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जिन्न अनुभव और गुरु स्वप्न दर्शन

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे दो अनुभवों को एक अनुभव में जहां जिन्न से सामना होता है वही दूसरे अनुभव में गुरु के अद्भुत दर्शन और आशीर्वाद का एक पत्र हमको प्राप्त हुआ है। चलिए दोनों अनुभव को लेते हैं और जानते हैं कि क्या क्या इन लोगों के जीवन में घटित हुआ था?

नमस्कार गुरु जी, मैं अपना नाम और पता नहीं बता सकता। लेकिन मेरे जीवन में घटित जिन्न साधना के विषय में आपको कुछ बताना चाहता हूं। यह बात आज से 1 साल पुरानी है। मुझे किसी माध्यम से जिन्न साधना के विषय में जानकारी मिली थी? तो मैंने सोचा क्यों ना जिन्न साधना कर ली जाए? ना तो मुझे! विधि विधान का पूरी तरह से पता था और ना ही किसी और बात के बारे में जानकारी थी। लेकिन? कौतूहल वश इस कार्य को करने का मैंने सोच लिया। यह भी मेरे दिमाग में था कि अगर साधना करने के दौरान कुछ अनुभव होगा। तभी मानूंगा कि यह सब बातें सच होती हैं। ज्यादातर नए लोग इन बातों को झूठा ही समझते हैं। अगर आप किसी से यह बात कहेंगे कि यह साधना करके यह सिद्धि मिल जाएगी तो कोई विश्वास नहीं करता। आज कल दुनिया इन सब बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती है।

मैंने इसके लिए शुक्रवार की एक रात चुनी थी। साधना के लिए। बिल्कुल एकांत में रात को 12:00 बजे खड़े होकर साधना करनी थी। मैं ऐसे स्थान पर पहुंच गया जहां पर कोई दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता था। इस बात को जानते हुए। क्योंकि बिधि में ऐसा ही लिखा था उसके बाद मैंने मंत्रों का जाप करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर मंत्र जाप करने के बाद मुझे लगा कि मैं यहां पर समय बर्बाद कर रहा हूं। पर जितना जप लिखा था उतना तो करना जरूरी था। इसलिए मैंने इतनी साधना पूरी तरह से कर ली। जो विधि बताई गई थी वह विधि भी पूरी तरह से करने के बाद अब घर की ओर मैं चलने लगा। उस वक्त रात के 2:00 बज रहे थे। मैं चलता चला जा रहा था। अचानक से झाड़ियों के पास से झुरमुट में मुझे किसी के होने का आभास हुआ। फिर ऐसा लगा जैसे कि कोई मेरे पीछे चल रहा है। मैंने यह बात पहले से ही पता कर रखी थी कि अगर ऐसा कोई अनुभव हो कि आपके पीछे कोई चल रहा है तो उसे नहीं देखें। यानी पीछे पलट कर ना देखें। पर मैंने तो यह सोचा कि क्यों न हम इस बात का पता लगाएं कि आखिर पीछे चल कौन रहा है?

कौतूहल वश में, थोड़ी दूरी पर एक दुकान पढ़ती थी। उस दुकान पर बाहर की तरफ एक बड़ा सा शीशा लगा था। उसी शीशे के पास जाकर के मैंने खड़े होकर देखने की कोशिश की। ताकि मैं यह पता लगा सकूं कि मेरे पीछे कौन है? मैं वहां पर जाकर खड़ा हो गया। पीछे के सारे दृश्य मुझे दिखाई देने लगे। मैंने देखा मेरे पीछे कोई भी नहीं था। पर मुझे पूरा एहसास हो रहा था जैसे कि कोई मेरे पीछे चल रहा है। मैं बिल्कुल जब शीशे के नजदीक पहुंच गया। तब मैंने एक बार फिर से उसी मंत्र का उच्चारण किया और वह अद्भुत बाद घटित हुई। मैंने देखा मेरे पीछे एक भेड़िया चल रहा था। वह मेरे पीछे पीछे आ रहा था। दिखने में बहुत डरावना था। मेरी हालत खराब हो गई जब मैंने उसे देखा क्योंकि पहली बात तो वह आदम कद की ऊंचाई का था। यानी कि 6 फुट ऊंचा भेड़िया। मुझे लगा कि यह कोई भेड़िया नहीं बल्कि जिन्न है। मैं इतना अधिक उस चीज से डर गया कि सीधे भागकर घर आ गया और दोबारा कभी मेरी हिम्मत नहीं हुई साधना करने की।

इस अनुभव को मैंने स्वयं ही महसूस किया था, इसलिए आपको बता रहा हूं। आप चाहे तो इस पर वीडियो बना सकते हैं धन्यवाद गुरु जी!

संदेश – यहां पर इनके जीवन में जिन्न साधना के दौरान उन्हें भेड़िए के दर्शन हुए। इसी तरह की बुरी शक्तियां या अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं जब हम कोई साधना करते हैं, अब अगला अनुभव पढ़ लेते हैं।

गुरु दर्शन और भैरव अनुभव – प्रणाम गुरुदेव मैंने शनिवार को एक स्वप्न देखा था जिसमें मैं आपके साथ कहीं बाइक से जा रहा हूं और चलते चलते रास्ते में कोई मंदिर मिलता है। उस मंदिर को देखकर आप बाइक रोककर दर्शन करने को कहते हैं। फिर मैं आपके पीछे-पीछे उस मंदिर में प्रवेश करता हूं। वह मंदिर किसी देवता का था। उन देवता की मूर्ति का रंग काला था, सिर पर स्वर्ण का मुकुट था। मूछे रूबीले थी। वह मोतियों की और स्वर्ण की माला पहने हुए थे। उनके चार हाथ है एक हाथ में कुछ डंडे जैसा पकड़े हुए थे। एक हाथ में स्वर्ण के शंख जैसा पकड़े हुए थे। एक हाथ में कुछ लिए हुए थे कि वह क्या था, यह मुझे याद नहीं आ रहा। एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में था उनके दर्शन करने के बाद। आपने मुझे उन की परिक्रमा करने को कहा। फिर जब मैं उन की परिक्रमा करने के लिए चलने लगा तो उनकी मडिया के दाएं और एक गड्ढे में गिर गया। गड्ढा लगभग 5 फीट तक कह रहा था। उसमें से मेरे हाथ बाहर निकल रहे थे। जब मैं उस गड्ढे में गिरा तो वहां पर बहुत अंधेरा था और वहां कोई आया और वह बोला कि इसमें भगवान को चढ़ाने वाला द्रव्य एकत्रित किया जाता है।

फिर आप वहां पर आ गए और चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश फैल गया और उस प्रकाश के बाद मेरी अचानक से नींद भी खुल गई। गुरु जी मेरे इस स्वप्न का अर्थ बताइए। क्या मेरे गुरु मंत्र जाप में कुछ त्रुटि हो रही है कृपया मेरा मार्गदर्शन करें आपका शिष्य?

संदेश – यहां पर इनके साथ जो अनुभव घटित हुआ है वह भैरव देवता दर्शन का है। सदैव माता तक पहुंचने से पहले उनके सेवक गणों तक पहुंचने का जो एक मार्ग है उसी में आपको दर्शन की एक श्रृंखला प्राप्त हुई है। भैरव जी के दर्शन बहुत ही शुभ माने जाते हैं। दूसरी बात गड्ढे में गिरना। इसका मतलब यह है कि जो कुछ भी पूजा आपने भगवानको? अर्पित की है या यूं कहिए, माता को अर्पित की है। उसका सारा फल आपको प्राप्त होगा। वह भी भैरव जी के द्वारा ही। जहां तक द्रव्य दिखाई देने वाली बात है। वह यही है कि आपको सब कुछ भविष्य में प्राप्त होगा। लेकिन गिरना इस बात की ओर संकेत करता है कि माया मोह के चक्कर में आप ज्यादा ना फंसे वरना आप गिर सकते हैं। प्राप्त तो सब कुछ होगा लेकिन मूल तत्व से भटक जाएंगे।

मेरा वहां आकर चारों और प्रकाश हो जाने का यही अर्थ है कि आप मुक्ति की ओर बढ़ रहे हैं। इस गुरु मंत्र जाप में कोई त्रुटि नहीं हो रही बल्कि चरणबद्ध तरीके से आप उच्चता की ओर गमन कर रहे हैं। इसलिए इस बात से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह एक अच्छा सपना है और इस सपने के माध्यम से आपको यह संकेत मिल रहा है कि आपका जीवन उच्चता की ओर जा रहा है। आध्यात्मिक उन्नति बहुत ही तीव्रता के साथ हो रही है। गुरु कृपा से आपके जीवन में प्रकाश यानी कि परमात्मा का प्रकाश आ रहा है। जो भी आपकी इच्छाएं हैं वह भैरव जी अवश्य ही पूरी करेंगे। लेकिन उनकी माया में! किसी प्रकार के बंधनों में फंसने की आवश्यकता नहीं है, वरना आप गिर सकते हैं। तो इन सपनों का अर्थ इसी प्रकार से प्रकट हो रहा है जो कि हमारे स्वप्न विज्ञान के माध्यम से हमारा ही शरीर हमको बताता है और यह संकेत ईश्वरी संकेत के रूप में सपनों के रूप में प्रत्येक व्यक्ति को भेजे जाते हैं या फिर दिए जाते हैं। तो यह थे आज के दो अनुभव अगर आपको पसंद आए हैं तो लाइक करें। शेयर करें, आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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