके घर में मिली। उसके शरीर पर नाखूनों के बहुत सारे निशान थे। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसके शरीर को नोचा हो। सब ने सोचा कि लकड़बग्घे ने शायद इस पर हमला किया है लेकिन घरवालों को इस बात का विश्वास नहीं हो रहा था कि घर में। कैसे हो सकता है?
पुलिस को खबर ना देते हुए आखिरकार उस व्यक्ति को जला दिया गया जो कि हमारा मित्र था।
गुरुजी किस प्रकार? वह रात गुजर गई। हम सभी दुखी थे। तभी वह हमारा मित्र भागते हुए हमारे पास है। और उसने कहा तुम सब लोग अब मुझ से दूर ही रहना। कभी मुझ पर कोई?
व्यंग मत करना। क्योंकि उसे बुरा लग सकता है। अभी वह मेरे साथ नहीं है लेकिन शाम होते ही। वह मेरे पास आ जाएंगी। मैं उससे बहुत परेशान हो चुका हूं। मुझे उस से बहुत डर लगता है। शरीर पर आती है तो मैं अपना आपा खो देता हूं। वह जो कहना और करवाना चाहती है मैं बस वही कहता और करता रहता हूं।
मेरा अपने पर कोई बस नहीं रहता। मुझे अपने दोस्त की बात पर गुस्सा आ गया था। और तभी उस चुड़ैल ने मुझसे कहा कि ठीक है। इसकी इच्छा आज मैं पूरी कर देती हूं। देखती हूं। इसके बिस्तर में कितना दम है? मैं जानता हूं कि उसी चुड़ैल ने मेरे दोस्त को मार डाला है। तुम सब भी बच कर रहना। इतना ही उसने कहा कि अचानक से उसकी आंखें लाल सी हो गई। और वह हम लोगों को घूर कर देखने लगा। एक क्षण में ही मैं अब बाकी दोस्त समझ गए कि अब हमको यहां से निकलना चाहिए। लेकिन हम में से एक दोस्त! फिर एक बड़ी भारी गलती कर गया। उसने!
अपने दोस्त को दोस्त समझकर उससे कहा, तुम्हारी आंखें लाल हो गई हैं। जैसे कि तुम ने शराब पी ली हो।
अगर तुम्हारे पास शराब है तो मुझे भी दो।
और यह कहते हुए वह! मेरे मित्र के गले लग गया।
हम लोग तो वहां से चुपचाप निकल आए। पर अगले दिन एक बहुत ही बुरी खबर आई। हमारे जिस मित्र ने मेरे उस दोस्त को कहा था।
वही बात उसकी जिंदगी ले गई।
वह व्यक्ति। जिसने उसे गले लगाया था।
शराब पीकर रात को। अपने घर की छत से नीचे गिर गया। और उसकी खोपड़ी ईटों पर गिरी जिसकी वजह से का सर फट गया और वहीं पर मर गया। गांव में यह दूसरी
मौत को? हम लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।
और हम लोगों ने अपने मित्र को संदेशा भेजा की। मां दुर्गा के मंदिर में आ जाओ।
वह मां दुर्गा के मंदिर के बाहर आकर खड़ा हो गया। और कहने लगा। कि मैं अंदर नहीं आ सकता क्योंकि वह मुझे दूर से मना कर रही है।
तब हम लोगों ने उससे कहा, ठीक है जब वह दिखाई ना दे तब तुम जल्दी से भाग कर हमारे पास आ जाना।
और? जैसे ही।
पूजा का समय हुआ चुड़ैल दिखनी बंद हो गई। इसकी वजह से हमारा मित्र भागते हुए मंदिर में आ गया। हम लोगों ने मंदिर में आकर सारी बातें आपस में बताएं।
वह कहने लगा। वह मेरे साथ ही सो जाती है और मुझे लगता है जैसे मैं दिन पर दिन शरीर से कमजोर होता जा रहा हूं। मेरी शरीर में शक्ति ही नहीं रही है। मैं इस से मुक्त होना चाहता हूं।
किसी भी प्रकार से तुम लोग मेरी मदद करो।
और उसकी बात को हम लोग समझ गए थे। और हम लोगों ने सोचा कि अगले दिन! इसी समय दुर्गा मंदिर में यहां पर विधिवत तरीके से पूजा की जाएगी और हवन किया जाएगा। अगर वह हवन हो जाता है तो चुड़ैल से हमारे मित्र को मुक्ति जरूर मिल जाएगी। क्योंकि इस संबंध में हमने कई सारे पंडितों से बात की थी। उन सब का यही कहना था कि अगर किसी बुरी शक्ति का असर किसी व्यक्ति पर आ गया है तो यहां मां भगवती का हवन बैठकर वह कर दे तो फिर उसके ऊपर सेवा शक्ति का असर नष्ट हो जाएगा।
पूजा खत्म होते ही। वह लोग!
सभी अपने अपने घरों को चले गए और वह व्यक्ति भी मंदिर से बाहर आ गया। सुबह जो हुआ। वह सबसे बड़ा आश्चर्य था।
हमारा तीसरा वही मित्र जिसने चुड़ैल की सिद्धि की थी। उसकी लाश! एक पेड़ पर लटक रही थी। उसने फांसी लगा ली थी।
हम लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि अभी 1 दिन पहले तो हम लोगों ने इस बारे में बात की थी। पर यहां पर तो इस ने फांसी लगा ली है।
गुरु जी मैं यह बात दावे से कह सकता हूं कि वह फांसी नहीं लगा सकता। पर उसने फांसी लगा ली। इसका मतलब कि उस चुड़ैल ने उससे ऐसा करवाया।
गुरुजी! मुझ पर या मेरे गांव की उस बात पर लोग भले ही यकीन ना करें पर यह सत्य है। और इसी कारण से मैं। उस घटना के विषय में आपको लिख करके भेज रहा हूं। आप इस पर वीडियो अवश्य बनाएगा और लोगों को इस तरह की तांत्रिक साधना से।
बचने की बात ही बताएगा। जब तक कि आपके पास पूर्ण शक्ति ना हो आध्यात्मिक बल ना हो। और आपके पास गुरु ना हो, ऐसी किसी साधना को कभी ना करें। नमस्कार गुरु जी!
संदेश – तो देखे यहां पर। इनके मित्र ने एक चुड़ैल को साधा लेकिन उसकी शक्ति और सामर्थ्य को वह झेल नहीं पाए और अंततोगत्वा उसकी बात ना मानने के कारण उसने दंड स्वरूप। न सिर्फ इनको बल्कि इनके मित्रों की भी जान ले ली। तो कोई भी साधना अगर आप करते हैं जो देखने में छोटी और सरल लगती है। वह वास्तव में छोटी और सरल कभी नहीं होती। और जब तक कि आपके पास योग्य गुरु ना हो, इस तरह की साधना में हाथ ना डालें।जब तक के अंदर आपके गुरु मंत्र का पूर्ण बन्ना हो। या फिर आपके इष्ट मंत्र के?
इतने अधिक जप किसी चुड़ैल का सामना कर पाए तब तक आप इस तरह की कोई साधना ना करें जो लोग बिना गुरु मंत्र सिद्ध किए हुए ऐसी साधना करते हैं। उनका ऐसा ही परिणाम देखने को मिल सकता है।
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