जेलर की खतरनाक कहानी
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, यह एक व्यक्ति ने भेजा है जो कि पीलीभीत उत्तर प्रदेश शहर के रहने वाले हैं। उन्होंने इस अनुभव में यह बताया है कि एक ऐसा जिला कारागार जहां पर एक जेंलर और उससे संबंधित आत्मा का वास आज भी कभी-कभी देखने को मिलता है और उसका उन्होंने प्रमाण भी दिया है तो चलिए जानते हैं इस अनुभव को और समझते हैं इस कहानी के विषय में।
नमस्ते गुरुजी, मैं आपका चैनल देखता रहता हूं। आप उसमें विभिन्न प्रकार के लोगों के अनुभव बताते रहते हैं। मेरा भी मन हुआ कि मैं अपने एक विशेष जिले के अनुभव को आपको लिखकर भेजूं। कुछ लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे तो एक छोटा सा प्रमाण भी आपको आखिरी में उपलब्ध करवा दूगा। पर गुरु जी उससे पहले मैं इस जगह की कहानी के विषय में बात करता हूं।
जो हमारे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक कारागार है जिसे हम जिला कारागार के नाम से जानते हैं जहां पर विभिन्न प्रकार के कैदियों को रखा जाता है। सन 1944 में इसको बनाया गया था कहते हैं और मैंने अपने दादा परदादा से यह बात सुनी है। गुरु जी इस जगह पर बहुत ही कुख्यात और बुरे किस्म के जेलर का वास था। वह इतना ज्यादा नालायक था कि वह अपनी इच्छा से बहुत ही बुरी और कड़ी सजा अपने जितनी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होते थे, उनको दिया करता था। और उसने चारों तरफ कोहराम मचा रखा था। वह इतना बुरा था कि अपने पैर के जूतों को भी। कारागार में रहने वालों से उनकी जीभ से साफ करवाता था। ताकि वह चाट चाट कर उसकी उस जूते को साफ करें जो कि चमड़े का बना होता था। इतना ही नहीं वह इतना ज्यादा क्रूर था की चाबुक उसे इतना ज्यादा उनको मारता था कि उनकी खाल तक बाहर निकल जाती थी ।
इतना बुरा था कि गुरुजी लोग कुछ यह भी बताते हैं कि वह कई सारे पुरुषों के साथ शारीरिक और अमानवीय संबंध भी बनाता था। आजकल जिसे हम गे की श्रेणी में रख सकते हैं। इतना बुरा था कि उनका बलात्कार करवाता था। उनके साथ शारीरिक यातनाएं विभिन्न प्रकार की करता था। और कहते हैं जब वह मरा तब से उसकी आत्मा इस जेल में आती जाती रहती है। हालांकि लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे कि इस पीलीभीत की इस जेल में आखिर उसकी आत्मा कैसे आ सकती है? पर आत्माओं का क्या है? गुरुजी समय उनके लिए काम नहीं करता। जब भी कोई बुरा समय होता है या भूत-प्रेतों का टाइम हो जाए तो वह जरूर इस दुनिया में आ ही जाते हैं।
और यह सबको दिखाई भी पड़ते हैं। ऐसा अद्भुत नजारा कभी-कभी प्रकट भी हो जाता है। ऐसा ही कुछ। लगभग 1 वर्ष पहले हुआ था। गुरु जी यह बात इतनी ज्यादा प्रसिद्ध हो गई कि उस समय के अखबारों में सुर्खी बन गई थी। आप लोगों को यकीन नहीं होगा। क्या कारागार के अंदर आत्मा दिखाई पड़ सकती है? और अगर आत्मा दिख जाए तो क्या इससे पूरे कारागार कैंपस में हड़कंप मच सकता है?
आज के इस भौतिकवादी युग में जब लोग भूत-प्रेत पिशाच ऐसी चीजों पर यकीन नहीं करते हैं तब ऐसा कुछ दिखना अद्भुत है गुरु जी!
मैं वही न्यूज़ आपको बताता हूं जो कि उस समय के लगभग सभी अखबारों में यह दिखाई पड़ी थी। और मैं यह जानता हूं।
परिवार वालों की वजह से कि वह उसी जेलर की आत्मा रही होगी जो कि भूत प्रेत के रूप में वहां पर दिखाई पड़ी थी।
गुरु जी यह न्यूज़ आप इंटरनेट पर सर्च करके भी पता कर सकते हैं और कोई भी मेरा भाई बहन पता कर सकता है।
कहते हैं पीलीभीत के जिला कारागार कैंपस में गेट संख्या दो के मिलाई गेट पर तैनात सिपाही को एक आत्मा दिखाई पड़ी जिसके बाद यहां पर हड़कंप मच गया था। उसकी एक छोटी सी फोटो भी मैं आपको भेज रहा हूं। गुरुजी! कहते हैं कि? यह फोटो बहुत ज्यादा उस समय वायरल भी हुआ था। जिला कारागार में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों में उस वक्त दहशत का माहौल बन गया था। उस वक्त के डिप्टी जेलर राघवेंद्र! सिपाहियों के साथ मौके पर जाकर काफी देर तक निरीक्षण भी किया था। रात्रि की गश्त भी लगाई थी और चौकन्ना करके वहां की सुरक्षा भी बढ़ा दी थी। पूरे मामले को लेकर जेल अधीक्षक संजय राय ने वायरल फोटो की बात को अपने हिसाब से बताई थी कि ऐसा कुछ भी नहीं है। वैसे भी कोई अधिकारी ऐसी बातों को तवज्जो नहीं देगा और देना भी नहीं चाहिए क्योंकि ऐसी बातों से लोगों का मनोबल टूट जाता है और खासतौर से जेल जैसे संस्थान में अगर ऐसा हो तो फिर बहुत ही ज्यादा भयानक बात है।
शुक्रवार की रात्रि करीब 12:30 बजे के दौरान जिला कारागार मिलाई गेट नंबर 2 पर तैनात सिपाही ने। कथित तौर पर सामने की बेंच पर किसी परछाई के आकार में बैठी हुई आत्मा को देखा था जिसकी फोटो ड्यूटी तैनात सिपाही ने मोबाइल से खींच कर अपने साथी सुरक्षाकर्मियों सहित जिला कारागार जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को भी भेजा था। उसके बाद बेंच पर। आत्मा की फोटो वायरल हो गई थी और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया था। फिर उस स्थान पर उस समय के राघवेंद्र नाम के डिप्टी जेलर उन्होंने काफी देर तक आत्मा को तलाश किया पर आत्मा कहां मिलने वाली होती है। ऐसी बातें सबको दिखाई नहीं देती। केवल कुछ समय के लिए ही ऐसी आत्माएं नजर आती है और वह भी जब उनकी इच्छा हो। अगर उसकी मर्जी ना हो तो उसका कोई फोटो भी नहीं खींच सकता। लेकिन अगर मर्जी हो तो वह अपना फोटो और वीडियो तक बनवा सकती है।
और यह बात इसलिए भी बहुत ज्यादा उस वक्त चर्चा में आ गई थी क्योंकि न सिर्फ उस पुरानी जेल की आत्मा वहां पर बात करती है बल्कि पीलीभीत जिला कारागार में आए। उस समय के तीन तत्कालीन जेल अधीक्षकों की अलग-अलग कारणों से वहां पर मौत हो गई थी। इसके बाद जिला कारागार कैंपस में स्थित जेल अधीक्षक के बंगले में कई नए जेल अधीक्षक ठहरने के लिए ही तैयार नहीं होते थे। इससे लोगों को अलग से फिर केंपस दिया गया था।
पुरानी कैंपस में जेल अधीक्षकों को नहीं रखा गया। हालांकि उसी जेल अधीक्षक के पुराने निवास में कारागार में तैनात सिपाहियों ने रहना शुरू किया था और रह रहे थे इसलिए उन्हें ऐसा कुछ नजर आया। इससे गुरु जी आप अनुमान लगा सकते हैं। आज भी आत्मा है अपने आप को प्रकट करती हैं। पर अपने आप को दुनिया को वह नहीं दिखाना चाहती। केवल वहां रहने वालों को ही सावधान कर देती हैं और अपना रूप दिखाती है। शायद वहां पर रहने वाली उस आत्मा ने अपने आप को दिखाया होगा। वहां की बहुत बड़ी न्यूज़ उस वक्त की बनी थी इसलिए मैं उनके कुछ स्क्रीनशॉट आपको भेज रहा हूं। वह फोटो भी जो वायरल हुआ था। गुरु जी आपका इसके संबंध में क्या विचार है, अवश्य ही बताइएगा? धन्यवाद गुरु जी!
सन्देश- तो देखिए यहां पर इन्होंने वहां पर मौजूद आत्मा के जो वायरल फोटो और वहां पर जो घटित हुई घटना जेलर की इसके संबंध में बताया है। ऐसा स्थान नहीं है। ऐसे हजारों स्थान है जहां पर इस तरह की बहुत ही दुर्लभ घटना घटती रहती है। लेकिन कोई इंसानी चीज तो है नहीं जो आपको बार-बार नजर आए। यह केवल जब बहुत शक्तिशाली हो जाती है तब कहीं जाकर अपनी इच्छा भी कुछ क्षण के लिए किसी को अपना रूप दिखा देती है। अन्यथा यह कभी प्रकट नहीं होती है। यह था एक अनुभव जेलर की आत्मा का आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।