नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग एक ऐसे अनुभव को लेंगे जिसमें एक व्यक्ति को ऐसा अनुभव हुआ जो कि अधिकतर लोगों को हुआ करता है और यह एक चुड़ैल सी दिखने वाली औरत के रूप में हुआ था तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं क्या है यह अनुभव?
गुरु जी के चरणो में मेरा कोटि कोटि नमन प्रणाम गुरु जी मैं जबलपुर मध्य प्रदेश के पास एक गांव का रहने वाला हूं। यह जो मैं आपको घटना सुना रहा हूं। यह मैं और मेरे भैया के साथ घटित हुई थी। यह बात तकरीबन 8 से 10 साल पहले की है। जब मैं बाइक चलाना सीख रहा था। बात नवरात्रि के समय की है जब मैं बाइक चलाना सीख रहा था तो दिन में जबलपुर में काफी ट्रैफिक होता है। इसलिए मुझे भैया ने रात को ही बाइक चलाने देने की बात कही थी। और इसके लिए वह मेरे साथ चलते थे। सिखाया करते थे। और समझाते भी रहते थे। नवरात्रि की रात थी। उस दिन आठवां दिन था। हम लोग बाइक लेकर निकल लिए। मैं और मेरे अभय भैया उस दिन रात में काफी भीड़-भाड़ थी इसलिए भैया बोले, थोड़ा आउटसाइड में चलते हैं। तू वहां आराम से बाइक चलाना सीख जाएगा। कोई दिक्कत तुझे नहीं होगी। मैंने बोला, ठीक है हम बाइक चलाते हुए आउट ऑफ जगह पर पहुंच गए। यानी शहर से बिल्कुल बाहर। उस वक्त रात के तकरीबन 12:30 बज रहे थे। हम पहुंचे तो भैया ने बाइक मुझे थमा दी। मैंने बाइक चलाई बाइक चलाते चलाते वहां। एक ग्राउंड टाइप का दिखा। लेकिन वहां पर काफी अधिक अंधेरा था। वहां खूब अंधेरा होने की वजह से वहां कोई भी नहीं दिख रहा था। सिर्फ मैं और मेरे भैया ही थे। तभी अचानक भाई के सामने 30 40 फुट पर भैया को कुछ दिखाई दिया। वह समझ नहीं पाए। उन्होंने बोला, तू बाइक वापस घुमा। मैंने बोला क्या हुआ? बार-बार पूछा। पर वो बाइक घुमाने के लिए बोल रहे थे। लेकिन गुरु जी मुझे तो उस वक्त बाइक चलाना बहुत अच्छा लग रहा था। उसमें मुझे मजा आ रहा था। मैंने बाइक आगे बढ़ा दी। हम जैसे ही बाइक से कुछ आगे पहुंचे तभी एक दृश्य हमें जो दिखाई दिया, वह डराने वाला था। सामने एक औरत बैठी हुई थी। बाइक बिल्कुल उसके सामने जाकर खड़ी हो गई, जब मैंने ब्रेक मारा। मुझे तो बचपन में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। मैं यह बातें नहीं समझ पाया, लेकिन जैसे ही बाइक की लाइट उसके ऊपर चली गई तो वह फिर खड़ी हो गई। उसकी गोद में शायद बच्चा था। मुझे वह लाल साड़ी पहने और घूंघट लिए खड़ी दिखाई दी। उसे देख कर मैं और मेरा भाई दोनों डर गए। भैया बोले बाइक को भगाओ भगाओ बाइक को वह चिल्ला रहे थे सहमे हुये थे , मैं भी डर गया। मैंने बाइक जल्दी से वहां से भगाई। मैं भी इस बात से बहुत अधिक डर गया था। हम दोनों कांप रहे थे। वहां से हम जल्दी जल्दी वापस आ गए हम दोनों के रोंगटे खड़े हो गए थे। हम लोगों! के साथ बहुत ही बुरा हुआ था भैया को तो। समझना ही मुश्किल था, उनका तो बुरा हाल था। उस वक्त मुझ में बचपना था लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर वह बात हम लोगों ने घर पर बताई। घर वालों ने काफी गुस्सा किया। और मेरे भैया को उस रात बुखार भी आ गया दूसरे दिन यह बात हम लोगों ने। अपने दोस्तों को बताई। तब दोस्तों ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं होता। दोस्तों में भी बचपना था और मुझे भी दोस्तों ने कहा कि हम भी चलेंगे इस बार। अभी! 12-1 बजे हम सभी लोग फिर दूसरे दिन तीन-चार बाइक लेकर 10-12 दोस्त उस स्थान पर गए। गुरुजी वहां पर उस रात कोई भी नहीं मिला। फिर हम लोगों ने काफी लोगों से और बुजुर्गों से पूछा। उस जगह के बारे में तो उन्होंने बताया। काफी बार लोगों ने वहां अजीब अजीब चीजों को देखा है। उन्होंने बोला, तुम लोगों ने छलावा देखा है शायद, गुरुजी! वह क्या था? कृपया कर हमें जरूर बताएं। हमारी पहचान गुप्त रखें। प्रणाम गुरुजी! संदेश-देखिए यहां पर जो इनके साथ अनुभव हुआ है। इसी तरह कई बार प्रेत आत्माएं। दिख जाती हैं जिसमें औरत जिसके पास बच्चा हो। सबसे अधिक शक्तिशाली और खूंखार आत्मा मानी जाती है। यह आत्मा अचानक से आकर आप का एक्सीडेंट करवा सकती है। और किसी पर हावी होकर भी उसे अपने वश में ले सकती है। नवरात्रि की रात होने की वजह से। उसका बुरा असर नहीं हो पाया और आप लोग बच गए क्योंकि वह एक शुभ रात्रि थी। इस रात में खासतौर से अष्टमी की रात बहुत ही अधिक शुभ मानी जाती है। इस दिन आप जो कोई भी। साधना पूजा वगैरह करते हैं, उसमें आपको निश्चित सफलता मिलती है। लेकिन क्योंकि आप ऐसे सुनसान क्षेत्र में पहुंच गए जहां पर वह आत्मा या जिसे हम चुड़ैल कह सकते हैं। घूम रही थी और उसने साक्षात आपको अपना रूप दिखाया। मध्य प्रदेश और कई अलग क्षेत्रों में इन आत्माओं को छलावा के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह छल के साथ आपको दिखाई पड़ते हैं और। कभी भी है आत्मा सामूहिक रूप में किसी को नहीं दिखाई पड़ती, क्योंकि वह बात जानती हैं कि सामूहिक रूप में यह व्यक्ति को भ्रमित नहीं कर पाएंगे। केवल एकल रूप में ही डरा सकती हैं। एक दो लोगों को डराने इनके लिए संभव होता है लेकिन कई सारे लोगों को नहीं डरा पाती हैं। इसी कारण से उन्होंने दूसरी बार या यूं कहिए कि उस आत्मा ने कई लोगों के सामने अपने आप को प्रदर्शित नहीं किया इसके अलावा। जब इनकी शक्ति बढ़ जाती है तभी यह शरीर किसी को दिखा सकती हैं क्योंकि आत्माओं को साक्षात होने में बहुत समस्या आती है। अदृश्य रूप में तो यह हर जगह हर समय रह सकती हैं, लेकिन प्रत्यक्ष होने के लिए इन्हें अधिक शक्ति लगानी पड़ती है उस दिन! दैवी शक्तियों का प्रभाव या दानवीय शक्ति का प्रभाव बड़ा होना चाहिए तभी वायु तत्व को ग्रहण कर कुछ समय के लिए साक्षात रूप धारण कर सकते हैं। नवरात्रि से अधिक शुभ समय इनके लिए और क्या हो सकता है? शायद किसी विडंबना या दुर्घटना की वजह से उस स्त्री की मौत हुई होगी। और नवरात्रि में उसने अपने स्वरूप को दिखाया। अब अगर उसकी जगह कोई तांत्रिक होता तो वह स्थान पर जाकर पूजा पाठ कर सकता था और उसकी मुक्ति करवा सकता था। अथवा कुछ लोग ऐसी आत्माओं को उसी स्थान पर जाकर सिद्ध भी कर लेते हैं तो यह था अनुभव अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
|
छलावे से सामने की सच्ची घटना
September 12, 2021